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route man

शुमाली अमरीका मानी१-

रेते में पेशाब किया

अर्थात यह ख़र्च झटपट बेफ़ाइदा गया

रेती में पेशाब किया

बे कार गया, रायगां गया

रोटी पड़ी मुँह में ज़ात पड़ी गुह में

रोओ पिया किसी तरह हाथ आ जाये कुछ पर्वा नहीं

ज़ात पड़ी खोह में और रोटी पड़ी मुँह में

जो व्यक्ति रुपए के आगे शालीनता का मुल्य न जाने

रोटी गई मुँह में ज़ात गई गूह में

नीच ज़ात से शादी करने या ईसाई या मुसलमान होजाने के मौक़ा पर कहते हैं, ख़ुशहाली या रिज़्क की ख़ातिर इंसान ज़लील काम भी कर गुज़रता है

मुफ़्त की दा'वत में फ़क़त रोटी में गोश्त है

मुफ़्त की साधारण वस्तु भी अच्छी होती है

दाल-रोटी खाए टूटा पड़े तो भाड़ में जाए

सावधानियों के बावजूद भी नुक़्सान पहुंचे तो बेबसी और लाचारी है

पैसा आवे पैसा जावे , लोग नफ़ा' में रोटी खावें

रुपया पैसा खाने पीने की चीज़ नहीं लेकिन खाना पीना उन से मुहय्या होता है

पेट में रोटी पड़ना

have bread in the belly

आँवले का खाया बा'द में मज़ा देता है

पूर्वजों का कहना पीछे याद आता है

दाँता किलकिल में पड़ना

झगड़े में पड़ जाना, संकट या मुसीबत में फंस जाना

मुफ़्त की दा'वत में फ़क़त रोटी ही गोश्त है

मुफ़्त की साधारण वस्तु भी अच्छी होती है

इतनी तो राई होगी जो राइते में पड़े

गुज़र-बसर या निबाह के लिए सामान मौजूद है, इतना ही है जितनी आवश्यक्ता है, इतना साधन तो है कि हमारा काम चल जाए

भूका चाहे रोटी दाल रजा कहे मैं जोड़ूँ माल

भूखा आदमी दाल रोटी पर जीवन व्यतीत करता है अमीर धन एवं दौलत ईकट्ठा करना चाहता है

काछ की रोटी पेट में बाँधना

बाला-ए-ख़ाना, शहि निशी , बरामदा , मीनार, बुरज लाम क़िला की फ़सील

इतनी तो राई होगी जितनी राइते में पड़े

गुज़र-बसर या निबाह के लिए सामान मौजूद है, इतना ही है जितनी आवश्यक्ता है, इतना साधन तो है कि हमारा काम चल जाए

जब कमर में ज़ोर होता है तो मदार साहब भी देते हैं

बेरों फ़क़ीर वन की दुआ का तब ही असर होता है जब अपने आप भी कोशिश की जाये

लेते देते की दोनों जहाँ में ख़ैर

(साधुओं की पुकार) दान करने वाले का धार्मिक और सांसारिक दोनों रूपों में भला हो

रोटी दाल में ख़ुश रहना

सुखी रहना

लेते देते की दोनों जहान में ख़ैर

۔فقیروں کی دعا۔ ؎

काठ की रोटी पेट में बाँधना

फ़ाक़े की अज़ीयत उठाना, भूक बर्दाश्त करना, सब्र करना

तुम क्यों फाटे में पाँव देते हो

तुम क्यों दूसरे के झगड़े में दख़ल देते हो

जब तक बच्चा रोता नहीं माँ दूध नहें देती

बिना माँगे कुछ नहीं मिलता

रोए बग़ैर माँ भी दूध नहीं देती

बगै़र मशक्कत कोई मक़सद हासिल नहीं होता

तिनका दाँतो में लेना

(मग़्लूब होकर) जान बख़शी चाहना, पनाह माँगना

दु'आ में रोटी या मय-ए-तक़्दीस करना

(مسیحی) روٹی اور شرابِ ارغوانی کی بھین٘ٹ چڑھانا

हाथ में दे रोटी और सर में मारे जूती

ऐसा कमज़र्फ़ है कि अगर एहसान करता है तो बार बार बताए बगै़र नहीं रहता, कमज़र्फ़ का एहसान बुरा होता है

हाथ में दे रोटी और सर पर मारे जूती

(of someone very mean) gives alms and curses simultaneously

चोर की जोरू कोने में मुँह दे कर रोती है

बेचारी चोर की पत्नी को हर समय अपने पति के पकड़े जाने की चिंता होती है

जैसे दूध में से मक्खी निकाल कर फेंक देते हैं

किसी को मुआमले से ना काम या अलग कर देने के मौक़ा पर कहते हैं

मुँह में रोटी सर पर जूती

۔کمال بے عزتی کے ساتھ روٹی دینے کے لےے بولتے ہیں۔

मुँह में रोटी सर पर जूती

निर्लज्जता के साथ जीवन यापन होता है, बड़ी बेशर्मी के साथ रोटी मिलती है, अपमान और बदनामी से गुज़र होना

