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और से और

मुतग़य्यर, बदला हुआ, दिगरगूँ

और इरादे से

बुरे इरादे से

बीनी और दो गोश से

من تنہا ، اکیلا.

भूत से पूत और कीड़ से आमले

बेजा उम्मीद या इच्छा नहीं रखनी चाहिए, ये इच्छा अत्यधिक है ऐसा नहीं होता

अड़ते से अड़ जाइए और चलते से चल दूर

लड़ने वाले से लड़ो और उपेक्षा करने वाले की उपेक्षा करो

बाप से बैर और पूत से सगाई

जिससे शत्रुता उसी के माली से मित्रता, बड़ों से लड़ाई-झगड़े और छोटों से मैत्रीपूर्ण संबंध, शत्रुओं के रिश्तेदारों से संबंध स्थापित करने के अवसर पर प्रयोग किया जाता है

सुर और लय से गाना

संगीत के नियमों के अनुसार गाना, मूसीक़ी के उसूलों के मुताबिक़ गाना

बिल्ली और हमीं से मियाओं

रुक : हमारी बिल्ली हमें से मियाऊं

साईं से सच्चा और बंदे से सत भाव

इंसान को हर हाल में पाकबाज़ रहना चाहीए

'इश्क़ और मुश्क छुपाने से नहीं छुपता

प्रेम का राज़ और कस्तूरी की ख़ुशबू या सुगंध प्रकट हो कर रहती है

सा'दुल्लाह बने और मन से उतरा रहे

अच्छा भी बने और क़दर नहू, खरी बात ख़ैर अल्लाह कहीं अलख

रहना दरिया में और मगरमछ से बैर

रुक : दरिया में रहना और मगरमच्छ से बीर

दरिया में रहना और मगरमछ से बैर

जहाँ रहना वहाँ शक्तिशाली आदमीयों का विरोध करना मूर्खता है

बिफरे रिज़ाले और भूके अशराफ़ से डरिये

कमेह ग़ुस्से की हालत में और शरीफ़ भूक की हालत में ख़तरनाक होता है

नाज़ कर नाज़ बरदार से और सौदा कर ख़रीदार से

अदाऐं सिर्फ़ आशिक़ को दिखाना चाहिए, नख़रे सहने वाले ही से नख़रे करना चाहिए

काल बागड़े दीजे और बुरा बामन से हो

क़हत हमेशा बागड़े के इलाक़े से शुरू होता है और ब्रहमन से हमेशा नुक़्सान होता है

मंगनी से मीठी नहीं और चौथी से कड़वी नहीं

मंगनी बहुत अच्छी चीज़ है, मंगनी में ज़्यादा मज़ा आता है और चौथी की रस्म में अक्सर झगड़ा हो जाता है

हम से और चौसर

हमारे साथ ये चालाकियाँ

काल बागड़े उपजे और बुरा बामन से हो

क़हत हमेशा बागड़े के इलाक़े से शुरू होता है और ब्रहमन से हमेशा नुक़्सान होता है

चुप आदमी और बँधे पानी से डरना चाहिये

آدمی کی خاموشی اور بند پانی دونوں خطرناک ہیں.

हमारी बिल्ली और हमीं से मियाओं

हमारा आज्ञाकारी और हमसे मुक़ाबला करे, हमारा खाए और हम पर ग़ुर्राए (एहसान फ़रामोश के बारे में कहते हैं)

कम-ज़ात से वफ़ा नहीं और अस्ल से ख़ता नहीं

कमीने आदमी से किसी भलाई या वफा की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए

क़र्ज़ का खाना और फूँस से तापना यकसाँ है

क़र्ज़ की चीज़ और फूंस की आग टिकाऊ नहीं होती है, बे बरकत है, कुछ लाभ नहीं होता पर लाचारी को क्या करे

अपने से बचे तो और को दें

पहले हक़ स्वजनों का है बाद में दूसरों का

मूसा डरा मौत से और आगे मौत खड़ी

मौत से छुटकारा मुम्किन नहीं

मेरी बिल्ली और मुझी से म्याऊँ

मेरा आज्ञाकारी और मुझ ही से लड़े (अधिकतर हमारी बिल्ली और हम से म्याऊं करती है)

