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लिखा है

पारंपरिक कथानक में आया है,

किस किताब में लिखा है

ख़िलाफ़ क़ायदा और ख़िलाफ़-ए-दस्तूर होने की जगह

कौन से क़ुरआन में लिखा है

۔کس قاعدہ سے جائز ہے۔ (بنات النعش) دکھا تو کون سے قرآن میں لکھا ہے کہ بچّہ پیٹ یں ہو اور بچّے والی چلے پھرے اور کام کرے۔

वही होगा जो क़िस्मत में लिखा है

नविश्ता-ए-क़ुदरत पूरा हो कर रहता है

जितना कर्म में लिखा है उतना मिलेगा

जो भाग्य में है वह मिलकर ही रहेगा, बहुत प्रयास क्यों करते हो, जो क़िस्मत में है वो तो मिल कर ही रहेगा, बहुत कोशिश क्यों करते हो

नसीबे का लिखा हो कर रहता है

नविश्ता-ए-तक़दीर ज़रूर पूरा होताहै, क़िस्मत का लिखा हो कर रहता है

लिखा हुआ नहीं मिटता

भाग्य में लिखी नहीं टलती

कोठे चढ़ कर देखा , घर घर एक ही लेखा

सब का एक सा हाल है, कोई भी परेशानीयों से महफ़ूज़ नहीं है

हमारा इधर भी लेखा है

यूं नहीं यूं सही हम को ये भी मंज़ूर है , बेफ़ाइदा नहीं

घर घर का एक ही लेखा

सब का एक ही हाल है

तन गुदड़ी , मन तागा , कोई कुछ ही लिखे मन लागा

दिल बदन को ठीक रखता है बगै़र दल के बदन कुछ नहीं फ़क़ीरों का क़ौल है

वही भला है मेरे लेखे हक़ नाहक़ को जो नर देखे

मेरे नज़दीक वो बड़ा आदमी है जो इंसाफ़ करे और बे इंसाफ़ी ना करे

तक़दीर के लिखे को तदबीर क्या करे, हाकिम ख़फ़ा हो तो वज़ीर क्या करे

भाग्य नहीं बदल सकता, जो भाग्य में लिखा है वह अवश्य होगा

तक़दीर के लिखे को तदबीर क्या करे, गर हाकिम ख़फ़ा हो तो वज़ीर क्या करे

भाग्य नहीं बदल सकता, जो भाग्य में लिखा है वह अवश्य होगा

तक़दीर का लिक्खा यूँ ही था

भाग्य का लिखा यही था, यही होना था, इसी तरह होना था, भाग्य में इसी तरह होना था

कौन से क़ुरआन में लिक्खा है

किस नियम और क़ानून से उचित है अर्थात् यह सही नहीं है

लाख-हा

कई लाख, लाखों, लखोखा

इतनी ही लिखी थी

क़िस्मत में इतने ही दिन जीता था, मुक़द्दर में उतनी ही उम्र थी

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में तन गुदड़ी , मन तागा , कोई कुछ ही लिखे मन लागा के अर्थदेखिए

तन गुदड़ी , मन तागा , कोई कुछ ही लिखे मन लागा

tan gud.Dii , man taagaa , ko.ii kuchh hii likhe man laagaaتَن گُدْڑی ، مَن تاگا ، کوئی کُچْھ ہی لِکھے مَن لاگا

कहावत

तन गुदड़ी , मन तागा , कोई कुछ ही लिखे मन लागा के हिंदी अर्थ

  • दिल बदन को ठीक रखता है बगै़र दल के बदन कुछ नहीं फ़क़ीरों का क़ौल है

تَن گُدْڑی ، مَن تاگا ، کوئی کُچْھ ہی لِکھے مَن لاگا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • دل بدن کو ٹھیک رکھتا ہے بغیر دل کے بدن کچھ نہیں فقیروں کا قول ہے

Urdu meaning of tan gud.Dii , man taagaa , ko.ii kuchh hii likhe man laagaa

  • Roman
  • Urdu

  • dil badan ko Thiik rakhtaa hai bagair dal ke badan kuchh nahii.n faqiiro.n ka qaul hai

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पारंपरिक कथानक में आया है,

किस किताब में लिखा है

ख़िलाफ़ क़ायदा और ख़िलाफ़-ए-दस्तूर होने की जगह

कौन से क़ुरआन में लिखा है

۔کس قاعدہ سے جائز ہے۔ (بنات النعش) دکھا تو کون سے قرآن میں لکھا ہے کہ بچّہ پیٹ یں ہو اور بچّے والی چلے پھرے اور کام کرے۔

वही होगा जो क़िस्मत में लिखा है

नविश्ता-ए-क़ुदरत पूरा हो कर रहता है

जितना कर्म में लिखा है उतना मिलेगा

जो भाग्य में है वह मिलकर ही रहेगा, बहुत प्रयास क्यों करते हो, जो क़िस्मत में है वो तो मिल कर ही रहेगा, बहुत कोशिश क्यों करते हो

नसीबे का लिखा हो कर रहता है

नविश्ता-ए-तक़दीर ज़रूर पूरा होताहै, क़िस्मत का लिखा हो कर रहता है

लिखा हुआ नहीं मिटता

भाग्य में लिखी नहीं टलती

कोठे चढ़ कर देखा , घर घर एक ही लेखा

सब का एक सा हाल है, कोई भी परेशानीयों से महफ़ूज़ नहीं है

हमारा इधर भी लेखा है

यूं नहीं यूं सही हम को ये भी मंज़ूर है , बेफ़ाइदा नहीं

घर घर का एक ही लेखा

सब का एक ही हाल है

तन गुदड़ी , मन तागा , कोई कुछ ही लिखे मन लागा

दिल बदन को ठीक रखता है बगै़र दल के बदन कुछ नहीं फ़क़ीरों का क़ौल है

वही भला है मेरे लेखे हक़ नाहक़ को जो नर देखे

मेरे नज़दीक वो बड़ा आदमी है जो इंसाफ़ करे और बे इंसाफ़ी ना करे

तक़दीर के लिखे को तदबीर क्या करे, हाकिम ख़फ़ा हो तो वज़ीर क्या करे

भाग्य नहीं बदल सकता, जो भाग्य में लिखा है वह अवश्य होगा

तक़दीर के लिखे को तदबीर क्या करे, गर हाकिम ख़फ़ा हो तो वज़ीर क्या करे

भाग्य नहीं बदल सकता, जो भाग्य में लिखा है वह अवश्य होगा

तक़दीर का लिक्खा यूँ ही था

भाग्य का लिखा यही था, यही होना था, इसी तरह होना था, भाग्य में इसी तरह होना था

कौन से क़ुरआन में लिक्खा है

किस नियम और क़ानून से उचित है अर्थात् यह सही नहीं है

लाख-हा

कई लाख, लाखों, लखोखा

इतनी ही लिखी थी

क़िस्मत में इतने ही दिन जीता था, मुक़द्दर में उतनी ही उम्र थी

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