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काम नहीं

۔غرض نہیں۔ واسطہ نہیں۔ ؎

है आदमी है काम नहीं आदमी नहीं काम

इंसान के दम क़दम से काम है, इंसान नहीं होता तो काम भी नहीं होता, सारी रौनक इंसान के दम से है, करने वाले के लिए बहुत काम होता है जो न करना चाहे उस के लिए कुछ काम नहीं

कुछ काम नहीं

कोई मतलब नहीं, कोई वास्ता, लगाव नहीं, कोई संबंध नहीं, कोई सरोकार नहीं

कौड़ी काम का नहीं

बिलकुल निकम्मा है, बिलकुल बेमुसर्रफ़ है

'अक़्ल काम नहीं करती

समझ में नहीं आता, बुद्धि आश्चर्य में है

हमें कुछ काम नहीं

۔(یائے مجہول) ہمیں کچھ غرض نہیں۔ مطلب نہیں۔ واسطہ نہیں۔؎

कौड़ी के काम का नहीं

۔بالکل نکمّا اور بے مصرف ہے۔ ؎

पराई आँखें काम नहीं आतीं

दूसरे के सहारे काम सही नहीं होता, पाराया व्यक्ति अपने काम नहीं आता, पाराया अपना नहीं बनता

किसी काम का नहीं

۔محض نکمّا اور بیکارہے۔

बातों से काम नहीं चलता

सिर्फ़ कह देने से बगै़र किए कोई काम हो नहीं जाता, लफ़्फ़ाज़ी का कोई नतीजा नहीं निकलता अमल करने की ज़रूरत है

वक़्त पर कोई काम नहीं आता

संकट और परेशानी के समय कोई मदद नहीं करता

झूट से काम नहीं चलता

झूठ बोलने (दुकानदार) का काम हरा-भरा नहीं होता

काम प्यारा है, चाम प्यारा नहीं

मनुष्य की क़दर काम से होती है, शक्ल-ओ-सूरत से नहीं

चाम प्यारा नहीं, काम प्यारा है

मनुष्य की क़दर काम से होती है, शक्ल-ओ-सूरत से नहीं

ग़ुलाम और चूना बग़ैर पिटे काम नहीं देता

मूर्ख दंड पाए बिना काम नहीं आता, कमअक़्ल बगै़र सज़ा पाए काम नहीं आता

गाड़ी भर आश्नाई काम की नहीं मगर रत्ती भर नाता काम आता है

ज़रा सी क़राबत बहुत सी दोस्ती पर ग़ालिब होती है, वक़्त पड़ने पर रिश्तेदार ही काम आते हैं, बुरे वक़्त पर अपने ही साथ देते हैं

आदमी प्यारा नहीं काम प्यारा होता है

निकम्मे आदमी को कोई पसंद नहीं करता, मेहनती और काम करने वाले आदमी को हर कोई महत्व देता है

चाम प्यारा नहीं, काम प्यारा होता है

मनुष्य की क़दर काम से होती है, शक्ल-ओ-सूरत से नहीं

दाम का काम बात से नहीं हो जाता

सिर्फ बातों से काम नहीं चलता रुपया ख़र्च करने से ही काम होता है

रेत की दीवार , ओछा यार , किसी काम का नहीं

दोनों को उस्तिवार और क़ियाम नहीं

ठीक नहीं ठेके का काम, ठेका दे कर मत खो दाम

ठेके का काम अच्छा नहीं बनता, रुपया बर्बाद करना होता है

रूठे को मनाए नहीं , फटे को सिलाए नहीं तो काम कैसे चले

रूओठे को मनाना और फटे को सुलाना चाहीए वर्ना दुनिया में गुज़ारा नहीं

दीमक के खाए पेड़, सोच के मारे देह किसी काम के नहीं रहते

दीमक का खाया दरख़्त और फ़िक्र का मारा हुआ बदन बे कार होते हैं

मूरख को मत सौंप तू चतुराई का काम, गधा बिकत मिलते नहीं बध घोड़े के दाम

मूर्ख को बुद्धि का काम नहीं सौंपना चाहिए, गधे का मूल्य बड़े घोड़े के बराबर नहीं मिलता

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

काम करने की सौ राहें हैं , न करने की एक नहीं

काम सिदक़ नी्यत से किया जाये तो कई तरीक़े निकल आते हैं अगरना करने की नी्यत हो तो कोई तरीक़ा नहीं निकलता

जो काम हिकमत से निकलता है वो हुकूमत से नहीं निकलता

जो बात रणनीति से हो सकता है वह ज़ोर और ताक़त से नहीं किया जा सकता

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आते

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आता

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

कुछ लेते हो, कहा अपना काम क्या है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं आती

