खोजे गए परिणाम

सहेजे गए शब्द

"मैं तो जानूँ" शब्द से संबंधित परिणाम

मन-ओ-तूई

من و تو کی کیفیت ، دوئی ، امتیاز ، فرق ، تفاوت ۔

मना'अती

(طب) مناعت (رک) سے منسوب یا متعلق ؛ مناعت کا ، قوتِ مدافعت والا ۔

मन-ओ-तू

मैं और तुम, अवधि एकता का अभाव दिखाने के लिए इस्तेमाल

मैं तो उन के रग-ओ-रेशे से वाक़िफ़ हूँ

मैं उनके हालात अच्छी तरह जानता हूँ

मैं तो चराग़ सहरी हूँ

बहुत बुढ्ढा हूँ, मौत के क़रीब हूँ

मैं तो जानूँ

मेरे अनुमान से, मेरे अंदाज़े के मुताबिक़, मेरे ख़्याल से

मैं तो बिन दामों गुलाम हूँ

मैं तो आपका फ़्री का ग़ुलाम हूँ मैं तो आज्ञाकारी हूँ

मूँ ते रंग उजत जाना

चेहरे का रंग उड़ जाना, मुँह फ़क़ हो जाना

मैं तो डूबा मगर तुझ को भी ले डूबूँगा

मुझ पर तो आफ़त आई है तुझ को भी सलामत न छोड़ूँगा

मैं तो तेरी लाल पगिया पर भूली रे राघोर

(ओ) ज़ाहिरी शान-ओ-शौकत से लोग धोका खा जाते हैं

कहो तो मैं घर छोड़ दूँ

यहाँ से जाइए, तशरीफ़ ले जाइए जब कोई बहुत देर तक बैठा रहे तो कहते हैं

पेट में पड़े तो 'इबादत सूझे

पेट भरा हो तो प्रमात्मा का ध्यान आता है भूके से पूजा नहीं होती

दाल-रोटी खाए टूटा पड़े तो भाड़ में जाए

सावधानियों के बावजूद भी नुक़्सान पहुंचे तो बेबसी और लाचारी है

कड़ाही चाटेगा तो तेरे ब्याह में मेंह बरसेगा

कहा जाता है कि कड़ाही चाटने वाले की शादी में बारिश होती है

गुड़ खाएगी तो अँधेरे में आएगी

यह कहावत पुरुष और महिला दोनों के लिए कही जाती है अर्थात यदि लाभ का लालच होगा तो आप ही समय-असमय आ जाएँगे

माँ पै पूत पिता पै घोड़ा, बहुत नहीं तो थोड़म थोड़ा

प्रत्येक व्यक्ति और जानवर में अपने बाप की स्वभाविक विशेषता पाई जाती हैं, अपने वंश का प्रभाव ज़रूर आता है, बीज की प्रभावशीलता प्राकृतिक है

माँ पर पूत पिता पर घोड़ा, बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा

प्रत्येक व्यक्ति और जानवर में अपने बाप की स्वभाविक विशेषता पाई जाती हैं, अपने वंश का प्रभाव ज़रूर आता है, बीज की प्रभावशीलता प्राकृतिक है

पेट में पड़ी बूँद तो नाम रखा महमूद

काम के प्रारंभ ही पर उस की प्रशंसा करना, काम हुआ नहीं ख़ुशी पहले ही मनाना आरंभ कर दिया

इतनी तो राई होगी जो राइते में पड़े

गुज़र-बसर या निबाह के लिए सामान मौजूद है, इतना ही है जितनी आवश्यक्ता है, इतना साधन तो है कि हमारा काम चल जाए

आईने में मुँह तो देखो

तुम इसके योग्य नहीं कि यह काम पूरा कर सको, तुम्हारे पास इतनी योग्यता नहीं, तुम इसके पात्र नहीं

पेट में पड़ा चारा तो कूदने लगा बेचारा

मालदार हो कर दोन की लेना, दौलतमंदी की वजह से पिछली हालत को भूल जाना

भोजपुर में जाइयो मत जाइयो तो खाइयो मत खाइयो तो सोइयो मत सोइयो तो टोहियो मत टोहियो तो रोइयो मत

भोज पर के लोग बड़े सार्क होते हैं इस लिए नसीहत की गई है कि अव्वल तो वहां ना जाना और अगर जाना तो खाना ना खाना और अगर खाना पड़े तो सोना मत और अगर सोना पड़े तो अपनी हिमियानी मिट टटोलना और अगर टटोलना तो मत रोना कीवनका उस वक़्त तक वो चोरी होचुकी होगी

