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"जिस मुँह से पान खाइए, उस मुँह से कोयले न चबाइए" शब्द से संबंधित परिणाम

माए'-पन

तरल होने की अवस्था, पानी की तरह द्रव होने की स्थिति

मय-ए-पिंदार

अहंकार की मदिरा, अहंकाररूपी मदिरा

मैं-पन

अपना स्व, अपना अभिमान

मुँह पाओं पर रगड़ना

मिन्नत समाजत करना

मुँह पाँवों पर रगड़ना

मिन्नत समाजत करना

मुँह पाँव पर रगड़ना

۔ (کنایۃً) منّت سماجت کرنا۔ ؎

मुँह पोंछना

۔ رومال سے مُنھ صاف کرنا۔ ؎

में पंखे लगा देना

दहला देना,ख़ौफ़ज़दा करना, डरा देना, बेचैन करदेना

मुँह पाना

to find (one) favourably disposed, to get into the good graces (of), to presume on the favour (of)

मुँह पोंछना

रूमाल से चेहरे की सफ़ाई करना, चेहरे से पसीना या पानी आदि पोंछना, मुँह सूखा करना

मैं-पना

رک : میں پن ۔

मुँह पाना

तवज्जा पाना

में पंखे लगना

बहुत बेचैनी होना, घबराहट होना, डर जाना, दिल धड़कने लगना

माँ पनहारी, बाप कंजर, बेटा मिर्ज़ा संजर

यदि अज्ञातकुल व्यक्ति प्रतिष्ठित अथवा सम्मानित होने का दा'वा करे तो कहते हैं

क्या लड़ाई में पान फूल बटते हैं

झगड़े फ़साद में खातिरदारी थोड़ी होती है

मा'शूक़-पन

प्रेमिका होना, प्यारा होना, दिलरुबाई, प्रेमपात्र

घर में दान न पान, बीबी को बड़ा गुमान

निर्धनता में घमंड करने और डींग मारने वाले के प्रति कहते हैं

दामन-ए-रहमत में पनाह देना

सरपरस्ती करना, दया करना, रहम करना, तरस आना और मेहरबानी करना

घर में धान न पान बेटी को बड़ा गुमान

۔मिसल (ओ) मुफ़लिसी में ग़रूर करने और शेखी बघारने वाली की निसबत बलवती हैं

घर में धान न पान बीबी को बड़ा गुमान

औरतें मुफ़लिसी में ग़रूर करने और शेखी बघारने वाली की निसबत बोलती हैं

दामन में पनाह देना

दामन तले छुपाना, ढांपना, अपनी संरक्षण में लेना

ख़ुदा पनाह में रखे

अल्लाह बचाए अल्लाह महफ़ूज़ रखे

मिज़ाज में दीवाना-पन होना

مزاج میں دیوانگی کے اثرات ہونا ، مزاج میں پاگل پن کی باتیں پائی جانا

पन-शाख़ा हाथ में रह जाना

हाथ ख़ाली होना, कुछ हाथ ना आना, कुछ ना मिलना, किसी किस्म का फ़ायदा ना होना , बेवक़ूफ़ बनना

मा'दिलत-पनाह

(مجازاً) انصاف پسند (بادشاہ کے لیے مستعمل)

आप से ख़ुदा पनाह में रक्खे

बहुत बुरे हो

फ़िक्र में पाओं धरना

प्रयास शुरु करना

गधे का खाया पाप में न पुन में

कृतघ्न या स्वार्थी व्यक्ति के साथ के साथ अच्छा व्यवहार करना बेकार है

यह मुँह पान जोगा

तुम इसके योग्य नहीं हो

ख़ुदा पनाह में रखे

خدا بچائے

मेहर गई मोहब्बत गई गए नान और पान, हुक़्क़े से मुँह झुलस के विदा' किया मेहमान

मेहमान का आदर सम्मान कुछ नहीं किया, केवल बातों में टाल दिया

मुँह में पान फीका होना

۔ صبح یا تڑکا ہوجانے کی علامت ہے کہ پان کا ذائقہ جاتا رہتا ہے۔

पन-शाख़ा हाथ में होना

हाथ ख़ाली होना, कुछ हाथ ना आना, कुछ ना मिलना, किसी किस्म का फ़ायदा ना होना , बेवक़ूफ़ बनना

पेट में पाँव हैं

परिश्रम करो तो खाने को मिलता है, खाने को मिले तो परिश्रम अर्थात मेहनत होती है, छुपा रुस्तम है

तुम से ख़ुदा पनाह में रखे

May God save you!

