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मुझ

'मैं' का वह रूप जो उसे कर्ता और संबंध कारक की विभक्तियों के अतिरिक्त अन्य शेष कारकों की विभक्तियाँ लगने पर प्राप्त होता है, जैसे- मुझको, मुझसे, मुझ पर आदि

मुझ

'मैं' का वह रूप जो उसे कर्ता और संबंध कारक की विभक्तियों के अतिरिक्त अन्य शेष कारकों की विभक्तियाँ लगने पर प्राप्त होता है, जैसे- मुझको, मुझसे, मुझ पर आदि

मुझी

मुझ ही, मिसाल के लिए देखो क्या तमाशा है

मुझे

एक पुरुषवाचक सर्वनाम जो उत्तम पुरुष, एकवचन और उभयलिग है तथा वक्ता या उसके नाम की ओर संकेत करता है । यह 'मैं' का वह रूप है जो उसे कर्म और संप्रदान कारक में प्राप्त होता है । इसमें लगी हुई एकार की मात्रा विभक्ति का चिह्न है, इसलिये इसके आगे कारक चिह्न नहीं लगता, मुझको

मुझ-को

मेरे स्वयं के प्रति, मुझे, मेरे लिए

मुझ में

मेरी ज़ात में, मेरे अंदर, मुझमें, अपने आप में

मुझ से

मेरी ज़ात से, मेरे से, मेरी जाति से

मुझी-से

मुझ जैसे, मेरे ही जैसे, मेरी ही तरह के, मेरी ही मानिंद

मुझ सा

मेरी मानिंद, मेरे जैसा/जैसे

मुझ़्दा

शुभ सूचना, शुभ संवाद, खुशख़बरी, अच्छी ख़बर

मुझ़्दा

رک : مژدہ جو فصیح ہے ۔

मुझ कने

میرے پاس ، میرے سامنے ۔

मुझ़दुक

एक पारसी धार्मिक सुधारक जिसने कुबाद पिता नौशेरवाँ के समय में एक संप्रदाय चलाया, कई लोग यहाँ तक ​​कि राजा भी उसके अनुयायी बन गए, लेकिन नौशेरवाँ ने उसे और उसके 8000 अनुयायियों को मार डाला

मुझ़्द

سیارہ، مشتری، خوش خبری

मुझ, तुझ

me, you

मुझ-पास

मेरे पास, मेरे समीप

मुझ़्दगानी

खुशखबरी लाने का पुरस्कार ।

मुझ़्दा-हो

ख़ुशख़बरी हो, बधाई हो, मुबारक हो

मुझ में आया

मैं ज़िम्मेदार हूँ, मैं ज़मानतदार हूँ

मुझ में दम नहीं

अधिक कमज़ोर हूँ

मुझ में आया

۔(دہلی عم)میں ذمہ دار ہوں ۔میں ضامن ہوں

मुझ जैसे को

मेरे जैसा

मुझ को पीटे

(ओ) मेरा मातम करे, मेरा मिरा मुँह देखे, है है करे, हमें खाए, हमारा जनाज़ा देखे , बतौर क़िस्म मुस्तामल

मुझ को पीटो

रुक : मुझ को पीटे

मुझ सीं चलना

मेरी चलना, मेरा बस चलना

मुझ में क्या बाक़ी है

जल्दी मरने वाला हूँ

मुझ वाल

मुझ सा, मेरी तरह का, मेरे जैसा, जैसा मैं हूँ

मुझी पीटो

मिरा मुर्दा देखो (किसी काम से रोकने के लिए किस्म के तौर पर मुस्तामल

मुझ से बुरा कोई नहीं

में बहुत नाराज़ हूँगा, बहुत बुरा मानोंगा, जो सज़ा या आज़ार दे सकता हूँ दूंगा

मुझ़्दा-बाद

मुबारक हो, धन्यवाद

मुझे और तुझे ठौर

मुझे तेरे बगै़र और तुझे मेरे बगै़र चैन नहीं

मुझे क़सम है

I swear

मुझ को पाता है तो छुरी को नहीं पाता

जान का दुश्मन है , क्या करे कुछ बस नहीं चलता यानी जब तक ख़ुदा ना चाहे कोई किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

