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सत्तर

मनुष्य का वह अंग जो ढका रखा जाता है और जिसके न ढके रहने पर उसे लज्जा आती है, गुह्य इंद्रिय

सत्तरह

सत्रह की संख्या

सत्तर-हज़ार

प्रचुरता अभिव्यक्ति के लिए प्रयुक्त, बहुतेरे

सत्तर करम होना

परिस्थितियों का बहुत ख़राब होना, हालात का हद दर्जा ख़राब होना, कड़ी यातना में होना

सत्तर कान बहत्तर झोल

हर तरफ़ से टेढ़ा और झोलदार, बहुत ख़राब, ख़राब सिले हुए कपड़े की बुराई में प्रयुक्त

सत्तर और दो बहत्तर

(अधिकता को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त) बहुत अधिक, बहुत ज़्यादा, बहुत से, सैंकड़ों

सत्तर पोते बहत्तर नाती

बहुत ज़्यादा रिश्तेदार होने या भारी ईआलदारी के मौक़ा पर कहते हैं

सत्तर पूत बहत्तर नाती

बहुत ज़्यादा रिश्तेदार होने या भारी ईआलदारी के मौक़ा पर कहते हैं

सत्तर दर 'आक़िबत

आख़िरत में एक के स्तर मिलेंगे, आख़िरत में ज़्यादा मिलेंगे

सत्तर-हस्मी

वो औरत जिसने बहुत से पति किए हों (गाली के तौर पर प्रयुक्त)

सत्तर सुनाना

बहुत बुरा-भला कहना, बुराई बयान करना, ख़राब भाषा का प्रयोग करना

सत्तरवाँ

सत्तर बराबर भागों में से प्रत्येक, सत्तर से संबंधित

सत्तरहवाँ

दस से सात संख्या अधिक, दस में सात का योग

सत्तर पर्दों के अंदर

बहुत ज़्यादा छिपा कर, छिपे तौर पर

सत्तर गज़ की पगड़ी सर नंगा

नालायक़ी और बेशऊरी, तवंगरी में मुफ़लिसी का इज़हार, अमीरी में फ़क़ीरी

सात की सत्तर कहना

चुग़ली खाना, मुबालग़ा करना , एण्ट का जवाब पत्थर से देना

मुँह चले सत्तर बला टले

सारी ताक़त खाने पीने से होती है

नहीं सत्तर बला टालती है

बाअज़ औक़ात थोड़ी सी बेमुरव्वती बहुत सी आफ़तों से बचा देती है, साफ़ इनकार करने से आदमी हज़ार परेशानीयों से बच जाता है

मुँह हाले और सत्तर बला टाले

मक़दूर वाले के सब दुश्मन पस्त रहते हैं , ग़िज़ा मिलती रहे तो बीमारी दूर रहती है, एक मुँह चले और सत्तर बला टले

जिसकी ज़बान चले उस के सत्तर हल चलें

ज़बान चलाने वाला सबको दबा लेता है

डाढ़ चले सत्तर बलाटले

भुखमरी से दुर्बलता और दूसरी अन्य बीमारियां पैदा हो जाती हैं

तस्बीह फेरूँ सत्तर को घेरूँ

'इबादत-ए-रियाई, ऐसी 'इबादत करना जिस में मकर-ओ-फ़रेब हो

कल्ला चले सत्तर बला टले

खाने-पीने से आदमी स्वस्थ रहता है, मनुष्य के लिए भोजन बड़ी चीज़ है

जीभ चले सत्तर बला टले

बहुत बातें करने वाले से लोग डरते हैं और दूर रहते हैं

जबड़ा जले सत्तर बला टले

(ओ) खाने से बहुत सी तकलीफ़ रफ़ा हो जाती है

संख बाजे सत्तर बला भाजे

हिंदुओं का मानना है कि संख् की आवाज़ से बलाऐं अर्थात बुरी शक्तियाँ भाग जाती हैं

दर बंद सत्तर दर खुले

जाविका का एक माध्यम समाप्त हुआ तो क्या चिंता किसी दूसरे माध्यम से अल्लाह ताला रोज़ी देगा