जिस मुँह से पान खाइए, उस मुँह से कोयले न चबाइए

जिस को एक बार अच्छा कहा जाए उसे बुरा नहीं कहना चाहिए

पाईं में बैठना

पाँव की तरफ़ बैठना

मा'ना-पन

अर्थपूर्णता, अर्थपूर्ण होना

पनाह में आना

रुक : पनाह लेना

पनाह में लेना

रुक: पनाह देना

मा'मूली-पन

معمولی ہونے کی حالت ، رواج کے مطابق ہونا ۔

काट पाओं में ठोकना

पांव में लक्कड़ी का कुंदा डालना , (मजाज़न) आने जाने से रोकना, पाबंदी लगाना

ये मुँह पान जोगा

तुस इसके लायक़ नहीं है, तुम इसके लिए सक्षम नहीं हो, इस काम या बात के क़ाबिल नहीं, ये हैसियत या औक़ात नहीं है

तबी'अत में अचपला-पन भरा होना

मिज़ाज में शोख़ी भरी होना

हाथ-पाओं कहने में न होना

दुर्बलता के कारण हाथों और पैरों पर नियंत्रण न रख पाना, कमज़ोरी के कारण हाथ पाँव का काम न देना

कच्ची शीशी मत भरो जिस में पड़े लकीर, बाले-पन की 'आशिक़ी, गले पड़ी ज़ंजीर

बचपन का प्रेम मुसीबत सिद्ध होता है, लड़कपन में प्रेम करना अच्छा नहीं होता, उससे जीवन में कष्ट भोगने पड़ते हैं

मुँह रहते नाक से पानी पिएँ

फ़ुज़ूल और उल्टी बातें करते हैं, किसी चीज़ का ग़लत इस्तिमाल या उल्टी बात करने के मौक़ा पर मुस्तामल

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न उपजे चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न आए चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

हाथ-पाओं में संसनी होना

कमज़ोरी के कारण हाथ पाँव में सनसनाहट होना

नारियल में पानी, नहीं जानता खट्टा कि मीठा

छुपी हुई चीज़ के प्रति ज्ञात नहीं होता कि अच्छी है या बुरी

तू भी रानी, मैं भी रानी , कौन भरे पन घट पर पानी

जब सब के सब किसी काम से जी चुराईं या इस काम को अपने मरतबे से गिरा हुआ ख़्याल करें तो इस मौक़ा पर ख़ुसूसन औरतें बोलती हैं

आप मिले सो दूध बराबर माँगे मिले सो पानी, कहे कबीर वो रक्त बराबर जा में ईंचा-तानी

बिना सवाल के आवश्यकता पूरी हो तो क्या कहना और माँगने की आवश्यकता पड़े तो आनंद नहीं आता

तू भी रानी मैं भी रानी , कौन भरे पन-घट पानी

۔(عو) جہاں سب کے سب کام سے جی چُرائیں وہاں یہ مثل بولتی ہیں۔

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जिस मुँह से पान खाइए, उस मुँह से कोयले न चबाइए के अर्थदेखिए

जिस मुँह से पान खाइए, उस मुँह से कोयले न चबाइए

jis mu.nh se paan khaa.iye, us mu.nh se koyle na chabaa.iyeجِس مُنہ سے پان کھائِیے، اُس مُنہ سے کوئلے نَہ چَبائِیے

कहावत

जिस मुँह से पान खाइए, उस मुँह से कोयले न चबाइए के हिंदी अर्थ

  • जिस को एक बार अच्छा कहा जाए उसे बुरा नहीं कहना चाहिए
  • जहाँ लोग पहले सम्मान करते हों वहाँ अपमान बर्दाश्त नहीं करना चाहिए
  • जिस से नेकी की हो उस से बदी नहीं करनी चाहिए