सर पर जूती और मुँह में रोटी

उस अवसर पर प्रयोग किया जाता है जब कोई खिलाने-पिलाने में कमी न करे परंतु डांट डपट और मारने पीटने में भी कोई कमी नहीं करता

सर पर जूती, हाथ में रोटी

खाने को मिल जाये ख़ाह बे इज़्ज़ती ही क्यों ना हो, बेग़ैरत को बेइज़्ज़ती की पर्वा नहीं होती, वो फ़ायदा से काम रखता है

बिन रोए माँ भी दूध नहीं देती

बिना माँगे कोई चीज़ प्राप्त नहीं होती, जीविका प्राप्त करने में मेहनत करना एवं जूझना आवश्यक है

किसी को तवे में दिखाई देता है किसी को आर्सी में

कोई लायक़ है और कोई साधारण योग्यता का, हर व्यक्ति अपनी समझ के अनुसार काम करता है

चोर की जोरू कोने में सिर दे कर रोती है

बेचारी चोर की पत्नी को हर समय अपने पति के पकड़े जाने की चिंता होती है

गधी भी जवानी में भली मा'लूम देती है

जवानी में बदसूरत भी ख़ूबसूरत लगता है

बिन रोए माँ भी बच्चे को दूध नहीं देती

बिना माँगे कोई चीज़ प्राप्त नहीं होती, जीविका प्राप्त करने में मेहनत करना एवं जूझना आवश्यक है

बिन माँगे माँ भी बच्चे को दूध नहीं देती

बिना माँगे कोई वस्तु प्राप्त नहीं होती, जीविका प्राप्त करने में मेहनत करना एवं जूझना आवश्यक है

मीठी बातों में दिन रात कटते मा'लूम नहीं देते

अच्छी बातों या ख़ुशहाली में समय जल्द बीत जाता है

बात कहिये जग भाती और रोटी खाइये मन भाती

खाने को तो मनुष्य जो चाहे खाए परंतु बात ऐसी करनी चाहिए जिससे लोग प्रसन्न हों अथवा जो लोगों को पसंद हो

भूभल में रोटी दाब कर तो नहीं आई

जब कोई औरत जल्दी वापस जाने लगे तो कहते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मुँह में रोटी सर पर जूती के अर्थदेखिए

मुँह में रोटी सर पर जूती

mu.nh me.n roTii sar par juutiiمُنھ میں روٹی سَر پَر جُوتی

مُنھ میں روٹی سَر پَر جُوتی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ۔کمال بے عزتی کے ساتھ روٹی دینے کے لےے بولتے ہیں۔

Urdu meaning of mu.nh me.n roTii sar par juutii

  • Roman
  • Urdu

  • ۔kamaal be.izztii ke saath roTii dene ke liye bolte hai.n

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शुमाली अमरीका मानी१-

रेते में पेशाब किया

अर्थात यह ख़र्च झटपट बेफ़ाइदा गया

रेती में पेशाब किया

बे कार गया, रायगां गया

रोटी पड़ी मुँह में ज़ात पड़ी गुह में

रोओ पिया किसी तरह हाथ आ जाये कुछ पर्वा नहीं

ज़ात पड़ी खोह में और रोटी पड़ी मुँह में

जो व्यक्ति रुपए के आगे शालीनता का मुल्य न जाने

रोटी गई मुँह में ज़ात गई गूह में

नीच ज़ात से शादी करने या ईसाई या मुसलमान होजाने के मौक़ा पर कहते हैं, ख़ुशहाली या रिज़्क की ख़ातिर इंसान ज़लील काम भी कर गुज़रता है

मुफ़्त की दा'वत में फ़क़त रोटी में गोश्त है

मुफ़्त की साधारण वस्तु भी अच्छी होती है

दाल-रोटी खाए टूटा पड़े तो भाड़ में जाए

सावधानियों के बावजूद भी नुक़्सान पहुंचे तो बेबसी और लाचारी है

पैसा आवे पैसा जावे , लोग नफ़ा' में रोटी खावें

रुपया पैसा खाने पीने की चीज़ नहीं लेकिन खाना पीना उन से मुहय्या होता है

पेट में रोटी पड़ना

have bread in the belly

आँवले का खाया बा'द में मज़ा देता है

पूर्वजों का कहना पीछे याद आता है

दाँता किलकिल में पड़ना

झगड़े में पड़ जाना, संकट या मुसीबत में फंस जाना

मुफ़्त की दा'वत में फ़क़त रोटी ही गोश्त है

मुफ़्त की साधारण वस्तु भी अच्छी होती है

इतनी तो राई होगी जो राइते में पड़े

गुज़र-बसर या निबाह के लिए सामान मौजूद है, इतना ही है जितनी आवश्यक्ता है, इतना साधन तो है कि हमारा काम चल जाए

