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निकले

taken out

निकले पीठते दिन

فصل بدلنے کا وقت موسم کے تبدیل ہونے کا زمانہ

निकले पाँव फिर नहीं बैठते

आगे बढ़ने वाला क़दम पीछे नहीं आता

निकले दाँत भी कहीं पैठे हैं

मिसल मशहूर है जो भेद खुल जाये वो फिर नहीं छुपता (रुक : निकले हुए दाँत अलख)

निकले कौड़ी फेरा करने साथ में संदूक़ पिटारा

मुफ़लिसी में साज़-ओ-सामान की नुमाइश

निकले हुए दाँत फिर नहीं बैठते

۔مثل جوبھید کھل جائے وہ پھر نہیں چھپتا۔ جو برائی ظاہر ہوگئی وہ پھر نہیں چھپتی۔

निकले हुए दाँत फिर अंदर नहीं बैठते

राज़ एक दफ़ा ज़ाहिर हो जाये तो फिर नहीं छप सकता , जो आदमी एक दफ़ा कहीं से निकाल दिया जाये तो फिर मुश्किल से दख़ल पाता है , किसी बात का मज़ा पड़ जाये तो फिर नहीं छूटता

निकले हुए दाँत फिर अंदर नहीं जाते

राज़ एक दफ़ा ज़ाहिर हो जाये तो फिर नहीं छप सकता , जो आदमी एक दफ़ा कहीं से निकाल दिया जाये तो फिर मुश्किल से दख़ल पाता है , किसी बात का मज़ा पड़ जाये तो फिर नहीं छूटता

क्या निकले

क्या प्रकट हुआ, क्या समाचार लाया, क्या शुभ संकेत मिले

मुर्दा निकले

(औरत) मर जाये (प्रभावी क़सम खाने के अवसर पर प्रयुक्त)

गिल़्टी-निकले

(अभिशाप) गिल्टी की बीमारी हो जाये, महामारी में पीड़ित हो

अर्थी-निकले

(अभिशाप) मर जाए, मौत आए

खटिया निकले

(curse) may you/ he/ she die!

दाग़ निकले

(कोसना) कोढ़ की बीमारी हो, शरीर पर सफ़ेद दाग़ हो जाएँ; फूट कर निकले, जल कर निकले; घाव पड़ कर निकले; जले

जनाज़ा निकले

(अवाम की भाषा) (श्राप) मरे, मर जाए

फूट फूट निकले

کوڑھ کا مرض ہو .

तिल रहे तो तेल निकले

मूल वस्तु होनी चाहिये

किधर आ निकले

जब कोई दोस्त मुद्दत के बाद मेले तो ताज्जुब और हैरत से कहते हैं

मचमचाती खाट निकले

(कोसना) औरतों के इस कोसने में मुंदरजा बाला मफ़हूम (चूं चूं करना) है यानी जवान, मोटा ताज़ा, हटा कटा मर जाये लाश इतनी भारी हो कि जिस खाट (चारपाई) पर डाल कर उठाई जाये वो बोझ से लचके और चर चुराए

बड़े बेचारे निकले

(व्यंग्यात्मक) जब कोई अच्छी सलाह के रूप में कोई बात कहे तो कहते हैं, तुम कौन कहने वाले हो

अंतीसार हो कर निकले

انگ نہ لگے ، کٹ کٹ کر نکلے.

खाट निकले

(curse) may you die!

मियान से निकले पड़ना

म्यान से बाहर आना, तलवार का बिना म्यान का होना

आज किधर आ निकले

निकट होने या रहने के अतिरिक्त वर्षों में मिलने और चेहरा दिखाने वाले व्यक्ति के लिए निंदा के तौर पर प्रयुक्त

फाट फूट के निकले

۔(عو) بد دعا۔ کوڑھ کا مرض ہو۔

दाग़ हो कर निकले

(कोसना, बददुआ) बदन से फूओट फूट कर निकले

च्यूँटी के पर निकले हैं

जब कमज़र्फ़ आदमी बहुत शेख़ी मारता है तो उस वक़्त कहते हैं अर्थात विपत्ति के दिन और मौत का समय नज़दीक आ गया है

होंट मलूँ तो दूध निकले

अभी दूध पीते बच्चे हो, नादान हो, ना तजुर्बे कार हो, ज़रा ज़ोर करूं तो पिया हुआ दूध निकल पड़े

नाचने निकले तो घूँगट क्या

जब सार्वजनिक स्थान पर किए जाने वाला काम चुना तो फिर लाज कैसी, ठान ही लिया तो फिर इस में लाज करना बेकार है

नमक फूट फूट कर निकले

(औरतों का कोसना) नमकहरामी की ख़ूब सज़ा मिले

च्यूँटी के पर निकले और मौत आई

मृत्यु का समय निकट आ गया

आग लगा झोंपड़ा जो निकले सो ले, आग लगे झोंपड़े जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

