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मन-ओ-तू

मैं और तुम, अवधि एकता का अभाव दिखाने के लिए इस्तेमाल

मन-ओ-तूई

من و تو کی کیفیت ، دوئی ، امتیاز ، فرق ، تفاوت ۔

मैं तो उन के रग-ओ-रेशे से वाक़िफ़ हूँ

मैं उनके हालात अच्छी तरह जानता हूँ

मैं तो चराग़ सहरी हूँ

बहुत बुढ्ढा हूँ, मौत के क़रीब हूँ

मैं तो बिन दामों गुलाम हूँ

मैं तो आपका फ़्री का ग़ुलाम हूँ मैं तो आज्ञाकारी हूँ

मैं तो जानूँ

मेरे अनुमान से, मेरे अंदाज़े के मुताबिक़, मेरे ख़्याल से

मना'अती

(طب) مناعت (رک) سے منسوب یا متعلق ؛ مناعت کا ، قوتِ مدافعت والا ۔

मैं तो डूबा मगर तुझ को भी ले डूबूँगा

मुझ पर तो आफ़त आई है तुझ को भी सलामत न छोड़ूँगा

मैं तो तेरी लाल पगिया पर भूली रे राघोर

(ओ) ज़ाहिरी शान-ओ-शौकत से लोग धोका खा जाते हैं

मन तुरा हाजी बगोएम, तू मुरा हाजी बगो

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल)

मन तुरा हाजी बगोयम, तू मुरा मुल्ला बगो

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल)

मन तुरा हाजी बगोयम, तू मुरा हाजी बगो

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल)

मैं तुम्हें चाहूँ और तू काले धींग को

जब कोई किसी को बुरे काम से रोके या मन' करे और वो न रुके तो कहते हैं

मैं तुझे चाहूँ और तू काले ढींग को

जब कोई किसी को बुरे काम से रोके या मन' करे और वो न रुके तो कहते हैं

मन-तू-शुदम-तू-मन-शुदी

(उर्दू में प्रयुक्त फ़ारसी कहावत) दोनों दो शरीर एक जान हो गए, दो शरीर एक जान होना एक होने के अवसर पर कहा जाता है

मन तुरा हाजी बगोयम तू मुरा हाजी बगो

۔(ف) مقولہ۔ طنزاً مستعمل ہے جب دو شخص ایک دوسرے کو نیک اور پاک باطن کہتے ہوں ۔

मैं तुझ पर और तू मुझ पर

बहुत ज़्यादा भीड़ हो तो कहते हैं

मैं तुम्हारी खिचड़ी खाऊँ तुम मेरा बच्चा खिलाओ

में बेवक़ूफ़ नहीं जो तुम्हारे दिए हुए थोड़े से के इव्ज़ अपना सब कुछ दे दूं

मान तोड़ना

घमंड या अहंकार का अंत करना, नीचा दिखाना, मान न रखना

मैं तुम्हारा मारा कभी न बोला

मैं ने तुम्हारे हिसाब से कभी कुछ नहीं किया

मान टूटना

घमंड या अहंकार ख़त्म होना

मूँ ते रंग उजत जाना

चेहरे का रंग उड़ जाना, मुँह फ़क़ हो जाना

कहो तो मैं घर छोड़ दूँ

यहाँ से जाइए, तशरीफ़ ले जाइए जब कोई बहुत देर तक बैठा रहे तो कहते हैं

गुड़ खाएगी तो अँधेरे में आएगी

यह कहावत पुरुष और महिला दोनों के लिए कही जाती है अर्थात यदि लाभ का लालच होगा तो आप ही समय-असमय आ जाएँगे

पेट में पड़े तो 'इबादत सूझे

पेट भरा हो तो प्रमात्मा का ध्यान आता है भूके से पूजा नहीं होती

आईने में मुँह तो देखो

तुम इसके योग्य नहीं कि यह काम पूरा कर सको, तुम्हारे पास इतनी योग्यता नहीं, तुम इसके पात्र नहीं