दुनिया में दस आख़िर कूँ सत्तर

दुनिया में दस (पुण्यों) के बदले परलोक में सत्तर मिलेंगे, दुनिया में की हुई भलाई (पुण्य) परलोक में काम आती है

घर कर घर सत्तर बला सर धर

घर बार की वजह से बड़ी बड़ी आफ़तें और मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं, घर की व्यवस्था एवं प्रबंध आसान नहीं, घर चलाना बड़ा दर्द-ए-सर है

ओलती तले का भूत सत्तर पुर्खा का नाम जाने

भेदी का फ़साद करना या घरेलू मु'आमलात के ज्ञाता का शत्रु बनना बहुत सी ख़राबियों का कारण बन जाता है

छत्तीस प्रकार के भोजन में सत्तर दो बहत्तर रोग भरे रहते हैं

बहुत खाने से इन्सान प्रायः बीमार रहता है

छाज बोले तो बोले छलनी भी बोली जिस में सत्तर छेद

जब कोई ऐबदार हो कर साफ़ लोगों में बोलता और दख़ल देता है तो इस की निसबत कहते हैं, बेऐब एतराज़ करे तो करे लेकिन ऐबदार को एतराज़ करने का कोई हक़ नहीं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में कल्ला चले सत्तर बला टले के अर्थदेखिए

कल्ला चले सत्तर बला टले

kallaa chale sattar balaa Taleکَلّا چَلے سَتَّر بَلا ٹَلے

अथवा : मुँह कल्ला चले, सत्तर बला टले, जबड़ा चले सत्तर बला टले, जीभ चले सत्तर बला टले

कहावत

कल्ला चले सत्तर बला टले के हिंदी अर्थ

  • खाने-पीने से आदमी स्वस्थ रहता है, मनुष्य के लिए भोजन बड़ी चीज़ है
  • भोजन मिलते रहने से बहुत सारी कठिनाइयाँ अपने-आप दूर हो जाती हैं

    विशेष कल्ला=(फा. कल्लः) जबड़ा; कल्ला चलना यानी भोजन मिलना।

کَلّا چَلے سَتَّر بَلا ٹَلے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کھانے پینے سے آدمی توانا تندرست رہتا ہے، انسان کے لئے کھانا بہت بڑی چیز ہے
  • کھانا پانی ملتے رہنے سے بہت سی پریشانیاں خود بخود دور ہو جاتی ہیں

Urdu meaning of kallaa chale sattar balaa Tale

  • Roman
  • Urdu

  • khaane piine se aadamii tavaanaa tandrust rahtaa hai, insaan ke li.e khaanaa bahut ba.Dii chiiz hai
  • khaanaa paanii milte rahne se bahut sii pareshaaniyaa.n KhudabKhud duur ho jaatii hai.n

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सत्तर

मनुष्य का वह अंग जो ढका रखा जाता है और जिसके न ढके रहने पर उसे लज्जा आती है, गुह्य इंद्रिय

सत्तरह

सत्रह की संख्या

सत्तर-हज़ार

प्रचुरता अभिव्यक्ति के लिए प्रयुक्त, बहुतेरे

सत्तर करम होना

परिस्थितियों का बहुत ख़राब होना, हालात का हद दर्जा ख़राब होना, कड़ी यातना में होना

सत्तर कान बहत्तर झोल

हर तरफ़ से टेढ़ा और झोलदार, बहुत ख़राब, ख़राब सिले हुए कपड़े की बुराई में प्रयुक्त

सत्तर और दो बहत्तर

(अधिकता को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त) बहुत अधिक, बहुत ज़्यादा, बहुत से, सैंकड़ों

सत्तर पोते बहत्तर नाती

बहुत ज़्यादा रिश्तेदार होने या भारी ईआलदारी के मौक़ा पर कहते हैं

सत्तर पूत बहत्तर नाती

बहुत ज़्यादा रिश्तेदार होने या भारी ईआलदारी के मौक़ा पर कहते हैं

सत्तर दर 'आक़िबत

आख़िरत में एक के स्तर मिलेंगे, आख़िरत में ज़्यादा मिलेंगे

सत्तर-हस्मी

वो औरत जिसने बहुत से पति किए हों (गाली के तौर पर प्रयुक्त)

