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"हा हा कमाए बूढ़े नहीं ब्याहे जाए" शब्द से संबंधित परिणाम

जो हो सकता है

what or whatever is possible or can be done

कुछ नहीं हो सकता है

۔کوئی تدبیر کارگر نہیں ہوسکتی ہے۔ ؎

जो हो वो थोड़ा है

जिस क़दर गति बने इस के काबिल हो

ये भी हो सकता है

यह भी संभव है, इस का भी संभावना है

वक़्त पर जो हो जाए ठीक है

समय पर जो कुछ हो जाए बेहतर है क्यूँकि ऐसे समय पर मनुष्य घबरा जाता है

मुक़द्दर में जो कुछ है हो रहेगा

भाग्य में जो लिखा है ज़रूर होगा, टल नहीं सकता

फ़रज़ंद वो है जो ख़लफ़ हो

धन्य पुत्र वास्तव में पुत्र ही होता है

कल जो होना है आज हो जाए

जो चीज़ कल पर निर्भर है वो आज ही हो जाए, काम को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए, किसी भी तरह देरी न की जाए, आशंका को जल्द से जल्द दूर कर लिया जाए

वक़्त पर जो हो जाए सो ठीक है

समय पर जो कुछ हो जाए बेहतर है क्यूँकि ऐसे समय पर मनुष्य घबरा जाता है

जो कल होना है वो आज हो जाए

शीघ्रता के अवसर पर कहते हैं

हाँडी में जो हो सो वही डोई में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

हाँडी में जो हो सो वही चमची में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

तिरया तू है सोभा घर की, जो हो लाज रखावा नर की

जो स्त्री अपने पति का सम्मान एवं गौरव स्थापित रखे वो घर की शोभा है

बिद्दिया वो माल है जो ख़र्चत दुगना हो राजा रवा चोर ताछीन न साके को

इलम ऐसा माल है जो (ख़र्च करे) सिखाने से ज़्यादा होता है और उसे राजा राव या चोर कोई नहीं छीन सकता

साधू हो कर करे जो चोरी , उस का घर हे नरक की मोरी

जो साधूओ हो कर चोरी करे दोज़ख़ में जाएगा

याद रखो इस बात को जो है तुम में ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

आगे जो क़दम रखता हूँ पीछे पड़ता है

छोड़कर जाने को दिल नहीं चाहता

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस जा यही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस चाही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

जो हो

whatever happens, at all events, at any rate

मारते का हाथ पकड़ा जा सकता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

सूरमा चना क्या भाड़ फोड़ सकता है

शेरों से शिकार और कव्वों से बड़े कौन ले सकता है

ज़बरदस्त से कुछ नहीं मिलता

गीली लकड़ी सीधी हो सकती है

बाल प्रशिक्षण संभव है

क्या उखाड़ सकता है

۔ یہاں پشم محذوف ہے۔ کیا ضرر پونہچا سکتا ہے۔

ख़ाली बोरी और शराबी को कौन खड़ा रख सकता है

बगै़र सहारे या क़ुव्वत के कोई ज़ोर नहीं चलता

टूटी है तो किसी से जुड़ी नहीं और जुड़ी है तो कोई तोड़ सकता नहीं

बीमार आदमी को सांत्वना देने के लिए कहते हैं

बाज़ार की मिठाई से निरबाह नहीं हो सकता

आस्थायी वस्तु ख़ास कर बाज़ारी स्त्री से सदैव काम नहीं चल सकता

नाख़ुन से गोश्त जुदा नहीं हो सकता

अपने हमेशा के लिए नहीं छूटते, रिश्तेदारी किसी हाल में ख़त्म नहीं की जा सकती

क्या कंदा कर सकता है

क्या नुक़्सान पहुंचा सकता है

हो जो हो

ख़ाह कुछ भी हो, पर्वा नहीं, देखी जाएगी

घर में आई जो टेढ़ी पगड़ सीधी हो

ब्याह करने से सारी शेखी जाती रहती है

मर्द वो है जो दे और न ले, और नीम मर्द वो है जो दे और ले, ना-मर्द वो है जो न दे और न ले