लेने को तैयार, देने से नकारना

कुछ लेते हो, कहा अपना काम यही है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं भाती

लेने को तैयार, देने से नकारना

कम ज़ात से वफ़ा नहीं

कमीने आदमी से किसी भलाई या वफ़ा की उमीद नहीं रखनी चाहिए

मिज़ाज क़ाइम नहीं

मनोदशा में स्थिरता नहीं

कम अस्ल से वफ़ा नहीं

कमीने आदमी से किसी भलाई या निष्ठा की उमीद नहीं रखनी चाहिए, कमीना धोखेबाज़ होता है

ठोक बजा ले बस्तु को ठोक बजा दे दाम, बिग्ड़त नाहीं बालके देख भाल का काम

जो काम सोच विचार कर किया जाये ठीक होता है

कम रिज़्क़े बहुत हैं बेरिज़्क़ा कोई नहीं

ईश्वर सबको खाने को देता है

कुछ कम नहीं

बराबरी का दावा है, किसी से कम नहीं हैं

कम-ज़ात से वफ़ा नहीं और अस्ल से ख़ता नहीं

कमीने आदमी से किसी भलाई या वफा की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए

अस्ल से ख़ता नहीं, कम-अस्ल से वफ़ा नहीं

सभ्य कभी बुराई नहीं करता और कमीना कभी भलाई नहीं करता, जो वास्तव में उच्च कुल का है उस के साथ कभी धोखा नहीं होता

आप भी अरस्तू से कम नहीं

(व्यंग्यात्मक) आप भी बड़े भारी अक़लमंद हैं (यानी बड़े बेवक़ूफ़ और मूर्ख हैं)

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ग़ुलाम और चूना बग़ैर पिटे काम नहीं देता के अर्थदेखिए

ग़ुलाम और चूना बग़ैर पिटे काम नहीं देता

Gulaam aur chuunaa baGair piTe kaam nahii.n detaaغُلام اَور چُونا بَغَیر پِٹے کام نَہِیں دیتا

कहावत

ग़ुलाम और चूना बग़ैर पिटे काम नहीं देता के हिंदी अर्थ

  • मूर्ख दंड पाए बिना काम नहीं आता, कमअक़्ल बगै़र सज़ा पाए काम नहीं आता

غُلام اَور چُونا بَغَیر پِٹے کام نَہِیں دیتا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • کم اصل بغیر سزا پائے کام نہیں آتا .

Urdu meaning of Gulaam aur chuunaa baGair piTe kaam nahii.n detaa

  • Roman
  • Urdu

  • kamasl bagair sazaa pa.e kaam nahii.n aataa

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काम नहीं

۔غرض نہیں۔ واسطہ نہیں۔ ؎

है आदमी है काम नहीं आदमी नहीं काम

इंसान के दम क़दम से काम है, इंसान नहीं होता तो काम भी नहीं होता, सारी रौनक इंसान के दम से है, करने वाले के लिए बहुत काम होता है जो न करना चाहे उस के लिए कुछ काम नहीं

कुछ काम नहीं

कोई मतलब नहीं, कोई वास्ता, लगाव नहीं, कोई संबंध नहीं, कोई सरोकार नहीं

कौड़ी काम का नहीं

बिलकुल निकम्मा है, बिलकुल बेमुसर्रफ़ है

'अक़्ल काम नहीं करती

समझ में नहीं आता, बुद्धि आश्चर्य में है

हमें कुछ काम नहीं

۔(یائے مجہول) ہمیں کچھ غرض نہیں۔ مطلب نہیں۔ واسطہ نہیں۔؎

कौड़ी के काम का नहीं

۔بالکل نکمّا اور بے مصرف ہے۔ ؎

पराई आँखें काम नहीं आतीं

दूसरे के सहारे काम सही नहीं होता, पाराया व्यक्ति अपने काम नहीं आता, पाराया अपना नहीं बनता

किसी काम का नहीं

۔محض نکمّا اور بیکارہے۔

बातों से काम नहीं चलता

सिर्फ़ कह देने से बगै़र किए कोई काम हो नहीं जाता, लफ़्फ़ाज़ी का कोई नतीजा नहीं निकलता अमल करने की ज़रूरत है

वक़्त पर कोई काम नहीं आता

संकट और परेशानी के समय कोई मदद नहीं करता

झूट से काम नहीं चलता

झूठ बोलने (दुकानदार) का काम हरा-भरा नहीं होता

काम प्यारा है, चाम प्यारा नहीं

मनुष्य की क़दर काम से होती है, शक्ल-ओ-सूरत से नहीं

चाम प्यारा नहीं, काम प्यारा है

मनुष्य की क़दर काम से होती है, शक्ल-ओ-सूरत से नहीं

ग़ुलाम और चूना बग़ैर पिटे काम नहीं देता

मूर्ख दंड पाए बिना काम नहीं आता, कमअक़्ल बगै़र सज़ा पाए काम नहीं आता

गाड़ी भर आश्नाई काम की नहीं मगर रत्ती भर नाता काम आता है

ज़रा सी क़राबत बहुत सी दोस्ती पर ग़ालिब होती है, वक़्त पड़ने पर रिश्तेदार ही काम आते हैं, बुरे वक़्त पर अपने ही साथ देते हैं

