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तीनों

all three

तीनों-लोक

رک : ترلوک.

तीनों-दुख

(हिंदू) तीन प्रकार की पीड़ा, दैतिक अर्थात जो शरीर से प्रकट हों, भौतिक जो सांसारिक प्रपंच का परिणाम हों और दैविक जो आकाशीय हो

तीनों-काल

رک : تین کال.

तीनों-ताप

(ہندو) پوجا کے تین درجے.

तीनों-देवता

(हिंदू) ब्रह्माजी, शिवजी और विष्णु जी

तीनों-ज़माने

رک : تین کال ، تین دور.

तीनों-अवस्था

(ہندو) انسانی زندگی کے تین زمانے (بچپن ، جوانی اور بڑھاپا).

तीनों-तिलोक नज़र आ जाना

पृथ्वी और आकाश की सात-सात परतों का रौशन हो जाना, पूर्ण ब्रह्माण्ड का रौशन हो जाना, अर्थात अत्यधिक परेशान होना

गंजिफ़े के तीनों खिलाड़ी रोते हैं

गंजिफ़े का हर एक खिलाड़ी नुक़्सान में रहता है, हर एक शिकायत करता है कि उस के पत्ते अच्छे नहीं

धी जँवाई, भांजा तीनों नहीं आपना

बेटी, दामाद, भांजा, ये तीनों हमेशा पास नहीं रहते और बेटे की बराबरी नहीं कर सकते

धी, जँवाई, भांजा तीनों नहीं आपना

बेटी, दामाद, भांजा, ये तीनों हमेशा पास नहीं रहते और बेटे की बराबरी नहीं कर सकते

डोम , बनिया , पोस्ती तीनों बे-ईमान

बेईमान में तीनों बराबर हैं, किसी पर एतबार नहीं किया जा सकता

ज़न ज़मीन ज़र तीनों लड़ाई के घर

महिला, भूमि और धन, इन तीनों चीज़ से दुनिया में झगड़े पैदा होते हैं, यह तीनों चीज़ें लड़ाई का कारण बनती हैं

फ़क़ीर, क़र्ज़ ख़्वाह, लड़का, तीनों नहीं समझते

भिकारी, क़र्ज़-ख़्वाह और बच्चा तीनों ज़िद्दी होते हैं और कुछ न कुछ लेकर ही जान छोड़ते हैं

घर, घोड़ा, गाड़ी, इन तीनों के दाम खड़ा-खड़ी

इन तीनों का भुगतान तुरंत होना चाहिए, अथवा यह तीनों अपने स्थान पर ही बिकती हैं, अर्थात जहाँ वह देखी जा सकें

तेली के तीनों मरें, ऊपर से टूटे लठ

किसी का नुक़्सान हो हमें किया

तमा' के तीन हर्फ़ हैं और तीनों ख़ाली हैं

लोभ में कुछ नहीं रखा

चिल्लड़ चमोकन चिथड़ा ये तीनों बिपत का बख़रा

जवीं, थप्पड़ और चीथड़े ग़रीबों के हिस्से में आते हैं

चिल्लर चमोकन चिथड़ा ये तीनों बिपत का बख़रा

जवीं, थप्पड़ और चीथड़े ग़रीबों के हिस्से में आते हैं

काग कौआर खरगोश ये तीनों नहीं माने पोस

काग, को्वा और ख़रगोश मानूस नहीं होते

काग कौआ और ख़रगोश ये तीनों नहीं माने पोस

काग, को्वा और ख़रगोश मानूस नहीं होते

छलनी चम्मा, घोड़ लगम्मा काएथ गुलम्मा या तीनों नहीं कोई कम्मा

छलनी का चमड़ा, घोड़े की लगाम और कायथ नौकर किसी काम के नहीं होते

भट भटयारी बेसवा तीनों जात कुजात आते का आदर करें जात न पूछें बात

ये (भट्ट, भटियारी, बेसवा) सब अपने स्वार्थ के यार होते हैं, ये तीनों स्वार्थी होते हैं

