खोजे गए परिणाम

सहेजे गए शब्द

"साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर" शब्द से संबंधित परिणाम

साईं

Allah, The Supreme Being, God, Lord, Guru, religious mendicant

साँय-साँय-करना

सन्नाटा छाना, वीरानी बरसना

साईं तुझ बिन कौन है जो करे नय्या पार, तू ही आवत है नज़र चहूँ ओर करतार

ऐ ईश्वर तेरे सिवा कौन है जो बेड़ा पार करे, जिधर देखता हूँ तू ही दिखाई देता है

साईं बरकत है

भिखारी को दान न देने के मौक़े पर कहते हैं

साईं जिए

(दुआइया कलिमा) सुहाग सलामत रहे

साईं-काट

ख़राब, बेकार

साईं-साईं

गोलीयों या तीर के चलने की आवाज़

साईं सांसा मेट दे और न मेटे कोय, वा को सांसा क्या रहा जा सर साईं होय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई सांसा अर्थात परेशानी एवं दुख को दूर नहीं कर सकता परंतु जिसे ईश्वर पुण्य की राह दिखा दे

साईं के खेल हैं

कुदरत के करिश्मे हैं

साईं तुझ बिन कौन है जो करे नवड़िया पार, तू ही आवत है नज़र चहूँ ओर करतार

ऐ ईश्वर तेरे सिवा कौन है जो बेड़ा पार करे, जिधर देखता हूँ तू ही दिखाई देता है

साईं से सच्चा और बंदे से सत भाव

इंसान को हर हाल में पाकबाज़ रहना चाहीए

साईं-साहिब

औरत पति को कहती है

साईं रूठे हम छूटे

ईश्वर नाराज़ तो जग नाराज़

साईं के सो खेल हैं

ईश्वर सर्वज्ञ है वह जो चाहे सो करे

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल के बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

साईं अखियाँ फेरियाँ बैरी मुल्क जहान, टुक इक झाँकी महर दी लक्खाँ करें सलाम

ईश्वर नाराज़ हो तो सारा संसार नाराज़ हो जाता है और यदि मेहरबानी की एक नज़र कर ले तो लाखों सलाम करते हैं

साईं अपने चित्त की भूल न कहिये कोय, तब लग मन में राखिये जब लग कारज होय

अपने दिल का भेद भूल कर भी किसी को नहीं बताना चाहिये जब तक काम न हो जाए उसे दिल में रखना चाहिये

साईं नाता दम ही ताएँ

मर्द से या शौहर से सांस तक रिश्ता है

साईं के पाले में भल-भल होना

किसी को लाभ पहुँचाना

साईं फिर माँगो

रुक : सावें बरकत है

साईं जिस को राख ले मारन हारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

साईं के सो खेल

ईश्वर सर्वज्ञ है वह जो चाहे सो करे

साईं के भण्डार में कमी नहीं

ईश्वर या अल्लाह के ख़ज़ाने में कोई कमी नहीं

साईं तेरे आसरे आन पड़े जो लोग, उन के पूरे भाग हैं उन के पूरे जोग

जो ईश्वर पर विश्वास करता है ईश्वर उस का हर काम पूरा करता है

साईं राज बुलंद राज

पति का युग अथवा समय ऊँचाई एवं ख़ुशहाली का युग होता है

साईं का रख आसरा और वाही का ले नाम, दो जग में भरपूर हों जो तेरे सगरे काम

ईश्वर पर भरोसा रख और उसी का नाम ले तो दोनों लोकों में तेरे काम पूरे होंगे

साईं साईं जीभ पर और किब्र कपट मन बीच, वह न डाले जाएँगे पकड़ नरक में खींच

जिन की जीभ पर ईश्वर का नाम है और उन के दिल में घमंड और धोका कपट और हसद है उन को अंत में नरक ही मिलेगा

साईं राज बुलंद राज, पूत राज दूत राज

स्त्री पति के समय में हुकूमत करती है और बेटे के समय में आश्रित एवं धनहीन हो जाती है