बुज़ुर्गों का क़ौल है कि बहादुर वो है जो देता है यानी सख़ावत करता है मगर किसी से लेता नहीं, नीम बहादुर वो है जो देता भी है और लेता भी, बुज़दिल और नालायक़ वो है जो लेता तो है मगर देता किसी को नहीं

जो ख़ाल हद से बढ़ा वो मस्सा हुआ

कोई चीज़ जो हद से बढ़े ख़राब होती है

गोरे चमड़े पे न जा ये छछूँदर से बदतर है

गोरे रंग पर रीझना नहीं चाहिए क्योंकि उस की कोई हैसियत नहीं होती है नौजवान आदमी जो रंडी पर आशिक़ हो जाये उसे बतौर नसीहत कहते यहं

तुरत मजूरी जो फड़कावे, वह का कार तुरत हो जावे

जो मज़दूरी तुरंत अदा कर दे उस का काम जल्द होता है

आग में जो चीज़ पड़ी वो आग है

संगत का प्रभाव बहुत अधिक होता है

जो कोई कलपाय है वो कैसे कल पाय है

जो लोगों को सताता है उसे कभी शांति नहीं मिलती

मुक़द्दर में जो है मिलता है

जो कुछ क़िस्मत में हो ज़रूर मिलता है, कमी-बेशी नहीं हो सकती

भूका तुर्क न छेड़िए हो जाए जी का झाड़

भूखे आदमी से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए वर्ना पीछा छुड़ाना कठिन हो जाता है, भूका आदमी बात बात पर लड़ता है

होते ही न मुवा जो कफ़न थोड़ा लगता

रुक : होते ही क्यों ना मर गया , ऐसे शख़्स की निसबत बोलते हैं जिस से सख़्त नफ़रत हो, ऐसा शख़्स पैदा ही ना होता तो बेहतर था कि ज़्यादा कफ़न भी ना देना पड़ता या बुरा आदमी अगर पैदा होते ही मर जाये तो अच्छा है

गुदड़ी से बीवी आईं शैख़ जी किनारे हो

सारा दिन तो बाज़ार में फुर्ती रही घर आ कर पर्दा याद आया

दाई का जी माँदा है

औरतें किसी अज़ीज़ के बीमार होने पर कहती हैं बशर्तिके वो रिश्ते में छोटा हो

कौड़ी-कौड़ी माया, जोड़े जो ज़मीं में धरता है, जिस का लहना वही खावे पापी बरिय्या मरता है

कंजूस पापी परेशानी भर कर जोड़ता है, फिर जिस को नसीब होता है वही खाता है

मुँह का थोबड़ा न हो जाए

ऐसा न हो कि पिट जावे

जो आज करना हो वो कल पर न छोड़ो

जो काम आज करना है उसे दूसरे वक़्त पर नहीं टालना चाहिए

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

मिट्टी पकड़े सोना हो जाए

ऐसा भाग्यवान अथवा पारस है कि यदि मिट्टी पर भी हाथ डालता है तो वो सोना जैसा लाभ देती है

