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किराए की माँ

Surrogate mother

किराए की मुतबादिल माँ

Surrogate mother

नाचे कूदे तोड़े तान, वा का देखना, राखे मान

जो संसार में समय हँसी-ख़ुशी में बिताते हैं उन का सब सम्मान करते हैं

थोड़ मोल की कामिली करे बड़ों का काम, मह्मूदी और बाफ़्ता सब की रक्खे मान

थोड़ी क़ीमत की चीज़ भी वैसा ही काम देती है जैसी अधिक क़ीमत

नाचे कूदे तोड़े तान, वा का दुनिया राखे मान

जो संसार में समय हँसी-ख़ुशी में बिताते हैं उन का सब सम्मान करते हैं

जो ईश्वर कृपा करे तो खड़े हिलावें कान अरहर के खेत में

ईश्वर की कृपा हो तो घर बैठे मिल जाए

दक्किन की कमाई काँदू नाले में गँवाई

मेहनत की कमाई को बिना कारण ख़र्च करने या बर्बाद करने के अवसर पर कहते हैं

राई को पर्बत करेऔर पर्बत करे राई मान

ख़ुदा की तारीफ़ में कहते हैं, यानी बनाने और बिगाड़ने वाला ख़ुदा है

साजन हम तुम ऐक हैं देखत के हैं दो, मन से मन को तौल दो मन कदी न हो

हम तुम असल में एक हैं भले ही दो दिखाई देते हैं

मन करे पहिरन चौतार करम लिखे भेड़ी के बार

दिल तो अच्छे कपड़े पहनने को करता है मगर भाग्य में भेड़ के बाल हैं

मन करे पहिरे चौतार करम लिखे भेड़ी के बार

दिल तो अच्छे कपड़े पहनने को करता है मगर भाग्य में भेड़ के बाल हैं

राई को पर्बत करे और पर्बत को राई मान

ख़ुदा की तारीफ़ में कहते हैं, यानी बनाने और बिगाड़ने वाला ख़ुदा है

गूह का कीड़ा गूह में रहे

जो आदमी जैसी संगत में पला होता है वैसी ही संगत उस को भली मालूम होती है

दिल्ली की कमाई काँदू के नाले में बहाई

उस जगह पर बोलते हैं कि जब कोई व्यक्ति बाहर पैसा कमा कर वहीं ख़र्च कर दे और घर ख़ाली हाथ जैसा गया था वैसा ही लौट आए

सुख में रब को याद करे तो दुख काहे हो

अगर आराम के ज़माने में ख़ुदा को याद करें तो कभी तकलीफ़ ना हो

तलवरिया वही भला जो रन में हाथ दिखाए, बैरी के टुकड़े करे और आप तुरत बच जाए

तलवरिया वो है जो लड़ाई में शत्रु का विनाश करे और स्वयं बच जाए

गिरह में कौड़ी नहीं, बाज़ार की सैर

ग़रीबी में धनवान सा ठाट रखने वाले के लिए बोलते हैं अर्थात निर्धनी में अय्याशी

कैरी पत्तों की आड़ में कब तक छुपेगी

बुराई छुप नहीं सकती ज़रूर ज़ाहिर हो कर रहती है

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही मन को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

गिरह में कौड़ी नहीं और बाज़ार की सैर

ग़रीबी में धनवान सा ठाट रखने वाले के लिए बोलते हैं अर्थात निर्धनी में अय्याशी

कौड़ी नहीं गाँठ में चले बाग़ की सैर

बहुत ग़रीब होना

कौड़ी नहीं गाँठ में, चले बाग़ की सैर

निर्धनता पर धनवानों वली आदत

मोरी का कीड़ा मोरी में ख़ुश रहता है

۔(دہلی) (عو) مثل جو گندگی میں پلا ہو وہ گندگی میں خوش رہتا ہے۔

कौड़ी-कौड़ी माया, जोड़े जो ज़मीं में धरता है, जिस का लहना वही खावे पापी बरिय्या मरता है

कंजूस पापी परेशानी भर कर जोड़ता है, फिर जिस को नसीब होता है वही खाता है

साधू हो कर करे जो जारी , उस की हो दो जग में ख़्वारी

फ़क़ीर हो कर बदमाशी और बदकारी करे, दोनों जहां में ख़राब-ओ-ख़ार होगा

बैठा बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में धरे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहे

جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔

मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहता है

جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔

गू का कीड़ा गू ही में ख़ुश रहता है

जो आदमी जैसी संगत में पला होता है वैसी ही संगत उस को भली मालूम होती है

गाँठ गिरह में कौड़ी नहीं, बाँकेपुर की सैर

बे रुपय पैसे हौसलामंदी, मुफ़लिसी में शौक़ीन मिज़ाजी

बैठा बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में करे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

बैठा बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में भरे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

किसी की माँ ने धोंसा खाया है जो तुम्हारा मुक़ाबला करे

कौन तुम्हारा प्रतिस्पर्धा अर्थात मुक़ाबला कर सकता है अर्थात हर व्यक्ति अशिष्ट और मुँहफट से कनिया जाता है

ठाली बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में करे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

ठाली बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में करे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

लाल बुझक्कड़ बूझियाँ और न बूझा कोए, पैर में चक्की बाँध के कोई हिरना कूदा हुए

रात को गाँव के पास से हाथी गुज़रा, उसके पाँव का निशान देख कर लोग बहुत हैरान हुए, लाल बुझक्कड़ ने यह फ़ैसला दिया कि कोई हिरन पाँव में चक्की बाँध के कूदा है

टहल करो फ़क़ीर की जो देवे तुम्हें असीस, रैन दिना राज़ी रहो जग में बिस्वा बीस

फ़क़ीरों की सेवा करनी चाहिए, मनुष्य सुखी रहता है

ख़ाली बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में भरे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

घर के जले बन में गए बन में लागी आग, बन बिचारा क्या करे जो हैं हमारे भाग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

टहल करो फ़क़ीर की देवे तुम्हें असीस, रैन दिना राज़ी रहो चुग में बिस्वा बीस

फ़क़ीरों की सेवा करनी चाहिए, मनुष्य सुखी रहता है

तेली का काम तंबोली करे चूल्हे में आग लगे

जब कोई व्यक्ति ऐसा काम करे जिस से उस का कोई लेना देना न हो या दूसरे के काम में टाँग अड़ाए तो उस का काम ख़राब होता है

तेली का काम तंबोली करे चूल्हे में आग उठे

जब कोई व्यक्ति ऐसा काम करे जिस से उस का कोई लेना देना न हो या दूसरे के काम में टाँग अड़ाए तो उस का काम ख़राब होता है

घर की जली बन गई बन में लागी आग बन बेचारा क्या करे कर्मों लागी आग

बदनसीब का कहीं ठिकाना नहीं जहां जाएगा बदक़िस्मती की वजह से सख़्ती उठाएगा

घर के जले बन गए बन में लागी आग, बन बिचारा क्या करे जो कर्मों लागी आग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

घर के जले बन गए बन में लागी आग और बन बिचारा क्या करे जो कर्मों लागी आग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

टहल करो माँ बाप की जो होएँ संपूरन आस, या टहल सो जो फिरें नरक उन्हों का बास

माँ बाप की सेवा करने वालों की सब उम्मीदें पूरी होती हैं जो उन की सेवा न करें वो नरक में जाते हैं

घर की जली बन में गई बन में लागी आग, बन बिचारा क्या करे जो कर्मों लागी आग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में लाल बुझक्कड़ बूझियाँ और न बूझा कोए, पैर में चक्की बाँध के कोई हिरना कूदा हुए के अर्थदेखिए

लाल बुझक्कड़ बूझियाँ और न बूझा कोए, पैर में चक्की बाँध के कोई हिरना कूदा हुए

laal bujhakka.D buujhiyaa.n aur na buujhaa ko.e, pair me.n chakkii baa.ndh ke ko.ii hirnaa kuudaa hu.eلال بجھکڑ بوجھیاں اور نہ بوجھا کوئے، پیر میں چکی باندھ کے کوئی ہرنا کودا ہوئے

कहावत

लाल बुझक्कड़ बूझियाँ और न बूझा कोए, पैर में चक्की बाँध के कोई हिरना कूदा हुए के हिंदी अर्थ

  • रात को गाँव के पास से हाथी गुज़रा, उसके पाँव का निशान देख कर लोग बहुत हैरान हुए, लाल बुझक्कड़ ने यह फ़ैसला दिया कि कोई हिरन पाँव में चक्की बाँध के कूदा है

