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भात

खाने के लिए उबाले हुए चावल।

भात खाते हाथ पराए

अधिक कोमल है, चावल जैसा नर्म भोजन खाने से हाथ में दर्द होने लगता है

भात है तो कव्वे बहुत

धन होगा तो चापलूस बहुत आ जाएँगे

भात होगा तो कव्वे बहुत आ रहेंगे

धन होगा तो चापलूस बहुत आ जाएँगे

भात बिन रह जावे, पिया बिन रहा न जावे

स्त्री पुरूष के बिना नहीं रह सकती अलबत्ता भूखी रह सकती है

भात दे कर ज़ात में दाख़िल होना

कुछ धन ख़र्च कर के अपने आप को अच्छे ख़ानदान में शामिल कराना, दौलत के ज़ोर पर अपने आप को शरीफ़ कहलवाना

भात खाने बहुतेरे काम दूल्हा दुल्हन से

निशुल्क खाने वाले तो बहुत मिल जाते हैं लेकिन मूल कठिनाई तो ख़र्च करने वाले के सर आती है

भात छोड़े साथ न छोड़े

व्यवहारिक लोग हानि स्वीकार लेते हैं किन्तु दया नहीं छोड़ते

भातिया

एक विशेष प्रकार का बेलबूटे वाला कबूतर जो बहुत महंगा होता था

भात लगना

(हिंदू)ग़ैर बिरादरी या नीची ज़ात में शादी करने पर बतौर डंड बिरादरी को खाना खिलाना या डंड भरना

भात नौतना

वर या वधु की माँ का अपने मैके वालों से विवाह पर भात देने के लिए कहना

भात माँगना

दूल्हा या दुल्हन की माँ का अपने मायके वालों से शादी पर भात देने के लिए कहना

भात न्योतना

वर या वधु की माँ का अपने मैके वालों से विवाह पर भात देने के लिए कहना

भात का डला

خشکے کا لڈو جو شگون کے طور پر دولھا کے کھین٘چ کر مارا جائے .

भात छोड़ा जाता है साथ नहीं छोड़ा जाता

शिष्ट लोग हानि सहन कर लेते हैं लेकिन मर्यादा नहीं छोड़ते

भातक

भींचने के योग्य, खाने के योग्य

भाता

पसंदीदा, मर्ज़ी का, मन को भाने वाला, ख़ुशी, चाहा हुआ

भाती

bellows

भातो

सूर्य

भातई

رک بھاتی (۱) .

भाथी

भाती

भाथा

तरकस।

भाथ

رک : بھاتی (۲) .

भूका बंगाली भात ही भात करे

अर्थात व्यक्ति जिस वस्तु का भूखा हो उसी की धुन में लगा रहे

भूका बंगाली भात ही भात पुकारे

अर्थात व्यक्ति जिस वस्तु का भूखा हो उसी की धुन में लगा रहे

अपना भात पराए हाथ

अपना माल दूसरे के हवाले करना या अपनी दौलत दूसरे के लिए छोड़ जाने के मौक़ा पर प्रयुक्त

दही भात का मूसल

नामुनासिब और अनुचित बात

साथ के लिये भात चाहिये

बे ख़र्च किए रफ़ीक़ नहीं मिलता

साथ के लिए भात चाहिए

बिना ख़र्च किए दोस्त नहीं मिलता

भोजन ना भात नीहर का साध

हिंदू विधवा की दशा अत्यधिक दया योग्य होती है न खाना न कपड़ा न मैके की ख़बर

भोज न भात नीहरू का समाद

देना न लेना झूठी मुहब्बत जताना

भसक्कड़ के दामाद को भात ही मिठाई

पेटू आदमी को जो खाने को मिले ग़नीमत है

मीठा-भात

میٹھے چاول

केसरी-भात

(باورچی گری) زردا ، مزعفر ، زرد رنگ کے پکائے ہوئے چاول

उत्थल रकाबी फैला भात, लो पंचो हाथों हात

अच्छी चीज़ के लिए में देर नहीं लगानी चाहिए वर्ना कोई और ले जाएगा

शहर का सलाम देहात का दाल भात

शहर वाले मौखिक रूप से आवभगत से टाल देते हैं गांव वाले जो प्राप्त अथवा उपस्थित हो खिलाते हैं

भूल गई नार, हींग डाल दई भात में

उस अवसर पर कहते हैं जब ग़लती से कोई काम ख़राब हो जाए

गाली और भात खाने के वास्ते हैं

जब कोई सहनशीलता या कायरता के कारण दुर्वचन का जवाब नहीं देता है तो हँसी हँसी में कहा जाता है कि गाली खाने के लिए ही होती है

