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पाखरा

رک : پاکھری.

पाखरे

رک : پاکھر (۳).

पखौरा

पखुड़ी, कांधे की हड्डी, मोढ़ा, काँधा, शाना, पखुरा

पोखरा

رک : پوکھر (۱) .

पखेरू

पक्षी, चिड़िया, परिंदा, पंछी

पखेरी

رک : پکشی .

पोखरी

तालाब या नदी के किनारों के निकट ऐसा गढ़ा जो पानी के चढ़ाव से भर जाए और जो मछलियां उसमें बह आएं वो वहीं रह जाएं और आसानी से पकड़ी जा सकें

पखुरा

पाखा, बाँह का कंधे और कोहनी के बीच का अंश या अवयव, मानव शरीर में कंधे और बाँह के जोड़ के पास का भाग, भुजमूल के पास का भाग

पखौरी

چرخے میں گراری نما لکڑیوں میں سے ہر ایک (جنھیں مون٘ج کی رسیوں سے بان٘دھا جاتا ہے).

पुखरा

तालाब, पोखर

पाखरी

टाट का बिछावन जिसे गाड़ी में बिछाते हैं तब उसमें अनाज भरते हैं

पोखरा

वह गहरा तथा अधिक विस्तृत गड्ढा जिसमें बरसाती पानी जमा होता हो

पखुरी

पत्ती, पंखड़ी, फूल के प्रत्येक पत्ती

पखौड़ा

पखुड़ी, कांधे की हड्डी, मोढ़ा, काँधा, शाना, पखौरा

पंखेरू

पखेरू (पक्षी)

पखाड़ी

छत या छत के पुलिंदा में दो राफ्टर्स को जोड़ने वाली एक क्षैतिज बीम

पख्ड़ी

پھول کی پتّی ، پن٘کھڑی.

पखुड़ी

پھول کی پتی ؛ کندھے کی ہڈی .

पंकहोड़ा

رک : پنگورا

पंखुड़ी

फूल की पत्ती, फूल का दल

आदमी सा पखेरू कोई नहीं

आदमी बहुत भाग-दौड़ करता है, मनुष्य सभी जीवों में अद्भुत है

भैंस के आगे बीन बजाए भैंस पड़ी पखराए

ना अहल या नादान के सामने हुनर दिखाना बेसूद है , बेवक़ूफ़ के आगे हुनर दिखाने की कुछ क़दर नहीं होती

पुरुख सा पखेरू कोई नहीं

मनुष्य एक जगह नहीं रह सकता, जगह-जगह फिरता या जाता रहता है

पँख-पखेरू

परिंदे, पंछी

सावन के साथ साँथड़ा , पोह माह क्या पाँखड़ा

साइन में पियाल और पोस मास में पंखा फ़ुज़ूल हैं

उखड़ा-पुखड़ा

अवांछनीय, बेतुका (कविता/लेख)

इंसान क्या पखेरू है

बहुत ज़्यादा यात्रा करने वाला है, बड़ा जहाँ गर्द है, दूर दूर आता जाता है या फिरता है

फूल की जगह पंखुड़ी

a little rather than more

फूल नहीं पंखड़ी सही

۔ مثل۔ جب کوئی چیز بہت سی ہاتھ نہ آئے اور تھوڑی سی ملنے کو غنیمت سمجھیں تو یہ مثل بولتے ہیں۔ ؎ اس جگہ پھول نہیں تو پنکھڑی بھی بولتے ہیں۔ ؎

फूल की जा पंखड़री

بہت سے کی بجائے تھوڑا سا ، بہت نہیں تو تھوڑا ہی سہی

गुलाब की पत्ती या पंखुरी

۔مونث ۱۔ برگ گل ۲۔لب نازک سے تشبیہ دیتے ہیں۔

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में इंसान क्या पखेरू है के अर्थदेखिए

इंसान क्या पखेरू है

insaan kyaa pakheruu haiاِنْسان کیا پَکھیرُو ہے

कहावत

इंसान क्या पखेरू है के हिंदी अर्थ

  • बहुत ज़्यादा यात्रा करने वाला है, बड़ा जहाँ गर्द है, दूर दूर आता जाता है या फिरता है

English meaning of insaan kyaa pakheruu hai

  • what a bird man is, man travels a lot and far

اِنْسان کیا پَکھیرُو ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • بڑا جہاں گرد ہے، دور دور آتا جاتا ہے یا پھرتا ہے

Urdu meaning of insaan kyaa pakheruu hai

  • Roman
  • Urdu

  • ba.Daa jahaangrad hai, duur duur aataa jaataa hai phirtaa huy

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पाखरा

رک : پاکھری.