शेरों से शिकार और कव्वों से बड़े कौन ले सकता है

ज़बरदस्त से कुछ नहीं मिलता

बिल्ली और हमीं से मियाओं बंदगी

हमारा सलाम पहुँचे; अर्थात: हम वापस आए; हमें माफ़ रखिए

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

न ख़ुदा का ख़ौफ़ और न रसूल से शर्म

इंतिहाई ढीट, बदकार-ओ-बेहिस हो जाने वाले के मुताल्लिक़ कहते हैं

हाथी की अगाड़ी और घोड़े की पिछाड़ी से डरना चाहिए

हाथी और घोड़े की चपेट में आने से बचना चाहिए

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से क़ंद पड़ा

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

चिड़िया जी से गई और राजा ने कहा अलौनी खाई

रुक : चिड़िया अपनी जान से अलख

पहले लिख और पीछे दे , भूल पड़े काग़ज़ से ले

financial transactions must be put in writing

भूके शरीफ़ और पेट भरे रज़ील से डरना चाहिये

दोनों लड़ने मरने को तैयार रहते हैं

सोने का निवाला खिलाना और शेर की नज़र से देखना

हर प्रकार की सुख-सुविधा के साथ प्रशिक्षण देना, शिष्टाचार सिखाना, लाड-प्यार देना मगर मर्यादा न लाँघने देना

बात ज़बान या मुँह से निकलना और पराई हो जाना

किसी बात का मशहूर हो जाना, किसी मामले को फैलने से रोकना क़ाबू से बाहर हो जाना

हमारी बिस्मिल्लाह और हम से ही छू

रुक : हमारी बिल्ली और हमें से मियाऊं, जो मारूफ़-ओ-मुस्तामल है

बुड्ढे बाप और पुराने कपड़े से शर्माना नहीं चाहिए

one should not be ashamed of one's family and condition, i.e. one should always be truthful and honest

भूके से कहा दो और दो क्या, कहा चार रोटियाँ

स्वार्थी व्यक्ति के संबंध में कहते हैं

घर में भोनी भाँग नहीं और उल्फ़त सब्ज़ रंगों से

कोई निर्धनता की हालात में बड़ी बड़ी आशाएँ या ग़रीबी में अमीरों की रेस करे तो उस के प्रति कहते हैं

भूका भले मानस और पेट भरे गँवार से न बोले

ये दोनों उन हालतों में बेबाक और मग़लूब-उल-ग़ज़ब होते हैं

रोटी और औलाद से किसी का पेट भरा है

हर शख़्स रोज़ी और औलाद की कसरत चाहता है

गढ़े में से निकले और कुँवें में गिरे

कोई शख़्स किसी मुसीबत या किसी तकीफ़ से छुटकारा पा कर किसी दूसरी मुसबीयत में जो पहली जैसी या इस से बदतर हो गिरफ़्तार हो जाये तो बोलते हैं

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से मिला क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

हमारी बिल्ली और हमीं से मियाओं-मियाओं

रुक : हमारी बिल्ली हमें से मियाऊं

सूत न कपास और जुलाहे से लट्ठम लट्ठा

fight over something which does not exist

सूत न कपास और कोली से लट्ठम लट्ठा

किसी चीज़ का न अस्तित्व है न निशानी अथवा कारण

सूत न कपास और जुलाहे से लट्ठम लट्ठा

किसी चीज़ का ना वजूद है ना आसार या अस्बाब (इस मौक़ा पर मुस्तामल जब कि कोई बे वजूद बात को हक़ीक़त-ए-मफ़रूज़ा समझ कर उस की बुनियाद पर कोई काम या गुफ़्तगु करे)

सब से भला किसान, खेती करे और घर रहे

दूसरे व्यवसाय वाले मारे मारे फिरते हैं, किसान अपने घर रहता है इस लिए सबसे अच्छा होता है

घर में भूनी भाँग नहीं और उल्फ़त सब्ज़ा रंगों से

निर्धनता में अय्याशी का शौक़

कायथों में सब से छोटे और भाँडों में सब से बड़े की कमबख़्ती है

कायथ छोटों से बहुत काम कराते हैं भांडों में बड़े को करना पड़ता है

गढ़े में से निकले और कुए में गिरे

कोई शख़्स किसी मुसीबत या किसी तकीफ़ से छुटकारा पा कर किसी दूसरी मुसबीयत में जो पहली जैसी या इस से बदतर हो गिरफ़्तार हो जाये तो बोलते हैं