साईं को साँच प्यारा, झूटे का मालिक न्यारा

ख़ुदा सचै आदमी को पसंद करता है झूओटे का मालिक कोई और है

साईं राज बुलंद राज, पूत राज मुहताज राज

स्त्री पति के समय में हुकूमत करती है और बेटे के समय में आश्रित एवं धनहीन हो जाती है

साईं तेरे कारने जन तज दिया जहान, ठेठ किया बैकुंठ में उस ने जहाँ मकान

जिस ने ईश्वर के लिए सब कुछ छोड़ दिया उस की छूट हो गई और स्वर्ग उस का ठिकाना है

साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना

ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं

साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर

जिसे ईश्वर से प्रेम है वो पूरा फ़क़ीर है एवं वही दर्वेश है

साईं तेरा आसरा छोड़े जो अंजान, दर-दर बांडे मांगता कौड़ी मिले न दान

जो ईश्वर की आस छोड़ दे वो दर-दर मांगता फिरे तो भी उसे कुछ नहीं मिलता

साईं तेरे कारने छोड़ा बल्ख़ बुख़ार, नौ लख घोड़े पाल्की और नौ लखा सवार

ईश्वर के लिए सब कुछ त्याग दिया

साईं का घर दूर है जैसे लम्बी खजूर, चढ़े तो चाखे प्रेम रस गिरे तो चकना-चूर

ईश्वर को पाना बहुत कठिन है यदि पा ले तो इससे बढ़ कर कुछ नहीं न पाए तो तबाह हो जाए

साईं तेरी याद में जस तन कीता ख़ाक, सोना उस के रू-बरू है चूल्हे की ख़ाक

जो ईश्वर में लीन हो गया हो उस की नज़र में संसार का धन और दौलत धूल के समान है

साईं से सांची कहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन मेरी पत रहे सखियों में रहे बोल

स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल कर बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

साईं के दरबार में बड़े बड़े हैं ढेर, अपना दाना बीन ले जिस में हेर न फेर

अपनी क़िस्मत पर शुक्र करना चाहिए और जो मिले उस पर संतोष करना चाहिए

साईं से सांची रहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन में मेरी पत रहे सखियाँ में रहे बोल

स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है

रात साएँ साएँ करना

बहुत मुहीब सन्नाटा होना, रात बोलना (रुक)

रहे नाम साईं का

अल्लाह का नाम सदैव रहेगा, अल्लाह को छोड़कर सब कुछ नश्वर है (जब किसी की मृत्यु या किसी चीज़ के गिरने या किसी भविष्य के खतरे या आश्चर्य में डालने वाली बात की चर्चा हो तो कहते हैं)

जी साएँ साएँ करना

سان٘س کی آمد و رفت تیز ہوجانا.

भड़-साईं

भाड़, भट्टी

तुरत फ़तेह हो उस के ताईं, जिस का हामी होवे साईं

जिस का ईश्वर सहायक हो उसे तुरंत कामयाबी मिलती है

चंगुल भर आटा साईं का, बेटा जीवे माई का

भिखारियों की टेर

सदा नाम साईं का

रुक : सदा रहे नाम अल्लाह का

कुत्ते तेरा मुँह नहीं, तेरे साईं का मुँह है

मालिक के हेतु उसके बुरे दास को भी झेलना पड़ता है

सांसा साएं मेट दे और न मेटे कोय, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लेय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