साथ के लिए भात छोड़ा जाता है

अच्छे दोस्त के लिए फ़ायदे की परवाह नहीं की जाती

साथ के लिए भात छोड़ा जाता है

दोस्ती के ख़ातिर आदमी नुक़्सान बर्दाश्त करता है

उथल रकाबी फैला भात, लो पंचो हाथों हात

अच्छी चीज़ के लिए में देर नहीं लगानी चाहिए वर्ना कोई और ले जाएगा

कोढ़ी को दाल-भात, कमासुत को फुटहा

निकम्मे को अच्छी वस्तुएँ मिलती हैं और कमाऊ को कुछ नहीं मिलता

जगन नाथ के भात को किन ने न पसारा हाथ

ऐसी बात को जिस में कोई झगड़ा ना हो कौन नहीं पसंद करता

खिलावे भात मारे लात

यदि कोई भलाई करके ताने दे तो उस के बारे में कहते हैं

थेथ्ली रकाबी फुलफुला भात, लो पंचों हाथों हाथ

थोड़ी चीज़ पर बहुत दिखावा

उथली रकाबी फुलफुला भात, लो पंचों हाथ ही हाथ

थोड़ी चीज़ पर बहुत दिखावा

क्या दाल भात का निवाला है

आसान काम नहीं है, कोई मामूली बात नहीं है

भूल गई नार, हींग डाल दिया भात में

उस अवसर पर कहते हैं जब ग़लती से कोई काम ख़राब हो जाए

दाल-भात

दाल और चावल, प्रतीकात्मक: साधारण चीज़, रोज़ का मामूल, साधारण खाना जो आसानी से उपलब्ध हो

हाँडी का भात छुपे मुँह की बात न छुपे

कही हुई बात मशहूर हो ही जाती है

कोदों का भात

सस्ता खाना, घटिया खाना, कम क़ीमत खाना, दाल, दलिया, जै की रोटी

कोढ़ी को दाल-भात, कमासुत को फटा

निकम्मे को अच्छी वस्तुएँ मिलती हैं और कमाऊ को कुछ नहीं मिलता

जीते पिता की पूछी न बात मरे पिता को दूध और भात

ज़िंदगी में तो बाप की ख़बर ना ली मरने पर सराध कराते रहे

रिकाबी में जब तक भात , मेरा तेरा साथ

फ़ायदा का लालच रखता है, मतलब का यार है

जब तक रिकाबी में भात, तब तक मेरा तेरा साथ

मतलब की दोस्ती है, जब तक मतलब निकलता रहेगा, साथ रहेगा, अपना मतलब ख़त्म हुआ और दोस्ती ख़त्म

कोदों का भात किन भातों में ममिया-सास किन सासों में

दूर के रिश्ते का क्या एतबार, कोदों का भात सब भातों में हेठा समझा जाता है, उसी तरह ममिया सास भी सासों में सबसे हेठी समझी जाती है, अर्थात इन दोनों का कोई महत्त्व नहीं है

कोदों किन-किन भातन में और ममिया सास किन सासों में

दूर के रिश्ते का क्या एतबार, कोदों का भात सब भातों में हेठा समझा जाता है, उसी तरह ममिया सास भी सासों में सबसे हेठी समझी जाती है, अर्थात इन दोनों का कोई महत्त्व नहीं है

मैना जो मैं ना कहे दूध भात नित खाय, बकरी जो मैं मैं करे उलटी खाल खिंचाय

विनम्र व्यक्ति सम्मान पाता है और घमंड करने वाला हानि उठाता है

प्रीत न जाने जात कुजात नींद न जाने टूटी खाट, भूक न जाने बासी भात प्यास न जाने धोबी घाट

प्रेम करते समय कोई ये नहीं सोचता कि उस का प्रेमी किस जाति या वर्ण का है, जिस तरह नींद हर जगह और हर हालत में आ जाती है और भूख में मनुष्य को बासी रोटी भी अच्छी मालूम होती है और प्यास लगी हो तो मनुष्य ये नहीं देखता कि पानी शुद्ध है या अशुद्ध

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में साथ के लिए भात चाहिए के अर्थदेखिए

साथ के लिए भात चाहिए

saath ke liye bhaat chaahiyeساتھ کے لئے بھات چاہیے

वाक्य

साथ के लिए भात चाहिए के हिंदी अर्थ

  • बिना ख़र्च किए दोस्त नहीं मिलता

ساتھ کے لئے بھات چاہیے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • بے خرچ کیے رفیق نہیں ملتا