गर्मी सब्ज़ह रंगों से और घर में भूनी भाँग नहीं

निर्धनता में अय्याशी का शौक़

चोर से कहे तू चोरी कर और साह से कहे तू जागते रहियो

दोनों विपक्षी पक्षों से बनाए रखना

मेरी ही बिल्ली और मुझ से ही म्याऊँ

रुक : मेरी बिल्ली और मुझी से मियाऊं

कमान से निकला तीर और मुँह से निकली बात फिर नहीं आते

बहुत सोचने समझने के बा'द बात कहनी चाहिए

टूटी है तो किसी से जुड़ी नहीं और जुड़ी है तो कोई तोड़ सकता नहीं

बीमार आदमी को सांत्वना देने के लिए कहते हैं

प्रीतम हर से नेह कर जैसे खेत किसान, घाटे दे और डंड भरे फेर खेत से ध्यान

ईश्वर से प्रेम इस तरह होनी चाहिये जिस तरह किसान को अपने खेत से होती है गरचे हानि उठाता है परंतु उसे छोड़ता नहीं

कमान से निकला तीर और मुँह से निकली बात फिर नहीं आती

बहुत सोचने समझने के बा'द बात कहनी चाहिए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मेरी बिल्ली और मुझी से म्याऊँ के अर्थदेखिए

मेरी बिल्ली और मुझी से म्याऊँ

merii billii aur mujhii se myaa.uu.nمیری بِلّی اَور مُجھی سے مِیاؤں

कहावत

मेरी बिल्ली और मुझी से म्याऊँ के हिंदी अर्थ

  • मेरा आज्ञाकारी और मुझ ही से लड़े (अधिकतर हमारी बिल्ली और हम से म्याऊं करती है)

میری بِلّی اَور مُجھی سے مِیاؤں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • میرا مطیع اور مجھ ہی سے مقابلہ کرے (زیادہ تر ہماری بلی اور ہمیں سے میاؤں بولتے ہیں)

Urdu meaning of merii billii aur mujhii se myaa.uu.n

  • Roman
  • Urdu

  • mera mutiia aur mujh hii se muqaabala kare (zyaadaa tar hamaarii billii aur hame.n se miyaa.uu.n bolte hai.n

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और से और

मुतग़य्यर, बदला हुआ, दिगरगूँ

और इरादे से

बुरे इरादे से

बीनी और दो गोश से

من تنہا ، اکیلا.

भूत से पूत और कीड़ से आमले

बेजा उम्मीद या इच्छा नहीं रखनी चाहिए, ये इच्छा अत्यधिक है ऐसा नहीं होता

अड़ते से अड़ जाइए और चलते से चल दूर

लड़ने वाले से लड़ो और उपेक्षा करने वाले की उपेक्षा करो

बाप से बैर और पूत से सगाई

जिससे शत्रुता उसी के माली से मित्रता, बड़ों से लड़ाई-झगड़े और छोटों से मैत्रीपूर्ण संबंध, शत्रुओं के रिश्तेदारों से संबंध स्थापित करने के अवसर पर प्रयोग किया जाता है

