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साध

मुत्तक़ी, परहेज़गार, पार्सा, मुक़द्दस, नेक

साध-कहानी

फ़क़ीरों का इतिहास या कहानी

साधू-बच्चा

प्रतीकात्मक: मक्कार और धोकेबाज़

साध-संत

سادھو ، جوگی.

साधारण

सामान्य, आम, औसत दरजे का

साधू जन रम्ते भले वाक न लागे को

साधूओ कि हमेशा फिरते रहना चाहिए ताकि इस पर किसी किस्म का इलज़ाम ना आए

साधू का देन न माधू का लेन

सब से मुआमला सुलझा हुआ है कि ना किसी का देना है और ना किसी से लेना है हिसाब साफ़ है

साधू

महात्मा और संत पुरुष, विरक्त और संसार त्यागी व्यक्ति, सरल, अच्छा आदमी

साधा

قُدرت ، طاقت ، اِقتدار.

साधू हो कर करे जो चोरी , उस का घर हे नरक की मोरी

जो साधूओ हो कर चोरी करे दोज़ख़ में जाएगा

साधू हो कर कपट जो राखे, वो तो मज़ा नरक का चाखे

वो जो साधू हो कर हसद और बुग़ज़ से काम ले दोज़ख़ में जाएगा

साधना

profound meditation,practice

साधू वही जो साधन करे , करोध लोभ और मोह को मारे

फ़क़ीर वही है जो नफ़स मारे और लालच और शहवत को क़ाबू में रखे

साधनी

दीवार या भूमि की सतह की सीध नापने का एक औज़ार जो लोहे या लकड़ी का बना होता है

साधू-पन

نیکی ، پارسائی ان کے باپ نے ان کے سادُھو پن سے اکُتا کر انہیں گھر سے نِکال دیا .

साधू हो कर देवे बत्ता , उस को जानों पेट का कुत्ता

जो सादफू हो कर धोका देवी उसे पेट का कुत्ता समझो,फ़क़ीर ऐसा नहीं होता

साध्वी

शुद्ध चरित्र वाली स्त्री, सच्चरित्रा

साधू हो कर करे जो जारी , उस की हो दो जग में ख़्वारी

फ़क़ीर हो कर बदमाशी और बदकारी करे, दोनों जहां में ख़राब-ओ-ख़ार होगा

साधरा

(संगीत) एक राग का नाम

साधू-संत

तपस्वी और भले लोग

साधन

किसी कार्य को पूर्ण करने का ज़रिया या माध्यम

साधू-ज़बान

مہاراشٹر کے قدیم شاعر سادُھو نام دیو سے منسوب زبان .

साधू-भाषा

शिष्ट भाषा, उत्तम भाषा

साधू का किया स्वाद , बतासे नहीं गुड़ ही सही

फ़क़ीर के लिए हर चीज़ यकसाँ है ख़ाह घटिया हो या बढ़िया, क्योंकि ज़बान का चस्का पूओरा करना नहीं

साधू दुखिया सब संसार , जो सुखिया सो राम आधार

तमाम दुनिया मुसीबत में गिरफ़्तार है जो ख़ुदा पर भरोसा करते हैं वो सुखी हैं

सिह-धारी

(वह तलवार और ख़ंजर आदि) जो तीन बार सान पर चढ़ाई गई हो

भोजन ना भात नीहर का साध

हिंदूओ बीवगान की हालत बहुत काबिल-ए-रहम होती है ना खाना ना कपड़ा ना मैके की ख़बर

रूप न सिंगार खत्रानी की साध

न रूप है न बनाव-श्रंगार है और खतरानी का भेस बनाती है

भली कमाई साध की जो लागे हर के हीत

वह रुपया बहुत अच्छा जो ईश्वर की प्रसन्नता के लिए ख़र्च हो

दम साध लेना

साँस रोकना, चुप साधना, चुप्पी अपना लेना

सौ दिन चोर के एक दिन साध का

झूटे का झूट, मकअर् की मक्कारी और चोर की चोरी एक ना एक दिन पकरी जाती है

साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर

जिसे ईश्वर से प्रेम है वो पूरा फ़क़ीर है एवं वही दर्वेश है

संगत भली न साध की और एक गेंदे की बास

न साधू का साथ अच्छा होता है और न गेंदे की ख़ुश्बू

संगत भली न साध की और क्या गंदी का बास

ना फ़क़ीर की रिफ़ाक़त अच्छी होती है और ना गेंदे की बूओ, इन दोनों की सोहबत पाएदार नहीं होती

ये तो सिक्षा साध की निहचे चित में ला, भेद न अपने जियो का औरों को बतला

अपना भेद किसी से नहीं कहना चाहिये

चातुर तो बैरी भला मूरख भला न मीत, साध कहें हैं मत करो को मूरख से प्रीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में संगत भली न साध की और क्या गंदी का बास के अर्थदेखिए

संगत भली न साध की और क्या गंदी का बास

sangat bhalii na saadh kii aur kyaa gandii kaa baasسَنْگَت بَھلی نَہ سادْھ کی اور کیا گَنْدی کا باس

कहावत

संगत भली न साध की और क्या गंदी का बास के हिंदी अर्थ

  • ना फ़क़ीर की रिफ़ाक़त अच्छी होती है और ना गेंदे की बूओ, इन दोनों की सोहबत पाएदार नहीं होती

سَنْگَت بَھلی نَہ سادْھ کی اور کیا گَنْدی کا باس کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • نہ فقیر کی رفاقت اچھی ہوتی ہے اور نہ گیندے کی بُو ، ان دونوں کی صحبت پائدار نہیں ہوتی.