جِس مُنہ سے پان کھائِیے، اُس مُنہ سے کوئلے نَہ چَبائِیے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جس کو ایک دفعہ اچھا کہا جائے اسے برا نہیں کہنا چاہیے
  • جہاں لوگ پہلے عزت کرتے ہوں وہاں بے عزتی برداشت نہیں کرنا چاہیے
  • جس سے نیکی کی ہو اس سے بدی نہیں کرنی چاہیے

Urdu meaning of jis mu.nh se paan khaa.iye, us mu.nh se koyle na chabaa.iye

  • Roman
  • Urdu

  • jis ko ek dafaa achchhaa kahaa jaaye use buraa nahii.n kahnaa chaahi.e
  • jahaa.n log pahle izzat karte huu.n vahaa.n be.izztii bardaasht nahii.n karnaa chaahi.e
  • jis se nekii kii ho is se badii nahii.n karnii chaahi.e

खोजे गए शब्द से संबंधित

माए'-पन

तरल होने की अवस्था, पानी की तरह द्रव होने की स्थिति

मय-ए-पिंदार

अहंकार की मदिरा, अहंकाररूपी मदिरा

मैं-पन

अपना स्व, अपना अभिमान

मुँह पाओं पर रगड़ना

मिन्नत समाजत करना

मुँह पाँवों पर रगड़ना

मिन्नत समाजत करना

मुँह पाँव पर रगड़ना

۔ (کنایۃً) منّت سماجت کرنا۔ ؎

मुँह पोंछना

۔ رومال سے مُنھ صاف کرنا۔ ؎

में पंखे लगा देना

दहला देना,ख़ौफ़ज़दा करना, डरा देना, बेचैन करदेना

मुँह पाना

to find (one) favourably disposed, to get into the good graces (of), to presume on the favour (of)

मुँह पोंछना

रूमाल से चेहरे की सफ़ाई करना, चेहरे से पसीना या पानी आदि पोंछना, मुँह सूखा करना

मैं-पना

رک : میں پن ۔

मुँह पाना

तवज्जा पाना

में पंखे लगना

बहुत बेचैनी होना, घबराहट होना, डर जाना, दिल धड़कने लगना

माँ पनहारी, बाप कंजर, बेटा मिर्ज़ा संजर

यदि अज्ञातकुल व्यक्ति प्रतिष्ठित अथवा सम्मानित होने का दा'वा करे तो कहते हैं

क्या लड़ाई में पान फूल बटते हैं

झगड़े फ़साद में खातिरदारी थोड़ी होती है

मा'शूक़-पन

प्रेमिका होना, प्यारा होना, दिलरुबाई, प्रेमपात्र

घर में दान न पान, बीबी को बड़ा गुमान

निर्धनता में घमंड करने और डींग मारने वाले के प्रति कहते हैं

दामन-ए-रहमत में पनाह देना

सरपरस्ती करना, दया करना, रहम करना, तरस आना और मेहरबानी करना

घर में धान न पान बेटी को बड़ा गुमान

۔मिसल (ओ) मुफ़लिसी में ग़रूर करने और शेखी बघारने वाली की निसबत बलवती हैं

घर में धान न पान बीबी को बड़ा गुमान

औरतें मुफ़लिसी में ग़रूर करने और शेखी बघारने वाली की निसबत बोलती हैं

दामन में पनाह देना

दामन तले छुपाना, ढांपना, अपनी संरक्षण में लेना

ख़ुदा पनाह में रखे

अल्लाह बचाए अल्लाह महफ़ूज़ रखे

मिज़ाज में दीवाना-पन होना

مزاج میں دیوانگی کے اثرات ہونا ، مزاج میں پاگل پن کی باتیں پائی جانا

पन-शाख़ा हाथ में रह जाना

हाथ ख़ाली होना, कुछ हाथ ना आना, कुछ ना मिलना, किसी किस्म का फ़ायदा ना होना , बेवक़ूफ़ बनना

मा'दिलत-पनाह

(مجازاً) انصاف پسند (بادشاہ کے لیے مستعمل)