لال بجھکڑ بوجھیاں اور نہ بوجھا کوئے، پیر میں چکی باندھ کے کوئی ہرنا کودا ہوئے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • رات کو گاؤں کے پاس سے ہاتھی گزرا، اس کے پاؤں کا نشان دیکھ کر لوگ بہت حیران ہوئے، لال بجھکڑ نے یہ فیصلہ دیا کہ کوئی ہرن پاؤں میں چکی باندھ کے کودا ہے

Urdu meaning of laal bujhakka.D buujhiyaa.n aur na buujhaa ko.e, pair me.n chakkii baa.ndh ke ko.ii hirnaa kuudaa hu.e

  • Roman
  • Urdu

  • raat ko gaanv ke paas se haathii guzraa, is ke paanv ka nishaan dekh kar log bahut hairaan hu.e, laal bujhakka.D ne ye faisla diyaa ki ko.ii hiran paanv me.n chakkii baandh ke kuudaa hai

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किराए की माँ

Surrogate mother

किराए की मुतबादिल माँ

Surrogate mother

नाचे कूदे तोड़े तान, वा का देखना, राखे मान

जो संसार में समय हँसी-ख़ुशी में बिताते हैं उन का सब सम्मान करते हैं

थोड़ मोल की कामिली करे बड़ों का काम, मह्मूदी और बाफ़्ता सब की रक्खे मान

थोड़ी क़ीमत की चीज़ भी वैसा ही काम देती है जैसी अधिक क़ीमत

नाचे कूदे तोड़े तान, वा का दुनिया राखे मान

जो संसार में समय हँसी-ख़ुशी में बिताते हैं उन का सब सम्मान करते हैं

जो ईश्वर कृपा करे तो खड़े हिलावें कान अरहर के खेत में

ईश्वर की कृपा हो तो घर बैठे मिल जाए

दक्किन की कमाई काँदू नाले में गँवाई

मेहनत की कमाई को बिना कारण ख़र्च करने या बर्बाद करने के अवसर पर कहते हैं

राई को पर्बत करेऔर पर्बत करे राई मान

ख़ुदा की तारीफ़ में कहते हैं, यानी बनाने और बिगाड़ने वाला ख़ुदा है

साजन हम तुम ऐक हैं देखत के हैं दो, मन से मन को तौल दो मन कदी न हो

हम तुम असल में एक हैं भले ही दो दिखाई देते हैं

मन करे पहिरन चौतार करम लिखे भेड़ी के बार

दिल तो अच्छे कपड़े पहनने को करता है मगर भाग्य में भेड़ के बाल हैं

मन करे पहिरे चौतार करम लिखे भेड़ी के बार

दिल तो अच्छे कपड़े पहनने को करता है मगर भाग्य में भेड़ के बाल हैं

राई को पर्बत करे और पर्बत को राई मान

ख़ुदा की तारीफ़ में कहते हैं, यानी बनाने और बिगाड़ने वाला ख़ुदा है

गूह का कीड़ा गूह में रहे

जो आदमी जैसी संगत में पला होता है वैसी ही संगत उस को भली मालूम होती है

दिल्ली की कमाई काँदू के नाले में बहाई

उस जगह पर बोलते हैं कि जब कोई व्यक्ति बाहर पैसा कमा कर वहीं ख़र्च कर दे और घर ख़ाली हाथ जैसा गया था वैसा ही लौट आए

सुख में रब को याद करे तो दुख काहे हो

अगर आराम के ज़माने में ख़ुदा को याद करें तो कभी तकलीफ़ ना हो

तलवरिया वही भला जो रन में हाथ दिखाए, बैरी के टुकड़े करे और आप तुरत बच जाए

तलवरिया वो है जो लड़ाई में शत्रु का विनाश करे और स्वयं बच जाए

गिरह में कौड़ी नहीं, बाज़ार की सैर

ग़रीबी में धनवान सा ठाट रखने वाले के लिए बोलते हैं अर्थात निर्धनी में अय्याशी

कैरी पत्तों की आड़ में कब तक छुपेगी

बुराई छुप नहीं सकती ज़रूर ज़ाहिर हो कर रहती है

चख डाल माल धन को कौड़ी न रख कफ़न को, जिस ने दिया है तन को देगा वही मन को

आनंद लो ख़र्च करो, किसी बात की परवाह नहीं

गिरह में कौड़ी नहीं और बाज़ार की सैर

ग़रीबी में धनवान सा ठाट रखने वाले के लिए बोलते हैं अर्थात निर्धनी में अय्याशी

कौड़ी नहीं गाँठ में चले बाग़ की सैर

बहुत ग़रीब होना

कौड़ी नहीं गाँठ में, चले बाग़ की सैर

निर्धनता पर धनवानों वली आदत

मोरी का कीड़ा मोरी में ख़ुश रहता है

۔(دہلی) (عو) مثل جو گندگی میں پلا ہو وہ گندگی میں خوش رہتا ہے۔

कौड़ी-कौड़ी माया, जोड़े जो ज़मीं में धरता है, जिस का लहना वही खावे पापी बरिय्या मरता है