मुझ को पाता है तो छुरी को नहीं पाता

किसी के प्रति अपना तीव्र रोष और विद्वेष प्रकट करना

मुझ को पाता है तो हथियार को नहीं पाता

जान का दुश्मन है , क्या करे कुछ बस नहीं चलता यानी जब तक ख़ुदा ना चाहे कोई किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

मुझी गाड़ो

मिरा मुर्दा देखो (किसी काम से रोकने के लिए किस्म के तौर पर मुस्तामल

मुझ से भी टाँच लाए

मुझ से भी नाहक़ झगड़ा क्या या लड़ पड़े

मुझे गाड़ो

۔(عو) دیکھو مرا مردہ۔

मुझ को पाता है तो तलवार को नहीं पाता

जान का दुश्मन है , क्या करे कुछ बस नहीं चलता यानी जब तक ख़ुदा ना चाहे कोई किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

मुझ़्दा-रसाँ

ख़ुशख़बरी पहुंचाने वाला, अच्छी खबर पहूँचाने वाला, ख़ुशी का संदेश देने वाला

मुझ को न मारे तो सारे जहाँ को मार आऊँ

कायर या भीरु अथवा झगड़ालू व्यक्ति के लिए व्यंगात्मक तौर पर कहते हैं

मुझ को कोई न मारे तो सारे जहाँ को मार आऊँ

कायर व्यक्ति ख़तरे से डरता है

मुझ को बूढ़िया न कहना कोई , मैं तो लाल पलंग पर सोई

रुक : मुझे बढ़िया ना कहो कोई अलख

मुझ़्दा मिलना

ख़ुश-ख़बरी मिलना, बशारत होना

मुझ को चाहते हो तो मेरे कुत्ते को भी चाहो

अगर मुझ से मुहब्बत है तो मेरी ज़रीत से भी मुहब्बत रखनी होगी

मुझ़्दा सुनना

मुज़्दा सुनाना (रुक) का लाज़िम, ख़ुशख़बरी सुनना या पाना

मुझ़्दा लाना

ख़ुश-ख़बरी लाना, बशारत देना

मुझ़्दा देना

रुक : मुज़्दा पहुंचाना

मुझे क्या हुआ है

में किस हाल में मुबतला हूँ, मेरी क्या हालत होगई है

मुझे खो दिया

नष्ट कर दिया, तबाह कर दिया

मुझे दे सूप तू हाथों फूँक

स्वार्थी व्यक्ति के संबंध में कहते हैं कि उसे अपने काम से काम होता है दूसरे की पीड़ा एवं तकलीफ़ की परवाह नहीं होती

मुझे ओर न तुझे ठोर

एक दूजे के लिए दोनों आवश्यक हैं

मुझे क्या नहीं आता

मैं हर विद्या और कौशल से परिचित हूँ

मुझ़दा सुनाना

अच्छी ख़बर देना, ख़ुश-ख़बरी देना

मुझ़्दा-ए-जाँ-फिज़ा

आत्मा को सुख देने वाला शुभ सन्देश, मन की चेतना को सुख वाला शुभ समाचार

मुझ़्दा-जाँफ़िज़ा

زندگی بڑھانے والی خوش خبری ، بہت بڑی خوش خبری ۔

मुझे क्या कहता है

मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं मुझे दोष क्यूँ देता है

मुझी मुँह न दिखा

(घृणा प्रकट करते हुए) मुझे अपना रूप न दिखा, मेरे सामने मत आ

मुझे ओर नहीं तुझे ठोर नहीं

एक दूजे के लिए दोनों आवश्यक हैं

मुझ़्दा पहुँचाना

ख़ुश-ख़बरी देना, अच्छी ख़बर पहचाना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मुझ को पाता है तो छुरी को नहीं पाता के अर्थदेखिए

मुझ को पाता है तो छुरी को नहीं पाता

mujh ko paataa hai to chhurii ko nahii.n paataaمُجھ کو پاتا ہے تو چُھری کو نَہیں پاتا

मुझ को पाता है तो छुरी को नहीं पाता के हिंदी अर्थ

  • जान का दुश्मन है , क्या करे कुछ बस नहीं चलता यानी जब तक ख़ुदा ना चाहे कोई किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