दामन झाड़ दें तो रूपया ही रूपया हो जाए

धनाढ्यता के प्रदर्शन के अवसर पर गर्व से कहते हैं

ला वारिस बच्चा जो पड़ा हुआ मिले

foundling

मरना है बद नेक को जीना नाप सदा, बेहतर है जो जगत में नेक नाम रह जा

अच्छे काम करने चाहिए ताकि दुनिया में रह जाए, वैसे तो अच्छे बुरे सब को मरना है

ख़ाल जो बढ़ा , मस्सा हुआ

अपनी हद से मुतजाविज़ चीज़ बरी मालूम होती है

जो तिल हद से ज़्यादा हुआ वो मस्सा हुआ

कोई चीज़ जो हद से बढ़े ख़राब होती है

जो सादी चाल चलता है वो हमेशा ख़ुश हाल रहता है

सादा तौर पर रहने वाला आराम से रहता है, सादगी से रहने वाला सदा सुखी रहता है

हा हा कमाए बूढ़े नहीं ब्याहे जाए

निरी ख़ुशामद करने से काम नहीं चलता

जो ख़ाल (अपनी) हद से बढ़ा सो मस्सा हुआ

कोई चीज़ जो हद से बढ़े ख़राब होती है

सुख से दुख भला जो थोड़े दिन का हो

दुख यदि थोड़े दिन का हो तो अच्छा है क्यूँकि इससे मनुष्य को आराम की महत्व का पता चलता है

साँच वो है जो आँच को सहे

सच्च बोल और किसी का ख़ौफ़ ना कर, सच्च को किसी आज़माईश का कूफ़ नहीं होता

जो जान देता है वो नान भी देता है

अल्लाह ताला रज़्ज़ाक़ हक़ीक़ी है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में हा हा कमाए बूढ़े नहीं ब्याहे जाए के अर्थदेखिए

हा हा कमाए बूढ़े नहीं ब्याहे जाए

haa haa kamaa.e buu.Dhe nahii.n byaahe jaa.eہا ہا کَمائے بُوڑھے نَہِیں بِیاہے جائے

कहावत

हा हा कमाए बूढ़े नहीं ब्याहे जाए के हिंदी अर्थ

  • निरी ख़ुशामद करने से काम नहीं चलता

ہا ہا کَمائے بُوڑھے نَہِیں بِیاہے جائے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • نری خوشامد کرنے سے کام نہیں چلتا

Urdu meaning of haa haa kamaa.e buu.Dhe nahii.n byaahe jaa.e

  • Roman
  • Urdu

  • nirii Khushaamad karne se kaam nahii.n chaltaa

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what or whatever is possible or can be done

कुछ नहीं हो सकता है

۔کوئی تدبیر کارگر نہیں ہوسکتی ہے۔ ؎

जो हो वो थोड़ा है

जिस क़दर गति बने इस के काबिल हो

ये भी हो सकता है

यह भी संभव है, इस का भी संभावना है

वक़्त पर जो हो जाए ठीक है

समय पर जो कुछ हो जाए बेहतर है क्यूँकि ऐसे समय पर मनुष्य घबरा जाता है

मुक़द्दर में जो कुछ है हो रहेगा

भाग्य में जो लिखा है ज़रूर होगा, टल नहीं सकता

फ़रज़ंद वो है जो ख़लफ़ हो

धन्य पुत्र वास्तव में पुत्र ही होता है

कल जो होना है आज हो जाए

जो चीज़ कल पर निर्भर है वो आज ही हो जाए, काम को जल्द से जल्द पूरा कर लिया जाए, किसी भी तरह देरी न की जाए, आशंका को जल्द से जल्द दूर कर लिया जाए

वक़्त पर जो हो जाए सो ठीक है

समय पर जो कुछ हो जाए बेहतर है क्यूँकि ऐसे समय पर मनुष्य घबरा जाता है

जो कल होना है वो आज हो जाए

शीघ्रता के अवसर पर कहते हैं

हाँडी में जो हो सो वही डोई में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

हाँडी में जो हो सो वही चमची में आवे है

जो दिल में होता है वही ज़बान पर आता है, दिल की बात मुँह से निकल ही जाती है , बात ज़ाहिर हो कर रहती है

तिरया तू है सोभा घर की, जो हो लाज रखावा नर की

जो स्त्री अपने पति का सम्मान एवं गौरव स्थापित रखे वो घर की शोभा है

बिद्दिया वो माल है जो ख़र्चत दुगना हो राजा रवा चोर ताछीन न साके को

इलम ऐसा माल है जो (ख़र्च करे) सिखाने से ज़्यादा होता है और उसे राजा राव या चोर कोई नहीं छीन सकता