तू मेरा लड़का खिला, मैं तेरी खिचड़ी पकाऊँ

तू मेरा काम कर मैं तेरा काम करूँ

गुह में कौड़ी गिरे तो दाँत से उठा लेना

कोड़ी कोड़ी वसूल करना, अपना हक़ ना छोड़ना

दरख़्त से गिरा तो झाड़ में अटका

रुक : आसमान से गृह तो खजूओर माँ अट जो ज़्यादा मुस्तामल है

जो ईश्वर कृपा करे तो खड़े हिलावें कान अरहर के खेत में

ईश्वर की कृपा हो तो घर बैठे मिल जाए

घर में आई तो बाँकी पगड़ी सीधी हुई

जब बीवी घर में आई तो सब ईंठ निकल गई

इतनी तो राई होगी जितनी राइते में पड़े

गुज़र-बसर या निबाह के लिए सामान मौजूद है, इतना ही है जितनी आवश्यक्ता है, इतना साधन तो है कि हमारा काम चल जाए

तेरे तोड़े तो मैं बेर भी न खाऊँ

(ओ) मुझे तुझ से नफ़रत है यानी तो अगर बेरों को छोले तो में खाऊं

अपने लगे तो देह में और के लगे तो भीत में

दूसरों की परेशानी का किसी को एहसास नहीं होता

साँप के मुँह में छछूँदर, निगले तो अंधा उगले तो कोढ़ी

ऐसा काम करे जिसे न कर सके और न छोड़ सके

कुत्ता पाए तो सवा मन खाए, नहीं तो ज़बान ही चाट कर रह जाए

कुत्ता लालची भी है और सहनशील भी, अगर मिले तो सब कुछ खा जाता है अगर न मिले तो मालिक का घर छोड़ कर नहीं जाता

जब कमर में ज़ोर होता है तो मदार साहब भी देते हैं

बेरों फ़क़ीर वन की दुआ का तब ही असर होता है जब अपने आप भी कोशिश की जाये

ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं

मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ

ऐसे ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं

मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ

गूह में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठा ले

ख़सीस और बख़ील आदमी के बारे में बोलते हैं

मुझ को बूढ़िया न कहना कोई , मैं तो लाल पलंग पर सोई

रुक : मुझे बढ़िया ना कहो कोई अलख

मो को न तो को, ले भाड़ में झोको

ना ख़ुद अपने काम में য৒ब लाएंगेगे ना तुम्हें काम में लाने देंगे चाहे ज़ाए हो जाये तो हो जाये

बारह गाँव का चौधरी अस्सी गाँव का राव, अपने काम न आवे तो ऐसी तैसी में जाव

आदमी चाहे कितना ही धनवान हो परंतु यदि किसी के काम न आए तो किसी कीम का नहीं

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

घर में जो शहद मिले तो काहे बन को जाएँ

अगर बगै़र मेहनत मशक्कत के रोज़ी मिले तो दौड़ धूप की ज़रूरत क्यों पड़े

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

अपना मारेगा तो फिर छाँव में बिठाएगा

अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों

ओखल सर दिया तो धमकों से क्या डर

जब ख़ुद को ख़तरे में डाल दिया फिर नताइज की क्या फ़िक्र, जब दानिस्ता ख़तरा मूल लिया तो पेश आने वाले मसाइब की क्या पर्वा ('दिया' और 'डर' की जगह इस मफ़हूम के दीगर अलफ़ाज़ भी मुस्तामल हैं)

गाँठ में दाम तो सब करें सलाम

पैसा पास हो तो सब इज़्ज़त करते हैं

चर्बी छाई आँखन में, तो नाचन लागो आँगन में

थोड़ा धन हाथ आ जाने पर इतना अधिक इतराने लगे कि अपने जामे से बाहर हो गए

जब तू न्याय की गद्दी पर बैठे तो अपने मन से तरफ़-दारी लालच और क्रोध को दूर कर

शासक को पक्षपात लालच और क्रोध नहीं करना चाहिए

कोई जले तो जलने दो मै आप ही जलता हूँ

मैं आप ही मुसीबत में गिरफ़्तार, हूँ मुझे किसी की मुसीबत से किया

आईना में अपना हाल तो देखो

किसी का हाल देख कर उस के समझाने को कहते हैं

आईने में सूरत तो देखो

व्यंग में कहते हैं अगर कोई अपनी योग्यता से बढ़ कर बात करे या औक़ात से बढ़ कर माँगे