अपने लगे तो देह में और के लगे तो भीत में

दूसरों की परेशानी का किसी को एहसास नहीं होता

पेट में पड़ी बूँद तो नाम रखा महमूद

काम के प्रारंभ ही पर उस की प्रशंसा करना, काम हुआ नहीं ख़ुशी पहले ही मनाना आरंभ कर दिया

कड़ाही चाटेगा तो तेरे ब्याह में मेंह बरसेगा

कहा जाता है कि कड़ाही चाटने वाले की शादी में बारिश होती है

कुत्ता पाए तो सवा मन खाए, नहीं तो ज़बान ही चाट कर रह जाए

कुत्ता लालची भी है और सहनशील भी, अगर मिले तो सब कुछ खा जाता है अगर न मिले तो मालिक का घर छोड़ कर नहीं जाता

इतनी तो राई होगी जो राइते में पड़े

गुज़र-बसर या निबाह के लिए सामान मौजूद है, इतना ही है जितनी आवश्यक्ता है, इतना साधन तो है कि हमारा काम चल जाए

तू मेरा लड़का खिला, मैं तेरी खिचड़ी पकाऊँ

तू मेरा काम कर मैं तेरा काम करूँ

घर में आई तो बाँकी पगड़ी सीधी हुई

जब बीवी घर में आई तो सब ईंठ निकल गई

दाल-रोटी खाए टूटा पड़े तो भाड़ में जाए

सावधानियों के बावजूद भी नुक़्सान पहुंचे तो बेबसी और लाचारी है

इतनी तो राई होगी जितनी राइते में पड़े

गुज़र-बसर या निबाह के लिए सामान मौजूद है, इतना ही है जितनी आवश्यक्ता है, इतना साधन तो है कि हमारा काम चल जाए

दरख़्त से गिरा तो झाड़ में अटका

रुक : आसमान से गृह तो खजूओर माँ अट जो ज़्यादा मुस्तामल है

साँप के मुँह में छछूँदर, निगले तो अंधा उगले तो कोढ़ी

ऐसा काम करे जिसे न कर सके और न छोड़ सके

चर्बी छाई आँखन में, तो नाचन लागो आँगन में

थोड़ा धन हाथ आ जाने पर इतना अधिक इतराने लगे कि अपने जामे से बाहर हो गए

गुह में कौड़ी गिरे तो दाँत से उठा लेना

कोड़ी कोड़ी वसूल करना, अपना हक़ ना छोड़ना

पेट में पड़ा चारा तो कूदने लगा बेचारा

मालदार हो कर दोन की लेना, दौलतमंदी की वजह से पिछली हालत को भूल जाना

सेंदूर न लगाएँ तो भटार का मन कैसे रखें

बताओ यदि श्रंगार न करें तो पति को कैसे ख़ुश करें

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

तेरे तोड़े तो मैं बेर भी न खाऊँ

(ओ) मुझे तुझ से नफ़रत है यानी तो अगर बेरों को छोले तो में खाऊं

सेंदूर न लगाएँ तो भतार का मन कैसे रखें

बताओ यदि श्रंगार न करें तो पति को कैसे ख़ुश करें

घर में दिया तो मस्जिद में दिया

पहले घर के लोगों के साथ व्यवहार होना चाहिए फिर बाहर

ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं

मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ

अपना मारेगा तो फिर छाँव में बिठाएगा

अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों

कुत्ता पाए तो सवा मन खाए, नहीं तो दिया ही चाट कर रह जाए

कुत्ता लालची भी है और सहनशील भी, अगर मिले तो सब कुछ खा जाता है अगर न मिले तो मालिक का घर छोड़ कर नहीं जाता

गूह में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठा ले

ख़सीस और बख़ील आदमी के बारे में बोलते हैं

आरसी में मुँह तो देखो

मित्र से प्रेमावेग और प्रेम-व्यवहार के समय मज़ाक़ में कहते हैं

गाँठ में दाम तो सब करें सलाम

पैसा पास हो तो सब इज़्ज़त करते हैं

जो ईश्वर कृपा करे तो खड़े हिलावें कान अरहर के खेत में

ईश्वर की कृपा हो तो घर बैठे मिल जाए

भोजपुर में जाइयो मत जाइयो तो खाइयो मत खाइयो तो सोइयो मत सोइयो तो टोहियो मत टोहियो तो रोइयो मत

