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गीदड़

भेड़िये या कुत्ते की जाति का एक जानवर जो लोमड़ी से मिलता-जुलता होता है। यह प्रायः उजाड़ स्थानों और जंगलों में रहता है, और इसका दिखाई देना या बोलना अशुभ माना जाता है, शृगाल, सियार

गीदड़ी

गीडर की माद्दा

गीदड़ बोलना

۔۱۔किसी काम के शुरू करने पर गीदड़ों का बोलना मनहूस ख़्याल करते हैं। २।(कनाएन) उजड़ना। वीरान होना। ग़ैर आबाद होना।

गीदड़-भभकी

बनावटी क्रोध

गीदड़ की मुहमानी

व्यर्थ, लाभरहित

गीदड़ को हकास लगना

गीदड़ को भोंकने का शौक़ चर्राना, गीदड़ का अपनी बोली बोलना, मित्र के साथ धोखा करना

गीदड़ भब्की में आना

धमकाने या डराने में आ जाना, किसी बात से डरना, घबराना या झिझकना

गीदड़ी दौड़ गई

डर पैदा हो गया

गीदड़ की जमा'दारी अटकी हुई है

ज़बरदस्ती की हुकूमत है

गीदड़ के कहने से बेर नहीं पकते

nothing works out in a way one's wishes it to work out

गीदड़ी दौड़ना

डर पैदा होना और छुपी बात का फैल जाना

गीदड़ की कमबख़्ती आती है तो शहर की तरफ भागता है

जब बुरे दिन आते हैं तो उलटी ही तदबीर सूझती है

गीदड़ जब झेरे में गिरा तो कहा आज यहीं मुक़ाम है

मजबूरी में भी घमंड से बाज़ नहीं आया, शर्मिंदा हुए पर बात वही रखी, मजबूरी में भी घमंड नहीं गया

गीदड़ औरों को शुगून बताए आप अपनी गर्दन कुत्तों से तुड़वाए

अपनी मुसीबत की फ़िक्र नहीं औरों को तदबीर बताते फिरते हैं, औरों को नसीहत अपने फ़ज़ीहत

गीदड़ औरों को शुगून बताएँ आप अपनी गर्दन कुत्तों से कटवाएँ

अपनी मुसीबत की फ़िक्र नहीं औरों को तदबीर बताते फिरते हैं, औरों को नसीहत अपने फ़ज़ीहत

गीदड़ की सौ सालह जिंदगी से शेर की एक दिन की जिंदगी बेहतर है

कोई बड़ा कारनामा आदमी को हमेशा ज़िंदा रखता है चाहे वो उसे लम्बा जीवन प्राप्त न हुआ हो

गीदड़ उछ्ला उछ्ला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अख़ थू

बहुतेरी तदबीर की जब एक ना चली तो दूसरों ही का क़सूर बताया जब कोई तदबीर बिन नहीं पड़ती तो अपनी शर्मिंदगी मिटाने को दूसरों का क़सूर बताते हैं

गीदड़ उछला उछला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अंगूर खट्टे होते हैं

बहुतेरी तदबीर की जब एक ना चली तो दूसरों ही का क़सूर बताया जब कोई तदबीर बिन नहीं पड़ती तो अपनी शर्मिंदगी मिटाने को दूसरों का क़सूर बताते हैं

शेर का झूटा गीदड़ खाए

शेर शिकार करता है तो गीदड़ और दूसरे जानवरों का भी पेट भरता है

शेर मारता है तो सौ गीदड़ खाते हैं

बलंद हिम्मत और आली ज़र्फ़ लोग अपनी कमाई का बेशतर हिस्सा ज़रूरतमंदों पर सिर्फ़ करदेते हैं

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में गीदड़ के कहने से बेर नहीं पकते के अर्थदेखिए

गीदड़ के कहने से बेर नहीं पकते

giida.D ke kahne se ber nahii.n pakteگِیدَڑکے کَہْنے سے بیر نَہِیں پَکْتے

कहावत

English meaning of giida.D ke kahne se ber nahii.n pakte

  • nothing works out in a way one's wishes it to work out

گِیدَڑکے کَہْنے سے بیر نَہِیں پَکْتے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • اُمیدیں حسبِ خواہش پوری نہیں ہوا کرتیں