कपड़ा कहे तू मुझे कर तह, मैं तुझे करूँ शह

कपड़े को सुरक्षित तरीक़े से पहनने वाले की ख़ुश-पोशाकी सम्मान का कारण होती है

पत्थर पूजे हर मिले तो मैं पूजूँ पहाड़

अगर ख़ुशामद से कार बरारी होसके तो में निहायत ख़ुशामदी बिन जाऊं

सेंदूर न लगाएँ तो भटार का मन कैसे रखें

बताओ यदि श्रंगार न करें तो पति को कैसे ख़ुश करें

बग़ल में तोशा तो मंज़िल का भरोसा

इस शख़्स की कामयाबी यक़ीनी है जो सी मुहिम पर रवाना होने से पहले पूरी तरह सामान से लैस हो

कपड़ा कहता है तू कर मुझे तह, मैं तुझे करूँ शह

कपड़े को सुरक्षित तरीक़े से पहनने वाले की ख़ुश-पोशाकी सम्मान का कारण होती है

सेंदूर न लगाएँ तो भतार का मन कैसे रखें

बताओ यदि श्रंगार न करें तो पति को कैसे ख़ुश करें

आरसी में मुँह तो देखो

मित्र से प्रेमावेग और प्रेम-व्यवहार के समय मज़ाक़ में कहते हैं

राम राम तो कहो मन मेरे , पाप कटेंगे छन में तेरे

ए मेरे दिल ख़ुदा का नाम तो ले तेरे सारे गुनाह पल भर में बख़्शे जाऐंगे

गूह में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठा लें

ख़सीस और बख़ील आदमी के बारे में बोलते हैं

ज़ख़्मी दुश्मनों में दम ले तो मरे न ले तो मरे

हर हालत में बर्बादी है, बचने का रासता नहीं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मैं तो जानूँ के अर्थदेखिए

मैं तो जानूँ

mai.n to jaanuu.nمَیں تو جانُوں

वाक्य

मैं तो जानूँ के हिंदी अर्थ

  • मेरे अनुमान से, मेरे अंदाज़े के मुताबिक़, मेरे ख़्याल से

مَیں تو جانُوں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • میرے اندازے کے مطابق ، میرے خیال سے ۔

Urdu meaning of mai.n to jaanuu.n

  • Roman
  • Urdu

  • mere andaaze ke mutaabiq, mere Khyaal se

खोजे गए शब्द से संबंधित

मन-ओ-तूई

من و تو کی کیفیت ، دوئی ، امتیاز ، فرق ، تفاوت ۔

मना'अती

(طب) مناعت (رک) سے منسوب یا متعلق ؛ مناعت کا ، قوتِ مدافعت والا ۔

मन-ओ-तू

मैं और तुम, अवधि एकता का अभाव दिखाने के लिए इस्तेमाल

मैं तो उन के रग-ओ-रेशे से वाक़िफ़ हूँ

मैं उनके हालात अच्छी तरह जानता हूँ

मैं तो चराग़ सहरी हूँ

बहुत बुढ्ढा हूँ, मौत के क़रीब हूँ

मैं तो जानूँ

मेरे अनुमान से, मेरे अंदाज़े के मुताबिक़, मेरे ख़्याल से

मैं तो बिन दामों गुलाम हूँ

मैं तो आपका फ़्री का ग़ुलाम हूँ मैं तो आज्ञाकारी हूँ

मूँ ते रंग उजत जाना

चेहरे का रंग उड़ जाना, मुँह फ़क़ हो जाना

मैं तो डूबा मगर तुझ को भी ले डूबूँगा

मुझ पर तो आफ़त आई है तुझ को भी सलामत न छोड़ूँगा

मैं तो तेरी लाल पगिया पर भूली रे राघोर

(ओ) ज़ाहिरी शान-ओ-शौकत से लोग धोका खा जाते हैं

कहो तो मैं घर छोड़ दूँ

यहाँ से जाइए, तशरीफ़ ले जाइए जब कोई बहुत देर तक बैठा रहे तो कहते हैं

पेट में पड़े तो 'इबादत सूझे

पेट भरा हो तो प्रमात्मा का ध्यान आता है भूके से पूजा नहीं होती

दाल-रोटी खाए टूटा पड़े तो भाड़ में जाए

सावधानियों के बावजूद भी नुक़्सान पहुंचे तो बेबसी और लाचारी है

कड़ाही चाटेगा तो तेरे ब्याह में मेंह बरसेगा

कहा जाता है कि कड़ाही चाटने वाले की शादी में बारिश होती है

गुड़ खाएगी तो अँधेरे में आएगी

यह कहावत पुरुष और महिला दोनों के लिए कही जाती है अर्थात यदि लाभ का लालच होगा तो आप ही समय-असमय आ जाएँगे

