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हम तुम

मैं और आप

वही हम वही तुम

۔۱۔ ہم تم ایک دوسرےکے قدیم واقف کار ہیں۲۔ اتحاد باہمی کے لئے مستعمل ہے۳۔ مساوات ظاہر کرنے کے لئے بھی مستعمل ہے۔

हम जानें या तुम जानो

हमारे तुम्हारे सिवा कोई वाक़िफ़ ना हो, हम तुम भगत लें, हम दोनों के सिवा दूसरे को ख़बर ना हो

वही हम हैं वही तुम हो

हम तुम एक दूसरे के क़दीमी वाक़िफ़ कार हैं, हम तुम एक जैसे हैं, हम में और तुम में कोई फ़र्क़ नहीं, जो हम हैं वही तुम इस लिए आपस में लड़ना झगड़ना नहीं चाहिए नीज़ हम दोनों में से कोई नहीं बदला है

कुछ तुम समझे कुछ हम समझे

वक़्त गया बात गई, राज़ की बात को दिल में रखू ज़ाहिर ना होने दो, हमारा तुम्हारा लेखा जो खा बराबर है, हिसाब-ए-दोस्ताँ दर-ए-दिल

या तुम नहीं या हम नहीं

निर्णायक लड़ाई होगी, या हम मरेंगे या तुम मरोगे, या मारेंगे या मर जाएँगे

क्या हम तुम से बाहर हैं

हम तुम्हारे अधीन हैं, हम तुम्हारे साथ हैं

तुम रूठे हम छूटे

तुम रुष्ट हुए हमारी जान बची, किसी की रुष्टता से निश्चिंतता व्यक्त करने के लिए कहा जाता है कि चलो नहीं मानते न मानो जूती की नोक से तुम रूठे हम छूटे अर्थात हमें भी छूट मिली

तुम डाल-डाल तो हम पात-पात

तुम्हारी चालों से हम ख़ूब वाक़िफ़ हैं, हम तुम्हें ख़ूब समझते हैं और तुम से कुछ ज़्यादा ही होशयार हैं

तुम ने उड़ाईं , हम ने भून भून खाईं

I am cleverer than you.

तुम राज में ख़ुश , हम बाज में आनंद

हर शख़्स अपने हाल में ख़ुश है . तुम अपनी जगह ख़ुश हम अपनी जगह सुस्त हैं (बेनियाज़ी के इज़हार के मौक़ा पर बोलते हैं

हम ने लिया तुम लीजियो , राह राह जाने दीजियो

हम ने फ़ायदा उठाया तुम भी फ़ायदा उठाओ मगर हमारा नुक़्सान ना करो

हम चाहें तेरे दाएँ को , तुम चाहो हमारे बाएँ को

(अविर) औरतें उस वक़्त बोलती हैं जब कोई किसी से बेवफाई करे

तुम ने दिल से निकाला , शहर तेरा हम छोड़ देंगे

تم نے دل سے نکالا شہر تیرا ہم چھوڑ دینگے

चमगादड़ों के घर मेहमान आए, हम भी लटकें तुम भी लटको

जैसे व्यक्ति के घर जाओगे वैसा ही सम्मान पाओगे, समाज जैसा करे वैसा ही करो

चमगादड़ के घर मेहमान आए, हम भी लटकें तुम भी लटको

जैसे व्यक्ति के घर जाओगे वैसा ही सम्मान पाओगे, समाज जैसा करे वैसा ही करो

तुम डाल-डाल तो हम पात-पात

तुम्हारी चालें ख़ूब समझता हूँ, मैं तुमसे अधिक चालाक हूँ। ('तुम' की विशेषता नहीं दूसरे सर्वनामों एवं संज्ञाओं के साथ भी बोलते हैं, कुछ कवियों एवं शायरों ने शब्दों में कुछ हेर-फेर भी किया है)

तुम को हम से अनेक हैं हम को तुम सा एक, रवी को कंवल अनेक हैं कंवल को रवी एक

वफ़ादार पत्नी अपने पति से कहती है कि तुम्हारे लिए तो मेरे जैसी बहुत सी स्त्रियाँ हैं मगर मेरे लिए तुम एक ही हो जैसे सूरज के लिए कंवल बहुत हैं मगर कंवल के लिए सूरज एक ही है

तुम को हम सी अनेक हैं हम को तुम सा एक, रवी को कंवल अनेक हैं कंवल को रवी एक

वफ़ादार पत्नी अपने पति से कहती है कि तुम्हारे लिए तो मेरे जैसी बहुत सी स्त्रियाँ हैं मगर मेरे लिए तुम एक ही हो जैसे सूरज के लिए कंवल बहुत हैं मगर कंवल के लिए सूरज एक ही है