भूका चाहे रोटी दाल रजा कहे मैं जोड़ूँ माल

भूखा आदमी दाल रोटी पर जीवन व्यतीत करता है अमीर धन एवं दौलत ईकट्ठा करना चाहता है

काछ की रोटी पेट में बाँधना

बाला-ए-ख़ाना, शहि निशी , बरामदा , मीनार, बुरज लाम क़िला की फ़सील

इतनी तो राई होगी जितनी राइते में पड़े

गुज़र-बसर या निबाह के लिए सामान मौजूद है, इतना ही है जितनी आवश्यक्ता है, इतना साधन तो है कि हमारा काम चल जाए

जब कमर में ज़ोर होता है तो मदार साहब भी देते हैं

बेरों फ़क़ीर वन की दुआ का तब ही असर होता है जब अपने आप भी कोशिश की जाये

लेते देते की दोनों जहाँ में ख़ैर

(साधुओं की पुकार) दान करने वाले का धार्मिक और सांसारिक दोनों रूपों में भला हो

रोटी दाल में ख़ुश रहना

सुखी रहना

लेते देते की दोनों जहान में ख़ैर

۔فقیروں کی دعا۔ ؎

काठ की रोटी पेट में बाँधना

फ़ाक़े की अज़ीयत उठाना, भूक बर्दाश्त करना, सब्र करना

तुम क्यों फाटे में पाँव देते हो

तुम क्यों दूसरे के झगड़े में दख़ल देते हो

जब तक बच्चा रोता नहीं माँ दूध नहें देती

बिना माँगे कुछ नहीं मिलता

रोए बग़ैर माँ भी दूध नहीं देती

बगै़र मशक्कत कोई मक़सद हासिल नहीं होता

तिनका दाँतो में लेना

(मग़्लूब होकर) जान बख़शी चाहना, पनाह माँगना

दु'आ में रोटी या मय-ए-तक़्दीस करना

(مسیحی) روٹی اور شرابِ ارغوانی کی بھین٘ٹ چڑھانا

हाथ में दे रोटी और सर में मारे जूती

ऐसा कमज़र्फ़ है कि अगर एहसान करता है तो बार बार बताए बगै़र नहीं रहता, कमज़र्फ़ का एहसान बुरा होता है

हाथ में दे रोटी और सर पर मारे जूती

(of someone very mean) gives alms and curses simultaneously

चोर की जोरू कोने में मुँह दे कर रोती है

बेचारी चोर की पत्नी को हर समय अपने पति के पकड़े जाने की चिंता होती है

जैसे दूध में से मक्खी निकाल कर फेंक देते हैं

किसी को मुआमले से ना काम या अलग कर देने के मौक़ा पर कहते हैं

मुँह में रोटी सर पर जूती

۔کمال بے عزتی کے ساتھ روٹی دینے کے لےے بولتے ہیں۔

मुँह में रोटी सर पर जूती

निर्लज्जता के साथ जीवन यापन होता है, बड़ी बेशर्मी के साथ रोटी मिलती है, अपमान और बदनामी से गुज़र होना

सर पर जूती और मुँह में रोटी

उस अवसर पर प्रयोग किया जाता है जब कोई खिलाने-पिलाने में कमी न करे परंतु डांट डपट और मारने पीटने में भी कोई कमी नहीं करता

सर पर जूती, हाथ में रोटी

खाने को मिल जाये ख़ाह बे इज़्ज़ती ही क्यों ना हो, बेग़ैरत को बेइज़्ज़ती की पर्वा नहीं होती, वो फ़ायदा से काम रखता है

बिन रोए माँ भी दूध नहीं देती

बिना माँगे कोई चीज़ प्राप्त नहीं होती, जीविका प्राप्त करने में मेहनत करना एवं जूझना आवश्यक है

किसी को तवे में दिखाई देता है किसी को आर्सी में

कोई लायक़ है और कोई साधारण योग्यता का, हर व्यक्ति अपनी समझ के अनुसार काम करता है

चोर की जोरू कोने में सिर दे कर रोती है

बेचारी चोर की पत्नी को हर समय अपने पति के पकड़े जाने की चिंता होती है

गधी भी जवानी में भली मा'लूम देती है

जवानी में बदसूरत भी ख़ूबसूरत लगता है

बिन रोए माँ भी बच्चे को दूध नहीं देती

बिना माँगे कोई चीज़ प्राप्त नहीं होती, जीविका प्राप्त करने में मेहनत करना एवं जूझना आवश्यक है

बिन माँगे माँ भी बच्चे को दूध नहीं देती

बिना माँगे कोई वस्तु प्राप्त नहीं होती, जीविका प्राप्त करने में मेहनत करना एवं जूझना आवश्यक है

मीठी बातों में दिन रात कटते मा'लूम नहीं देते

अच्छी बातों या ख़ुशहाली में समय जल्द बीत जाता है

बात कहिये जग भाती और रोटी खाइये मन भाती

खाने को तो मनुष्य जो चाहे खाए परंतु बात ऐसी करनी चाहिए जिससे लोग प्रसन्न हों अथवा जो लोगों को पसंद हो

भूभल में रोटी दाब कर तो नहीं आई

जब कोई औरत जल्दी वापस जाने लगे तो कहते हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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