Urdu meaning of giida.D ke kahne se ber nahii.n pakte

  • Roman
  • Urdu

  • ummiide.n hasab-e-Khaahish puurii nahii.n hu.a kartii.n

खोजे गए शब्द से संबंधित

गीदड़

भेड़िये या कुत्ते की जाति का एक जानवर जो लोमड़ी से मिलता-जुलता होता है। यह प्रायः उजाड़ स्थानों और जंगलों में रहता है, और इसका दिखाई देना या बोलना अशुभ माना जाता है, शृगाल, सियार

गीदड़ी

गीडर की माद्दा

गीदड़ बोलना

۔۱۔किसी काम के शुरू करने पर गीदड़ों का बोलना मनहूस ख़्याल करते हैं। २।(कनाएन) उजड़ना। वीरान होना। ग़ैर आबाद होना।

गीदड़-भभकी

बनावटी क्रोध

गीदड़ की मुहमानी

व्यर्थ, लाभरहित

गीदड़ को हकास लगना

गीदड़ को भोंकने का शौक़ चर्राना, गीदड़ का अपनी बोली बोलना, मित्र के साथ धोखा करना

गीदड़ भब्की में आना

धमकाने या डराने में आ जाना, किसी बात से डरना, घबराना या झिझकना

गीदड़ी दौड़ गई

डर पैदा हो गया

गीदड़ की जमा'दारी अटकी हुई है

ज़बरदस्ती की हुकूमत है

गीदड़ के कहने से बेर नहीं पकते

nothing works out in a way one's wishes it to work out

गीदड़ी दौड़ना

डर पैदा होना और छुपी बात का फैल जाना

गीदड़ की कमबख़्ती आती है तो शहर की तरफ भागता है

जब बुरे दिन आते हैं तो उलटी ही तदबीर सूझती है

गीदड़ जब झेरे में गिरा तो कहा आज यहीं मुक़ाम है

मजबूरी में भी घमंड से बाज़ नहीं आया, शर्मिंदा हुए पर बात वही रखी, मजबूरी में भी घमंड नहीं गया

गीदड़ औरों को शुगून बताए आप अपनी गर्दन कुत्तों से तुड़वाए

अपनी मुसीबत की फ़िक्र नहीं औरों को तदबीर बताते फिरते हैं, औरों को नसीहत अपने फ़ज़ीहत

गीदड़ औरों को शुगून बताएँ आप अपनी गर्दन कुत्तों से कटवाएँ

अपनी मुसीबत की फ़िक्र नहीं औरों को तदबीर बताते फिरते हैं, औरों को नसीहत अपने फ़ज़ीहत

गीदड़ की सौ सालह जिंदगी से शेर की एक दिन की जिंदगी बेहतर है

कोई बड़ा कारनामा आदमी को हमेशा ज़िंदा रखता है चाहे वो उसे लम्बा जीवन प्राप्त न हुआ हो

गीदड़ उछ्ला उछ्ला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अख़ थू

बहुतेरी तदबीर की जब एक ना चली तो दूसरों ही का क़सूर बताया जब कोई तदबीर बिन नहीं पड़ती तो अपनी शर्मिंदगी मिटाने को दूसरों का क़सूर बताते हैं

गीदड़ उछला उछला जब अंगूर के ख़ोशे तक न पहुँचा तो कहा अंगूर खट्टे होते हैं

बहुतेरी तदबीर की जब एक ना चली तो दूसरों ही का क़सूर बताया जब कोई तदबीर बिन नहीं पड़ती तो अपनी शर्मिंदगी मिटाने को दूसरों का क़सूर बताते हैं

शेर का झूटा गीदड़ खाए

शेर शिकार करता है तो गीदड़ और दूसरे जानवरों का भी पेट भरता है

शेर मारता है तो सौ गीदड़ खाते हैं

बलंद हिम्मत और आली ज़र्फ़ लोग अपनी कमाई का बेशतर हिस्सा ज़रूरतमंदों पर सिर्फ़ करदेते हैं

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