कुछ तुम समझे, कुछ हम समझे

किसी बात का तुम्हें ख़याल हुआ किसी बात का हमें, इस प्रकार बात बन गई

तुम थूकते हो हम थूकते भी नहीं

हम को तुम से भी अधिक घृणा है, जब किसी व्यक्ति को किसी वस्तु अथवा किसी अन्य व्यक्ति से संबंधित अधिक घृणा दर्शाना हो तो कहते हैं

हम तो डूबे हैं सनम तुम को भी ले डूबेंगे

हम ख़ुद तो फँसे हैं तुम को भी फँसाएगे, इसका उपयोग तब किया जाता है जब यह कहा जाता है कि एक व्यक्ति स्वयं मुसीबत में है और दूसरों को भी मुसीबत मे डालेगा

उजल बरन अधीनता एक चरन दो ध्यान, हम जाने तुम भगत हो निरे कपट की खान

बगुला भगत अर्थात बाहर से कुछ एवं भीतर से कुछ, बाहर से अच्छा एवं भीतर से बुरा

उज्ज्वल बरन अधीनता एक चरन दो ध्यान, हम जाने तुम भगत हो निरे कपट की खान

बगुला भगत अर्थात बाहर से कुछ एवं भीतर से कुछ, बाहर से अच्छा एवं भीतर से बुरा

कुछ तुम ने समझा, कुछ हम ने समझा, औरों को ख़बर न हुई

किसी बात का तुम्हें ख़याल हुआ किसी बात का हमें, इस प्रकार बात बन गई

साजन हम तुम ऐक हैं देखत के हैं दो, मन से मन को तौल दो मन कदी न हो

हम तुम असल में एक हैं भले ही दो दिखाई देते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में तुम राज में ख़ुश , हम बाज में आनंद के अर्थदेखिए

तुम राज में ख़ुश , हम बाज में आनंद

tum raaj me.n KHush , ham baaj me.n aanandتُم راج میں خُوش ، ہَم باج میں آنَنْد

कहावत

तुम राज में ख़ुश , हम बाज में आनंद के हिंदी अर्थ

  • हर शख़्स अपने हाल में ख़ुश है . तुम अपनी जगह ख़ुश हम अपनी जगह सुस्त हैं (बेनियाज़ी के इज़हार के मौक़ा पर बोलते हैं

تُم راج میں خُوش ، ہَم باج میں آنَنْد کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ہر شخص اپنے حال میں خوش ہے . تم اپنی جگہ خوش ہم اپنی جگہ سست ہیں (بے نیازی کے اظہار کے موقع پر بولتے ہیں)

Urdu meaning of tum raaj me.n KHush , ham baaj me.n aanand

  • Roman
  • Urdu

  • har shaKhs apne haal me.n Khush hai . tum apnii jagah Khush ham apnii jagah sust hai.n (beniyaazii ke izhaar ke mauqaa par bolte hai.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

हम तुम

मैं और आप

वही हम वही तुम

۔۱۔ ہم تم ایک دوسرےکے قدیم واقف کار ہیں۲۔ اتحاد باہمی کے لئے مستعمل ہے۳۔ مساوات ظاہر کرنے کے لئے بھی مستعمل ہے۔

हम जानें या तुम जानो

हमारे तुम्हारे सिवा कोई वाक़िफ़ ना हो, हम तुम भगत लें, हम दोनों के सिवा दूसरे को ख़बर ना हो

वही हम हैं वही तुम हो

हम तुम एक दूसरे के क़दीमी वाक़िफ़ कार हैं, हम तुम एक जैसे हैं, हम में और तुम में कोई फ़र्क़ नहीं, जो हम हैं वही तुम इस लिए आपस में लड़ना झगड़ना नहीं चाहिए नीज़ हम दोनों में से कोई नहीं बदला है

कुछ तुम समझे कुछ हम समझे

वक़्त गया बात गई, राज़ की बात को दिल में रखू ज़ाहिर ना होने दो, हमारा तुम्हारा लेखा जो खा बराबर है, हिसाब-ए-दोस्ताँ दर-ए-दिल

या तुम नहीं या हम नहीं

निर्णायक लड़ाई होगी, या हम मरेंगे या तुम मरोगे, या मारेंगे या मर जाएँगे

क्या हम तुम से बाहर हैं

हम तुम्हारे अधीन हैं, हम तुम्हारे साथ हैं

तुम रूठे हम छूटे

तुम रुष्ट हुए हमारी जान बची, किसी की रुष्टता से निश्चिंतता व्यक्त करने के लिए कहा जाता है कि चलो नहीं मानते न मानो जूती की नोक से तुम रूठे हम छूटे अर्थात हमें भी छूट मिली

तुम डाल-डाल तो हम पात-पात

तुम्हारी चालों से हम ख़ूब वाक़िफ़ हैं, हम तुम्हें ख़ूब समझते हैं और तुम से कुछ ज़्यादा ही होशयार हैं

तुम ने उड़ाईं , हम ने भून भून खाईं

I am cleverer than you.