साधू हो कर करे जो चोरी , उस का घर हे नरक की मोरी

जो साधूओ हो कर चोरी करे दोज़ख़ में जाएगा

याद रखो इस बात को जो है तुम में ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

याद रखो इस बात को जो है तुम में कुछ ज्ञान, साईं जा को हो गया वा का सगर जहान

यदि तुम को ज्ञान है तो ये बात याद रखो कि ईश्वर जिस की तरफ़ है सारा संसार उसकी तरफ़ है

आगे जो क़दम रखता हूँ पीछे पड़ता है

छोड़कर जाने को दिल नहीं चाहता

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस जा यही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

जो बैरी हों बहुत से और तू होवे एक, मीठा बन कर निकस चाही जतन है नेक

यदि दुश्मन बहुत हों और तू अकेला हो तो उन से मीठी बातें कर के स्वयं को बचा

जो हो

whatever happens, at all events, at any rate

मारते का हाथ पकड़ा जा सकता है कहते का मुँह नहीं पकड़ा जाता

बदज़बान की ज़बान नहीं रोकी जा सकती, किसी को कोई बात कहने से नहीं रोका जा सकता

सूरमा चना क्या भाड़ फोड़ सकता है

शेरों से शिकार और कव्वों से बड़े कौन ले सकता है

ज़बरदस्त से कुछ नहीं मिलता

गीली लकड़ी सीधी हो सकती है

बाल प्रशिक्षण संभव है

क्या उखाड़ सकता है

۔ یہاں پشم محذوف ہے۔ کیا ضرر پونہچا سکتا ہے۔

ख़ाली बोरी और शराबी को कौन खड़ा रख सकता है

बगै़र सहारे या क़ुव्वत के कोई ज़ोर नहीं चलता

टूटी है तो किसी से जुड़ी नहीं और जुड़ी है तो कोई तोड़ सकता नहीं

बीमार आदमी को सांत्वना देने के लिए कहते हैं

बाज़ार की मिठाई से निरबाह नहीं हो सकता

आस्थायी वस्तु ख़ास कर बाज़ारी स्त्री से सदैव काम नहीं चल सकता

नाख़ुन से गोश्त जुदा नहीं हो सकता

अपने हमेशा के लिए नहीं छूटते, रिश्तेदारी किसी हाल में ख़त्म नहीं की जा सकती

क्या कंदा कर सकता है

क्या नुक़्सान पहुंचा सकता है

हो जो हो

ख़ाह कुछ भी हो, पर्वा नहीं, देखी जाएगी

घर में आई जो टेढ़ी पगड़ सीधी हो

ब्याह करने से सारी शेखी जाती रहती है

मर्द वो है जो दे और न ले, और नीम मर्द वो है जो दे और ले, ना-मर्द वो है जो न दे और न ले

बुज़ुर्गों का क़ौल है कि बहादुर वो है जो देता है यानी सख़ावत करता है मगर किसी से लेता नहीं, नीम बहादुर वो है जो देता भी है और लेता भी, बुज़दिल और नालायक़ वो है जो लेता तो है मगर देता किसी को नहीं

जो ख़ाल हद से बढ़ा वो मस्सा हुआ

कोई चीज़ जो हद से बढ़े ख़राब होती है

गोरे चमड़े पे न जा ये छछूँदर से बदतर है

गोरे रंग पर रीझना नहीं चाहिए क्योंकि उस की कोई हैसियत नहीं होती है नौजवान आदमी जो रंडी पर आशिक़ हो जाये उसे बतौर नसीहत कहते यहं