आदमी प्यारा नहीं काम प्यारा होता है

निकम्मे आदमी को कोई पसंद नहीं करता, मेहनती और काम करने वाले आदमी को हर कोई महत्व देता है

चाम प्यारा नहीं, काम प्यारा होता है

मनुष्य की क़दर काम से होती है, शक्ल-ओ-सूरत से नहीं

दाम का काम बात से नहीं हो जाता

सिर्फ बातों से काम नहीं चलता रुपया ख़र्च करने से ही काम होता है

रेत की दीवार , ओछा यार , किसी काम का नहीं

दोनों को उस्तिवार और क़ियाम नहीं

ठीक नहीं ठेके का काम, ठेका दे कर मत खो दाम

ठेके का काम अच्छा नहीं बनता, रुपया बर्बाद करना होता है

रूठे को मनाए नहीं , फटे को सिलाए नहीं तो काम कैसे चले

रूओठे को मनाना और फटे को सुलाना चाहीए वर्ना दुनिया में गुज़ारा नहीं

दीमक के खाए पेड़, सोच के मारे देह किसी काम के नहीं रहते

दीमक का खाया दरख़्त और फ़िक्र का मारा हुआ बदन बे कार होते हैं

मूरख को मत सौंप तू चतुराई का काम, गधा बिकत मिलते नहीं बध घोड़े के दाम

मूर्ख को बुद्धि का काम नहीं सौंपना चाहिए, गधे का मूल्य बड़े घोड़े के बराबर नहीं मिलता

चातुर का काम नहीं पातुर से अटके, पातुर का काम ये है लिया दिया सटके

बुद्धिमान आदमी वेश्या स्त्री के धोखे में नहीं फँसता, वेश्या का यही काम है कि लिया दिया अलग हुई

काम करने की सौ राहें हैं , न करने की एक नहीं

काम सिदक़ नी्यत से किया जाये तो कई तरीक़े निकल आते हैं अगरना करने की नी्यत हो तो कोई तरीक़ा नहीं निकलता

जो काम हिकमत से निकलता है वो हुकूमत से नहीं निकलता

जो बात रणनीति से हो सकता है वह ज़ोर और ताक़त से नहीं किया जा सकता

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आते

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

खुंडा हथियार और का बठियार किसी काम नहीं आता

कुंद हथियार और दूसरे का ख़ावंद वक़्त पर काम नहीं आते

कुछ लेते हो, कहा अपना काम क्या है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं आती

लेने को तैयार, देने से नकारना

कुछ लेते हो, कहा अपना काम यही है, कुछ देते हो, कहा यह शरारत बंदे को नहीं भाती

लेने को तैयार, देने से नकारना

कम ज़ात से वफ़ा नहीं

कमीने आदमी से किसी भलाई या वफ़ा की उमीद नहीं रखनी चाहिए

मिज़ाज क़ाइम नहीं

मनोदशा में स्थिरता नहीं

कम अस्ल से वफ़ा नहीं

कमीने आदमी से किसी भलाई या निष्ठा की उमीद नहीं रखनी चाहिए, कमीना धोखेबाज़ होता है

ठोक बजा ले बस्तु को ठोक बजा दे दाम, बिग्ड़त नाहीं बालके देख भाल का काम

जो काम सोच विचार कर किया जाये ठीक होता है

कम रिज़्क़े बहुत हैं बेरिज़्क़ा कोई नहीं

ईश्वर सबको खाने को देता है

कुछ कम नहीं

बराबरी का दावा है, किसी से कम नहीं हैं

कम-ज़ात से वफ़ा नहीं और अस्ल से ख़ता नहीं

कमीने आदमी से किसी भलाई या वफा की उम्मीद नहीं रखनी चाहिए

अस्ल से ख़ता नहीं, कम-अस्ल से वफ़ा नहीं

सभ्य कभी बुराई नहीं करता और कमीना कभी भलाई नहीं करता, जो वास्तव में उच्च कुल का है उस के साथ कभी धोखा नहीं होता

आप भी अरस्तू से कम नहीं

(व्यंग्यात्मक) आप भी बड़े भारी अक़लमंद हैं (यानी बड़े बेवक़ूफ़ और मूर्ख हैं)

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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