भोज पर के लोग बड़े सार्क होते हैं इस लिए नसीहत की गई है कि अव्वल तो वहां ना जाना और अगर जाना तो खाना ना खाना और अगर खाना पड़े तो सोना मत और अगर सोना पड़े तो अपनी हिमियानी मिट टटोलना और अगर टटोलना तो मत रोना कीवनका उस वक़्त तक वो चोरी होचुकी होगी

ऐसे ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं

मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ

बग़ल में तोशा तो मंज़िल का भरोसा

इस शख़्स की कामयाबी यक़ीनी है जो सी मुहिम पर रवाना होने से पहले पूरी तरह सामान से लैस हो

जब तू न्याय की गद्दी पर बैठे तो अपने मन से तरफ़-दारी लालच और क्रोध को दूर कर

शासक को पक्षपात लालच और क्रोध नहीं करना चाहिए

मो को न तो को, ले भाड़ में झोको

ना ख़ुद अपने काम में য৒ब लाएंगेगे ना तुम्हें काम में लाने देंगे चाहे ज़ाए हो जाये तो हो जाये

ज़ख़्मी दुश्मनों में दम ले तो मरे न ले तो मरे

हर हालत में बर्बादी है, बचने का रासता नहीं

आईने में सूरत तो देखो

व्यंग में कहते हैं अगर कोई अपनी योग्यता से बढ़ कर बात करे या औक़ात से बढ़ कर माँगे

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में मान तोड़ना के अर्थदेखिए

मान तोड़ना

maan to.Dnaaمان توڑْنا

मान तोड़ना के हिंदी अर्थ

  • घमंड या अहंकार का अंत करना, नीचा दिखाना, मान न रखना

مان توڑْنا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • گھمنڈ یا غرور ختم کرنا ، نیچا دکھانا ؛ مان نہ رکھنا۔

Urdu meaning of maan to.Dnaa

  • Roman
  • Urdu

  • ghamanD ya Garuur Khatm karnaa, niichaa dikhaanaa ; maan na rakhnaa

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मन-ओ-तू

मैं और तुम, अवधि एकता का अभाव दिखाने के लिए इस्तेमाल

मन-ओ-तूई

من و تو کی کیفیت ، دوئی ، امتیاز ، فرق ، تفاوت ۔

मैं तो उन के रग-ओ-रेशे से वाक़िफ़ हूँ

मैं उनके हालात अच्छी तरह जानता हूँ

मैं तो चराग़ सहरी हूँ

बहुत बुढ्ढा हूँ, मौत के क़रीब हूँ

मैं तो बिन दामों गुलाम हूँ

मैं तो आपका फ़्री का ग़ुलाम हूँ मैं तो आज्ञाकारी हूँ

मैं तो जानूँ

मेरे अनुमान से, मेरे अंदाज़े के मुताबिक़, मेरे ख़्याल से

मना'अती

(طب) مناعت (رک) سے منسوب یا متعلق ؛ مناعت کا ، قوتِ مدافعت والا ۔

मैं तो डूबा मगर तुझ को भी ले डूबूँगा

मुझ पर तो आफ़त आई है तुझ को भी सलामत न छोड़ूँगा

मैं तो तेरी लाल पगिया पर भूली रे राघोर

(ओ) ज़ाहिरी शान-ओ-शौकत से लोग धोका खा जाते हैं

मन तुरा हाजी बगोएम, तू मुरा हाजी बगो

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल)

मन तुरा हाजी बगोयम, तू मुरा मुल्ला बगो

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल)

मन तुरा हाजी बगोयम, तू मुरा हाजी बगो

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल)