तुम राज में ख़ुश , हम बाज में आनंद

हर शख़्स अपने हाल में ख़ुश है . तुम अपनी जगह ख़ुश हम अपनी जगह सुस्त हैं (बेनियाज़ी के इज़हार के मौक़ा पर बोलते हैं

हम ने लिया तुम लीजियो , राह राह जाने दीजियो

हम ने फ़ायदा उठाया तुम भी फ़ायदा उठाओ मगर हमारा नुक़्सान ना करो

हम चाहें तेरे दाएँ को , तुम चाहो हमारे बाएँ को

(अविर) औरतें उस वक़्त बोलती हैं जब कोई किसी से बेवफाई करे

तुम ने दिल से निकाला , शहर तेरा हम छोड़ देंगे

تم نے دل سے نکالا شہر تیرا ہم چھوڑ دینگے

चमगादड़ों के घर मेहमान आए, हम भी लटकें तुम भी लटको

जैसे व्यक्ति के घर जाओगे वैसा ही सम्मान पाओगे, समाज जैसा करे वैसा ही करो

चमगादड़ के घर मेहमान आए, हम भी लटकें तुम भी लटको

जैसे व्यक्ति के घर जाओगे वैसा ही सम्मान पाओगे, समाज जैसा करे वैसा ही करो

तुम डाल-डाल तो हम पात-पात

तुम्हारी चालें ख़ूब समझता हूँ, मैं तुमसे अधिक चालाक हूँ। ('तुम' की विशेषता नहीं दूसरे सर्वनामों एवं संज्ञाओं के साथ भी बोलते हैं, कुछ कवियों एवं शायरों ने शब्दों में कुछ हेर-फेर भी किया है)

तुम को हम से अनेक हैं हम को तुम सा एक, रवी को कंवल अनेक हैं कंवल को रवी एक

वफ़ादार पत्नी अपने पति से कहती है कि तुम्हारे लिए तो मेरे जैसी बहुत सी स्त्रियाँ हैं मगर मेरे लिए तुम एक ही हो जैसे सूरज के लिए कंवल बहुत हैं मगर कंवल के लिए सूरज एक ही है

तुम को हम सी अनेक हैं हम को तुम सा एक, रवी को कंवल अनेक हैं कंवल को रवी एक

वफ़ादार पत्नी अपने पति से कहती है कि तुम्हारे लिए तो मेरे जैसी बहुत सी स्त्रियाँ हैं मगर मेरे लिए तुम एक ही हो जैसे सूरज के लिए कंवल बहुत हैं मगर कंवल के लिए सूरज एक ही है

कुछ तुम समझे, कुछ हम समझे

किसी बात का तुम्हें ख़याल हुआ किसी बात का हमें, इस प्रकार बात बन गई

तुम थूकते हो हम थूकते भी नहीं

हम को तुम से भी अधिक घृणा है, जब किसी व्यक्ति को किसी वस्तु अथवा किसी अन्य व्यक्ति से संबंधित अधिक घृणा दर्शाना हो तो कहते हैं

हम तो डूबे हैं सनम तुम को भी ले डूबेंगे

हम ख़ुद तो फँसे हैं तुम को भी फँसाएगे, इसका उपयोग तब किया जाता है जब यह कहा जाता है कि एक व्यक्ति स्वयं मुसीबत में है और दूसरों को भी मुसीबत मे डालेगा

उजल बरन अधीनता एक चरन दो ध्यान, हम जाने तुम भगत हो निरे कपट की खान

बगुला भगत अर्थात बाहर से कुछ एवं भीतर से कुछ, बाहर से अच्छा एवं भीतर से बुरा

उज्ज्वल बरन अधीनता एक चरन दो ध्यान, हम जाने तुम भगत हो निरे कपट की खान

बगुला भगत अर्थात बाहर से कुछ एवं भीतर से कुछ, बाहर से अच्छा एवं भीतर से बुरा

कुछ तुम ने समझा, कुछ हम ने समझा, औरों को ख़बर न हुई

किसी बात का तुम्हें ख़याल हुआ किसी बात का हमें, इस प्रकार बात बन गई

साजन हम तुम ऐक हैं देखत के हैं दो, मन से मन को तौल दो मन कदी न हो

हम तुम असल में एक हैं भले ही दो दिखाई देते हैं

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