भूक गए भोजन मिले जाड़ा जात गए क़बाई जोबन गए तुरया मिले तीनों देव बहाए

वक़्त गुज़रने पर जब ज़रूरत पूरी हो तो कहते हैं

मियाँ हाथ अंगूठी बीवी के कान पात, लौंडी के दाँत मिस्सी तीनों की एक बात

घर में सब शौक़ीन मिज़ाज हैं

भूक गए भोजन मिले जाड़ा जात गए क़बाई जोबन गए तुरया मिले तीनों देव बहाई

वक़्त गुज़रने पर जब ज़रूरत पूरी हो तो कहते हैं

मियाँ हाथ अंगूठी बीवी के कनपात, लौंडी के दाँत मिस्सी तीनों की एक बात

घर में सब शौक़ीन मिज़ाज हैं

मियाँ हाथ अंगूठी बीवी के कान पात, लौंडी के दाँत मिस्सी ये तीनों की एक बात

घर में सब शौक़ीन मिज़ाज हैं

क़र्ज़ा काढ़ करै व्यवहार, मेहरी से जो रूठे भतार, बे-बुलावत बोलै दरबार, ये तीनों पशम के बार

जो क़र्ज़ अर्थात ऋण के रुपये से व्यापार करे, जो अपनी पत्नी से रूठे, जो दरबार में बुलाए बगै़र बोले सब मूर्ख हैं

क़र्ज़ काढ़ करे ब्योपार, मेहरी से जो रूठे भटार , बे बुलाए बोले दरबार ये तीनों पश्म के यार

जो क़र्ज़ अर्थात ऋण के रुपये से व्यापार करे, जो अपनी पत्नी से रूठे, जो दरबार में बुलाए बगै़र बोले सब मूर्ख हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में काग कौआर खरगोश ये तीनों नहीं माने पोस के अर्थदेखिए

काग कौआर खरगोश ये तीनों नहीं माने पोस

kaag kavvaa aur khargosh ye tiino.n nahii.n maane posکاگ کَوّا اور کَھرْگوش یہ تِینوں نَہِیں مانے پوس

कहावत

काग कौआर खरगोश ये तीनों नहीं माने पोस के हिंदी अर्थ

  • काग, को्वा और ख़रगोश मानूस नहीं होते

کاگ کَوّا اور کَھرْگوش یہ تِینوں نَہِیں مانے پوس کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کاگ ، کوّا اور خرگوش مانوس نہیں ہوتے .

Urdu meaning of kaag kavvaa aur khargosh ye tiino.n nahii.n maane pos

  • Roman
  • Urdu

  • kaag, koXvaa aur Khargosh maanuus nahii.n hote

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तीनों-लोक

رک : ترلوک.

तीनों-दुख

(हिंदू) तीन प्रकार की पीड़ा, दैतिक अर्थात जो शरीर से प्रकट हों, भौतिक जो सांसारिक प्रपंच का परिणाम हों और दैविक जो आकाशीय हो

तीनों-काल

رک : تین کال.

तीनों-ताप

(ہندو) پوجا کے تین درجے.

तीनों-देवता

(हिंदू) ब्रह्माजी, शिवजी और विष्णु जी

तीनों-ज़माने

رک : تین کال ، تین دور.

तीनों-अवस्था

(ہندو) انسانی زندگی کے تین زمانے (بچپن ، جوانی اور بڑھاپا).

तीनों-तिलोक नज़र आ जाना

पृथ्वी और आकाश की सात-सात परतों का रौशन हो जाना, पूर्ण ब्रह्माण्ड का रौशन हो जाना, अर्थात अत्यधिक परेशान होना

गंजिफ़े के तीनों खिलाड़ी रोते हैं

गंजिफ़े का हर एक खिलाड़ी नुक़्सान में रहता है, हर एक शिकायत करता है कि उस के पत्ते अच्छे नहीं

