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क्या करेगा

रुक : क्या कर लेगा, कुछ नहीं कर सकता

क्या करेगा दौला जिसे दे तिसे मौला

अल्लाह के दीन में किसी का नियंत्रण नहीं है

क्या क़ाज़ी गिला करेगा

कोई ताना नहीं करेगा, कोई नाम नहीं धरेगा, कोई मुँह पर बात नहीं लाएगा, कोई भी टिप्पणी या चुनौती नहीं देगा

मियाँ बीवी राज़ी क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में एकता हो तो दूसरा किस प्रकार अच्छी एवं बुद्धि की बातों में हस्तक्षेप कर सकता है

दो दिल राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

दो पक्षों की सहमति में हाकिम दख़्ल नहीं दे सकता, दो व्यक्ति सहमत हों तो तीसरा व्यक्ति नुक़सान नहीं पहुँचा सकता

ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

जब निर्लज्जता अपना ली तो फिर किस का डर

उतर गई लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

मियाँ बीवी राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में एकता हो तो दूसरा किस प्रकार अच्छी एवं बुद्धि की बातों में हस्तक्षेप कर सकता है

उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मियाँ बी बी राज़ी क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में इत्तिफ़ाक़ हो तो दूसरा कुछ नहीं करसकता

ख़ैर तू भी क्या याद करेगा

कोई चीज़ देते वक़्त कहते हैं

जब ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

۔مثل۔ بے حیاج کو کسی کا خیال نہیں ہوتا۔

जब दो दिल राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

दो पक्षों की सहमति में हाकिम दख़्ल नहीं दे सकता, दो व्यक्ति सहमत हों तो तीसरा व्यक्ति नुक़सान नहीं पहुँचा सकता

उतर गई मुँह से लोई क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की गई लोई, तो क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह पर डाली लोई, तो क्या करेगा कोई

यदि व्यक्ति ढीठ या बेशर्म हो जाए, तो उसे किसी की चिंता नहीं होती

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई

कोई जानबूझ कर निर्लज्जता दिखाए तो कहते हैं

जब उनारी मुँह की लोई क्या करेगा कोई

बेहया बिन जाते पर किसी का डर या परवाह नहीं रहती

मुँह की गई लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

घोड़ा घास से आश्नाई करेगा तो खाएगा क्या

मुआमले की जगह मुरव्वत बरतने से नफ़ा नहीं होता, कोई शख़्स अगर अपने काम के नफ़ा की कुछ पर्वा ना करे तो गुज़ारा नामुमकिन है , मज़दूर मज़दूर ना ले तो भूका मर जाये , अपना मतलब कोई नहीं छोड़ता

घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या

रुक : घोड़ा घास से यारी या आश्नाई करे तो भूका मरे

उतार ली मुँह को लोई तो क्या करेगा कोई

बेशर्म सब कुछ कर सकता है, लज्जाहीन से कोई बात दूर नहीं

घोड़ा दाने, घास से आश्नाई करेगा तो खाएगा क्या

मुआमला की जगह मुरव्वत बरतने से नफ़ा नहीं होता, अगर कोई शख़्स अपने नफ़ा की पर्वा ना करे तो भूका मरता है

कोई दिन तक याद करोगे

भले ही अभी हमारी महत्व नहीं है मगर मरने के बाद हमें लंबे समय तक याद करोगे, गो-अब हमारी क़दर नहीं करते हो, मगर मरने के बाद हमें भी मुद्दत तक याद करोगे, कुछ अर्से तक याद रहेगा

आख़िर मरोगे रूपया जोड-जोड़ कर क्या करोगे

कंजूस को कहा जाता है,जब वह आवश्यकता के अवसर पर भी ख़र्च नहीं करता

काछ की तलवार क्या काट करेगी

नाकारा चीज़ कारआमद नहीं होती

क्या याद करेंगे

बहुत याद रखेंगे, मुद्दत तक याद रखेंगे, याद किया करेंगे

क्या याद करोगे

मुद्दत तक याद करते रहोगे, मुद्दत तक एहसान मंद रहोगे, बहुत याद करोगे, मुद्दत तक याद रखोगे

जिस की उतरी लोई उस का किया करेगा कोई

जिस में श्रम-ओ-हया बाक़ी ना रहे उस को कोई क्या कह सकता है, बेशरम की बला दूर

तुम भी क्या याद करोगे

हमेशा याद करोगे, मुद्दत तक आभारी रहोगे

हम भी किया याद करेंगे

किसी की लापरवाही और उपेक्षा की शिकायत के रूप में उपयोग किया जाता है

काठ की तलवार क्या काट करेगी

नाकारा चीज़ कारआमद नहीं होती , कमज़ोर तदबीर बेफ़ाइदा होती है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में जिस की उतरी लोई उस का किया करेगा कोई के अर्थदेखिए

जिस की उतरी लोई उस का किया करेगा कोई

jis kii utrii lo.ii us kaa kiyaa karegaa ko.iiجِس کی اُتْری لوئی اُس کا کِیا کَرے گا کوئی

कहावत

जिस की उतरी लोई उस का किया करेगा कोई के हिंदी अर्थ

  • जिस में श्रम-ओ-हया बाक़ी ना रहे उस को कोई क्या कह सकता है, बेशरम की बला दूर

جِس کی اُتْری لوئی اُس کا کِیا کَرے گا کوئی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جس میں شرم و حیا باقی نہ رہے اس کو کوئی کیا کہہ سکتا ہے ، بے شرم کی بلا دور.

