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हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन के अर्थदेखिए
साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन
saa.ii.n jis ko raakh le maaran maaraa kaun, bhuut dev kyaa aag ho kyaa paanii kyaa paun•سائیں جس کو راکھ لے مارن مارا کون، بھوت دیو کیا آگ ہو کیا پانی کیا پون
अथवा : साईं जिस को राख ले मारन हारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन
कहावत
साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन के हिंदी अर्थ
- जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे
- जिस का रक्षक ईश्वर हो उसे भूत देव आग पानी हवा कोई हानि नहीं पहुँचा सकता
-
ईश्वर जिसकी रक्षा करता है उसे कोई मार नहीं सकता
विशेष • पौन= पवन, हवा।
سائیں جس کو راکھ لے مارن مارا کون، بھوت دیو کیا آگ ہو کیا پانی کیا پون کے اردو معانی
- Roman
- Urdu
- جس کو خدا رکھے اسے کون چکھے
- جس کا خدا محافظ ہو اسے بھوت دیو آگ پانی ہَوا کوئی نقصان نہیں پہنچا سکتا
- خدا جس کی حفاظت کرتا ہے اسے کوئی مار نہیں سکتا
Urdu meaning of saa.ii.n jis ko raakh le maaran maaraa kaun, bhuut dev kyaa aag ho kyaa paanii kyaa paun
- Roman
- Urdu
- jis ko Khudaa rakhe use kaun chakhe
- jis ka Khudaa muhaafiz ho use bhuut dev aag paanii huu.aa ko.ii nuqsaan nahii.n pahunchaa saktaa
- Khudaa jis kii hifaazat kartaa hai use ko.ii maar nahii.n saktaa
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साईं तुझ बिन कौन है जो करे नय्या पार, तू ही आवत है नज़र चहूँ ओर करतार
ऐ ईश्वर तेरे सिवा कौन है जो बेड़ा पार करे, जिधर देखता हूँ तू ही दिखाई देता है
साईं सांसा मेट दे और न मेटे कोय, वा को सांसा क्या रहा जा सर साईं होय
ईश्वर के अतिरिक्त कोई सांसा अर्थात परेशानी एवं दुख को दूर नहीं कर सकता परंतु जिसे ईश्वर पुण्य की राह दिखा दे
साईं तुझ बिन कौन है जो करे नवड़िया पार, तू ही आवत है नज़र चहूँ ओर करतार
ऐ ईश्वर तेरे सिवा कौन है जो बेड़ा पार करे, जिधर देखता हूँ तू ही दिखाई देता है
साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल के बैठिये नदी नाव संजोग
दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए
साईं अखियाँ फेरियाँ बैरी मुल्क जहान, टुक इक झाँकी महर दी लक्खाँ करें सलाम
ईश्वर नाराज़ हो तो सारा संसार नाराज़ हो जाता है और यदि मेहरबानी की एक नज़र कर ले तो लाखों सलाम करते हैं
साईं अपने चित्त की भूल न कहिये कोय, तब लग मन में राखिये जब लग कारज होय
अपने दिल का भेद भूल कर भी किसी को नहीं बताना चाहिये जब तक काम न हो जाए उसे दिल में रखना चाहिये
साईं जिस को राख ले मारन हारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन
जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे
साईं जिस को राख ले मारन मारा कौन, भूत देव क्या आग हो क्या पानी क्या पौन
जिस को ईश्वर रखे उसे कौन चखे
साईं तेरे आसरे आन पड़े जो लोग, उन के पूरे भाग हैं उन के पूरे जोग
जो ईश्वर पर विश्वास करता है ईश्वर उस का हर काम पूरा करता है
साईं का रख आसरा और वाही का ले नाम, दो जग में भरपूर हों जो तेरे सगरे काम
ईश्वर पर भरोसा रख और उसी का नाम ले तो दोनों लोकों में तेरे काम पूरे होंगे
साईं साईं जीभ पर और किब्र कपट मन बीच, वह न डाले जाएँगे पकड़ नरक में खींच
जिन की जीभ पर ईश्वर का नाम है और उन के दिल में घमंड और धोका कपट और हसद है उन को अंत में नरक ही मिलेगा
साईं राज बुलंद राज, पूत राज दूत राज
स्त्री पति के समय में हुकूमत करती है और बेटे के समय में आश्रित एवं धनहीन हो जाती है
साईं राज बुलंद राज, पूत राज मुहताज राज
स्त्री पति के समय में हुकूमत करती है और बेटे के समय में आश्रित एवं धनहीन हो जाती है
साईं तेरे कारने जन तज दिया जहान, ठेठ किया बैकुंठ में उस ने जहाँ मकान
जिस ने ईश्वर के लिए सब कुछ छोड़ दिया उस की छूट हो गई और स्वर्ग उस का ठिकाना है
साईं जिस के साथ हो उस को सांसा क्या, छिन में उस के कार सब दे भगवान बना
ईश्वर जिसका सहायक हो उसके काम पल में बन जाते हैं
साईं तेरी नेह का जिस तन लागा तीर, वही पूरा साध है वही पीर फ़क़ीर
जिसे ईश्वर से प्रेम है वो पूरा फ़क़ीर है एवं वही दर्वेश है
साईं तेरा आसरा छोड़े जो अंजान, दर-दर बांडे मांगता कौड़ी मिले न दान
जो ईश्वर की आस छोड़ दे वो दर-दर मांगता फिरे तो भी उसे कुछ नहीं मिलता
साईं तेरे कारने छोड़ा बल्ख़ बुख़ार, नौ लख घोड़े पाल्की और नौ लखा सवार
ईश्वर के लिए सब कुछ त्याग दिया
साईं का घर दूर है जैसे लम्बी खजूर, चढ़े तो चाखे प्रेम रस गिरे तो चकना-चूर
ईश्वर को पाना बहुत कठिन है यदि पा ले तो इससे बढ़ कर कुछ नहीं न पाए तो तबाह हो जाए
साईं तेरी याद में जस तन कीता ख़ाक, सोना उस के रू-बरू है चूल्हे की ख़ाक
जो ईश्वर में लीन हो गया हो उस की नज़र में संसार का धन और दौलत धूल के समान है
साईं से सांची कहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन मेरी पत रहे सखियों में रहे बोल
स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है
साईं इस संसार में भाँत भाँत के लोग, सब से मिल कर बैठिये नदी नाव संजोग
दुनिया में तरह तरह के लोग हैं मिल कर जीवन व्यतीत करना चाहिए
साईं के दरबार में बड़े बड़े हैं ढेर, अपना दाना बीन ले जिस में हेर न फेर
अपनी क़िस्मत पर शुक्र करना चाहिए और जो मिले उस पर संतोष करना चाहिए
साईं से सांची रहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन में मेरी पत रहे सखियाँ में रहे बोल
स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है
रहे नाम साईं का
अल्लाह का नाम सदैव रहेगा, अल्लाह को छोड़कर सब कुछ नश्वर है (जब किसी की मृत्यु या किसी चीज़ के गिरने या किसी भविष्य के खतरे या आश्चर्य में डालने वाली बात की चर्चा हो तो कहते हैं)
सांसा साएं मेट दे और न मेटे कोय, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लेय
ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए
जो नर साएँ से डरे वासे डरो ज़रूर
अभिमानियों से बिल्कुल मत डरो, परन्तु जो परमेश्वर से डरता है उसी से डरो
सांसा साएं मेट दे और ना मेटे को, जब हो काम संदेह का तो नाम उसी का लो
ईश्वर के अतिरिक्त कोई संशय दूर नहीं कर सकता, जब कोई ख़तरनाक जुरम करता हो अथवा दुविधा की बात है तो ईश्वर का स्मरण करना चाहिए
तुझ पड़े जो हादिसा दिल में मत घबरा जब साईं की हो दया काम तुरत बन जा
अगर मुसीबत पड़े तो घबराना नहीं चाहिए ईश्वर की कृपा हो तो सब काम बन जाएंगे
यूँ मत जाने बावरे कि पाप न पूछे कोय, साईं के दरबार में इक दिन लेखा होय
मूर्ख ये न समझ कि पाप को कोई नहीं पूछेगा ईश्वर के समक्ष एक दिन हिसाब देना होगा
ये बातें मत कीजियो कधे न तू ऐ यार, जिन बातों में रूस जा साईं और संसार
ऐसी बातें नहीं करनी चाहियें जिस में ईश्वर और संसार दोनों अप्रसन्न हों
ये दुनिया दिन चार है संग न तेरे जा, साईं का रख आसरा और वा से ही नेह लगा
ये संसार नश्वर है, ईश्वर से ध्यान लगा
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nisf
निस्फ़
.نِصف
half
[ Kamod raat ke pahle nisf pahar mein gaya jata hai ]