माँ पै पूत पिता पै घोड़ा, बहुत नहीं तो थोड़म थोड़ा

प्रत्येक व्यक्ति और जानवर में अपने बाप की स्वभाविक विशेषता पाई जाती हैं, अपने वंश का प्रभाव ज़रूर आता है, बीज की प्रभावशीलता प्राकृतिक है

माँ पर पूत पिता पर घोड़ा, बहुत नहीं तो थोड़ा थोड़ा

प्रत्येक व्यक्ति और जानवर में अपने बाप की स्वभाविक विशेषता पाई जाती हैं, अपने वंश का प्रभाव ज़रूर आता है, बीज की प्रभावशीलता प्राकृतिक है

पेट में पड़ी बूँद तो नाम रखा महमूद

काम के प्रारंभ ही पर उस की प्रशंसा करना, काम हुआ नहीं ख़ुशी पहले ही मनाना आरंभ कर दिया

इतनी तो राई होगी जो राइते में पड़े

गुज़र-बसर या निबाह के लिए सामान मौजूद है, इतना ही है जितनी आवश्यक्ता है, इतना साधन तो है कि हमारा काम चल जाए

आईने में मुँह तो देखो

तुम इसके योग्य नहीं कि यह काम पूरा कर सको, तुम्हारे पास इतनी योग्यता नहीं, तुम इसके पात्र नहीं

पेट में पड़ा चारा तो कूदने लगा बेचारा

मालदार हो कर दोन की लेना, दौलतमंदी की वजह से पिछली हालत को भूल जाना

भोजपुर में जाइयो मत जाइयो तो खाइयो मत खाइयो तो सोइयो मत सोइयो तो टोहियो मत टोहियो तो रोइयो मत

भोज पर के लोग बड़े सार्क होते हैं इस लिए नसीहत की गई है कि अव्वल तो वहां ना जाना और अगर जाना तो खाना ना खाना और अगर खाना पड़े तो सोना मत और अगर सोना पड़े तो अपनी हिमियानी मिट टटोलना और अगर टटोलना तो मत रोना कीवनका उस वक़्त तक वो चोरी होचुकी होगी

तू मेरा लड़का खिला, मैं तेरी खिचड़ी पकाऊँ

तू मेरा काम कर मैं तेरा काम करूँ

गुह में कौड़ी गिरे तो दाँत से उठा लेना

कोड़ी कोड़ी वसूल करना, अपना हक़ ना छोड़ना

दरख़्त से गिरा तो झाड़ में अटका

रुक : आसमान से गृह तो खजूओर माँ अट जो ज़्यादा मुस्तामल है

जो ईश्वर कृपा करे तो खड़े हिलावें कान अरहर के खेत में

ईश्वर की कृपा हो तो घर बैठे मिल जाए

घर में आई तो बाँकी पगड़ी सीधी हुई

जब बीवी घर में आई तो सब ईंठ निकल गई

इतनी तो राई होगी जितनी राइते में पड़े

गुज़र-बसर या निबाह के लिए सामान मौजूद है, इतना ही है जितनी आवश्यक्ता है, इतना साधन तो है कि हमारा काम चल जाए

तेरे तोड़े तो मैं बेर भी न खाऊँ

(ओ) मुझे तुझ से नफ़रत है यानी तो अगर बेरों को छोले तो में खाऊं

अपने लगे तो देह में और के लगे तो भीत में

दूसरों की परेशानी का किसी को एहसास नहीं होता

साँप के मुँह में छछूँदर, निगले तो अंधा उगले तो कोढ़ी

ऐसा काम करे जिसे न कर सके और न छोड़ सके

कुत्ता पाए तो सवा मन खाए, नहीं तो ज़बान ही चाट कर रह जाए

कुत्ता लालची भी है और सहनशील भी, अगर मिले तो सब कुछ खा जाता है अगर न मिले तो मालिक का घर छोड़ कर नहीं जाता

जब कमर में ज़ोर होता है तो मदार साहब भी देते हैं

बेरों फ़क़ीर वन की दुआ का तब ही असर होता है जब अपने आप भी कोशिश की जाये

ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं

मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ

ऐसे ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं

मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ

गूह में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठा ले

ख़सीस और बख़ील आदमी के बारे में बोलते हैं

मुझ को बूढ़िया न कहना कोई , मैं तो लाल पलंग पर सोई

रुक : मुझे बढ़िया ना कहो कोई अलख

मो को न तो को, ले भाड़ में झोको

ना ख़ुद अपने काम में য৒ब लाएंगेगे ना तुम्हें काम में लाने देंगे चाहे ज़ाए हो जाये तो हो जाये