मैं तुम्हें चाहूँ और तू काले धींग को

जब कोई किसी को बुरे काम से रोके या मन' करे और वो न रुके तो कहते हैं

मैं तुझे चाहूँ और तू काले ढींग को

जब कोई किसी को बुरे काम से रोके या मन' करे और वो न रुके तो कहते हैं

मन-तू-शुदम-तू-मन-शुदी

(उर्दू में प्रयुक्त फ़ारसी कहावत) दोनों दो शरीर एक जान हो गए, दो शरीर एक जान होना एक होने के अवसर पर कहा जाता है

मन तुरा हाजी बगोयम तू मुरा हाजी बगो

۔(ف) مقولہ۔ طنزاً مستعمل ہے جب دو شخص ایک دوسرے کو نیک اور پاک باطن کہتے ہوں ۔

मैं तुझ पर और तू मुझ पर

बहुत ज़्यादा भीड़ हो तो कहते हैं

मैं तुम्हारी खिचड़ी खाऊँ तुम मेरा बच्चा खिलाओ

में बेवक़ूफ़ नहीं जो तुम्हारे दिए हुए थोड़े से के इव्ज़ अपना सब कुछ दे दूं

मान तोड़ना

घमंड या अहंकार का अंत करना, नीचा दिखाना, मान न रखना

मैं तुम्हारा मारा कभी न बोला

मैं ने तुम्हारे हिसाब से कभी कुछ नहीं किया

मान टूटना

घमंड या अहंकार ख़त्म होना

मूँ ते रंग उजत जाना

चेहरे का रंग उड़ जाना, मुँह फ़क़ हो जाना

कहो तो मैं घर छोड़ दूँ

यहाँ से जाइए, तशरीफ़ ले जाइए जब कोई बहुत देर तक बैठा रहे तो कहते हैं

गुड़ खाएगी तो अँधेरे में आएगी

यह कहावत पुरुष और महिला दोनों के लिए कही जाती है अर्थात यदि लाभ का लालच होगा तो आप ही समय-असमय आ जाएँगे

पेट में पड़े तो 'इबादत सूझे

पेट भरा हो तो प्रमात्मा का ध्यान आता है भूके से पूजा नहीं होती

आईने में मुँह तो देखो

तुम इसके योग्य नहीं कि यह काम पूरा कर सको, तुम्हारे पास इतनी योग्यता नहीं, तुम इसके पात्र नहीं

अपने लगे तो देह में और के लगे तो भीत में

दूसरों की परेशानी का किसी को एहसास नहीं होता

पेट में पड़ी बूँद तो नाम रखा महमूद

काम के प्रारंभ ही पर उस की प्रशंसा करना, काम हुआ नहीं ख़ुशी पहले ही मनाना आरंभ कर दिया

कड़ाही चाटेगा तो तेरे ब्याह में मेंह बरसेगा

कहा जाता है कि कड़ाही चाटने वाले की शादी में बारिश होती है

कुत्ता पाए तो सवा मन खाए, नहीं तो ज़बान ही चाट कर रह जाए

कुत्ता लालची भी है और सहनशील भी, अगर मिले तो सब कुछ खा जाता है अगर न मिले तो मालिक का घर छोड़ कर नहीं जाता

इतनी तो राई होगी जो राइते में पड़े

गुज़र-बसर या निबाह के लिए सामान मौजूद है, इतना ही है जितनी आवश्यक्ता है, इतना साधन तो है कि हमारा काम चल जाए

तू मेरा लड़का खिला, मैं तेरी खिचड़ी पकाऊँ

तू मेरा काम कर मैं तेरा काम करूँ

घर में आई तो बाँकी पगड़ी सीधी हुई

जब बीवी घर में आई तो सब ईंठ निकल गई

दाल-रोटी खाए टूटा पड़े तो भाड़ में जाए

सावधानियों के बावजूद भी नुक़्सान पहुंचे तो बेबसी और लाचारी है

इतनी तो राई होगी जितनी राइते में पड़े

गुज़र-बसर या निबाह के लिए सामान मौजूद है, इतना ही है जितनी आवश्यक्ता है, इतना साधन तो है कि हमारा काम चल जाए

