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"कुत्ते की दुम बारह बरस ज़मीन में गाड़ो टेढ़ी ही रहेगी" शब्द से संबंधित परिणाम

गिरा हुआ

پست ، رکیک ، کمتر درجے کا.

गिरी हुई

पस्त, नीची

ज़ात से गिरा हुआ

व्यर्थ, बेकार, निकम्मा, नाकारा, नालायक़

तेली का तेल गिरा हीना हुआ, बनिये का नोन गिरा दूना हुआ

तेल गिरा तो ज़मीन सोख़ गई और नोन गिरा तो उसके साथ मिट्टी मिल गई जिससे वज़न बढ़ गया, किसी को अपनी हानि से ही लाभ होता है

लोनिये का लोन गिरा दूना हुआ, तेली का तेल गिरा हीना हुआ

तेल गिरा तो ज़मीन सोख़ गई और नोन गिरा तो उसके साथ मिट्टी मिल गई जिससे वज़न बढ़ गया, किसी को अपनी हानि से ही लाभ होता है

तेली का तेल गिरा हीना हुआ, बनिये का लोन गिरा दूना हुआ

तेल गिरा तो ज़मीन सोख़ गई और नोन गिरा तो उसके साथ मिट्टी मिल गई जिससे वज़न बढ़ गया, किसी को अपनी हानि से ही लाभ होता है

गिरी हुई आवाज़

۔پست آواز۔

गोरे चमड़े पे न जा ये छछूँदर से बदतर है

गोरे रंग पर रीझना नहीं चाहिए क्योंकि उस की कोई हैसियत नहीं होती है नौजवान आदमी जो रंडी पर आशिक़ हो जाये उसे बतौर नसीहत कहते यहं

गोद लेते गिरा पड़ता है

ख़ातिरदारी के बावजूद सीधा नहीं होता

काल न छोड़े कोए , गदा हो या राजा होए

मृत्यु राजा हो या फ़क़ीर किसी को नहीं छोड़ती

गुरू गुड़ ही रहे चेले शकर हो गए

शागिर्द उस्ताद से बढ़ गए

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

घोड़ी का गिरा सँभलता है नज़रों का गिरा नहीं सँभलता

इंसान एक बार नज़रों से गिर जाए तो फिर उसे इज़्ज़त नहीं मिलती

क्यों गड़े मुर्दे उखड़वाता है

क्यों छिपे हुए ऐब ज़ाहिर करवाता है

गीदड़ जब झेरे में गिरा तो कहा आज यहीं मुक़ाम है

मजबूरी में भी घमंड से बाज़ नहीं आया, शर्मिंदा हुए पर बात वही रखी, मजबूरी में भी घमंड नहीं गया

मक़दूर की माँ गोड़े ही रगड़ती है

तुम्हारा कुछ ज़ोर नहीं चलेगा, तुम कुछ नहीं बना सकते

गू में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठाता है

बहुत हरीस और बख़ील आदमी की निसबत कहते हैं, बहुत कंजूस है, फ़ायदे के लिए ज़लील काम करने पर भी तैय्यार है

चेले चीनी हो गए गुरू गुढ़ ही रहे

शागिर्द तो तरक़्क़ी कर गए उस्ताद वहीं के वहीं रहे

गुरू गुड़ ही रहे चेले चीनी हो गए

शागिर्द उस्ताद से बढ़ गए

गुद्दी में 'अक़्ल है

देर फ़हम है, क़ुव्वत निकल जाने के बाद बात समझता है, अहमक़ है, बेवक़ूफ़ है

आँवल नाल गड़ी है

जन्म स्थान से चूँकि प्रेम होता है इसलिये ऐसे व्यक्ति को जिसे किसी जगह से प्रेम हो ये कहते हैं कि वहाँ क्या तुम्हारी आँवल नाल गड़ी है