Urdu meaning of saath ke liye bhaat chaahiye

  • Roman
  • Urdu

  • be Kharch ki.e rafiiq nahii.n miltaa

खोजे गए शब्द से संबंधित

भात

खाने के लिए उबाले हुए चावल।

भात खाते हाथ पराए

अधिक कोमल है, चावल जैसा नर्म भोजन खाने से हाथ में दर्द होने लगता है

भात है तो कव्वे बहुत

धन होगा तो चापलूस बहुत आ जाएँगे

भात होगा तो कव्वे बहुत आ रहेंगे

धन होगा तो चापलूस बहुत आ जाएँगे

भात बिन रह जावे, पिया बिन रहा न जावे

स्त्री पुरूष के बिना नहीं रह सकती अलबत्ता भूखी रह सकती है

भात दे कर ज़ात में दाख़िल होना

कुछ धन ख़र्च कर के अपने आप को अच्छे ख़ानदान में शामिल कराना, दौलत के ज़ोर पर अपने आप को शरीफ़ कहलवाना

भात खाने बहुतेरे काम दूल्हा दुल्हन से

निशुल्क खाने वाले तो बहुत मिल जाते हैं लेकिन मूल कठिनाई तो ख़र्च करने वाले के सर आती है

भात छोड़े साथ न छोड़े

व्यवहारिक लोग हानि स्वीकार लेते हैं किन्तु दया नहीं छोड़ते

भातिया

एक विशेष प्रकार का बेलबूटे वाला कबूतर जो बहुत महंगा होता था

भात लगना

(हिंदू)ग़ैर बिरादरी या नीची ज़ात में शादी करने पर बतौर डंड बिरादरी को खाना खिलाना या डंड भरना

भात नौतना

वर या वधु की माँ का अपने मैके वालों से विवाह पर भात देने के लिए कहना

भात माँगना

दूल्हा या दुल्हन की माँ का अपने मायके वालों से शादी पर भात देने के लिए कहना

भात न्योतना

वर या वधु की माँ का अपने मैके वालों से विवाह पर भात देने के लिए कहना

भात का डला

خشکے کا لڈو جو شگون کے طور پر دولھا کے کھین٘چ کر مارا جائے .

भात छोड़ा जाता है साथ नहीं छोड़ा जाता

शिष्ट लोग हानि सहन कर लेते हैं लेकिन मर्यादा नहीं छोड़ते

भातक

भींचने के योग्य, खाने के योग्य

भाता

पसंदीदा, मर्ज़ी का, मन को भाने वाला, ख़ुशी, चाहा हुआ

भाती

bellows

भातो

सूर्य

भातई

رک بھاتی (۱) .

भाथी

भाती

भाथा

तरकस।

भाथ

رک : بھاتی (۲) .

भूका बंगाली भात ही भात करे

अर्थात व्यक्ति जिस वस्तु का भूखा हो उसी की धुन में लगा रहे

भूका बंगाली भात ही भात पुकारे

अर्थात व्यक्ति जिस वस्तु का भूखा हो उसी की धुन में लगा रहे

अपना भात पराए हाथ

अपना माल दूसरे के हवाले करना या अपनी दौलत दूसरे के लिए छोड़ जाने के मौक़ा पर प्रयुक्त

दही भात का मूसल

नामुनासिब और अनुचित बात

साथ के लिये भात चाहिये

बे ख़र्च किए रफ़ीक़ नहीं मिलता

साथ के लिए भात चाहिए

बिना ख़र्च किए दोस्त नहीं मिलता

भोजन ना भात नीहर का साध

हिंदू विधवा की दशा अत्यधिक दया योग्य होती है न खाना न कपड़ा न मैके की ख़बर

भोज न भात नीहरू का समाद

देना न लेना झूठी मुहब्बत जताना

भसक्कड़ के दामाद को भात ही मिठाई

पेटू आदमी को जो खाने को मिले ग़नीमत है

मीठा-भात

میٹھے چاول

केसरी-भात

(باورچی گری) زردا ، مزعفر ، زرد رنگ کے پکائے ہوئے چاول

उत्थल रकाबी फैला भात, लो पंचो हाथों हात

अच्छी चीज़ के लिए में देर नहीं लगानी चाहिए वर्ना कोई और ले जाएगा

शहर का सलाम देहात का दाल भात

शहर वाले मौखिक रूप से आवभगत से टाल देते हैं गांव वाले जो प्राप्त अथवा उपस्थित हो खिलाते हैं