बाज़ू टूटे बाज़ को साईं तो'मा दे

अपने पाले हुए की पालने वाले ही को मुहब्बत होती है

जो नर साएँ से डरे वासे डरो ज़रूर

अभिमानियों से बिल्कुल मत डरो, परन्तु जो परमेश्वर से डरता है उसी से डरो

सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

तुझ पड़े जो हादिसा दिल में मत घबरा जब साईं की हो दया काम तुरत बन जा

अगर मुसीबत पड़े तो घबराना नहीं चाहिए ईश्वर की कृपा हो तो सब काम बन जाएंगे

यूँ मत जाने बावरे कि पाप न पूछे कोय, साईं के दरबार में इक दिन लेखा होय

मूर्ख ये न समझ कि पाप को कोई नहीं पूछेगा ईश्वर के समक्ष एक दिन हिसाब देना होगा

ये बातें मत कीजियो कधे न तू ऐ यार, जिन बातों में रूस जा साईं और संसार

ऐसी बातें नहीं करनी चाहियें जिस में ईश्वर और संसार दोनों अप्रसन्न हों

ये दुनिया दिन चार है संग न तेरे जा, साईं का रख आसरा और वा से ही नेह लगा

ये संसार नश्वर है, ईश्वर से ध्यान लगा

मूल न वा सूँ भाए करो जो नर करे ग़ुरूर, जो नर साईं से डरे वा से डरो ज़रूर

घमंडी व्यक्ति से बिलकुल न डरो परंतु जो ईश्वर से डरे उससे अवश्य डरो

देना भला न बाप का बेटी भली न एक, चलन भला न कोस का जो साईं राखे टेक

चाहे पुत्री एक ही हो देना अथवा ऋण चाहे पिता ही का हो एवं सफ़र चाहे एक ही मील का हो तीनों बुरे

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर के अर्थदेखिए

साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर

saa.ii.n terii neh kaa jis tan laagaa tiir, vahii puuraa saadh hai vahii piir faqiirسائِیں تیری نیہ کا جِس تَن لاگا تیر، وہی پُورا سادھ ہے وہی پِیر فَقِیر

कहावत

साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर के हिंदी अर्थ

  • जिसे ईश्वर से प्रेम है वो पूरा फ़क़ीर है एवं वही दर्वेश है

سائِیں تیری نیہ کا جِس تَن لاگا تیر، وہی پُورا سادھ ہے وہی پِیر فَقِیر کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جسے خُدا سے محبّت ہے وہ پُورا فقیر ہے اور وہی درویش ہے

Urdu meaning of saa.ii.n terii neh kaa jis tan laagaa tiir, vahii puuraa saadh hai vahii piir faqiir

  • Roman
  • Urdu

  • jise Khudaa se muhabbat hai vo puu.oraa faqiir hai aur vahii darvesh hai

खोजे गए शब्द से संबंधित

साईं

Allah, The Supreme Being, God, Lord, Guru, religious mendicant

साँय-साँय-करना

सन्नाटा छाना, वीरानी बरसना

साईं तुझ बिन कौन है जो करे नय्या पार, तू ही आवत है नज़र चहूँ ओर करतार

ऐ ईश्वर तेरे सिवा कौन है जो बेड़ा पार करे, जिधर देखता हूँ तू ही दिखाई देता है

साईं बरकत है

भिखारी को दान न देने के मौक़े पर कहते हैं

साईं जिए

(दुआइया कलिमा) सुहाग सलामत रहे

साईं-काट

ख़राब, बेकार

साईं-साईं

गोलीयों या तीर के चलने की आवाज़

साईं सांसा मेट दे और न मेटे कोय, वा को सांसा क्या रहा जा सर साईं होय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई सांसा अर्थात परेशानी एवं दुख को दूर नहीं कर सकता परंतु जिसे ईश्वर पुण्य की राह दिखा दे

साईं के खेल हैं

कुदरत के करिश्मे हैं

साईं तुझ बिन कौन है जो करे नवड़िया पार, तू ही आवत है नज़र चहूँ ओर करतार

ऐ ईश्वर तेरे सिवा कौन है जो बेड़ा पार करे, जिधर देखता हूँ तू ही दिखाई देता है

साईं से सच्चा और बंदे से सत भाव

इंसान को हर हाल में पाकबाज़ रहना चाहीए

साईं-साहिब

औरत पति को कहती है

साईं रूठे हम छूटे

ईश्वर नाराज़ तो जग नाराज़

साईं के सो खेल हैं

ईश्वर सर्वज्ञ है वह जो चाहे सो करे

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल के बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