जब तक तंग दस्ती है परहेज़-गारी है

ग़ुर्बत में आदमी नेक चलन रहता है

गद्दी से दस्त-बरदार हो जाना

इक़तिदार यू हुकूमत छोड़ देना

गोरी मत कर गोरे रंग पे गुमान, ये है कोई दम का मेहमान

सुंदरता पर घमंड न कर यह कुछ समय के लिए अर्थात क्षणभंगुर है

कलेजे में बरछी गड़ी है

۔(کنایۃً) روحانی ایذا برقرار ہے۔ ؎

यहाँ कुछ माल तो नहीं गड़ा है

जहाँ कोई अपना दावा या विशेषाधिकार जताता है, वहाँ ऐसा कहा जाता है

कटाई गड़ा है

नाल ज़मीन में दबा हुआ है

शर्म की माँ गोड़े रगरती है

श्रम करने में नुक़्सान ही नुक़्सान है

शिम्र की हड्डी गड़ी है

किसी मकान या किसी जगह पर जहां मजलिसें होती हूँ और गिर ये ना हो या कम हो तो कहते हैं

यहाँ तो गोया उनकी नाल गड़ी हुई है

किसी जगह से किसी को बहुत लगाव हो और बार-बार आए तो कहते हैं जिस जगह बच्चे की नाल दफ़्नाई जाती है उस जगह से एक लगाव होता है

कुत्ते की दुम बारह बरस ज़मीन में गाड़ो टेढ़ी ही रहेगी

तबीयत और फ़ित्रत की कजी कोशिश से नहीं जाती, बदतीनत पर सोहबत का कुछ असर नहीं होता (लाख कोशिश के बावजूद जब कोई तबदीली वाक़्य ना हो तो कहते हैं)

यहाँ क्या तेरा नाल गड़ा है

जहाँ कोई अपना दावा या विशेषाधिकार दिखाए तो कहते हैं

गोरी मत कर गोरे रंग का गुमान, ये है कोई दिन का मेहमान

सुंदरता पर घमंड न कर यह कुछ समय के लिए अर्थात क्षणभंगुर है

गँवार की 'अक़्ल गुद्दी में होती है

अज्ञानी बिना सज़ा के सीधा नहीं होता

कुत्ते की दुम बारह बरस ज़मीन में गाड़ी टेढ़ी ही निकली

तबीयत और फ़ित्रत की कजी कोशिश से नहीं जाती, बदतीनत पर सोहबत का कुछ असर नहीं होता (लाख कोशिश के बावजूद जब कोई तबदीली वाक़्य ना हो तो कहते हैं)

मर्द की बात और गाड़ी का पहिया आगे चलता है

शरीफ़ अपने स्वीकृति अर्थात वचन से फिरते नहीं हैं, शरीफ़ जो वचन देता है उसे अवश्य पूरा करता है

बुख़ार हाथी को भी गिरा देता है

बुख़ार का रोग बड़े बड़े शक्तिशाली व्यक्तियों को कमज़ोर और दुर्बल कर देता है

गिरा चाहता है

गिरने के नज़दीक होना

मर्द की बात और गाड़ी का पहिया आगे को चलता है

शरीफ़ अपने स्वीकृति अर्थात वचन से फिरते नहीं हैं, शरीफ़ जो वचन देता है उसे अवश्य पूरा करता है

गाड़ी भर आश्नाई काम की नहीं मगर रत्ती भर नाता काम आता है

ज़रा सी क़राबत बहुत सी दोस्ती पर ग़ालिब होती है, वक़्त पड़ने पर रिश्तेदार ही काम आते हैं, बुरे वक़्त पर अपने ही साथ देते हैं

गुरू घंटाल है

फ़सादी है, शरारत में सबका नेता है

थाली फेंको तो सर ही पर गिरे

रुक : थाली फेंको तो सर पर उछले

साईं का घर दूर है जैसे लम्बी खजूर, चढ़े तो चाखे प्रेम रस गिरे तो चकना-चूर

ईश्वर को पाना बहुत कठिन है यदि पा ले तो इससे बढ़ कर कुछ नहीं न पाए तो तबाह हो जाए

सर गाड़ी पैर पहिया करे तो रोटी मिलती है

मेहनत करने से रोटी हासिल होती है

जुलाहे की 'अक़्ल गुद्दी में होती है

जुलाहे आमतौर से कमअक़्ल होते हैं उन का ख़ास्सा क़ौमी है क्योंकि बोज्ह एक जगह बैठ कर काम करने के तजुर्बा नहीं होता

जुलाहे की 'अक़्ल गुद्दी में होती है

जो लाहे अमोमा कमअक़्ल होते हैं उन का ख़ास्सा क़ौमी है क्योंकि बोज्ह एक जगह बैठ कर काम करने के तजुर्बा नहीं होता