مُجھ کو پاتا ہے تو چُھری کو نَہیں پاتا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جان کا دشمن ہے ؛ کیا کرے کچھ بس نہیں چلتا یعنی جب تک خدا نہ چاہے کوئی کسی کو نقصان نہیں پہنچا سکتا ۔

Urdu meaning of mujh ko paataa hai to chhurii ko nahii.n paataa

  • Roman
  • Urdu

  • jaan ka dushman hai ; kyaa kare kuchh bas nahii.n chaltaa yaanii jab tak Khudaa na chaahe ko.ii kisii ko nuqsaan nahii.n pahunchaa saktaa

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मुझ

'मैं' का वह रूप जो उसे कर्ता और संबंध कारक की विभक्तियों के अतिरिक्त अन्य शेष कारकों की विभक्तियाँ लगने पर प्राप्त होता है, जैसे- मुझको, मुझसे, मुझ पर आदि

मुझ

'मैं' का वह रूप जो उसे कर्ता और संबंध कारक की विभक्तियों के अतिरिक्त अन्य शेष कारकों की विभक्तियाँ लगने पर प्राप्त होता है, जैसे- मुझको, मुझसे, मुझ पर आदि

मुझी

मुझ ही, मिसाल के लिए देखो क्या तमाशा है

मुझे

एक पुरुषवाचक सर्वनाम जो उत्तम पुरुष, एकवचन और उभयलिग है तथा वक्ता या उसके नाम की ओर संकेत करता है । यह 'मैं' का वह रूप है जो उसे कर्म और संप्रदान कारक में प्राप्त होता है । इसमें लगी हुई एकार की मात्रा विभक्ति का चिह्न है, इसलिये इसके आगे कारक चिह्न नहीं लगता, मुझको

मुझ-को

मेरे स्वयं के प्रति, मुझे, मेरे लिए

मुझ में

मेरी ज़ात में, मेरे अंदर, मुझमें, अपने आप में

मुझ से

मेरी ज़ात से, मेरे से, मेरी जाति से

मुझी-से

मुझ जैसे, मेरे ही जैसे, मेरी ही तरह के, मेरी ही मानिंद

मुझ सा

मेरी मानिंद, मेरे जैसा/जैसे

मुझ़्दा

शुभ सूचना, शुभ संवाद, खुशख़बरी, अच्छी ख़बर

मुझ़्दा

رک : مژدہ جو فصیح ہے ۔

मुझ कने

میرے پاس ، میرے سامنے ۔

मुझ़दुक

एक पारसी धार्मिक सुधारक जिसने कुबाद पिता नौशेरवाँ के समय में एक संप्रदाय चलाया, कई लोग यहाँ तक ​​कि राजा भी उसके अनुयायी बन गए, लेकिन नौशेरवाँ ने उसे और उसके 8000 अनुयायियों को मार डाला

मुझ़्द

سیارہ، مشتری، خوش خبری

मुझ, तुझ

me, you

मुझ-पास

मेरे पास, मेरे समीप

मुझ़्दगानी

खुशखबरी लाने का पुरस्कार ।

मुझ़्दा-हो

ख़ुशख़बरी हो, बधाई हो, मुबारक हो

मुझ में आया

मैं ज़िम्मेदार हूँ, मैं ज़मानतदार हूँ

मुझ में दम नहीं

अधिक कमज़ोर हूँ

मुझ में आया

۔(دہلی عم)میں ذمہ دار ہوں ۔میں ضامن ہوں

मुझ जैसे को

मेरे जैसा

मुझ को पीटे

(ओ) मेरा मातम करे, मेरा मिरा मुँह देखे, है है करे, हमें खाए, हमारा जनाज़ा देखे , बतौर क़िस्म मुस्तामल

मुझ को पीटो

रुक : मुझ को पीटे

मुझ सीं चलना

मेरी चलना, मेरा बस चलना

मुझ में क्या बाक़ी है

जल्दी मरने वाला हूँ

मुझ वाल

मुझ सा, मेरी तरह का, मेरे जैसा, जैसा मैं हूँ

मुझी पीटो

मिरा मुर्दा देखो (किसी काम से रोकने के लिए किस्म के तौर पर मुस्तामल

मुझ से बुरा कोई नहीं

में बहुत नाराज़ हूँगा, बहुत बुरा मानोंगा, जो सज़ा या आज़ार दे सकता हूँ दूंगा

मुझ़्दा-बाद

मुबारक हो, धन्यवाद

मुझे और तुझे ठौर

मुझे तेरे बगै़र और तुझे मेरे बगै़र चैन नहीं

मुझे क़सम है

I swear

मुझ को पाता है तो छुरी को नहीं पाता

जान का दुश्मन है , क्या करे कुछ बस नहीं चलता यानी जब तक ख़ुदा ना चाहे कोई किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