बारह गाँव का चौधरी अस्सी गाँव का राव, अपने काम न आवे तो ऐसी तैसी में जाव

आदमी चाहे कितना ही धनवान हो परंतु यदि किसी के काम न आए तो किसी कीम का नहीं

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

घर में जो शहद मिले तो काहे बन को जाएँ

अगर बगै़र मेहनत मशक्कत के रोज़ी मिले तो दौड़ धूप की ज़रूरत क्यों पड़े

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

अपना मारेगा तो फिर छाँव में बिठाएगा

अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों

ओखल सर दिया तो धमकों से क्या डर

जब ख़ुद को ख़तरे में डाल दिया फिर नताइज की क्या फ़िक्र, जब दानिस्ता ख़तरा मूल लिया तो पेश आने वाले मसाइब की क्या पर्वा ('दिया' और 'डर' की जगह इस मफ़हूम के दीगर अलफ़ाज़ भी मुस्तामल हैं)

गाँठ में दाम तो सब करें सलाम

पैसा पास हो तो सब इज़्ज़त करते हैं

चर्बी छाई आँखन में, तो नाचन लागो आँगन में

थोड़ा धन हाथ आ जाने पर इतना अधिक इतराने लगे कि अपने जामे से बाहर हो गए

जब तू न्याय की गद्दी पर बैठे तो अपने मन से तरफ़-दारी लालच और क्रोध को दूर कर

शासक को पक्षपात लालच और क्रोध नहीं करना चाहिए

कोई जले तो जलने दो मै आप ही जलता हूँ

मैं आप ही मुसीबत में गिरफ़्तार, हूँ मुझे किसी की मुसीबत से किया

आईना में अपना हाल तो देखो

किसी का हाल देख कर उस के समझाने को कहते हैं

आईने में सूरत तो देखो

व्यंग में कहते हैं अगर कोई अपनी योग्यता से बढ़ कर बात करे या औक़ात से बढ़ कर माँगे

कपड़ा कहे तू मुझे कर तह, मैं तुझे करूँ शह

कपड़े को सुरक्षित तरीक़े से पहनने वाले की ख़ुश-पोशाकी सम्मान का कारण होती है

पत्थर पूजे हर मिले तो मैं पूजूँ पहाड़

अगर ख़ुशामद से कार बरारी होसके तो में निहायत ख़ुशामदी बिन जाऊं

सेंदूर न लगाएँ तो भटार का मन कैसे रखें

बताओ यदि श्रंगार न करें तो पति को कैसे ख़ुश करें

बग़ल में तोशा तो मंज़िल का भरोसा

इस शख़्स की कामयाबी यक़ीनी है जो सी मुहिम पर रवाना होने से पहले पूरी तरह सामान से लैस हो

कपड़ा कहता है तू कर मुझे तह, मैं तुझे करूँ शह

कपड़े को सुरक्षित तरीक़े से पहनने वाले की ख़ुश-पोशाकी सम्मान का कारण होती है

सेंदूर न लगाएँ तो भतार का मन कैसे रखें

बताओ यदि श्रंगार न करें तो पति को कैसे ख़ुश करें

आरसी में मुँह तो देखो

मित्र से प्रेमावेग और प्रेम-व्यवहार के समय मज़ाक़ में कहते हैं

राम राम तो कहो मन मेरे , पाप कटेंगे छन में तेरे

ए मेरे दिल ख़ुदा का नाम तो ले तेरे सारे गुनाह पल भर में बख़्शे जाऐंगे

गूह में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठा लें

ख़सीस और बख़ील आदमी के बारे में बोलते हैं

ज़ख़्मी दुश्मनों में दम ले तो मरे न ले तो मरे

हर हालत में बर्बादी है, बचने का रासता नहीं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

सुझाव दीजिए (मैं तो जानूँ)

नाम

ई-मेल

प्रतिक्रिया

मैं तो जानूँ

चित्र अपलोड कीजिएअधिक जानिए

नाम

ई-मेल

प्रदर्शित नाम

चित्र संलग्न कीजिए

चित्र चुनिए
(format .png, .jpg, .jpeg & max size 4MB and upto 4 images)

सूचनाएँ और जानकारी प्राप्त करने के लिए सदस्यता लें

सदस्य बनिए
बोलिए

Delete 44 saved words?

क्या आप वास्तव में इन प्रविष्टियों को हटा रहे हैं? इन्हें पुन: पूर्ववत् करना संभव नहीं होगा

Want to show word meaning

Do you really want to Show these meaning? This process cannot be undone