सुर और लय से गाना

संगीत के नियमों के अनुसार गाना, मूसीक़ी के उसूलों के मुताबिक़ गाना

बिल्ली और हमीं से मियाओं

रुक : हमारी बिल्ली हमें से मियाऊं

साईं से सच्चा और बंदे से सत भाव

इंसान को हर हाल में पाकबाज़ रहना चाहीए

'इश्क़ और मुश्क छुपाने से नहीं छुपता

प्रेम का राज़ और कस्तूरी की ख़ुशबू या सुगंध प्रकट हो कर रहती है

सा'दुल्लाह बने और मन से उतरा रहे

अच्छा भी बने और क़दर नहू, खरी बात ख़ैर अल्लाह कहीं अलख

रहना दरिया में और मगरमछ से बैर

रुक : दरिया में रहना और मगरमच्छ से बीर

दरिया में रहना और मगरमछ से बैर

जहाँ रहना वहाँ शक्तिशाली आदमीयों का विरोध करना मूर्खता है

बिफरे रिज़ाले और भूके अशराफ़ से डरिये

कमेह ग़ुस्से की हालत में और शरीफ़ भूक की हालत में ख़तरनाक होता है

नाज़ कर नाज़ बरदार से और सौदा कर ख़रीदार से

अदाऐं सिर्फ़ आशिक़ को दिखाना चाहिए, नख़रे सहने वाले ही से नख़रे करना चाहिए

काल बागड़े दीजे और बुरा बामन से हो

क़हत हमेशा बागड़े के इलाक़े से शुरू होता है और ब्रहमन से हमेशा नुक़्सान होता है

मंगनी से मीठी नहीं और चौथी से कड़वी नहीं

मंगनी बहुत अच्छी चीज़ है, मंगनी में ज़्यादा मज़ा आता है और चौथी की रस्म में अक्सर झगड़ा हो जाता है

हम से और चौसर

हमारे साथ ये चालाकियाँ

काल बागड़े उपजे और बुरा बामन से हो

क़हत हमेशा बागड़े के इलाक़े से शुरू होता है और ब्रहमन से हमेशा नुक़्सान होता है

चुप आदमी और बँधे पानी से डरना चाहिये

آدمی کی خاموشی اور بند پانی دونوں خطرناک ہیں.

हमारी बिल्ली और हमीं से मियाओं

हमारा आज्ञाकारी और हमसे मुक़ाबला करे, हमारा खाए और हम पर ग़ुर्राए (एहसान फ़रामोश के बारे में कहते हैं)

कम-ज़ात से वफ़ा नहीं और अस्ल से ख़ता नहीं

कमीने आदमी से किसी भलाई या वफा की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए

क़र्ज़ का खाना और फूँस से तापना यकसाँ है

क़र्ज़ की चीज़ और फूंस की आग टिकाऊ नहीं होती है, बे बरकत है, कुछ लाभ नहीं होता पर लाचारी को क्या करे

अपने से बचे तो और को दें

पहले हक़ स्वजनों का है बाद में दूसरों का

मूसा डरा मौत से और आगे मौत खड़ी

मौत से छुटकारा मुम्किन नहीं

मेरी बिल्ली और मुझी से म्याऊँ

मेरा आज्ञाकारी और मुझ ही से लड़े (अधिकतर हमारी बिल्ली और हम से म्याऊं करती है)

शेरों से शिकार और कव्वों से बड़े कौन ले सकता है

ज़बरदस्त से कुछ नहीं मिलता

बिल्ली और हमीं से मियाओं बंदगी

हमारा सलाम पहुँचे; अर्थात: हम वापस आए; हमें माफ़ रखिए

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

न ख़ुदा का ख़ौफ़ और न रसूल से शर्म

इंतिहाई ढीट, बदकार-ओ-बेहिस हो जाने वाले के मुताल्लिक़ कहते हैं

हाथी की अगाड़ी और घोड़े की पिछाड़ी से डरना चाहिए

हाथी और घोड़े की चपेट में आने से बचना चाहिए

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से क़ंद पड़ा

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

चिड़िया जी से गई और राजा ने कहा अलौनी खाई

रुक : चिड़िया अपनी जान से अलख

पहले लिख और पीछे दे , भूल पड़े काग़ज़ से ले

financial transactions must be put in writing

भूके शरीफ़ और पेट भरे रज़ील से डरना चाहिये

दोनों लड़ने मरने को तैयार रहते हैं

सोने का निवाला खिलाना और शेर की नज़र से देखना

हर प्रकार की सुख-सुविधा के साथ प्रशिक्षण देना, शिष्टाचार सिखाना, लाड-प्यार देना मगर मर्यादा न लाँघने देना

बात ज़बान या मुँह से निकलना और पराई हो जाना

किसी बात का मशहूर हो जाना, किसी मामले को फैलने से रोकना क़ाबू से बाहर हो जाना

हमारी बिस्मिल्लाह और हम से ही छू

रुक : हमारी बिल्ली और हमें से मियाऊं, जो मारूफ़-ओ-मुस्तामल है

बुड्ढे बाप और पुराने कपड़े से शर्माना नहीं चाहिए

one should not be ashamed of one's family and condition, i.e. one should always be truthful and honest