सत्तर सुनाना

बहुत बुरा-भला कहना, बुराई बयान करना, ख़राब भाषा का प्रयोग करना

सत्तरवाँ

सत्तर बराबर भागों में से प्रत्येक, सत्तर से संबंधित

सत्तरहवाँ

दस से सात संख्या अधिक, दस में सात का योग

सत्तर पर्दों के अंदर

बहुत ज़्यादा छिपा कर, छिपे तौर पर

सत्तर गज़ की पगड़ी सर नंगा

नालायक़ी और बेशऊरी, तवंगरी में मुफ़लिसी का इज़हार, अमीरी में फ़क़ीरी

सात की सत्तर कहना

चुग़ली खाना, मुबालग़ा करना , एण्ट का जवाब पत्थर से देना

मुँह चले सत्तर बला टले

सारी ताक़त खाने पीने से होती है

नहीं सत्तर बला टालती है

बाअज़ औक़ात थोड़ी सी बेमुरव्वती बहुत सी आफ़तों से बचा देती है, साफ़ इनकार करने से आदमी हज़ार परेशानीयों से बच जाता है

मुँह हाले और सत्तर बला टाले

मक़दूर वाले के सब दुश्मन पस्त रहते हैं , ग़िज़ा मिलती रहे तो बीमारी दूर रहती है, एक मुँह चले और सत्तर बला टले

जिसकी ज़बान चले उस के सत्तर हल चलें

ज़बान चलाने वाला सबको दबा लेता है

डाढ़ चले सत्तर बलाटले

भुखमरी से दुर्बलता और दूसरी अन्य बीमारियां पैदा हो जाती हैं

तस्बीह फेरूँ सत्तर को घेरूँ

'इबादत-ए-रियाई, ऐसी 'इबादत करना जिस में मकर-ओ-फ़रेब हो

कल्ला चले सत्तर बला टले

खाने-पीने से आदमी स्वस्थ रहता है, मनुष्य के लिए भोजन बड़ी चीज़ है

जीभ चले सत्तर बला टले

बहुत बातें करने वाले से लोग डरते हैं और दूर रहते हैं

जबड़ा जले सत्तर बला टले

(ओ) खाने से बहुत सी तकलीफ़ रफ़ा हो जाती है

संख बाजे सत्तर बला भाजे

हिंदुओं का मानना है कि संख् की आवाज़ से बलाऐं अर्थात बुरी शक्तियाँ भाग जाती हैं

दर बंद सत्तर दर खुले

जाविका का एक माध्यम समाप्त हुआ तो क्या चिंता किसी दूसरे माध्यम से अल्लाह ताला रोज़ी देगा

दुनिया में दस आख़िर कूँ सत्तर

दुनिया में दस (पुण्यों) के बदले परलोक में सत्तर मिलेंगे, दुनिया में की हुई भलाई (पुण्य) परलोक में काम आती है

घर कर घर सत्तर बला सर धर

घर बार की वजह से बड़ी बड़ी आफ़तें और मुसीबतें झेलनी पड़ती हैं, घर की व्यवस्था एवं प्रबंध आसान नहीं, घर चलाना बड़ा दर्द-ए-सर है

ओलती तले का भूत सत्तर पुर्खा का नाम जाने

भेदी का फ़साद करना या घरेलू मु'आमलात के ज्ञाता का शत्रु बनना बहुत सी ख़राबियों का कारण बन जाता है

छत्तीस प्रकार के भोजन में सत्तर दो बहत्तर रोग भरे रहते हैं

बहुत खाने से इन्सान प्रायः बीमार रहता है

छाज बोले तो बोले छलनी भी बोली जिस में सत्तर छेद

जब कोई ऐबदार हो कर साफ़ लोगों में बोलता और दख़ल देता है तो इस की निसबत कहते हैं, बेऐब एतराज़ करे तो करे लेकिन ऐबदार को एतराज़ करने का कोई हक़ नहीं

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