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घोड़ी

खेल में वह लड़का जिसकी पीठ पर दूसरे लड़के चढ़ते हैं

घोड़ी-दार

वह बंदूक़ जो घोड़े से चलाई जाए

घोड़ी वाले

दक्षिण की फ़ौज, घुड़सवार दस्ता

घोड़ी-जोड़े

(संकेतात्मक) उपहार एवं सम्मान, उपकरण एवं सामग्री, सामान

घोड़ी-घोड़े

گھوڑا (رک) کی جعع ، تراکیب میں مستعمل .

घोड़ी की टाप

घोड़े के पैरों की आवाज़

घोड़ी मारना

घोड़ी दौड़ाना

घोड़ी-सवार

घोड़े पर चढ़ा हुआ आदमी, घुड़सवार, अश्वारोही, घोड़े पर बैठने वाला, घोड़े पर सवार

घोड़ी फिरना

रुक : घोड़े दौड़ना

घोड़ी भरना

(पशुचिकित्सा) घोड़े का घोड़ी से सम्भोग करना

घोड़ी उठाना

घोड़ों को तैयार करना, हमले के लिए तैयार हो जाना, घोड़े की बाक उठाना

घोड़ी चढ़ना

ٰघोड़ी चढ़ाना को अकर्मक

घोड़ी खेलना

घोड़ों की दौड़ में भाग लेना

घोड़ी दौड़ना

घोड़े दौड़ाना (रुक) का लाज़िम, पैग़ाम-सलाम होना

घोड़ी भराना

(पशुचिकित्सा) घोड़ी को गर्भवती करना

घोड़ी-चढ़ाई

ختنہ کے بعد گھوڑے پر بٹھانا ، گھوڑی چڑھنا .

घोड़ी चढ़ाना

बरात चढ़ाना

घोड़ी दौड़ाना

۰۱ सख़्त मेहनत करना, सुई-ए-बलीग़ करना

घोड़ी दौड़ लिए

ताक़त या ख़ाहिश ख़त्म होगई

घोड़ी के पेट की आवाज़

वह आवाज़ जो दौड़ते वक़्त कुछ घोड़ों के पेट से निकलती है

घोड़ी का बनाना

घोड़े को सवारी के लिए तैयार करना, घोड़े को सिखाना

घोड़ी को चमकाना

रुक : घोड़ा चमकाना, घोड़े को दौड़ाना

घोड़ी की गर्दनी

وہ کپڑا یا کمبل جوگھوڑے کی گردن پر ڈالتے ہیں .

घोड़ी पर चढ़ना

खतना होने के बाद की रस्म अदा करना, घोड़ी चढ़ना

घोड़ी दौड़ चुके

ताक़त या ख़ाहिश ख़त्म होगई

घोड़ी को लात आदमी को बात

बेवक़ूफ़ को मार-पीट की ज़रूरत होती है पर बुद्धिमान के लिए इशारा ही काफ़ी है, घोड़े को तंग और आदमी को शर्म

घोड़ी जोड़े की ख़ैर

(दुआइया कलिमा) मियां बीवी और सवारी का घोड़ा सलामत रहे

घोड़ी पर सवार आना

उजलत में आना, जल्दी में आना, थोड़ी सी देर को आना, मुख़्तसर वक़्त के लिए आना, कम वक़्त के लिए आना

घोड़ी बेच कर सोना

निहायत इतमीनान से सोना, बानो पसार के सोना, बेफ़िकरी से सौ जाना (तंज़न या मज़ा हिन् ग़ाफ़िल होने वाले के लिए मुस्तामल)

घोड़ी चढ़ने की शादी

ख़तने के बाद की रस्म या ख़ुशी, बच्चे को घोड़े पर बिठाने की रस्म

घोड़ी पर कोड़ा करना

घोड़े को तेज़ दौड़ाने के लिए कोड़ा मारना

घोड़ी की शादी करना

घोड़े को बेचना, क्योंकि घोड़े बेचना अपशकुन माना जाता है इसलिए उसके बेचने को शादी करना कहते हैं

घोड़ी की बाग उठाना

घोड़े को लगाम के इशारे से दौड़ने के लिए आमादा कोना, उकसाना

घोड़ी को जौलानी देना

घोड़े को चारों तरफ़ घुमाना, उछालना, कुदाना

घोड़ी फैंसे की लाग

घोड़ा और भैंसा जब भी मिलेंगे लड़ाई ज़रूर होगी, सख़्त दुश्मनी के लिए कहते हैं

घोड़ी को सीधा करना

घोड़े को दौड़ने का संकेत देना, घोड़े की दिशा ठीक करना, लड़ाई के लिए तैयार करना, धावा बोलने के लिए सामने लाना

घोड़ी की सवारी चलना जनाज़ा

घोड़े की सवारी ख़तरनाक होती है

घोड़ी को रौ में डाल्ना

घोड़े को तेज़ी से मंज़िल की ओर दौड़ाना

घोड़ी बेच कर नींद आना

रुक : घोड़े-ए-बेच कर सोना, ग़फ़लत की नींद सोना, इंतिहाई बे-ख़बरी के आलम में सोना

घोड़ी के दाँत की सियाही

वह कालापन जो घोड़े की दाँतों पर ज़्यादा उम्र होने की वजह से आ जाती है इससे घोड़े की उम्र का अंदाज़ा हो सकता है

घोड़ी को टाँग मर्द को बाँग

रुक : घोड़े को तंग आदमी को जंग, नादान सख़्ती करने से मानता है ओराक़ल मंद को इशारा काफ़ी होता है