Urdu meaning of sangat bhalii na saadh kii aur kyaa gandii kaa baas

  • Roman
  • Urdu

  • na faqiir kii rifaaqat achchhii hotii hai aur na gende kii buu.o, in dono.n kii sohbat paa.edaar nahii.n hotii

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साध

मुत्तक़ी, परहेज़गार, पार्सा, मुक़द्दस, नेक

साध-कहानी

फ़क़ीरों का इतिहास या कहानी

साधू-बच्चा

प्रतीकात्मक: मक्कार और धोकेबाज़

साध-संत

سادھو ، جوگی.

साधारण

सामान्य, आम, औसत दरजे का

साधू जन रम्ते भले वाक न लागे को

साधूओ कि हमेशा फिरते रहना चाहिए ताकि इस पर किसी किस्म का इलज़ाम ना आए

साधू का देन न माधू का लेन

सब से मुआमला सुलझा हुआ है कि ना किसी का देना है और ना किसी से लेना है हिसाब साफ़ है

साधू

महात्मा और संत पुरुष, विरक्त और संसार त्यागी व्यक्ति, सरल, अच्छा आदमी

साधा

قُدرت ، طاقت ، اِقتدار.

साधू हो कर करे जो चोरी , उस का घर हे नरक की मोरी

जो साधूओ हो कर चोरी करे दोज़ख़ में जाएगा

साधू हो कर कपट जो राखे, वो तो मज़ा नरक का चाखे

वो जो साधू हो कर हसद और बुग़ज़ से काम ले दोज़ख़ में जाएगा

साधना

profound meditation,practice

साधू वही जो साधन करे , करोध लोभ और मोह को मारे

फ़क़ीर वही है जो नफ़स मारे और लालच और शहवत को क़ाबू में रखे

साधनी

दीवार या भूमि की सतह की सीध नापने का एक औज़ार जो लोहे या लकड़ी का बना होता है

साधू-पन

نیکی ، پارسائی ان کے باپ نے ان کے سادُھو پن سے اکُتا کر انہیں گھر سے نِکال دیا .

साधू हो कर देवे बत्ता , उस को जानों पेट का कुत्ता

जो सादफू हो कर धोका देवी उसे पेट का कुत्ता समझो,फ़क़ीर ऐसा नहीं होता

साध्वी

शुद्ध चरित्र वाली स्त्री, सच्चरित्रा

साधू हो कर करे जो जारी , उस की हो दो जग में ख़्वारी

फ़क़ीर हो कर बदमाशी और बदकारी करे, दोनों जहां में ख़राब-ओ-ख़ार होगा

साधरा

(संगीत) एक राग का नाम

साधू-संत

तपस्वी और भले लोग

साधन

किसी कार्य को पूर्ण करने का ज़रिया या माध्यम

साधू-ज़बान

مہاراشٹر کے قدیم شاعر سادُھو نام دیو سے منسوب زبان .

साधू-भाषा

शिष्ट भाषा, उत्तम भाषा

साधू का किया स्वाद , बतासे नहीं गुड़ ही सही

फ़क़ीर के लिए हर चीज़ यकसाँ है ख़ाह घटिया हो या बढ़िया, क्योंकि ज़बान का चस्का पूओरा करना नहीं

साधू दुखिया सब संसार , जो सुखिया सो राम आधार

तमाम दुनिया मुसीबत में गिरफ़्तार है जो ख़ुदा पर भरोसा करते हैं वो सुखी हैं

सिह-धारी

(वह तलवार और ख़ंजर आदि) जो तीन बार सान पर चढ़ाई गई हो

भोजन ना भात नीहर का साध

हिंदूओ बीवगान की हालत बहुत काबिल-ए-रहम होती है ना खाना ना कपड़ा ना मैके की ख़बर

रूप न सिंगार खत्रानी की साध

न रूप है न बनाव-श्रंगार है और खतरानी का भेस बनाती है

भली कमाई साध की जो लागे हर के हीत

वह रुपया बहुत अच्छा जो ईश्वर की प्रसन्नता के लिए ख़र्च हो

दम साध लेना

साँस रोकना, चुप साधना, चुप्पी अपना लेना

सौ दिन चोर के एक दिन साध का

झूटे का झूट, मकअर् की मक्कारी और चोर की चोरी एक ना एक दिन पकरी जाती है

साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर

जिसे ईश्वर से प्रेम है वो पूरा फ़क़ीर है एवं वही दर्वेश है

संगत भली न साध की और एक गेंदे की बास

न साधू का साथ अच्छा होता है और न गेंदे की ख़ुश्बू

संगत भली न साध की और क्या गंदी का बास

ना फ़क़ीर की रिफ़ाक़त अच्छी होती है और ना गेंदे की बूओ, इन दोनों की सोहबत पाएदार नहीं होती

ये तो सिक्षा साध की निहचे चित में ला, भेद न अपने जियो का औरों को बतला

अपना भेद किसी से नहीं कहना चाहिये

चातुर तो बैरी भला मूरख भला न मीत, साध कहें हैं मत करो को मूरख से प्रीत

बुद्धिमान शत्रु मूर्ख दोस्त से अच्छा होता है इस लिए मूर्ख से दोस्ती नहीं करनी चाहिये

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