जोगी जुगत जाने नहीं गेरू में कपड़े रंगे तो क्या हुआ

सन्यासी या जोगी बनने के उसूल से अनभिज्ञ अथवा अपरिचित हैं और दिखावे के लिए गेरू में कपड़े रंग लिए हैं

लीक लीक गाड़ी चले और लीक चले सपूत, लीक छोड़ तीन ही चलें कवी, सिंघ, सपूत

नालायक़ औलाद बाप दादा की राह पर नहीं चलती, गाड़ी लीक पर चलती है और बेवक़ूफ लड़का पुराने रस्म-ओ-रिवाज पर चलता है, शायर, शेर और नालायक़ बेटा पुराने रास्ते पर नहीं चलते बल्कि नया रास्ता निकालते हैं

लीक लीक गाड़ी चले और लीक चले सपूत, लीक छोड़ तीन ही चलें सागर, सिंघ, कपूत

नालायक़ औलाद बाप दादा की राह पर नहीं चलती, गाड़ी लीक पर चलती है और बेवक़ूफ लड़का पुराने रस्म-ओ-रिवाज पर चलता है, शायर, शेर और नालायक़ बेटा पुराने रास्ते पर नहीं चलते बल्कि नया रास्ता निकालते हैं

थाली गिरी झंकार हुई , क्या ख़बर भरी थी या ख़ाली

ख़ाह हक़ीक़त कुछ भी हो मगर बदनामी हो जाये तो उसे कौन रोक सकता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कुत्ते की दुम बारह बरस ज़मीन में गाड़ो टेढ़ी ही रहेगी के अर्थदेखिए

कुत्ते की दुम बारह बरस ज़मीन में गाड़ो टेढ़ी ही रहेगी

kutte kii dum baarah baras zamiin me.n gaa.Do Te.Dhii hii rahegiiکُتّے کی دُم بارَہ بَرَس زَمِین میں گاڑو ٹیڑھی ہی رَہے گی

कहावत

कुत्ते की दुम बारह बरस ज़मीन में गाड़ो टेढ़ी ही रहेगी के हिंदी अर्थ

  • तबीयत और फ़ित्रत की कजी कोशिश से नहीं जाती, बदतीनत पर सोहबत का कुछ असर नहीं होता (लाख कोशिश के बावजूद जब कोई तबदीली वाक़्य ना हो तो कहते हैं)

کُتّے کی دُم بارَہ بَرَس زَمِین میں گاڑو ٹیڑھی ہی رَہے گی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • طبیعت اور فطرت کی کجی کوشش سے نہیں جاتی ، بد طینت پر صحبت کا کچھ اثر نہیں ہوتا (لاکھ کوشش کے باوجود جب کوئی تبدیلی واقع نہ ہو تو کہتے ہیں).

Urdu meaning of kutte kii dum baarah baras zamiin me.n gaa.Do Te.Dhii hii rahegii

  • Roman
  • Urdu

  • tabiiyat aur fitrat kii kajii koshish se nahii.n jaatii, badtiinat par sohbat ka kuchh asar nahii.n hotaa (laakh koshish ke baavjuud jab ko.ii tabdiilii vaaqya na ho to kahte hain)

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پست ، رکیک ، کمتر درجے کا.

गिरी हुई

पस्त, नीची

ज़ात से गिरा हुआ

व्यर्थ, बेकार, निकम्मा, नाकारा, नालायक़

तेली का तेल गिरा हीना हुआ, बनिये का नोन गिरा दूना हुआ

तेल गिरा तो ज़मीन सोख़ गई और नोन गिरा तो उसके साथ मिट्टी मिल गई जिससे वज़न बढ़ गया, किसी को अपनी हानि से ही लाभ होता है

लोनिये का लोन गिरा दूना हुआ, तेली का तेल गिरा हीना हुआ

तेल गिरा तो ज़मीन सोख़ गई और नोन गिरा तो उसके साथ मिट्टी मिल गई जिससे वज़न बढ़ गया, किसी को अपनी हानि से ही लाभ होता है

तेली का तेल गिरा हीना हुआ, बनिये का लोन गिरा दूना हुआ

तेल गिरा तो ज़मीन सोख़ गई और नोन गिरा तो उसके साथ मिट्टी मिल गई जिससे वज़न बढ़ गया, किसी को अपनी हानि से ही लाभ होता है

गिरी हुई आवाज़

۔پست آواز۔

गोरे चमड़े पे न जा ये छछूँदर से बदतर है

गोरे रंग पर रीझना नहीं चाहिए क्योंकि उस की कोई हैसियत नहीं होती है नौजवान आदमी जो रंडी पर आशिक़ हो जाये उसे बतौर नसीहत कहते यहं

गोद लेते गिरा पड़ता है

ख़ातिरदारी के बावजूद सीधा नहीं होता

काल न छोड़े कोए , गदा हो या राजा होए

मृत्यु राजा हो या फ़क़ीर किसी को नहीं छोड़ती

गुरू गुड़ ही रहे चेले शकर हो गए

शागिर्द उस्ताद से बढ़ गए

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

घोड़ी का गिरा सँभलता है नज़रों का गिरा नहीं सँभलता

इंसान एक बार नज़रों से गिर जाए तो फिर उसे इज़्ज़त नहीं मिलती

क्यों गड़े मुर्दे उखड़वाता है

क्यों छिपे हुए ऐब ज़ाहिर करवाता है

गीदड़ जब झेरे में गिरा तो कहा आज यहीं मुक़ाम है

मजबूरी में भी घमंड से बाज़ नहीं आया, शर्मिंदा हुए पर बात वही रखी, मजबूरी में भी घमंड नहीं गया

मक़दूर की माँ गोड़े ही रगड़ती है

तुम्हारा कुछ ज़ोर नहीं चलेगा, तुम कुछ नहीं बना सकते

गू में कौड़ी गिरे तो दाँतों से उठाता है

बहुत हरीस और बख़ील आदमी की निसबत कहते हैं, बहुत कंजूस है, फ़ायदे के लिए ज़लील काम करने पर भी तैय्यार है

चेले चीनी हो गए गुरू गुढ़ ही रहे

शागिर्द तो तरक़्क़ी कर गए उस्ताद वहीं के वहीं रहे

गुरू गुड़ ही रहे चेले चीनी हो गए

शागिर्द उस्ताद से बढ़ गए

गुद्दी में 'अक़्ल है

देर फ़हम है, क़ुव्वत निकल जाने के बाद बात समझता है, अहमक़ है, बेवक़ूफ़ है

आँवल नाल गड़ी है

जन्म स्थान से चूँकि प्रेम होता है इसलिये ऐसे व्यक्ति को जिसे किसी जगह से प्रेम हो ये कहते हैं कि वहाँ क्या तुम्हारी आँवल नाल गड़ी है

जब तक तंग दस्ती है परहेज़-गारी है

ग़ुर्बत में आदमी नेक चलन रहता है

गद्दी से दस्त-बरदार हो जाना

इक़तिदार यू हुकूमत छोड़ देना

गोरी मत कर गोरे रंग पे गुमान, ये है कोई दम का मेहमान

सुंदरता पर घमंड न कर यह कुछ समय के लिए अर्थात क्षणभंगुर है

कलेजे में बरछी गड़ी है

۔(کنایۃً) روحانی ایذا برقرار ہے۔ ؎

यहाँ कुछ माल तो नहीं गड़ा है

जहाँ कोई अपना दावा या विशेषाधिकार जताता है, वहाँ ऐसा कहा जाता है

कटाई गड़ा है

नाल ज़मीन में दबा हुआ है

शर्म की माँ गोड़े रगरती है

श्रम करने में नुक़्सान ही नुक़्सान है

शिम्र की हड्डी गड़ी है

किसी मकान या किसी जगह पर जहां मजलिसें होती हूँ और गिर ये ना हो या कम हो तो कहते हैं

यहाँ तो गोया उनकी नाल गड़ी हुई है

किसी जगह से किसी को बहुत लगाव हो और बार-बार आए तो कहते हैं जिस जगह बच्चे की नाल दफ़्नाई जाती है उस जगह से एक लगाव होता है

कुत्ते की दुम बारह बरस ज़मीन में गाड़ो टेढ़ी ही रहेगी

तबीयत और फ़ित्रत की कजी कोशिश से नहीं जाती, बदतीनत पर सोहबत का कुछ असर नहीं होता (लाख कोशिश के बावजूद जब कोई तबदीली वाक़्य ना हो तो कहते हैं)

यहाँ क्या तेरा नाल गड़ा है

जहाँ कोई अपना दावा या विशेषाधिकार दिखाए तो कहते हैं

गोरी मत कर गोरे रंग का गुमान, ये है कोई दिन का मेहमान

सुंदरता पर घमंड न कर यह कुछ समय के लिए अर्थात क्षणभंगुर है

गँवार की 'अक़्ल गुद्दी में होती है

अज्ञानी बिना सज़ा के सीधा नहीं होता

कुत्ते की दुम बारह बरस ज़मीन में गाड़ी टेढ़ी ही निकली

तबीयत और फ़ित्रत की कजी कोशिश से नहीं जाती, बदतीनत पर सोहबत का कुछ असर नहीं होता (लाख कोशिश के बावजूद जब कोई तबदीली वाक़्य ना हो तो कहते हैं)

मर्द की बात और गाड़ी का पहिया आगे चलता है

शरीफ़ अपने स्वीकृति अर्थात वचन से फिरते नहीं हैं, शरीफ़ जो वचन देता है उसे अवश्य पूरा करता है

बुख़ार हाथी को भी गिरा देता है

बुख़ार का रोग बड़े बड़े शक्तिशाली व्यक्तियों को कमज़ोर और दुर्बल कर देता है

गिरा चाहता है

गिरने के नज़दीक होना

मर्द की बात और गाड़ी का पहिया आगे को चलता है

शरीफ़ अपने स्वीकृति अर्थात वचन से फिरते नहीं हैं, शरीफ़ जो वचन देता है उसे अवश्य पूरा करता है

गाड़ी भर आश्नाई काम की नहीं मगर रत्ती भर नाता काम आता है

ज़रा सी क़राबत बहुत सी दोस्ती पर ग़ालिब होती है, वक़्त पड़ने पर रिश्तेदार ही काम आते हैं, बुरे वक़्त पर अपने ही साथ देते हैं

गुरू घंटाल है

फ़सादी है, शरारत में सबका नेता है

थाली फेंको तो सर ही पर गिरे

रुक : थाली फेंको तो सर पर उछले

साईं का घर दूर है जैसे लम्बी खजूर, चढ़े तो चाखे प्रेम रस गिरे तो चकना-चूर

ईश्वर को पाना बहुत कठिन है यदि पा ले तो इससे बढ़ कर कुछ नहीं न पाए तो तबाह हो जाए

सर गाड़ी पैर पहिया करे तो रोटी मिलती है

मेहनत करने से रोटी हासिल होती है

जुलाहे की 'अक़्ल गुद्दी में होती है

जुलाहे आमतौर से कमअक़्ल होते हैं उन का ख़ास्सा क़ौमी है क्योंकि बोज्ह एक जगह बैठ कर काम करने के तजुर्बा नहीं होता

जुलाहे की 'अक़्ल गुद्दी में होती है

जो लाहे अमोमा कमअक़्ल होते हैं उन का ख़ास्सा क़ौमी है क्योंकि बोज्ह एक जगह बैठ कर काम करने के तजुर्बा नहीं होता

जोगी जुगत जाने नहीं गेरू में कपड़े रंगे तो क्या हुआ

सन्यासी या जोगी बनने के उसूल से अनभिज्ञ अथवा अपरिचित हैं और दिखावे के लिए गेरू में कपड़े रंग लिए हैं

लीक लीक गाड़ी चले और लीक चले सपूत, लीक छोड़ तीन ही चलें कवी, सिंघ, सपूत

नालायक़ औलाद बाप दादा की राह पर नहीं चलती, गाड़ी लीक पर चलती है और बेवक़ूफ लड़का पुराने रस्म-ओ-रिवाज पर चलता है, शायर, शेर और नालायक़ बेटा पुराने रास्ते पर नहीं चलते बल्कि नया रास्ता निकालते हैं

लीक लीक गाड़ी चले और लीक चले सपूत, लीक छोड़ तीन ही चलें सागर, सिंघ, कपूत

नालायक़ औलाद बाप दादा की राह पर नहीं चलती, गाड़ी लीक पर चलती है और बेवक़ूफ लड़का पुराने रस्म-ओ-रिवाज पर चलता है, शायर, शेर और नालायक़ बेटा पुराने रास्ते पर नहीं चलते बल्कि नया रास्ता निकालते हैं

थाली गिरी झंकार हुई , क्या ख़बर भरी थी या ख़ाली

ख़ाह हक़ीक़त कुछ भी हो मगर बदनामी हो जाये तो उसे कौन रोक सकता है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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