जो निकले सो भाग धनी के

जो लाभ हो भाग्य वाले का

चींटी के पर निकले और मौत आई

मृत्यु का समय निकट आ गया

चौरी रहे तो तेल निकले

मूल वस्तु होनी चाहिए सब काम हो जाते हैं, रुपया होना चाहिए

काटो तो लहू न निकले

बहुत भयभीत था, बहुत अधिक सदमे में था

हल्के लहू से चल निकले हैं

बावजूद नज़ाकत या नातवानी के दिल जलाते हैं, निहायत गुस्ताख बेअदब और मग़रूर होगए हैं

गढ़े में से निकले और कुँवें में गिरे

कोई शख़्स किसी मुसीबत या किसी तकीफ़ से छुटकारा पा कर किसी दूसरी मुसबीयत में जो पहली जैसी या इस से बदतर हो गिरफ़्तार हो जाये तो बोलते हैं

आग लगते झोंपड़ा जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

बत्तीस धार हो कर निकले

तेरा पाप फूट जाए, तेरे आगे आए, तुझ पर संतोष पड़े

चेचक और रंडी निकले बग़ैर नहीं रहती

चेचक ज़रूर निकलती है और कसबी ज़रूर अग़वा होती है , बाज़ारी औरत अगर निकाह कर भी ले तब भी इस का एतबार नहीं एक ना एक दिन घर से निकल जाएगी

आग लगंती झोंपड़ी जो निकले सो लाभ

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

आग लगंती झोंपड़ी जो निकले सो लाव

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

मूज़ी का माल निकले फूट कर खाल

कष्टदायी या अत्याचारी का धन पचता नहीं, अत्याचार से प्राप्त किया हुआ धन किसी व्यक्ति को पच नहीं सकता

मूज़ी का माल निकले फूट के खाल

कष्टदायी या अत्याचारी का धन पचता नहीं, अत्याचार से प्राप्त किया हुआ धन किसी व्यक्ति को पच नहीं सकता

आग लगती झोंपड़ी जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगती झोंपड़ी जो निकले सो लाओ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

मियान में से निकले ही पड़े है

बहुत उग्र स्वभाव है, बहुत तेज़ मिज़ाज है, बात बात पर लड़ता है

बदली की धूप जब निकले जब तेज़

बुरे स्वभाव वाला व्यक्ति हमेशा ग़ुस्सा ही से बोलता है

आग लगंता झोंपड़ा जो निकले सो लाभ

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

अहीर से तब गुन निकले बालू से जब घी

कमीने और ओछे से कुशलता या निपुणता नहीं होती

आग लगंता झोंपड़ा जो निकले सो लाव

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

माँ टेनी बाप कुलंग बेटे निकले रंग बिरंग

दोग़ले ख़ानदान की संतान एक जैसी नहीं होती कोई कैसा है कोई कैसा है

हाथी के दाँत निकले पीछे अंदर नहीं जाते

रुक : हाथी के निकले हुए दाँत (भी कहीं बैठे हैं) बैठने मुश्किल हैं

आग लगता झोंपड़ा जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगता झोंपड़ा जो निकले सो लाओ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

गढ़े में से निकले और कुए में गिरे

कोई शख़्स किसी मुसीबत या किसी तकीफ़ से छुटकारा पा कर किसी दूसरी मुसबीयत में जो पहली जैसी या इस से बदतर हो गिरफ़्तार हो जाये तो बोलते हैं

हाथी के निकले हुए दाँत बैठने मुशकिल हैं

बिगड़ी हुई बात भी कहीं बनी है, रुसवाई के बाद नेकनामी होनी मुश्किल है, बिगड़े हुए भी कहीं संवरे हैं

अहीर से तब गुन निकले जब बालू से घी

कमीने और ओछे से कुशलता या निपुणता नहीं होती

अहीर से जब गुन निकले बालू से तब घी

कमीने और ओछे से कुशलता या निपुणता नहीं होती

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में हाथी के दाँत निकले पीछे अंदर नहीं जाते के अर्थदेखिए

हाथी के दाँत निकले पीछे अंदर नहीं जाते

haathii ke daa.nt nikle piichhe andar nahii.n jaateہاتھی کے دانْت نِکلے پِیچھے اَندَر نَہِیں جاتے

कहावत

हाथी के दाँत निकले पीछे अंदर नहीं जाते के हिंदी अर्थ

  • रुक : हाथी के निकले हुए दाँत (भी कहीं बैठे हैं) बैठने मुश्किल हैं

ہاتھی کے دانْت نِکلے پِیچھے اَندَر نَہِیں جاتے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • رک : ہاتھی کے نکلے ہوئے دانت (بھی کہیں بیٹھے ہیں) بیٹھنے مشکل ہیں ۔