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'alaahida
'अलाहिदा
.عَلاحِدَہ
separate, apart (from)
[ Bete ki khatir bahut se laundi-ghulam aur hathi-ghode, bagh aur pargane alahida kiye hain ]

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'uruuj
'उरूज
.عُرُوج
success, rising
[ Akbar ke ahd mein Mughal khandan ki taraqqi apne uruj par thi ]

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maaliyaat
मालियात
.مالِیات
economics
[ Bhagatram ne MA ki degree hasil ki aur apne hi college mein maliyaat ka professor hua ]

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zavaal
ज़वाल
.زَوال
decline, wane, decay, fall
[ Angrez Hindustan mein Mughlon ke zawal ka zariya bane ]

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baaG
बाग़
.باغ
orchard, garden
[ Zaaer ne phulon ka ek bagh banaya hai jahan wo subah-sham ja kar aaram karta hai ]

Today's Vocabulary
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taKHmiina
तख़मीना
.تَخْمِینَہ
appraisement, valuation, estimate, surmise, guess
[ Company ke munafe ka takhmina agle mali saal mein 15 fisad tak badhne ki tavaqqo hai ]

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izaafa
इज़ाफ़ा
.اِضافَہ
increase, augmentation
[ Barsat ke dinon mein nadiyon ki rawani mein izafa ho jata hai ]

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maa'zuur
मा'ज़ूर
.مَعْذُور
(Metaphorically) helpless, powerless
[ Hamein maazoor aur laachaar logon ki madad karni chahiye ]

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charaaG-paa
चराग़-पा
.چَراغ پا
the state of being angry or displease
[ Jab Hamza ne doston ki mahfil mein mazaq udaya, to Aadil Hamza ki bad-tamizi par chiragh-pa ho gaya ]

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