भूके से कहा दो और दो क्या, कहा चार रोटियाँ

स्वार्थी व्यक्ति के संबंध में कहते हैं

घर में भोनी भाँग नहीं और उल्फ़त सब्ज़ रंगों से

कोई निर्धनता की हालात में बड़ी बड़ी आशाएँ या ग़रीबी में अमीरों की रेस करे तो उस के प्रति कहते हैं

भूका भले मानस और पेट भरे गँवार से न बोले

ये दोनों उन हालतों में बेबाक और मग़लूब-उल-ग़ज़ब होते हैं

रोटी और औलाद से किसी का पेट भरा है

हर शख़्स रोज़ी और औलाद की कसरत चाहता है

गढ़े में से निकले और कुँवें में गिरे

कोई शख़्स किसी मुसीबत या किसी तकीफ़ से छुटकारा पा कर किसी दूसरी मुसबीयत में जो पहली जैसी या इस से बदतर हो गिरफ़्तार हो जाये तो बोलते हैं

कुछ तो ख़रबूज़ा मीठा और कुछ ऊपर से मिला क़ंद

ख़ूबी दूनी हो गई, मज़ा दूना हो गया, सोने पर सुहागा

हमारी बिल्ली और हमीं से मियाओं-मियाओं

रुक : हमारी बिल्ली हमें से मियाऊं

सूत न कपास और जुलाहे से लट्ठम लट्ठा

fight over something which does not exist

सूत न कपास और कोली से लट्ठम लट्ठा

किसी चीज़ का न अस्तित्व है न निशानी अथवा कारण

सूत न कपास और जुलाहे से लट्ठम लट्ठा

किसी चीज़ का ना वजूद है ना आसार या अस्बाब (इस मौक़ा पर मुस्तामल जब कि कोई बे वजूद बात को हक़ीक़त-ए-मफ़रूज़ा समझ कर उस की बुनियाद पर कोई काम या गुफ़्तगु करे)

सब से भला किसान, खेती करे और घर रहे

दूसरे व्यवसाय वाले मारे मारे फिरते हैं, किसान अपने घर रहता है इस लिए सबसे अच्छा होता है

घर में भूनी भाँग नहीं और उल्फ़त सब्ज़ा रंगों से

निर्धनता में अय्याशी का शौक़

कायथों में सब से छोटे और भाँडों में सब से बड़े की कमबख़्ती है

कायथ छोटों से बहुत काम कराते हैं भांडों में बड़े को करना पड़ता है

गढ़े में से निकले और कुए में गिरे

कोई शख़्स किसी मुसीबत या किसी तकीफ़ से छुटकारा पा कर किसी दूसरी मुसबीयत में जो पहली जैसी या इस से बदतर हो गिरफ़्तार हो जाये तो बोलते हैं

गर्मी सब्ज़ह रंगों से और घर में भूनी भाँग नहीं

निर्धनता में अय्याशी का शौक़

चोर से कहे तू चोरी कर और साह से कहे तू जागते रहियो

दोनों विपक्षी पक्षों से बनाए रखना

मेरी ही बिल्ली और मुझ से ही म्याऊँ

रुक : मेरी बिल्ली और मुझी से मियाऊं

कमान से निकला तीर और मुँह से निकली बात फिर नहीं आते

बहुत सोचने समझने के बा'द बात कहनी चाहिए

टूटी है तो किसी से जुड़ी नहीं और जुड़ी है तो कोई तोड़ सकता नहीं

बीमार आदमी को सांत्वना देने के लिए कहते हैं

प्रीतम हर से नेह कर जैसे खेत किसान, घाटे दे और डंड भरे फेर खेत से ध्यान

ईश्वर से प्रेम इस तरह होनी चाहिये जिस तरह किसान को अपने खेत से होती है गरचे हानि उठाता है परंतु उसे छोड़ता नहीं

कमान से निकला तीर और मुँह से निकली बात फिर नहीं आती

बहुत सोचने समझने के बा'द बात कहनी चाहिए

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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