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इसे

इस को, इस का, उस की, इस के

उसे

उस को

इसे कहते हैं

that's it, that's great

इसे छुपाओ उसे निकालो

the two look so identical that you can not tell one from that other

इसे छिपाओ उसे दिखाओ

इस मौक़ा पर कहते हैं जब दो शख्सों के दरमयान मुशाबहत बदरजा कमाल हो, मतलब ये कि गोया दोनों एक हैं

इसे छुपाओ उसे दिखाओ

the two look so identical that you can not tell one from that other

इसे छिपाओ उसे निकालो

इस मौक़ा पर कहते हैं जब दो शख्सों के दरमयान मुशाबहत बदरजा कमाल हो, मतलब ये कि गोया दोनों एक हैं

इसे साई , उसे बधाई

promising things with one and dealing with the other, double-dealing, duplicity

उसे क्या कहिए

what is this? what do you call it?

उसे क्या कहते हैं

what is this? what do you call it?

उसे तो धोनी भी नहीं आती

शौच के लिए पानी लेना भी नहीं जानता

उसे तो धोती बाँधनी भी नहीं आती

अनभिज्ञ या अनाड़ी है, बड़ा मूर्ख है

उसे छुपाओ तुम्हें निकालो

रुक : 'उसे छुपाओ उसे दिखाओ'

उसे छुपाओ तुम्हें दिखाओ

रुक : 'उसे छुपाओ उसे दिखाओ'

जिसे अल्लाह रक्खे उसे कौन चक्खे

जिसे ईश्वर स्वस्थ रखना चाहते हैं, उसे कौन मार सकता है, कौन नुक़सान पहुँचा सकता है, ईश्वर की आज्ञा के बिना कुछ भी नहीं होता मौत और जीवन ईश्वर के अधिकार में हैं

जिसे वो रखे उसे कौन चखे

रुक : जिसे अल्लाह रखे अलख

अस्सी साई असे बधाई

एक व्यक्ति का उम्मीद दिला कर दूसरे से मामला कर लेने के अवसर पर प्रयुक्त

जो गुड़ दिए से मरे उसे ज़हर क्यूँ दे

जो काम नरमी से निकले तो उस में सख़्ती क्यूँ की जाये अथवा मिठास से काम चल जाए तो सख़्ती क्यूँ की जाए

जिस का यार कोतवाल उसे डर काहे का

जिस का संबंध अधिकारियों से हो, वह किसी चीज़ से भयभीत नहीं होता

जो धरती पे आया उसे धरती ने खाया

जो पैदा हुआ वो मरेगा भी

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

खरे से खोटा उसे हमेशा 'अर्श का टूटा

बद नी्यत के काम में कभी बरकत नहीं होती, जो शख़्स नेक से बदी करे वो नुक़्सान उठाता है

जिसे ख़ुदा रक्खे उसे कौन चक्खे

जिसे ईश्वर स्वस्थ रखना चाहते हैं, उसे कौन मार सकता है, कौन नुक़सान पहुँचा सकता है, ईश्वर की आज्ञा के बिना कुछ भी नहीं होता मौत और जीवन ईश्वर के अधिकार में हैं

शाम का भूला सुब्ह को आए तो उसे भूला नहीं कहते

जो आदमी थोड़ी सी ठोकर खाकर सँभल जाए तो उसे रास्ते से भटका हुआ नहीं समझना चाहिए

सुब्ह का भूला शाम को आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

ख़ुदा जिस को रक्खे उसे काैन चक्खे

अल्लाह की मदद शामिल हो तो कोई नुक़्सान नहीं पहुंच सकता

सवेरे का भूला साँझ को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर ग़लती करने वाला जल्द ही उस की तलाफ़ी कर दे तो काबिल-ए-माफ़ी है, इंसान गुनाह करके तौबा करे तो ग़नीमत है, अगर बिगड़ने के बाद सुधर जाये तो बुरा नहीं

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

गुड़ से मरे तो ज़हर उसे क्यूँ दे

जो काम नरमी से निकले तो उस में सख़्ती क्यूँ की जाये अथवा मिठास से काम चल जाए तो सख़्ती क्यूँ की जाए

उत दाता देवे उसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

दिन का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

दिन का भूला रात को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

काजल की कोठरी में जो जाएगा उसे टीका लगेगा

बुरी जगह या बदनामी की जगह जाने से बदनाम ही होगा

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे एहसास हो जाए और वह ग़लती छोड़ दे तो क्षमा के योग्य है

जिसे अल्लाह रखे उसे कौन चखे

no one can harm whom God protects

दिन का भूला रात को घर आया तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

छुरी पाता हूँ तो उसे नहीं पाता, उसे पाता हूँ तो छुरी नहीं पाता

किसी के प्रति अपना तीव्र रोष और विद्वेष प्रकट करना

फ़ज्र का भूला शाम को घर आवे तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति बिना कारण अनुचित काम करे और फिर उससे आलग हो जाए तो उस पर गुनाह साबित नहीं होता