Urdu meaning of haathii ke daa.nt nikle piichhe andar nahii.n jaate

  • Roman
  • Urdu

  • ruk ha haathii ke nikle hu.e daa.nt (bhii kahii.n baiThe hain) baiThne mushkil hai.n

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निकले पीठते दिन

فصل بدلنے کا وقت موسم کے تبدیل ہونے کا زمانہ

निकले पाँव फिर नहीं बैठते

आगे बढ़ने वाला क़दम पीछे नहीं आता

निकले दाँत भी कहीं पैठे हैं

मिसल मशहूर है जो भेद खुल जाये वो फिर नहीं छुपता (रुक : निकले हुए दाँत अलख)

निकले कौड़ी फेरा करने साथ में संदूक़ पिटारा

मुफ़लिसी में साज़-ओ-सामान की नुमाइश

निकले हुए दाँत फिर नहीं बैठते

۔مثل جوبھید کھل جائے وہ پھر نہیں چھپتا۔ جو برائی ظاہر ہوگئی وہ پھر نہیں چھپتی۔

निकले हुए दाँत फिर अंदर नहीं बैठते

राज़ एक दफ़ा ज़ाहिर हो जाये तो फिर नहीं छप सकता , जो आदमी एक दफ़ा कहीं से निकाल दिया जाये तो फिर मुश्किल से दख़ल पाता है , किसी बात का मज़ा पड़ जाये तो फिर नहीं छूटता

निकले हुए दाँत फिर अंदर नहीं जाते

राज़ एक दफ़ा ज़ाहिर हो जाये तो फिर नहीं छप सकता , जो आदमी एक दफ़ा कहीं से निकाल दिया जाये तो फिर मुश्किल से दख़ल पाता है , किसी बात का मज़ा पड़ जाये तो फिर नहीं छूटता

क्या निकले

क्या प्रकट हुआ, क्या समाचार लाया, क्या शुभ संकेत मिले

मुर्दा निकले

(औरत) मर जाये (प्रभावी क़सम खाने के अवसर पर प्रयुक्त)

गिल़्टी-निकले

(अभिशाप) गिल्टी की बीमारी हो जाये, महामारी में पीड़ित हो

अर्थी-निकले

(अभिशाप) मर जाए, मौत आए

खटिया निकले

(curse) may you/ he/ she die!

दाग़ निकले

(कोसना) कोढ़ की बीमारी हो, शरीर पर सफ़ेद दाग़ हो जाएँ; फूट कर निकले, जल कर निकले; घाव पड़ कर निकले; जले

जनाज़ा निकले

(अवाम की भाषा) (श्राप) मरे, मर जाए

फूट फूट निकले

کوڑھ کا مرض ہو .

तिल रहे तो तेल निकले

मूल वस्तु होनी चाहिये

किधर आ निकले

जब कोई दोस्त मुद्दत के बाद मेले तो ताज्जुब और हैरत से कहते हैं

मचमचाती खाट निकले

(कोसना) औरतों के इस कोसने में मुंदरजा बाला मफ़हूम (चूं चूं करना) है यानी जवान, मोटा ताज़ा, हटा कटा मर जाये लाश इतनी भारी हो कि जिस खाट (चारपाई) पर डाल कर उठाई जाये वो बोझ से लचके और चर चुराए

बड़े बेचारे निकले

(व्यंग्यात्मक) जब कोई अच्छी सलाह के रूप में कोई बात कहे तो कहते हैं, तुम कौन कहने वाले हो

अंतीसार हो कर निकले

انگ نہ لگے ، کٹ کٹ کر نکلے.

खाट निकले

(curse) may you die!

मियान से निकले पड़ना

म्यान से बाहर आना, तलवार का बिना म्यान का होना

आज किधर आ निकले

निकट होने या रहने के अतिरिक्त वर्षों में मिलने और चेहरा दिखाने वाले व्यक्ति के लिए निंदा के तौर पर प्रयुक्त

फाट फूट के निकले

۔(عو) بد دعا۔ کوڑھ کا مرض ہو۔

दाग़ हो कर निकले

(कोसना, बददुआ) बदन से फूओट फूट कर निकले

च्यूँटी के पर निकले हैं

जब कमज़र्फ़ आदमी बहुत शेख़ी मारता है तो उस वक़्त कहते हैं अर्थात विपत्ति के दिन और मौत का समय नज़दीक आ गया है

होंट मलूँ तो दूध निकले

अभी दूध पीते बच्चे हो, नादान हो, ना तजुर्बे कार हो, ज़रा ज़ोर करूं तो पिया हुआ दूध निकल पड़े