मुझ को पाता है तो छुरी को नहीं पाता

किसी के प्रति अपना तीव्र रोष और विद्वेष प्रकट करना

मुझ को पाता है तो हथियार को नहीं पाता

जान का दुश्मन है , क्या करे कुछ बस नहीं चलता यानी जब तक ख़ुदा ना चाहे कोई किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

मुझी गाड़ो

मिरा मुर्दा देखो (किसी काम से रोकने के लिए किस्म के तौर पर मुस्तामल

मुझ से भी टाँच लाए

मुझ से भी नाहक़ झगड़ा क्या या लड़ पड़े

मुझे गाड़ो

۔(عو) دیکھو مرا مردہ۔

मुझ को पाता है तो तलवार को नहीं पाता

जान का दुश्मन है , क्या करे कुछ बस नहीं चलता यानी जब तक ख़ुदा ना चाहे कोई किसी को नुक़्सान नहीं पहुंचा सकता

मुझ़्दा-रसाँ

ख़ुशख़बरी पहुंचाने वाला, अच्छी खबर पहूँचाने वाला, ख़ुशी का संदेश देने वाला

मुझ को न मारे तो सारे जहाँ को मार आऊँ

कायर या भीरु अथवा झगड़ालू व्यक्ति के लिए व्यंगात्मक तौर पर कहते हैं

मुझ को कोई न मारे तो सारे जहाँ को मार आऊँ

कायर व्यक्ति ख़तरे से डरता है

मुझ को बूढ़िया न कहना कोई , मैं तो लाल पलंग पर सोई

रुक : मुझे बढ़िया ना कहो कोई अलख

मुझ़्दा मिलना

ख़ुश-ख़बरी मिलना, बशारत होना

मुझ को चाहते हो तो मेरे कुत्ते को भी चाहो

अगर मुझ से मुहब्बत है तो मेरी ज़रीत से भी मुहब्बत रखनी होगी

मुझ़्दा सुनना

मुज़्दा सुनाना (रुक) का लाज़िम, ख़ुशख़बरी सुनना या पाना

मुझ़्दा लाना

ख़ुश-ख़बरी लाना, बशारत देना

मुझ़्दा देना

रुक : मुज़्दा पहुंचाना

मुझे क्या हुआ है

में किस हाल में मुबतला हूँ, मेरी क्या हालत होगई है

मुझे खो दिया

नष्ट कर दिया, तबाह कर दिया

मुझे दे सूप तू हाथों फूँक

स्वार्थी व्यक्ति के संबंध में कहते हैं कि उसे अपने काम से काम होता है दूसरे की पीड़ा एवं तकलीफ़ की परवाह नहीं होती

मुझे ओर न तुझे ठोर

एक दूजे के लिए दोनों आवश्यक हैं

मुझे क्या नहीं आता

मैं हर विद्या और कौशल से परिचित हूँ

मुझ़दा सुनाना

अच्छी ख़बर देना, ख़ुश-ख़बरी देना

मुझ़्दा-ए-जाँ-फिज़ा

आत्मा को सुख देने वाला शुभ सन्देश, मन की चेतना को सुख वाला शुभ समाचार

मुझ़्दा-जाँफ़िज़ा

زندگی بڑھانے والی خوش خبری ، بہت بڑی خوش خبری ۔

मुझे क्या कहता है

मेरा इससे कोई लेना-देना नहीं मुझे दोष क्यूँ देता है

मुझी मुँह न दिखा

(घृणा प्रकट करते हुए) मुझे अपना रूप न दिखा, मेरे सामने मत आ

मुझे ओर नहीं तुझे ठोर नहीं

एक दूजे के लिए दोनों आवश्यक हैं

मुझ़्दा पहुँचाना

ख़ुश-ख़बरी देना, अच्छी ख़बर पहचाना

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