यह बचन मेरा ठीक है साँच इसे तू मान, मरे बिना छूटे नहीं जी से भोंडी जान

मेरी इस बात को सत्य समझ कि बुरी 'आदत मृत्यु के बिना नहीं छूटती

यह बचन मेरा ठीक है साँच इसे तू मान, मरे बिना छूटे नहीं जी से भोंडी बान

मेरी इस बात को सत्य समझ कि बुरी 'आदत मृत्यु के बिना नहीं छूटती

जो धरती पर आया उसे धरती ने खाया

जो पैदा हुआ वो मरेगा भी

जिस ने न पी गाँजे की कली , उसे बेटे से बेटी भली

निशा करने वाले गांजा पीने को मर्दानगी की निशानी समझते हैं और जो ना पीए इस के लिए ये फ़िक़रा बोलते हैं

दमड़ी की हाँडी लेते हैं तो उसे भी ठोंक बजा कर लेते हैं

कोई साधारण वस्तु भी लो तो अच्छी तरह जाँच कर लो, हर काम सोच समझ कर करना चाहिए

जिस ने रंडी को चाहा उसे भी ज़वाल और जिस को रंडी ने चाहा उस की भी तबाही

तवाइफ़ का यार हर तरह ख़ार रहता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते के अर्थदेखिए

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

sub.h kaa bhaTkaa shaam ko ghar aa.e to use bhuulaa nahii.n kahteصُبْح کا بَھٹْکا شام کو گَھر آئے تو اُسے بُھولا نَہِیں کَہْتے

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते के हिंदी अर्थ

  • अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

صُبْح کا بَھٹْکا شام کو گَھر آئے تو اُسے بُھولا نَہِیں کَہْتے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • اگر آدمی غلطی کے بعد اسے محسوس کرے اور راہِ راست پر آ جائے تو قابِل معافی ہے.

Urdu meaning of sub.h kaa bhaTkaa shaam ko ghar aa.e to use bhuulaa nahii.n kahte

  • Roman
  • Urdu

  • agar aadamii Galatii ke baad use mahsuus kare aur raah-e-raast par aa jaaye to qaabil maafii hai

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इसे

इस को, इस का, उस की, इस के

उसे

उस को

इसे कहते हैं

that's it, that's great

इसे छुपाओ उसे निकालो

the two look so identical that you can not tell one from that other

इसे छिपाओ उसे दिखाओ

इस मौक़ा पर कहते हैं जब दो शख्सों के दरमयान मुशाबहत बदरजा कमाल हो, मतलब ये कि गोया दोनों एक हैं

इसे छुपाओ उसे दिखाओ

the two look so identical that you can not tell one from that other

इसे छिपाओ उसे निकालो

इस मौक़ा पर कहते हैं जब दो शख्सों के दरमयान मुशाबहत बदरजा कमाल हो, मतलब ये कि गोया दोनों एक हैं

इसे साई , उसे बधाई

promising things with one and dealing with the other, double-dealing, duplicity

उसे क्या कहिए

what is this? what do you call it?

उसे क्या कहते हैं

what is this? what do you call it?

उसे तो धोनी भी नहीं आती

शौच के लिए पानी लेना भी नहीं जानता

उसे तो धोती बाँधनी भी नहीं आती

अनभिज्ञ या अनाड़ी है, बड़ा मूर्ख है

उसे छुपाओ तुम्हें निकालो

रुक : 'उसे छुपाओ उसे दिखाओ'

उसे छुपाओ तुम्हें दिखाओ

रुक : 'उसे छुपाओ उसे दिखाओ'

जिसे अल्लाह रक्खे उसे कौन चक्खे

जिसे ईश्वर स्वस्थ रखना चाहते हैं, उसे कौन मार सकता है, कौन नुक़सान पहुँचा सकता है, ईश्वर की आज्ञा के बिना कुछ भी नहीं होता मौत और जीवन ईश्वर के अधिकार में हैं

जिसे वो रखे उसे कौन चखे

रुक : जिसे अल्लाह रखे अलख

अस्सी साई असे बधाई

एक व्यक्ति का उम्मीद दिला कर दूसरे से मामला कर लेने के अवसर पर प्रयुक्त

जो गुड़ दिए से मरे उसे ज़हर क्यूँ दे

जो काम नरमी से निकले तो उस में सख़्ती क्यूँ की जाये अथवा मिठास से काम चल जाए तो सख़्ती क्यूँ की जाए