Urdu meaning of jis kii utrii lo.ii us kaa kiyaa karegaa ko.ii

  • Roman
  • Urdu

  • jis me.n shram-o-hayaa baaqii na rahe us ko ko.ii kyaa kah saktaa hai, beshram kii bala duur

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क्या करेगा

रुक : क्या कर लेगा, कुछ नहीं कर सकता

क्या करेगा दौला जिसे दे तिसे मौला

अल्लाह के दीन में किसी का नियंत्रण नहीं है

क्या क़ाज़ी गिला करेगा

कोई ताना नहीं करेगा, कोई नाम नहीं धरेगा, कोई मुँह पर बात नहीं लाएगा, कोई भी टिप्पणी या चुनौती नहीं देगा

मियाँ बीवी राज़ी क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में एकता हो तो दूसरा किस प्रकार अच्छी एवं बुद्धि की बातों में हस्तक्षेप कर सकता है

दो दिल राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

दो पक्षों की सहमति में हाकिम दख़्ल नहीं दे सकता, दो व्यक्ति सहमत हों तो तीसरा व्यक्ति नुक़सान नहीं पहुँचा सकता

ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

जब निर्लज्जता अपना ली तो फिर किस का डर

उतर गई लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

मियाँ बीवी राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में एकता हो तो दूसरा किस प्रकार अच्छी एवं बुद्धि की बातों में हस्तक्षेप कर सकता है

उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मियाँ बी बी राज़ी क्या करेगा क़ाज़ी

जब आपस में इत्तिफ़ाक़ हो तो दूसरा कुछ नहीं करसकता

ख़ैर तू भी क्या याद करेगा

कोई चीज़ देते वक़्त कहते हैं

जब ओढ़ ली लोई तो क्या करेगा कोई

۔مثل۔ بے حیاج کو کسی کا خیال نہیں ہوتا۔

जब दो दिल राज़ी तो क्या करेगा क़ाज़ी

दो पक्षों की सहमति में हाकिम दख़्ल नहीं दे सकता, दो व्यक्ति सहमत हों तो तीसरा व्यक्ति नुक़सान नहीं पहुँचा सकता

उतर गई मुँह से लोई क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की गई लोई, तो क्या करेगा कोई

मनुष्य निर्लज्जता चुन ले या निर्लज्ज हो जाए तो किसी का डर नहीं रहता, जब इज़्ज़त उतर जाती है या अपमानित हो जाता है तो मनुष्य निडर हो जाता है, धृष्ट या निर्लज्ज आदमी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता, लज्जाहीन व्यक्ति को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह पर डाली लोई, तो क्या करेगा कोई

यदि व्यक्ति ढीठ या बेशर्म हो जाए, तो उसे किसी की चिंता नहीं होती

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

मुँह की उतरी लोई, तो क्या करेगा कोई

कोई जानबूझ कर निर्लज्जता दिखाए तो कहते हैं

जब उनारी मुँह की लोई क्या करेगा कोई

बेहया बिन जाते पर किसी का डर या परवाह नहीं रहती

मुँह की गई लोई, तो क्या करेगा कोई

निर्लज्ज को किसी की परवाह नहीं होती

घोड़ा घास से आश्नाई करेगा तो खाएगा क्या

मुआमले की जगह मुरव्वत बरतने से नफ़ा नहीं होता, कोई शख़्स अगर अपने काम के नफ़ा की कुछ पर्वा ना करे तो गुज़ारा नामुमकिन है , मज़दूर मज़दूर ना ले तो भूका मर जाये , अपना मतलब कोई नहीं छोड़ता

घोड़ा घास से यारी करेगा तो खाएगा क्या

रुक : घोड़ा घास से यारी या आश्नाई करे तो भूका मरे

उतार ली मुँह को लोई तो क्या करेगा कोई

बेशर्म सब कुछ कर सकता है, लज्जाहीन से कोई बात दूर नहीं

घोड़ा दाने, घास से आश्नाई करेगा तो खाएगा क्या

मुआमला की जगह मुरव्वत बरतने से नफ़ा नहीं होता, अगर कोई शख़्स अपने नफ़ा की पर्वा ना करे तो भूका मरता है

कोई दिन तक याद करोगे

भले ही अभी हमारी महत्व नहीं है मगर मरने के बाद हमें लंबे समय तक याद करोगे, गो-अब हमारी क़दर नहीं करते हो, मगर मरने के बाद हमें भी मुद्दत तक याद करोगे, कुछ अर्से तक याद रहेगा

आख़िर मरोगे रूपया जोड-जोड़ कर क्या करोगे

कंजूस को कहा जाता है,जब वह आवश्यकता के अवसर पर भी ख़र्च नहीं करता

काछ की तलवार क्या काट करेगी

नाकारा चीज़ कारआमद नहीं होती

क्या याद करेंगे

बहुत याद रखेंगे, मुद्दत तक याद रखेंगे, याद किया करेंगे

क्या याद करोगे

मुद्दत तक याद करते रहोगे, मुद्दत तक एहसान मंद रहोगे, बहुत याद करोगे, मुद्दत तक याद रखोगे

जिस की उतरी लोई उस का किया करेगा कोई

जिस में श्रम-ओ-हया बाक़ी ना रहे उस को कोई क्या कह सकता है, बेशरम की बला दूर

तुम भी क्या याद करोगे

हमेशा याद करोगे, मुद्दत तक आभारी रहोगे

हम भी किया याद करेंगे

किसी की लापरवाही और उपेक्षा की शिकायत के रूप में उपयोग किया जाता है

काठ की तलवार क्या काट करेगी

नाकारा चीज़ कारआमद नहीं होती , कमज़ोर तदबीर बेफ़ाइदा होती है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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