आप से ख़ुदा पनाह में रक्खे

बहुत बुरे हो

फ़िक्र में पाओं धरना

प्रयास शुरु करना

गधे का खाया पाप में न पुन में

कृतघ्न या स्वार्थी व्यक्ति के साथ के साथ अच्छा व्यवहार करना बेकार है

यह मुँह पान जोगा

तुम इसके योग्य नहीं हो

ख़ुदा पनाह में रखे

خدا بچائے

मेहर गई मोहब्बत गई गए नान और पान, हुक़्क़े से मुँह झुलस के विदा' किया मेहमान

मेहमान का आदर सम्मान कुछ नहीं किया, केवल बातों में टाल दिया

मुँह में पान फीका होना

۔ صبح یا تڑکا ہوجانے کی علامت ہے کہ پان کا ذائقہ جاتا رہتا ہے۔

पन-शाख़ा हाथ में होना

हाथ ख़ाली होना, कुछ हाथ ना आना, कुछ ना मिलना, किसी किस्म का फ़ायदा ना होना , बेवक़ूफ़ बनना

पेट में पाँव हैं

परिश्रम करो तो खाने को मिलता है, खाने को मिले तो परिश्रम अर्थात मेहनत होती है, छुपा रुस्तम है

तुम से ख़ुदा पनाह में रखे

May God save you!

जिस मुँह से पान खाइए, उस मुँह से कोयले न चबाइए

जिस को एक बार अच्छा कहा जाए उसे बुरा नहीं कहना चाहिए

पाईं में बैठना

पाँव की तरफ़ बैठना

मा'ना-पन

अर्थपूर्णता, अर्थपूर्ण होना

पनाह में आना

रुक : पनाह लेना

पनाह में लेना

रुक: पनाह देना

मा'मूली-पन

معمولی ہونے کی حالت ، رواج کے مطابق ہونا ۔

काट पाओं में ठोकना

पांव में लक्कड़ी का कुंदा डालना , (मजाज़न) आने जाने से रोकना, पाबंदी लगाना

ये मुँह पान जोगा

तुस इसके लायक़ नहीं है, तुम इसके लिए सक्षम नहीं हो, इस काम या बात के क़ाबिल नहीं, ये हैसियत या औक़ात नहीं है

तबी'अत में अचपला-पन भरा होना

मिज़ाज में शोख़ी भरी होना

हाथ-पाओं कहने में न होना

दुर्बलता के कारण हाथों और पैरों पर नियंत्रण न रख पाना, कमज़ोरी के कारण हाथ पाँव का काम न देना

कच्ची शीशी मत भरो जिस में पड़े लकीर, बाले-पन की 'आशिक़ी, गले पड़ी ज़ंजीर

बचपन का प्रेम मुसीबत सिद्ध होता है, लड़कपन में प्रेम करना अच्छा नहीं होता, उससे जीवन में कष्ट भोगने पड़ते हैं

मुँह रहते नाक से पानी पिएँ

फ़ुज़ूल और उल्टी बातें करते हैं, किसी चीज़ का ग़लत इस्तिमाल या उल्टी बात करने के मौक़ा पर मुस्तामल

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न उपजे चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

ठाकुर पत्थर माला लक्कड़ गंगा जमुना पानी, जब लग मन में साँच न आए चारों बेद कहानी

जब तक कि मनुष्य का दिल ईमान न लाए तब तक धार्मिक बातें क़िस्सा कहानी होती हैं एवं दीन धर्म की बाह्य निशानियों से कुछ नहीं होता

हाथ-पाओं में संसनी होना

कमज़ोरी के कारण हाथ पाँव में सनसनाहट होना

नारियल में पानी, नहीं जानता खट्टा कि मीठा

छुपी हुई चीज़ के प्रति ज्ञात नहीं होता कि अच्छी है या बुरी

तू भी रानी, मैं भी रानी , कौन भरे पन घट पर पानी

जब सब के सब किसी काम से जी चुराईं या इस काम को अपने मरतबे से गिरा हुआ ख़्याल करें तो इस मौक़ा पर ख़ुसूसन औरतें बोलती हैं

आप मिले सो दूध बराबर माँगे मिले सो पानी, कहे कबीर वो रक्त बराबर जा में ईंचा-तानी

बिना सवाल के आवश्यकता पूरी हो तो क्या कहना और माँगने की आवश्यकता पड़े तो आनंद नहीं आता

तू भी रानी मैं भी रानी , कौन भरे पन-घट पानी

۔(عو) جہاں سب کے سب کام سے جی چُرائیں وہاں یہ مثل بولتی ہیں۔

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