दरख़्त से गिरा तो झाड़ में अटका

रुक : आसमान से गृह तो खजूओर माँ अट जो ज़्यादा मुस्तामल है

साँप के मुँह में छछूँदर, निगले तो अंधा उगले तो कोढ़ी

ऐसा काम करे जिसे न कर सके और न छोड़ सके

चर्बी छाई आँखन में, तो नाचन लागो आँगन में

थोड़ा धन हाथ आ जाने पर इतना अधिक इतराने लगे कि अपने जामे से बाहर हो गए

गुह में कौड़ी गिरे तो दाँत से उठा लेना

कोड़ी कोड़ी वसूल करना, अपना हक़ ना छोड़ना

पेट में पड़ा चारा तो कूदने लगा बेचारा

मालदार हो कर दोन की लेना, दौलतमंदी की वजह से पिछली हालत को भूल जाना

सेंदूर न लगाएँ तो भटार का मन कैसे रखें

बताओ यदि श्रंगार न करें तो पति को कैसे ख़ुश करें

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

या ख़ुदा तू दे न मैं दूँ

उसके संबंध में कहते हैं जो न स्वयं लाभ दे न लाभ पहुँचने दे

तेरे तोड़े तो मैं बेर भी न खाऊँ

(ओ) मुझे तुझ से नफ़रत है यानी तो अगर बेरों को छोले तो में खाऊं

सेंदूर न लगाएँ तो भतार का मन कैसे रखें

बताओ यदि श्रंगार न करें तो पति को कैसे ख़ुश करें

घर में दिया तो मस्जिद में दिया

पहले घर के लोगों के साथ व्यवहार होना चाहिए फिर बाहर

ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं

मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ

अपना मारेगा तो फिर छाँव में बिठाएगा

अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों

कुत्ता पाए तो सवा मन खाए, नहीं तो दिया ही चाट कर रह जाए

कुत्ता लालची भी है और सहनशील भी, अगर मिले तो सब कुछ खा जाता है अगर न मिले तो मालिक का घर छोड़ कर नहीं जाता

गूह में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठा ले

ख़सीस और बख़ील आदमी के बारे में बोलते हैं

आरसी में मुँह तो देखो

मित्र से प्रेमावेग और प्रेम-व्यवहार के समय मज़ाक़ में कहते हैं

गाँठ में दाम तो सब करें सलाम

पैसा पास हो तो सब इज़्ज़त करते हैं

जो ईश्वर कृपा करे तो खड़े हिलावें कान अरहर के खेत में

ईश्वर की कृपा हो तो घर बैठे मिल जाए

भोजपुर में जाइयो मत जाइयो तो खाइयो मत खाइयो तो सोइयो मत सोइयो तो टोहियो मत टोहियो तो रोइयो मत

भोज पर के लोग बड़े सार्क होते हैं इस लिए नसीहत की गई है कि अव्वल तो वहां ना जाना और अगर जाना तो खाना ना खाना और अगर खाना पड़े तो सोना मत और अगर सोना पड़े तो अपनी हिमियानी मिट टटोलना और अगर टटोलना तो मत रोना कीवनका उस वक़्त तक वो चोरी होचुकी होगी

ऐसे ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं

मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ

बग़ल में तोशा तो मंज़िल का भरोसा

इस शख़्स की कामयाबी यक़ीनी है जो सी मुहिम पर रवाना होने से पहले पूरी तरह सामान से लैस हो

जब तू न्याय की गद्दी पर बैठे तो अपने मन से तरफ़-दारी लालच और क्रोध को दूर कर

शासक को पक्षपात लालच और क्रोध नहीं करना चाहिए

मो को न तो को, ले भाड़ में झोको

ना ख़ुद अपने काम में য৒ब लाएंगेगे ना तुम्हें काम में लाने देंगे चाहे ज़ाए हो जाये तो हो जाये

ज़ख़्मी दुश्मनों में दम ले तो मरे न ले तो मरे

हर हालत में बर्बादी है, बचने का रासता नहीं

आईने में सूरत तो देखो

व्यंग में कहते हैं अगर कोई अपनी योग्यता से बढ़ कर बात करे या औक़ात से बढ़ कर माँगे

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