नाचने निकले तो घूँगट क्या

जब सार्वजनिक स्थान पर किए जाने वाला काम चुना तो फिर लाज कैसी, ठान ही लिया तो फिर इस में लाज करना बेकार है

नमक फूट फूट कर निकले

(औरतों का कोसना) नमकहरामी की ख़ूब सज़ा मिले

च्यूँटी के पर निकले और मौत आई

मृत्यु का समय निकट आ गया

आग लगा झोंपड़ा जो निकले सो ले, आग लगे झोंपड़े जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

जो निकले सो भाग धनी के

जो लाभ हो भाग्य वाले का

चींटी के पर निकले और मौत आई

मृत्यु का समय निकट आ गया

चौरी रहे तो तेल निकले

मूल वस्तु होनी चाहिए सब काम हो जाते हैं, रुपया होना चाहिए

काटो तो लहू न निकले

बहुत भयभीत था, बहुत अधिक सदमे में था

हल्के लहू से चल निकले हैं

बावजूद नज़ाकत या नातवानी के दिल जलाते हैं, निहायत गुस्ताख बेअदब और मग़रूर होगए हैं

गढ़े में से निकले और कुँवें में गिरे

कोई शख़्स किसी मुसीबत या किसी तकीफ़ से छुटकारा पा कर किसी दूसरी मुसबीयत में जो पहली जैसी या इस से बदतर हो गिरफ़्तार हो जाये तो बोलते हैं

आग लगते झोंपड़ा जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

बत्तीस धार हो कर निकले

तेरा पाप फूट जाए, तेरे आगे आए, तुझ पर संतोष पड़े

चेचक और रंडी निकले बग़ैर नहीं रहती

चेचक ज़रूर निकलती है और कसबी ज़रूर अग़वा होती है , बाज़ारी औरत अगर निकाह कर भी ले तब भी इस का एतबार नहीं एक ना एक दिन घर से निकल जाएगी

आग लगंती झोंपड़ी जो निकले सो लाभ

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

आग लगंती झोंपड़ी जो निकले सो लाव

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

मूज़ी का माल निकले फूट कर खाल

कष्टदायी या अत्याचारी का धन पचता नहीं, अत्याचार से प्राप्त किया हुआ धन किसी व्यक्ति को पच नहीं सकता

मूज़ी का माल निकले फूट के खाल

कष्टदायी या अत्याचारी का धन पचता नहीं, अत्याचार से प्राप्त किया हुआ धन किसी व्यक्ति को पच नहीं सकता

आग लगती झोंपड़ी जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगती झोंपड़ी जो निकले सो लाओ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

मियान में से निकले ही पड़े है

बहुत उग्र स्वभाव है, बहुत तेज़ मिज़ाज है, बात बात पर लड़ता है

बदली की धूप जब निकले जब तेज़

बुरे स्वभाव वाला व्यक्ति हमेशा ग़ुस्सा ही से बोलता है

आग लगंता झोंपड़ा जो निकले सो लाभ

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

अहीर से तब गुन निकले बालू से जब घी

कमीने और ओछे से कुशलता या निपुणता नहीं होती

आग लगंता झोंपड़ा जो निकले सो लाव

हानि सूनिश्चित हो जाने की स्थिति में जो भी बच जाये या जो भी लाभ हो जाए लाभ ही है

माँ टेनी बाप कुलंग बेटे निकले रंग बिरंग

दोग़ले ख़ानदान की संतान एक जैसी नहीं होती कोई कैसा है कोई कैसा है

हाथी के दाँत निकले पीछे अंदर नहीं जाते

रुक : हाथी के निकले हुए दाँत (भी कहीं बैठे हैं) बैठने मुश्किल हैं

आग लगता झोंपड़ा जो निकले सो लाभ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

आग लगता झोंपड़ा जो निकले सो लाओ

सर्वस्व नष्ट होने में से जो कुछ बच सके, उसे ही लाभ समझना चाहिए, हानि से जो बच जाए अच्छा है

गढ़े में से निकले और कुए में गिरे

कोई शख़्स किसी मुसीबत या किसी तकीफ़ से छुटकारा पा कर किसी दूसरी मुसबीयत में जो पहली जैसी या इस से बदतर हो गिरफ़्तार हो जाये तो बोलते हैं

हाथी के निकले हुए दाँत बैठने मुशकिल हैं

बिगड़ी हुई बात भी कहीं बनी है, रुसवाई के बाद नेकनामी होनी मुश्किल है, बिगड़े हुए भी कहीं संवरे हैं

अहीर से तब गुन निकले जब बालू से घी

कमीने और ओछे से कुशलता या निपुणता नहीं होती

अहीर से जब गुन निकले बालू से तब घी

कमीने और ओछे से कुशलता या निपुणता नहीं होती

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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