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रोज़ा

(इस्लाम) सूर्योदय से पहले से सूर्यास्त तक खाना-पीना एवं पत्नी से संभोग छोड़ना, विशेषतः रमज़ानन के महीने में हर दिन रखा जानेवाला उपवास या व्रत, व्रत, उपवास

रोज़ा खोलना

सूर्यास्त पर कोई चीज़ खा कर या पी कर रोज़े को सम्पन्न करना, रोज़ा इफ़तार करना

रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो महज़ काफ़िर हो जाए

ये कहावत उन लोगों की है जो इंद्रियों के वश में रहते हैं, रोज़ा नमाज़ न सही मगर सहरी ज़रूर खानी चाहिए

पंज-रोज़ा

(लाक्षणिक) थोड़े दिनों का, अस्थायी

जो सहरी खाए सो रोज़ा रखे

he must suffer pain who stands to gain

जो सहरी खाए वही रोज़ा रखे

एक व्यक्ति की सहरी कुत्ता खा गया, उसने उसे सारा दिन भूका बाँध रखा कि उसने सहरी खाई है वही रोज़ा रखेगा अर्थात जो लाभ उठाए वही काम करे, ये लोकोक्ति ऐसे अवसर पर बोलते हैं जब ये दिखाना हो कि जो व्यक्ति लाभांवित वही काम करने में मेहनत और तकलीफ़ उठाए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में लगी तो रोज़ी, नहीं तो रोज़ा के अर्थदेखिए

लगी तो रोज़ी, नहीं तो रोज़ा

lagii to rozii, nahii.n to rozaلَگی تو روزی، نَہِیں تو روزَہ

कहावत

लगी तो रोज़ी, नहीं तो रोज़ा के हिंदी अर्थ

  • मिल गया तो खा लिया वर्ना उपवास रख लिया अर्थात मिला तो खा लिया नहीं तो व्रत समझो, अत्यधिक निर्धनता की ओर इशारा
  • किसी फक्कड़ व्यक्ति का कहना

    विशेष रोज़ा= वह धार्मिक उपवास जो मुसलमान रमज़ान के दिनों में करते हैं।

لَگی تو روزی، نَہِیں تو روزَہ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • مل گیا تو کھا لیا ورنہ فاقہ کرلیا یعنی ملا تو کھا لیا نہیں تو روزہ سمجھو، کمال مفلسی کا کنایہ
  • کسی بہت مفلس شخص کا کہنا

Urdu meaning of lagii to rozii, nahii.n to roza

  • Roman
  • Urdu

  • mil gayaa to kha liyaa varna faaqa karaliyaa yaanii mila to kha liyaa nahii.n to roza samjho, kamaal mufalisii ka kinaaya
  • kisii bahut muflis shaKhs ka kahnaa

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रोज़ा

(इस्लाम) सूर्योदय से पहले से सूर्यास्त तक खाना-पीना एवं पत्नी से संभोग छोड़ना, विशेषतः रमज़ानन के महीने में हर दिन रखा जानेवाला उपवास या व्रत, व्रत, उपवास

रोज़ा खोलना

सूर्यास्त पर कोई चीज़ खा कर या पी कर रोज़े को सम्पन्न करना, रोज़ा इफ़तार करना

रोज़ा रखे न नमाज़ पढ़े सहरी भी न खाए तो महज़ काफ़िर हो जाए

ये कहावत उन लोगों की है जो इंद्रियों के वश में रहते हैं, रोज़ा नमाज़ न सही मगर सहरी ज़रूर खानी चाहिए

पंज-रोज़ा

(लाक्षणिक) थोड़े दिनों का, अस्थायी

जो सहरी खाए सो रोज़ा रखे

he must suffer pain who stands to gain

जो सहरी खाए वही रोज़ा रखे

एक व्यक्ति की सहरी कुत्ता खा गया, उसने उसे सारा दिन भूका बाँध रखा कि उसने सहरी खाई है वही रोज़ा रखेगा अर्थात जो लाभ उठाए वही काम करे, ये लोकोक्ति ऐसे अवसर पर बोलते हैं जब ये दिखाना हो कि जो व्यक्ति लाभांवित वही काम करने में मेहनत और तकलीफ़ उठाए

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