पाखरे

رک : پاکھر (۳).

पखौरा

पखुड़ी, कांधे की हड्डी, मोढ़ा, काँधा, शाना, पखुरा

पोखरा

رک : پوکھر (۱) .

पखेरू

पक्षी, चिड़िया, परिंदा, पंछी

पखेरी

رک : پکشی .

पोखरी

तालाब या नदी के किनारों के निकट ऐसा गढ़ा जो पानी के चढ़ाव से भर जाए और जो मछलियां उसमें बह आएं वो वहीं रह जाएं और आसानी से पकड़ी जा सकें

पखुरा

पाखा, बाँह का कंधे और कोहनी के बीच का अंश या अवयव, मानव शरीर में कंधे और बाँह के जोड़ के पास का भाग, भुजमूल के पास का भाग

पखौरी

چرخے میں گراری نما لکڑیوں میں سے ہر ایک (جنھیں مون٘ج کی رسیوں سے بان٘دھا جاتا ہے).

पुखरा

तालाब, पोखर

पाखरी

टाट का बिछावन जिसे गाड़ी में बिछाते हैं तब उसमें अनाज भरते हैं

पोखरा

वह गहरा तथा अधिक विस्तृत गड्ढा जिसमें बरसाती पानी जमा होता हो

पखुरी

पत्ती, पंखड़ी, फूल के प्रत्येक पत्ती

पखौड़ा

पखुड़ी, कांधे की हड्डी, मोढ़ा, काँधा, शाना, पखौरा

पंखेरू

पखेरू (पक्षी)

पखाड़ी

छत या छत के पुलिंदा में दो राफ्टर्स को जोड़ने वाली एक क्षैतिज बीम

पख्ड़ी

پھول کی پتّی ، پن٘کھڑی.

पखुड़ी

پھول کی پتی ؛ کندھے کی ہڈی .

पंकहोड़ा

رک : پنگورا

पंखुड़ी

फूल की पत्ती, फूल का दल

आदमी सा पखेरू कोई नहीं

आदमी बहुत भाग-दौड़ करता है, मनुष्य सभी जीवों में अद्भुत है

भैंस के आगे बीन बजाए भैंस पड़ी पखराए

ना अहल या नादान के सामने हुनर दिखाना बेसूद है , बेवक़ूफ़ के आगे हुनर दिखाने की कुछ क़दर नहीं होती

पुरुख सा पखेरू कोई नहीं

मनुष्य एक जगह नहीं रह सकता, जगह-जगह फिरता या जाता रहता है

पँख-पखेरू

परिंदे, पंछी

सावन के साथ साँथड़ा , पोह माह क्या पाँखड़ा

साइन में पियाल और पोस मास में पंखा फ़ुज़ूल हैं

उखड़ा-पुखड़ा

अवांछनीय, बेतुका (कविता/लेख)

इंसान क्या पखेरू है

बहुत ज़्यादा यात्रा करने वाला है, बड़ा जहाँ गर्द है, दूर दूर आता जाता है या फिरता है

फूल की जगह पंखुड़ी

a little rather than more

फूल नहीं पंखड़ी सही

۔ مثل۔ جب کوئی چیز بہت سی ہاتھ نہ آئے اور تھوڑی سی ملنے کو غنیمت سمجھیں تو یہ مثل بولتے ہیں۔ ؎ اس جگہ پھول نہیں تو پنکھڑی بھی بولتے ہیں۔ ؎

फूल की जा पंखड़री

بہت سے کی بجائے تھوڑا سا ، بہت نہیں تو تھوڑا ہی سہی

गुलाब की पत्ती या पंखुरी

۔مونث ۱۔ برگ گل ۲۔لب نازک سے تشبیہ دیتے ہیں۔

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