साईं अखियाँ फेरियाँ बैरी मुल्क जहान, टुक इक झाँकी महर दी लक्खाँ करें सलाम

ईश्वर नाराज़ हो तो सारा संसार नाराज़ हो जाता है और यदि मेहरबानी की एक नज़र कर ले तो लाखों सलाम करते हैं

साईं अपने चित्त की भूल न कहिये कोय, तब लग मन में राखिये जब लग कारज होय

अपने दिल का भेद भूल कर भी किसी को नहीं बताना चाहिये जब तक काम न हो जाए उसे दिल में रखना चाहिये

साईं नाता दम ही ताएँ

मर्द से या शौहर से सांस तक रिश्ता है

साईं के पाले में भल-भल होना

किसी को लाभ पहुँचाना

साईं फिर माँगो

रुक : सावें बरकत है

साईं जिस को राख ले मारन हारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन

जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे

साईं के सो खेल

ईश्वर सर्वज्ञ है वह जो चाहे सो करे

साईं के भण्डार में कमी नहीं

ईश्वर या अल्लाह के ख़ज़ाने में कोई कमी नहीं

साईं तेरे आसरे आन पड़े जो लोग, उन के पूरे भाग हैं उन के पूरे जोग

जो ईश्वर पर विश्वास करता है ईश्वर उस का हर काम पूरा करता है

साईं राज बुलंद राज

पति का युग अथवा समय ऊँचाई एवं ख़ुशहाली का युग होता है

साईं का रख आसरा और वाही का ले नाम, दो जग में भरपूर हों जो तेरे सगरे काम

ईश्वर पर भरोसा रख और उसी का नाम ले तो दोनों लोकों में तेरे काम पूरे होंगे

साईं साईं जीभ पर और किब्र कपट मन बीच, वह न डाले जाएँगे पकड़ नरक में खींच

जिन की जीभ पर ईश्वर का नाम है और उन के दिल में घमंड और धोका कपट और हसद है उन को अंत में नरक ही मिलेगा

साईं राज बुलंद राज, पूत राज दूत राज

स्त्री पति के समय में हुकूमत करती है और बेटे के समय में आश्रित एवं धनहीन हो जाती है

साईं को साँच प्यारा, झूटे का मालिक न्यारा

ख़ुदा सचै आदमी को पसंद करता है झूओटे का मालिक कोई और है

साईं राज बुलंद राज, पूत राज मुहताज राज

स्त्री पति के समय में हुकूमत करती है और बेटे के समय में आश्रित एवं धनहीन हो जाती है

साईं तेरे कारने जन तज दिया जहान, ठेठ किया बैकुंठ में उस ने जहाँ मकान

जिस ने ईश्वर के लिए सब कुछ छोड़ दिया उस की छूट हो गई और स्वर्ग उस का ठिकाना है

साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना

ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं

साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर

जिसे ईश्वर से प्रेम है वो पूरा फ़क़ीर है एवं वही दर्वेश है

साईं तेरा आसरा छोड़े जो अंजान, दर-दर बांडे मांगता कौड़ी मिले न दान

जो ईश्वर की आस छोड़ दे वो दर-दर मांगता फिरे तो भी उसे कुछ नहीं मिलता

साईं तेरे कारने छोड़ा बल्ख़ बुख़ार, नौ लख घोड़े पाल्की और नौ लखा सवार

ईश्वर के लिए सब कुछ त्याग दिया

साईं का घर दूर है जैसे लम्बी खजूर, चढ़े तो चाखे प्रेम रस गिरे तो चकना-चूर

ईश्वर को पाना बहुत कठिन है यदि पा ले तो इससे बढ़ कर कुछ नहीं न पाए तो तबाह हो जाए

साईं तेरी याद में जस तन कीता ख़ाक, सोना उस के रू-बरू है चूल्हे की ख़ाक

जो ईश्वर में लीन हो गया हो उस की नज़र में संसार का धन और दौलत धूल के समान है

साईं से सांची कहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन मेरी पत रहे सखियों में रहे बोल