तुरत मजूरी जो फड़कावे, वह का कार तुरत हो जावे

जो मज़दूरी तुरंत अदा कर दे उस का काम जल्द होता है

आग में जो चीज़ पड़ी वो आग है

संगत का प्रभाव बहुत अधिक होता है

जो कोई कलपाय है वो कैसे कल पाय है

जो लोगों को सताता है उसे कभी शांति नहीं मिलती

मुक़द्दर में जो है मिलता है

जो कुछ क़िस्मत में हो ज़रूर मिलता है, कमी-बेशी नहीं हो सकती

भूका तुर्क न छेड़िए हो जाए जी का झाड़

भूखे आदमी से छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए वर्ना पीछा छुड़ाना कठिन हो जाता है, भूका आदमी बात बात पर लड़ता है

होते ही न मुवा जो कफ़न थोड़ा लगता

रुक : होते ही क्यों ना मर गया , ऐसे शख़्स की निसबत बोलते हैं जिस से सख़्त नफ़रत हो, ऐसा शख़्स पैदा ही ना होता तो बेहतर था कि ज़्यादा कफ़न भी ना देना पड़ता या बुरा आदमी अगर पैदा होते ही मर जाये तो अच्छा है

गुदड़ी से बीवी आईं शैख़ जी किनारे हो

सारा दिन तो बाज़ार में फुर्ती रही घर आ कर पर्दा याद आया

दाई का जी माँदा है

औरतें किसी अज़ीज़ के बीमार होने पर कहती हैं बशर्तिके वो रिश्ते में छोटा हो

कौड़ी-कौड़ी माया, जोड़े जो ज़मीं में धरता है, जिस का लहना वही खावे पापी बरिय्या मरता है

कंजूस पापी परेशानी भर कर जोड़ता है, फिर जिस को नसीब होता है वही खाता है

मुँह का थोबड़ा न हो जाए

ऐसा न हो कि पिट जावे

जो आज करना हो वो कल पर न छोड़ो

जो काम आज करना है उसे दूसरे वक़्त पर नहीं टालना चाहिए

गुरू जो कि था वो तो गुड़ हो गया वले उस का चेला शकर हो गया

जब शागिर्द अऔसताद से बढ़ जाये उस वक़्त बोला करते हैं

मिट्टी पकड़े सोना हो जाए

ऐसा भाग्यवान अथवा पारस है कि यदि मिट्टी पर भी हाथ डालता है तो वो सोना जैसा लाभ देती है

दामन झाड़ दें तो रूपया ही रूपया हो जाए

धनाढ्यता के प्रदर्शन के अवसर पर गर्व से कहते हैं

ला वारिस बच्चा जो पड़ा हुआ मिले

foundling

मरना है बद नेक को जीना नाप सदा, बेहतर है जो जगत में नेक नाम रह जा

अच्छे काम करने चाहिए ताकि दुनिया में रह जाए, वैसे तो अच्छे बुरे सब को मरना है

ख़ाल जो बढ़ा , मस्सा हुआ

अपनी हद से मुतजाविज़ चीज़ बरी मालूम होती है

जो तिल हद से ज़्यादा हुआ वो मस्सा हुआ

कोई चीज़ जो हद से बढ़े ख़राब होती है

जो सादी चाल चलता है वो हमेशा ख़ुश हाल रहता है

सादा तौर पर रहने वाला आराम से रहता है, सादगी से रहने वाला सदा सुखी रहता है

हा हा कमाए बूढ़े नहीं ब्याहे जाए

निरी ख़ुशामद करने से काम नहीं चलता

जो ख़ाल (अपनी) हद से बढ़ा सो मस्सा हुआ

कोई चीज़ जो हद से बढ़े ख़राब होती है

सुख से दुख भला जो थोड़े दिन का हो

दुख यदि थोड़े दिन का हो तो अच्छा है क्यूँकि इससे मनुष्य को आराम की महत्व का पता चलता है

साँच वो है जो आँच को सहे

सच्च बोल और किसी का ख़ौफ़ ना कर, सच्च को किसी आज़माईश का कूफ़ नहीं होता

जो जान देता है वो नान भी देता है

अल्लाह ताला रज़्ज़ाक़ हक़ीक़ी है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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