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बला-मारा

مصیبت زدہ ، آسیب ذدہ ، گرفتار رنج و محن.

मरे हुए बैल के बड़े बड़े दीदे

रुक : मरे बावा की बड़ी बड़ी आँखें

हँसी के मारे पेट में बल पड़ना

निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना

हँसी के मारे पेट में बल पड़ जाना

निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना

मेरा बैल मंतिक़ नहीं पढ़ा

जानवर को अय्यारी नहीं आती नीज़ हम फ़ुज़ूल काम नहीं करते

मारे हँसी की पेट में बल पड़ जाना

बहुत हँसी आना, हँसते-हँसते लोट जाना

बेल का मारा बबूल तले और बबूल का मारा बेल तले

बड़ाबद बख़्त है जहां जाता है नुक़्सान उठाता है

बोल बंदा किस का मेरा कि तेरा

इस अवसर पर प्रयुक्त जब किसी दुर्बल को बलवान के सामने हथियार डालना पड़े

मारे जूतीयों के सर पर एक बाल न रखों

किसी पर अत्यधिक ग़ुस्सा दिखाने के लिए बोलते हैं

एक बोली, दो बोली, मेरी नकटी सटासट बोली

जब लड़की बहुत बातें करने लगे तो माँ कहती है

चुप रहूँ बावा कुत्ता खाए , बोलूँ तो माँ मारी जाए

किसी बात के करने से भी मुसीबत आए और ना करने से भी, हर तरह से मुश्किल का सामना हो तो कहते हैं

मेरी एक बोली, दो बोली, मेरी नकटी सटासट बोली

जब लड़की बहुत बातें करने लगे तो माँ कहती है

तेली का बैल मरे कुम्हारी सती होए

किसी के साथ बेफ़ाइदा हमदर्दी क मौक़ा पर मुस्तमिल

बोलूँ तो माँ मारी जाए, नहीं तो बाप कुत्ता खाए

हर प्रकार से संकट है, न कहते बनता है न चुप रहते

बोली बोलें तो ये बोलें मेरी जूती बोले

अभद्र भाषा का प्रयोग करना या अशिष्टता उन्हीं को मुबारक, हम ऐसा नहीं करेंगे

हरा समुंदर गोपी चंदर बोल मेरी मछली कितना पानी

बोल जो बच्चे एक खेल के दौरान में गाते हैं

छोटी मोटी कामनी सब ही बिस की बेल, बैरी मारे दाँव से ये मारें हँस खेल

स्त्रियों पर व्यंग है

साईं से सांची कहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन मेरी पत रहे सखियों में रहे बोल

स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है

साईं से सांची रहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन में मेरी पत रहे सखियाँ में रहे बोल

स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मेरा बैल मंतिक़ नहीं पढ़ा के अर्थदेखिए

मेरा बैल मंतिक़ नहीं पढ़ा

meraa bail mantiq nahii.n pa.Dhaaمیرا بَیل مَنْطِق نَہِیں پَڑھا

कहावत

मेरा बैल मंतिक़ नहीं पढ़ा के हिंदी अर्थ

  • जानवर को अय्यारी नहीं आती नीज़ हम फ़ुज़ूल काम नहीं करते

میرا بَیل مَنْطِق نَہِیں پَڑھا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جانور کو عیاری نہیں آتی نیز ہم فضول کام نہیں کرتے.

Urdu meaning of meraa bail mantiq nahii.n pa.Dhaa

  • Roman
  • Urdu

  • jaanvar ko ayyaarii nahii.n aatii niiz ham fuzuul kaam nahii.n karte

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बला-मारा

مصیبت زدہ ، آسیب ذدہ ، گرفتار رنج و محن.

मरे हुए बैल के बड़े बड़े दीदे

रुक : मरे बावा की बड़ी बड़ी आँखें

हँसी के मारे पेट में बल पड़ना

निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना

हँसी के मारे पेट में बल पड़ जाना

निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना

मेरा बैल मंतिक़ नहीं पढ़ा

जानवर को अय्यारी नहीं आती नीज़ हम फ़ुज़ूल काम नहीं करते

मारे हँसी की पेट में बल पड़ जाना

बहुत हँसी आना, हँसते-हँसते लोट जाना

बेल का मारा बबूल तले और बबूल का मारा बेल तले

बड़ाबद बख़्त है जहां जाता है नुक़्सान उठाता है

बोल बंदा किस का मेरा कि तेरा

इस अवसर पर प्रयुक्त जब किसी दुर्बल को बलवान के सामने हथियार डालना पड़े

मारे जूतीयों के सर पर एक बाल न रखों

किसी पर अत्यधिक ग़ुस्सा दिखाने के लिए बोलते हैं

एक बोली, दो बोली, मेरी नकटी सटासट बोली

जब लड़की बहुत बातें करने लगे तो माँ कहती है

चुप रहूँ बावा कुत्ता खाए , बोलूँ तो माँ मारी जाए

किसी बात के करने से भी मुसीबत आए और ना करने से भी, हर तरह से मुश्किल का सामना हो तो कहते हैं

मेरी एक बोली, दो बोली, मेरी नकटी सटासट बोली

जब लड़की बहुत बातें करने लगे तो माँ कहती है

तेली का बैल मरे कुम्हारी सती होए

किसी के साथ बेफ़ाइदा हमदर्दी क मौक़ा पर मुस्तमिल

बोलूँ तो माँ मारी जाए, नहीं तो बाप कुत्ता खाए

हर प्रकार से संकट है, न कहते बनता है न चुप रहते

बोली बोलें तो ये बोलें मेरी जूती बोले

अभद्र भाषा का प्रयोग करना या अशिष्टता उन्हीं को मुबारक, हम ऐसा नहीं करेंगे

हरा समुंदर गोपी चंदर बोल मेरी मछली कितना पानी

बोल जो बच्चे एक खेल के दौरान में गाते हैं

छोटी मोटी कामनी सब ही बिस की बेल, बैरी मारे दाँव से ये मारें हँस खेल

स्त्रियों पर व्यंग है

साईं से सांची कहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन मेरी पत रहे सखियों में रहे बोल

स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है

साईं से सांची रहूँ बाज बाज रे ढोल, पंचन में मेरी पत रहे सखियाँ में रहे बोल

स्त्री को चाहिए कि पति की नज़रों में सच्ची रहे क्यूँकि इसी तरह लोगों में उस का सम्मान और सहेलियों में उस का महत्व होता है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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