कंजूस पापी परेशानी भर कर जोड़ता है, फिर जिस को नसीब होता है वही खाता है

साधू हो कर करे जो जारी , उस की हो दो जग में ख़्वारी

फ़क़ीर हो कर बदमाशी और बदकारी करे, दोनों जहां में ख़राब-ओ-ख़ार होगा

बैठा बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में धरे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहे

جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔

मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहता है

جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔

गू का कीड़ा गू ही में ख़ुश रहता है

जो आदमी जैसी संगत में पला होता है वैसी ही संगत उस को भली मालूम होती है

गाँठ गिरह में कौड़ी नहीं, बाँकेपुर की सैर

बे रुपय पैसे हौसलामंदी, मुफ़लिसी में शौक़ीन मिज़ाजी

बैठा बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में करे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

बैठा बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में भरे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

किसी की माँ ने धोंसा खाया है जो तुम्हारा मुक़ाबला करे

कौन तुम्हारा प्रतिस्पर्धा अर्थात मुक़ाबला कर सकता है अर्थात हर व्यक्ति अशिष्ट और मुँहफट से कनिया जाता है

ठाली बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में करे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

ठाली बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में करे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

लाल बुझक्कड़ बूझियाँ और न बूझा कोए, पैर में चक्की बाँध के कोई हिरना कूदा हुए

रात को गाँव के पास से हाथी गुज़रा, उसके पाँव का निशान देख कर लोग बहुत हैरान हुए, लाल बुझक्कड़ ने यह फ़ैसला दिया कि कोई हिरन पाँव में चक्की बाँध के कूदा है

टहल करो फ़क़ीर की जो देवे तुम्हें असीस, रैन दिना राज़ी रहो जग में बिस्वा बीस

फ़क़ीरों की सेवा करनी चाहिए, मनुष्य सुखी रहता है

ख़ाली बनिया क्या करे इस कोठी के धान उस कोठी में भरे

काम करने वाला आदमी बेकार नहीं बैठ सकता चाहे उसे व्यर्थ काम ही करना पड़े

घर के जले बन में गए बन में लागी आग, बन बिचारा क्या करे जो हैं हमारे भाग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

टहल करो फ़क़ीर की देवे तुम्हें असीस, रैन दिना राज़ी रहो चुग में बिस्वा बीस

फ़क़ीरों की सेवा करनी चाहिए, मनुष्य सुखी रहता है

तेली का काम तंबोली करे चूल्हे में आग लगे

जब कोई व्यक्ति ऐसा काम करे जिस से उस का कोई लेना देना न हो या दूसरे के काम में टाँग अड़ाए तो उस का काम ख़राब होता है

तेली का काम तंबोली करे चूल्हे में आग उठे

जब कोई व्यक्ति ऐसा काम करे जिस से उस का कोई लेना देना न हो या दूसरे के काम में टाँग अड़ाए तो उस का काम ख़राब होता है

घर की जली बन गई बन में लागी आग बन बेचारा क्या करे कर्मों लागी आग

बदनसीब का कहीं ठिकाना नहीं जहां जाएगा बदक़िस्मती की वजह से सख़्ती उठाएगा

घर के जले बन गए बन में लागी आग, बन बिचारा क्या करे जो कर्मों लागी आग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

घर के जले बन गए बन में लागी आग और बन बिचारा क्या करे जो कर्मों लागी आग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

टहल करो माँ बाप की जो होएँ संपूरन आस, या टहल सो जो फिरें नरक उन्हों का बास

माँ बाप की सेवा करने वालों की सब उम्मीदें पूरी होती हैं जो उन की सेवा न करें वो नरक में जाते हैं

घर की जली बन में गई बन में लागी आग, बन बिचारा क्या करे जो कर्मों लागी आग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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