धी जँवाई, भांजा तीनों नहीं आपना

बेटी, दामाद, भांजा, ये तीनों हमेशा पास नहीं रहते और बेटे की बराबरी नहीं कर सकते

धी, जँवाई, भांजा तीनों नहीं आपना

बेटी, दामाद, भांजा, ये तीनों हमेशा पास नहीं रहते और बेटे की बराबरी नहीं कर सकते

डोम , बनिया , पोस्ती तीनों बे-ईमान

बेईमान में तीनों बराबर हैं, किसी पर एतबार नहीं किया जा सकता

ज़न ज़मीन ज़र तीनों लड़ाई के घर

महिला, भूमि और धन, इन तीनों चीज़ से दुनिया में झगड़े पैदा होते हैं, यह तीनों चीज़ें लड़ाई का कारण बनती हैं

फ़क़ीर, क़र्ज़ ख़्वाह, लड़का, तीनों नहीं समझते

भिकारी, क़र्ज़-ख़्वाह और बच्चा तीनों ज़िद्दी होते हैं और कुछ न कुछ लेकर ही जान छोड़ते हैं

घर, घोड़ा, गाड़ी, इन तीनों के दाम खड़ा-खड़ी

इन तीनों का भुगतान तुरंत होना चाहिए, अथवा यह तीनों अपने स्थान पर ही बिकती हैं, अर्थात जहाँ वह देखी जा सकें

तेली के तीनों मरें, ऊपर से टूटे लठ

किसी का नुक़्सान हो हमें किया

तमा' के तीन हर्फ़ हैं और तीनों ख़ाली हैं

लोभ में कुछ नहीं रखा

चिल्लड़ चमोकन चिथड़ा ये तीनों बिपत का बख़रा

जवीं, थप्पड़ और चीथड़े ग़रीबों के हिस्से में आते हैं

चिल्लर चमोकन चिथड़ा ये तीनों बिपत का बख़रा

जवीं, थप्पड़ और चीथड़े ग़रीबों के हिस्से में आते हैं

काग कौआर खरगोश ये तीनों नहीं माने पोस

काग, को्वा और ख़रगोश मानूस नहीं होते

काग कौआ और ख़रगोश ये तीनों नहीं माने पोस

काग, को्वा और ख़रगोश मानूस नहीं होते

छलनी चम्मा, घोड़ लगम्मा काएथ गुलम्मा या तीनों नहीं कोई कम्मा

छलनी का चमड़ा, घोड़े की लगाम और कायथ नौकर किसी काम के नहीं होते

भट भटयारी बेसवा तीनों जात कुजात आते का आदर करें जात न पूछें बात

ये (भट्ट, भटियारी, बेसवा) सब अपने स्वार्थ के यार होते हैं, ये तीनों स्वार्थी होते हैं

भूक गए भोजन मिले जाड़ा जात गए क़बाई जोबन गए तुरया मिले तीनों देव बहाए

वक़्त गुज़रने पर जब ज़रूरत पूरी हो तो कहते हैं

मियाँ हाथ अंगूठी बीवी के कान पात, लौंडी के दाँत मिस्सी तीनों की एक बात

घर में सब शौक़ीन मिज़ाज हैं

भूक गए भोजन मिले जाड़ा जात गए क़बाई जोबन गए तुरया मिले तीनों देव बहाई

वक़्त गुज़रने पर जब ज़रूरत पूरी हो तो कहते हैं

मियाँ हाथ अंगूठी बीवी के कनपात, लौंडी के दाँत मिस्सी तीनों की एक बात

घर में सब शौक़ीन मिज़ाज हैं

मियाँ हाथ अंगूठी बीवी के कान पात, लौंडी के दाँत मिस्सी ये तीनों की एक बात

घर में सब शौक़ीन मिज़ाज हैं

क़र्ज़ा काढ़ करै व्यवहार, मेहरी से जो रूठे भतार, बे-बुलावत बोलै दरबार, ये तीनों पशम के बार

जो क़र्ज़ अर्थात ऋण के रुपये से व्यापार करे, जो अपनी पत्नी से रूठे, जो दरबार में बुलाए बगै़र बोले सब मूर्ख हैं

क़र्ज़ काढ़ करे ब्योपार, मेहरी से जो रूठे भटार , बे बुलाए बोले दरबार ये तीनों पश्म के यार

जो क़र्ज़ अर्थात ऋण के रुपये से व्यापार करे, जो अपनी पत्नी से रूठे, जो दरबार में बुलाए बगै़र बोले सब मूर्ख हैं

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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