स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है

साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल कर बैठिये नदी नाव संजोग

दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए

साईं के दरबार में बड़े बड़े हैं ढेर, अपना दाना बीन ले जिस में हेर न फेर

अपनी क़िस्मत पर शुक्र करना चाहिए और जो मिले उस पर संतोष करना चाहिए

साईं से सांची रहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन में मेरी पत रहे सखियाँ में रहे बोल

स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है

रात साएँ साएँ करना

बहुत मुहीब सन्नाटा होना, रात बोलना (रुक)

रहे नाम साईं का

अल्लाह का नाम सदैव रहेगा, अल्लाह को छोड़कर सब कुछ नश्वर है (जब किसी की मृत्यु या किसी चीज़ के गिरने या किसी भविष्य के खतरे या आश्चर्य में डालने वाली बात की चर्चा हो तो कहते हैं)

जी साएँ साएँ करना

سان٘س کی آمد و رفت تیز ہوجانا.

भड़-साईं

भाड़, भट्टी

तुरत फ़तेह हो उस के ताईं, जिस का हामी होवे साईं

जिस का ईश्वर सहायक हो उसे तुरंत कामयाबी मिलती है

चंगुल भर आटा साईं का, बेटा जीवे माई का

भिखारियों की टेर

सदा नाम साईं का

रुक : सदा रहे नाम अल्लाह का

कुत्ते तेरा मुँह नहीं, तेरे साईं का मुँह है

मालिक के हेतु उसके बुरे दास को भी झेलना पड़ता है

सांसा साएं मेट दे और न मेटे कोय, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लेय

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

बाज़ू टूटे बाज़ को साईं तो'मा दे

अपने पाले हुए की पालने वाले ही को मुहब्बत होती है

जो नर साएँ से डरे वासे डरो ज़रूर

अभिमानियों से बिल्कुल मत डरो, परन्तु जो परमेश्वर से डरता है उसी से डरो

सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो

ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए

तुझ पड़े जो हादिसा दिल में मत घबरा जब साईं की हो दया काम तुरत बन जा

अगर मुसीबत पड़े तो घबराना नहीं चाहिए ईश्वर की कृपा हो तो सब काम बन जाएंगे

यूँ मत जाने बावरे कि पाप न पूछे कोय, साईं के दरबार में इक दिन लेखा होय

मूर्ख ये न समझ कि पाप को कोई नहीं पूछेगा ईश्वर के समक्ष एक दिन हिसाब देना होगा

ये बातें मत कीजियो कधे न तू ऐ यार, जिन बातों में रूस जा साईं और संसार

ऐसी बातें नहीं करनी चाहियें जिस में ईश्वर और संसार दोनों अप्रसन्न हों

ये दुनिया दिन चार है संग न तेरे जा, साईं का रख आसरा और वा से ही नेह लगा

ये संसार नश्वर है, ईश्वर से ध्यान लगा

मूल न वा सूँ भाए करो जो नर करे ग़ुरूर, जो नर साईं से डरे वा से डरो ज़रूर

घमंडी व्यक्ति से बिलकुल न डरो परंतु जो ईश्वर से डरे उससे अवश्य डरो

देना भला न बाप का बेटी भली न एक, चलन भला न कोस का जो साईं राखे टेक

चाहे पुत्री एक ही हो देना अथवा ऋण चाहे पिता ही का हो एवं सफ़र चाहे एक ही मील का हो तीनों बुरे

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

सुझाव दीजिए (साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर)

नाम

ई-मेल

प्रतिक्रिया

साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर

चित्र अपलोड कीजिएअधिक जानिए

नाम

ई-मेल

प्रदर्शित नाम

चित्र संलग्न कीजिए

चित्र चुनिए
(format .png, .jpg, .jpeg & max size 4MB and upto 4 images)

सूचनाएँ और जानकारी प्राप्त करने के लिए सदस्यता लें

सदस्य बनिए
बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone