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"ख़स अगर बर आसमाँ रवद हमा ख़स अस्त व गौहर अगर दर ख़लाब उफ़्तद हमाँ नफ़ीस" शब्द से संबंधित परिणाम

हमीं-हम

सिर्फ़ हम, हम ही हम, कोई और नहीं

हमाँ-हमाना

۔(ف۔ اصل میں ہم آں تھا۔ بفتح اول صحیح وبضم اول غلط گویا۔ شاید ہمچناں۔ ہمچنیں۔

हमाँ हमी करना

अह्द-ओ-पैमान करना

हमाना-हमाना

اصل میں ہم آں تھا ، گویا ، شاید ، ہمچناں ، ہمچنیں.

हमाँ-ओ-हमीं

सब कुछ

हमाँ

روح ، بھوت ؛ خیال ، رائے.

हमें

' हम ' का कर्म और संप्रदान कारक का रूप, हम सब को, मुझको, हम तमाम लोगों को

हमों

we

हमूँ

وہ چیز ؛ رک : ہماں ؛ گویا ، شاید ، ہمچناں (تراکیب میں مستعمل) ۔

हमीं

हमारा

हमूँ का

हमारी, हमारा

हमीं को

हम ही को, सिर्फ़ हमें

हमें क्या

हमको क्या लाभ, हमको क्या प्रयोजन या मतलब

चश्म-उफ़्तादन हमाँ व दिल-दादन हमाँ

देखते ही आशिक़ हो जाना, पहली नज़र में प्रेम हो जाना

हमाँ आश-दर-कासा शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) एक मुआमले का दूसरी बार पेश आना , मुआमला जूं का तूं रहे तो कहते हैं

हमीं गोए व हमीं मैदाँ

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) अभी आज़माईश हो जाये, यही मुक़ाबले की जगह है

हमें गाड़ो

(एक क़िस्म की सख़्त क़स्म) हमें दफ़न करो

हामूँ-नवर्द

दे. ‘हामूगर्द' ।।

हमाँ आश-दर-कासा

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रचलित) एक घटना का दूसरी बार घटित होना, मुआमला जैसे का तैसे रहे तो कहते हैं

हमीं मैदाँ हमीं गोया

रुक : हमें चौगां हमें मैदां अलख

ख़स अगर बर आसमाँ रवद हमा ख़स अस्त व गौहर अगर दर ख़लाब उफ़्तद हमाँ नफ़ीस

तिनका अगर आसमान पर चला जाए तो भी तिनका है और मोती अगर कीचड़ में गिर पड़े तो भी नफ़ीस है, बुरी चीज़ बुरी है अच्छी चीज़ अच्छी, कमीना आदमी कितना ही बढ़ जाए कमीना ही है और शरीफ़ आदमी कितना ही तबाह हो जाए तब भी उसकी शराफ़त में फ़र्क़ न आएगा

हमाँ-यक-तेशा-आख़िर-बजा-ज़द

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) वही एक तेशा निशाने पर लगा, वही एक पिछली तदबीर ठीक बैठी या काम आई

हुनूज़ हमूँ-आश-दर-कासा

अब भी प्याले में वही खाना है, जो हालत पहले थी अब भी है

वो हमीं हैं

۔ हमारी ये जिगर है। हमारी ही ये हिम्मत है।

हमूँ-आश-दर-कासा

रुक : हमाँ आश दर कासा , उस वक़्त मुस्तामल है जब पहली हालत में बावजूद कोशिश कुछ तबदीली ना हो

तीन दिन का छोकरा हमें सिखावत बात

जब कोई कमउमर मश्वरा दे तो उम्र रसीदा कहते हैं

वो मर गए हमें मरना है

परिणाम स्वरूप हर एक को मरना है (क़सम के रूप में या सत्यता का विश्वास दिलाने के लिए) सबको एक दिन मरना है, मानव नश्वर है (पछतावे के प्रकटन के रूप में)

हमीं मैदाँ , हमीं चौगाँ , हमीं गोए

रुक : हमें चौगान हमें मैदान हमें गो

हमीं चौगाँ, हमीं मैदाँ, हमीं गो

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) यही मुक़ाबले की जगह है, अभी आज़माईश हो जाये /यहीं आज़माईश होजाए

हमीं पर मौक़ूफ़ नहीं

केवल हमारा ही ए आचार-व्यवहार नहीं

हमाँ-दम

उसी समय, तत्क्षण, उसी वक्त ।

हुमा-नौ'

ایک ہی طرح کے ، ایک ہی نوعیت کے حامل ، یکساں قسم کا (شکل و صورت ، وضع قطع یا جنس اور نسل کے اعتبار سے) یکساں ۔

हमाँ-शुमाँ

رک : ہما شما جو زیادہ مستعمل ہے ۔

हमें कुछ काम नहीं

۔(یائے مجہول) ہمیں کچھ غرض نہیں۔ مطلب نہیں۔ واسطہ نہیں۔؎

हवा से हम-'अनाँ होना

हवा के साथ चलना, हवा के समान तेज़ होना, बहुत तेज़ चलना

हामूँ

मैदान, रेगिस्तान, जंगल, सहरा

मियाँ कमाते क्या हो एक से दस, सास नंद को छोड़ दो, हमें तुम्हें बस

जो कुछ तुम कमाते हो वो हमारे लिए बहुत है, सास-नंद को छोड़ कर अलग हो जाओ

हमीं को रोए

हम ही को रोय, हमें ही पीटे

हामूँ-गर्द

जंगलों में मारामारा फिरनेबाला, वनभ्रमी।

तीन दिन का छोकरा हमें सिखाता है

जब कोई कमउमर मश्वरा दे तो उम्र रसीदा कहते हैं

हम-'इनाँ

साथ चलने वाला, सहचर, सदृश, समान

हमा-ने'मत

(अवामी) सारी नेमते, हर प्रकार की सुख-सामग्री

मुर्दा दोज़ख़ में जाए या बिहिश्त में , हमें अपने हल्वे माँडे से काम

ख़ुदग़रज़ को अपने मतलब से काम होता है ख़ाह कोई जीए या मरे

hem in

महिदूद करना

हमीं पर

ہم ہی پر ، ہمارے اوپر ہی ، ہماری ہی ذات پر ۔

हमाँ-गाह

ر ک : ہماں دم .

हमें हे हे करो

(अविर) एक किस्म की सख़्त क़िस्म, हमें पीटे, हमारा मातम करे, हमें रोय

हमें हे हे करे

(अविर) एक किस्म की सख़्त क़िस्म, हमें पीटे, हमारा मातम करे, हमें रोय

हमें क्या समझा

हम को क्या ख़्याल क्या , क्या कुछ ऐसा वैसा आदमी जाना

हमें पर क्या है

۔(याय मारूफ़) मुझी पर क्या मौक़ूफ़ है। हमारी ज़ात पर मुनहसिर और मौक़ूफ़ नहीं है

हमें-पीटे

हम को पीटे

हमीं को हे हे करके पीटे

रुक : हमें है है करे , हमारा मातम करे, हमारा मुर्दा देखे

बिल्ली और हमीं से मियाओं

रुक : हमारी बिल्ली हमें से मियाऊं

हमारी बिल्ली हमीं से म्याऊँ

۔مثل ۔ ہمارا ہی کھائے اور ہمیں پر غرّائے۔

हमारी बिल्ली हमीं से म्याऊँ

challenging one's own benefactor

हम रोटी नहीं खाते रोटी हमें खाती है

بڑی تنگی سے بسر ہوتی ہے ، کھانے کی محنت اور تکلیف زیادہ تنگ کرتی ہے

हमीं हैं जो ये मुगदर भान्ते हैं

हमारे बराबर कोई नहीं

ये भी कहेंगे कि हमें बकरी बंदर ले दो

महिज़ नादान और बेवक़ूफ़ हैं, किसी की बेवक़ूफ़ी ज़ाहिर करने के मौके़ पर बोलते हैं

हमारी बिल्ली हमीं से मियाओं

रुक : हमारी बिल्ली और हमें से मियाऊं

हमारी बिल्ली और हमीं से मियाओं

हमारा आज्ञाकारी और हमसे मुक़ाबला करे, हमारा खाए और हम पर ग़ुर्राए (एहसान फ़रामोश के बारे में कहते हैं)

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ख़स अगर बर आसमाँ रवद हमा ख़स अस्त व गौहर अगर दर ख़लाब उफ़्तद हमाँ नफ़ीस के अर्थदेखिए

ख़स अगर बर आसमाँ रवद हमा ख़स अस्त व गौहर अगर दर ख़लाब उफ़्तद हमाँ नफ़ीस

KHas agar bar-aasmaa.n ravad hama KHas ast va gauhar agar dar KHalaab uftad hamaa.n nafiisخَس اَگَر بَر آسْماں رَوَدْ ہَمَہ خَس اَسْت و گَوہَر اَگَر دَر خَلاب اُفْتَد ہَماں نَفیس

कहावत

ख़स अगर बर आसमाँ रवद हमा ख़स अस्त व गौहर अगर दर ख़लाब उफ़्तद हमाँ नफ़ीस के हिंदी अर्थ

  • तिनका अगर आसमान पर चला जाए तो भी तिनका है और मोती अगर कीचड़ में गिर पड़े तो भी नफ़ीस है, बुरी चीज़ बुरी है अच्छी चीज़ अच्छी, कमीना आदमी कितना ही बढ़ जाए कमीना ही है और शरीफ़ आदमी कितना ही तबाह हो जाए तब भी उसकी शराफ़त में फ़र्क़ न आएगा

خَس اَگَر بَر آسْماں رَوَدْ ہَمَہ خَس اَسْت و گَوہَر اَگَر دَر خَلاب اُفْتَد ہَماں نَفیس کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • تِنکا اگر آسمان پر چلا جائے تو بھی تِنکا ہے اور موتی اگر کِیچڑ میں گِر پڑے تو بھی نفیس ہے، بُری چیز بُری ہے اچھی چیز اچھی، کمینہ آدمی کِتنا ہی بڑھ جائے کمینہ ہی ہے اور شریف آدمی کِتنا ہی تباہ ہو جائے تب بھی اُس کی شرافت میں فرق نہ آئے گا

Urdu meaning of KHas agar bar-aasmaa.n ravad hama KHas ast va gauhar agar dar KHalaab uftad hamaa.n nafiis

  • Roman
  • Urdu

  • tinkaa agar aasmaan par chala jaaye to bhii tinkaa hai aur motii agar kiicha.D me.n gir pa.De to bhii nafiis hai, burii chiiz burii hai achchhii chiiz achchhii, kamiina aadamii kitnaa hii ba.Dh jaaye kamiina hii hai aur shariif aadamii kitnaa hii tabaah ho jaaye tab bhii is kii sharaafat me.n farq na aa.egaa

खोजे गए शब्द से संबंधित

हमीं-हम

सिर्फ़ हम, हम ही हम, कोई और नहीं

हमाँ-हमाना

۔(ف۔ اصل میں ہم آں تھا۔ بفتح اول صحیح وبضم اول غلط گویا۔ شاید ہمچناں۔ ہمچنیں۔

हमाँ हमी करना

अह्द-ओ-पैमान करना

हमाना-हमाना

اصل میں ہم آں تھا ، گویا ، شاید ، ہمچناں ، ہمچنیں.

हमाँ-ओ-हमीं

सब कुछ

हमाँ

روح ، بھوت ؛ خیال ، رائے.

हमें

' हम ' का कर्म और संप्रदान कारक का रूप, हम सब को, मुझको, हम तमाम लोगों को

हमों

we

हमूँ

وہ چیز ؛ رک : ہماں ؛ گویا ، شاید ، ہمچناں (تراکیب میں مستعمل) ۔

हमीं

हमारा

हमूँ का

हमारी, हमारा

हमीं को

हम ही को, सिर्फ़ हमें

हमें क्या

हमको क्या लाभ, हमको क्या प्रयोजन या मतलब

चश्म-उफ़्तादन हमाँ व दिल-दादन हमाँ

देखते ही आशिक़ हो जाना, पहली नज़र में प्रेम हो जाना

हमाँ आश-दर-कासा शुद

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) एक मुआमले का दूसरी बार पेश आना , मुआमला जूं का तूं रहे तो कहते हैं

हमीं गोए व हमीं मैदाँ

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) अभी आज़माईश हो जाये, यही मुक़ाबले की जगह है

हमें गाड़ो

(एक क़िस्म की सख़्त क़स्म) हमें दफ़न करो

हामूँ-नवर्द

दे. ‘हामूगर्द' ।।

हमाँ आश-दर-कासा

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रचलित) एक घटना का दूसरी बार घटित होना, मुआमला जैसे का तैसे रहे तो कहते हैं

हमीं मैदाँ हमीं गोया

रुक : हमें चौगां हमें मैदां अलख

ख़स अगर बर आसमाँ रवद हमा ख़स अस्त व गौहर अगर दर ख़लाब उफ़्तद हमाँ नफ़ीस

तिनका अगर आसमान पर चला जाए तो भी तिनका है और मोती अगर कीचड़ में गिर पड़े तो भी नफ़ीस है, बुरी चीज़ बुरी है अच्छी चीज़ अच्छी, कमीना आदमी कितना ही बढ़ जाए कमीना ही है और शरीफ़ आदमी कितना ही तबाह हो जाए तब भी उसकी शराफ़त में फ़र्क़ न आएगा

हमाँ-यक-तेशा-आख़िर-बजा-ज़द

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) वही एक तेशा निशाने पर लगा, वही एक पिछली तदबीर ठीक बैठी या काम आई

हुनूज़ हमूँ-आश-दर-कासा

अब भी प्याले में वही खाना है, जो हालत पहले थी अब भी है

वो हमीं हैं

۔ हमारी ये जिगर है। हमारी ही ये हिम्मत है।

हमूँ-आश-दर-कासा

रुक : हमाँ आश दर कासा , उस वक़्त मुस्तामल है जब पहली हालत में बावजूद कोशिश कुछ तबदीली ना हो