भूल गई नार, हींग डाल दई भात में

उस अवसर पर कहते हैं जब ग़लती से कोई काम ख़राब हो जाए

गाली और भात खाने के वास्ते हैं

जब कोई सहनशीलता या कायरता के कारण दुर्वचन का जवाब नहीं देता है तो हँसी हँसी में कहा जाता है कि गाली खाने के लिए ही होती है

साथ के लिए भात छोड़ा जाता है

अच्छे दोस्त के लिए फ़ायदे की परवाह नहीं की जाती

साथ के लिए भात छोड़ा जाता है

दोस्ती के ख़ातिर आदमी नुक़्सान बर्दाश्त करता है

उथल रकाबी फैला भात, लो पंचो हाथों हात

अच्छी चीज़ के लिए में देर नहीं लगानी चाहिए वर्ना कोई और ले जाएगा

कोढ़ी को दाल-भात, कमासुत को फुटहा

निकम्मे को अच्छी वस्तुएँ मिलती हैं और कमाऊ को कुछ नहीं मिलता

जगन नाथ के भात को किन ने न पसारा हाथ

ऐसी बात को जिस में कोई झगड़ा ना हो कौन नहीं पसंद करता

खिलावे भात मारे लात

यदि कोई भलाई करके ताने दे तो उस के बारे में कहते हैं

थेथ्ली रकाबी फुलफुला भात, लो पंचों हाथों हाथ

थोड़ी चीज़ पर बहुत दिखावा

उथली रकाबी फुलफुला भात, लो पंचों हाथ ही हाथ

थोड़ी चीज़ पर बहुत दिखावा

क्या दाल भात का निवाला है

आसान काम नहीं है, कोई मामूली बात नहीं है

भूल गई नार, हींग डाल दिया भात में

उस अवसर पर कहते हैं जब ग़लती से कोई काम ख़राब हो जाए

दाल-भात

दाल और चावल, प्रतीकात्मक: साधारण चीज़, रोज़ का मामूल, साधारण खाना जो आसानी से उपलब्ध हो

हाँडी का भात छुपे मुँह की बात न छुपे

कही हुई बात मशहूर हो ही जाती है

कोदों का भात

सस्ता खाना, घटिया खाना, कम क़ीमत खाना, दाल, दलिया, जै की रोटी

कोढ़ी को दाल-भात, कमासुत को फटा

निकम्मे को अच्छी वस्तुएँ मिलती हैं और कमाऊ को कुछ नहीं मिलता

जीते पिता की पूछी न बात मरे पिता को दूध और भात

ज़िंदगी में तो बाप की ख़बर ना ली मरने पर सराध कराते रहे

रिकाबी में जब तक भात , मेरा तेरा साथ

फ़ायदा का लालच रखता है, मतलब का यार है

जब तक रिकाबी में भात, तब तक मेरा तेरा साथ

मतलब की दोस्ती है, जब तक मतलब निकलता रहेगा, साथ रहेगा, अपना मतलब ख़त्म हुआ और दोस्ती ख़त्म

कोदों का भात किन भातों में ममिया-सास किन सासों में

दूर के रिश्ते का क्या एतबार, कोदों का भात सब भातों में हेठा समझा जाता है, उसी तरह ममिया सास भी सासों में सबसे हेठी समझी जाती है, अर्थात इन दोनों का कोई महत्त्व नहीं है

कोदों किन-किन भातन में और ममिया सास किन सासों में

दूर के रिश्ते का क्या एतबार, कोदों का भात सब भातों में हेठा समझा जाता है, उसी तरह ममिया सास भी सासों में सबसे हेठी समझी जाती है, अर्थात इन दोनों का कोई महत्त्व नहीं है

मैना जो मैं ना कहे दूध भात नित खाय, बकरी जो मैं मैं करे उलटी खाल खिंचाय

विनम्र व्यक्ति सम्मान पाता है और घमंड करने वाला हानि उठाता है

प्रीत न जाने जात कुजात नींद न जाने टूटी खाट, भूक न जाने बासी भात प्यास न जाने धोबी घाट

प्रेम करते समय कोई ये नहीं सोचता कि उस का प्रेमी किस जाति या वर्ण का है, जिस तरह नींद हर जगह और हर हालत में आ जाती है और भूख में मनुष्य को बासी रोटी भी अच्छी मालूम होती है और प्यास लगी हो तो मनुष्य ये नहीं देखता कि पानी शुद्ध है या अशुद्ध

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