जिस का यार कोतवाल उसे डर काहे का

जिस का संबंध अधिकारियों से हो, वह किसी चीज़ से भयभीत नहीं होता

जो धरती पे आया उसे धरती ने खाया

जो पैदा हुआ वो मरेगा भी

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

खरे से खोटा उसे हमेशा 'अर्श का टूटा

बद नी्यत के काम में कभी बरकत नहीं होती, जो शख़्स नेक से बदी करे वो नुक़्सान उठाता है

जिसे ख़ुदा रक्खे उसे कौन चक्खे

जिसे ईश्वर स्वस्थ रखना चाहते हैं, उसे कौन मार सकता है, कौन नुक़सान पहुँचा सकता है, ईश्वर की आज्ञा के बिना कुछ भी नहीं होता मौत और जीवन ईश्वर के अधिकार में हैं

शाम का भूला सुब्ह को आए तो उसे भूला नहीं कहते

जो आदमी थोड़ी सी ठोकर खाकर सँभल जाए तो उसे रास्ते से भटका हुआ नहीं समझना चाहिए

सुब्ह का भूला शाम को आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति गुनाहों से तौबा कर ले तो ग़नीमत है, अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और रास्ते पर आ जाए तो क्षमा के योग्य है

ख़ुदा जिस को रक्खे उसे काैन चक्खे

अल्लाह की मदद शामिल हो तो कोई नुक़्सान नहीं पहुंच सकता

सवेरे का भूला साँझ को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर ग़लती करने वाला जल्द ही उस की तलाफ़ी कर दे तो काबिल-ए-माफ़ी है, इंसान गुनाह करके तौबा करे तो ग़नीमत है, अगर बिगड़ने के बाद सुधर जाये तो बुरा नहीं

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहते

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

गुड़ से मरे तो ज़हर उसे क्यूँ दे

जो काम नरमी से निकले तो उस में सख़्ती क्यूँ की जाये अथवा मिठास से काम चल जाए तो सख़्ती क्यूँ की जाए

उत दाता देवे उसे जो ले दाता नाम, इत भी सगरे ठीक हों उस के करतब काम

जो ईश्वर को याद करे ईश्वर उसे ख़ूब देता है और उसके काम संवर जाते हैं

दिन का भूला शाम को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

दिन का भूला रात को घर आ जाए तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

सुब्ह का भटका शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे महसूस करे और राह-ए-रास्त पर आ जाये तो क़ाबिल माफ़ी है

काजल की कोठरी में जो जाएगा उसे टीका लगेगा

बुरी जगह या बदनामी की जगह जाने से बदनाम ही होगा

सुब्ह का भूला शाम को घर आए तो उसे भूला नहीं कहना चाहिए

अगर आदमी ग़लती के बाद उसे एहसास हो जाए और वह ग़लती छोड़ दे तो क्षमा के योग्य है

जिसे अल्लाह रखे उसे कौन चखे

no one can harm whom God protects

दिन का भूला रात को घर आया तो उसे भूला नहीं कहते

ग़लती का जल्द तदराक कर लिया जाये तो क़ाबिल माफ़ी है, जल्द इस्लाह कर लेना क़ाबिल मज़म्मत नहीं

छुरी पाता हूँ तो उसे नहीं पाता, उसे पाता हूँ तो छुरी नहीं पाता

किसी के प्रति अपना तीव्र रोष और विद्वेष प्रकट करना

फ़ज्र का भूला शाम को घर आवे तो उसे भूला नहीं कहते

अगर कोई व्यक्ति बिना कारण अनुचित काम करे और फिर उससे आलग हो जाए तो उस पर गुनाह साबित नहीं होता

यह बचन मेरा ठीक है साँच इसे तू मान, मरे बिना छूटे नहीं जी से भोंडी जान

मेरी इस बात को सत्य समझ कि बुरी 'आदत मृत्यु के बिना नहीं छूटती

यह बचन मेरा ठीक है साँच इसे तू मान, मरे बिना छूटे नहीं जी से भोंडी बान

मेरी इस बात को सत्य समझ कि बुरी 'आदत मृत्यु के बिना नहीं छूटती

जो धरती पर आया उसे धरती ने खाया

जो पैदा हुआ वो मरेगा भी

जिस ने न पी गाँजे की कली , उसे बेटे से बेटी भली

निशा करने वाले गांजा पीने को मर्दानगी की निशानी समझते हैं और जो ना पीए इस के लिए ये फ़िक़रा बोलते हैं

दमड़ी की हाँडी लेते हैं तो उसे भी ठोंक बजा कर लेते हैं

कोई साधारण वस्तु भी लो तो अच्छी तरह जाँच कर लो, हर काम सोच समझ कर करना चाहिए

जिस ने रंडी को चाहा उसे भी ज़वाल और जिस को रंडी ने चाहा उस की भी तबाही

तवाइफ़ का यार हर तरह ख़ार रहता है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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