तीन दिन का छोकरा हमें सिखावत बात

जब कोई कमउमर मश्वरा दे तो उम्र रसीदा कहते हैं

वो मर गए हमें मरना है

परिणाम स्वरूप हर एक को मरना है (क़सम के रूप में या सत्यता का विश्वास दिलाने के लिए) सबको एक दिन मरना है, मानव नश्वर है (पछतावे के प्रकटन के रूप में)

हमीं मैदाँ , हमीं चौगाँ , हमीं गोए

रुक : हमें चौगान हमें मैदान हमें गो

हमीं चौगाँ, हमीं मैदाँ, हमीं गो

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) यही मुक़ाबले की जगह है, अभी आज़माईश हो जाये /यहीं आज़माईश होजाए

हमीं पर मौक़ूफ़ नहीं

केवल हमारा ही ए आचार-व्यवहार नहीं

हमाँ-दम

उसी समय, तत्क्षण, उसी वक्त ।

हुमा-नौ'

ایک ہی طرح کے ، ایک ہی نوعیت کے حامل ، یکساں قسم کا (شکل و صورت ، وضع قطع یا جنس اور نسل کے اعتبار سے) یکساں ۔

हमाँ-शुमाँ

رک : ہما شما جو زیادہ مستعمل ہے ۔

हमें कुछ काम नहीं

۔(یائے مجہول) ہمیں کچھ غرض نہیں۔ مطلب نہیں۔ واسطہ نہیں۔؎

हवा से हम-'अनाँ होना

हवा के साथ चलना, हवा के समान तेज़ होना, बहुत तेज़ चलना

हामूँ

मैदान, रेगिस्तान, जंगल, सहरा

मियाँ कमाते क्या हो एक से दस, सास नंद को छोड़ दो, हमें तुम्हें बस

जो कुछ तुम कमाते हो वो हमारे लिए बहुत है, सास-नंद को छोड़ कर अलग हो जाओ

हमीं को रोए

हम ही को रोय, हमें ही पीटे

हामूँ-गर्द

जंगलों में मारामारा फिरनेबाला, वनभ्रमी।

तीन दिन का छोकरा हमें सिखाता है

जब कोई कमउमर मश्वरा दे तो उम्र रसीदा कहते हैं

हम-'इनाँ

साथ चलने वाला, सहचर, सदृश, समान

हमा-ने'मत

(अवामी) सारी नेमते, हर प्रकार की सुख-सामग्री

मुर्दा दोज़ख़ में जाए या बिहिश्त में , हमें अपने हल्वे माँडे से काम

ख़ुदग़रज़ को अपने मतलब से काम होता है ख़ाह कोई जीए या मरे

hem in

महिदूद करना

हमीं पर

ہم ہی پر ، ہمارے اوپر ہی ، ہماری ہی ذات پر ۔

हमाँ-गाह

ر ک : ہماں دم .

हमें हे हे करो

(अविर) एक किस्म की सख़्त क़िस्म, हमें पीटे, हमारा मातम करे, हमें रोय

हमें हे हे करे

(अविर) एक किस्म की सख़्त क़िस्म, हमें पीटे, हमारा मातम करे, हमें रोय

हमें क्या समझा

हम को क्या ख़्याल क्या , क्या कुछ ऐसा वैसा आदमी जाना

हमें पर क्या है

۔(याय मारूफ़) मुझी पर क्या मौक़ूफ़ है। हमारी ज़ात पर मुनहसिर और मौक़ूफ़ नहीं है

हमें-पीटे

हम को पीटे

हमीं को हे हे करके पीटे

रुक : हमें है है करे , हमारा मातम करे, हमारा मुर्दा देखे

बिल्ली और हमीं से मियाओं

रुक : हमारी बिल्ली हमें से मियाऊं

हमारी बिल्ली हमीं से म्याऊँ

۔مثل ۔ ہمارا ہی کھائے اور ہمیں پر غرّائے۔

हमारी बिल्ली हमीं से म्याऊँ

challenging one's own benefactor

हम रोटी नहीं खाते रोटी हमें खाती है

بڑی تنگی سے بسر ہوتی ہے ، کھانے کی محنت اور تکلیف زیادہ تنگ کرتی ہے

हमीं हैं जो ये मुगदर भान्ते हैं

हमारे बराबर कोई नहीं

ये भी कहेंगे कि हमें बकरी बंदर ले दो

महिज़ नादान और बेवक़ूफ़ हैं, किसी की बेवक़ूफ़ी ज़ाहिर करने के मौके़ पर बोलते हैं

हमारी बिल्ली हमीं से मियाओं

रुक : हमारी बिल्ली और हमें से मियाऊं

हमारी बिल्ली और हमीं से मियाओं

हमारा आज्ञाकारी और हमसे मुक़ाबला करे, हमारा खाए और हम पर ग़ुर्राए (एहसान फ़रामोश के बारे में कहते हैं)

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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