घोड़ी गए गधों को राज आया

अशराफ़ गए गुज़रे हुए, कमीनों या कम असलों ने इन की जगह ले ली

घोड़ी को तंग आदमी को बंग

चुसत और होशयार करने के लिए आक़िल को एक इशारा काफ़ी है

घोड़ी को तंग मर्द को बंग

चुसत और होशयार करने के लिए आक़िल को एक इशारा काफ़ी है

घोड़ी को घर क्या दूर है

घोड़े के आगे फ़ासिला और दूरी कुछ चीज़ नहीं, काम जानने वाले के लिए कोई काम मुश्किल नहीं, चतुर व्यक्ति अपना मतलब जल्दी निकाल लेता है, चालाक शख़्स अपना मतलब जल्द निकाल लेता है

घोड़ी गए गधों का राज आया

अशराफ़ गए गुज़रे हुए, कमीनों या कम असलों ने इन की जगह ले ली

घोड़ी को इशारा गधे को लठ

रुक : घोड़े को इशारा काफ़ी है अलख, अक़लमंद को इशारा काफ़ी है

घोड़ी को तंग आदमी को जंग

चुसत और होशयार करने के लिए आक़िल को एक इशारा काफ़ी है

घोड़ी घोड़े लड़ें मोची बदनाम हो

लड़े कोई नुक़्सान किसी का, ज़बरदस्त के झगड़े में ग़रीब या नादार लोगों ही को नुक़्सान पहुच जाता है

घोड़ी गधे को एक लाठी हाँकना

अच्छे बुरे सभी लोगों के साथ समान व्यवहार करना

घोड़ी भुसेले ही में दम लेगी

घोड़ी पर फिर कर अपने अड्डे या जाये सुकूनत ही पर आजाएगी , उस शख़्स के बारे में बोलते हैं जो घर से ज़्यादा दिन दूर ना रह सके

घोड़ी घोड़े लड़ें मोची का ज़ेन टूटे

लड़े कोई नुक़्सान किसी का, ज़बरदस्त के झगड़े में ग़रीब या नादार लोगों ही को नुक़्सान पहुच जाता है

घोड़ी पर सर से कफ़न बाँध कर बैठना चाहिये

घोड़े की सवारी ख़तरनाक होती है

घोड़ी का गिरा सँभलता है नज़रों का गिरा नहीं सँभलता

इंसान एक बार नज़रों से गिर जाए तो फिर उसे इज़्ज़त नहीं मिलती

घोड़ी की हँसी और बालक का दुख जाना नहीं जाता

घोड़े की हंसी और बच्चे की तकलीफ़ मालूम नहीं होती क्योंकि ये बता नहीं सकते, बेज़बान की बात कोई नहीं समझ सकता

घोड़ी की हँसी और बालक का दुख जाना नहीं पड़ना

घोड़े की हंसी और बच्चे की तकलीफ़ मालूम नहीं होती क्योंकि ये बता नहीं सकते, बेज़बान की बात कोई नहीं समझ सकता

घोड़ी को इशारा काफ़ी है , गधे को लाठियाँ पीटा करो

शरीफ़ इशारों से मान जाता है, कमीना या ज़लील पट कर भी नहीं समझता

घोड़ी की अगर दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ावेगा

हराएक को अपना मतलब पहले मल्हूज़ होता है, हर शख़्स अपनी तरक़्क़ी से ख़ुद फ़ायदा उठाता है

घोड़ी के लगे थे ना'ल मेंडकी बोली मेरे भी जड़ दो

बड़े आदमी की रेस में छोटे या अदना लोग भी वैसी ही आरज़ू करने लगते हैं

घोड़ी को ना'ल ठुकवाते देख कर बी मेंडकी भी ना'ल लगवाना चाहें

रुक : घोड़े के लगे थे नाल मेंढ़की बोली मेरे भी जुड़ दो

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में घोड़ी को टाँग मर्द को बाँग के अर्थदेखिए

घोड़ी को टाँग मर्द को बाँग

gho.Dii ko Taa.ng mard ko baa.ngگھوڑی کو ٹانگ مَرْد کو بانگ

कहावत

घोड़ी को टाँग मर्द को बाँग के हिंदी अर्थ

  • रुक : घोड़े को तंग आदमी को जंग, नादान सख़्ती करने से मानता है ओराक़ल मंद को इशारा काफ़ी होता है

گھوڑی کو ٹانگ مَرْد کو بانگ کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • رک : گھوڑے کو تنگ آدمی کو جنگ ، نادان سختی کرنے سے مانتا ہے اورعقل مند کو اشارہ کافی ہوتا ہے .

Urdu meaning of gho.Dii ko Taa.ng mard ko baa.ng

  • Roman
  • Urdu

  • ruk ha gho.De ko tang aadamii ko jang, naadaan saKhtii karne se maanata hai oraaqal mand ko ishaaraa kaafii hotaa hai

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घोड़ी

खेल में वह लड़का जिसकी पीठ पर दूसरे लड़के चढ़ते हैं

घोड़ी-दार

वह बंदूक़ जो घोड़े से चलाई जाए

घोड़ी वाले

दक्षिण की फ़ौज, घुड़सवार दस्ता

घोड़ी-जोड़े

(संकेतात्मक) उपहार एवं सम्मान, उपकरण एवं सामग्री, सामान

घोड़ी-घोड़े

گھوڑا (رک) کی جعع ، تراکیب میں مستعمل .

घोड़ी की टाप

घोड़े के पैरों की आवाज़

घोड़ी मारना

घोड़ी दौड़ाना

घोड़ी-सवार

घोड़े पर चढ़ा हुआ आदमी, घुड़सवार, अश्वारोही, घोड़े पर बैठने वाला, घोड़े पर सवार

घोड़ी फिरना

रुक : घोड़े दौड़ना

घोड़ी भरना

(पशुचिकित्सा) घोड़े का घोड़ी से सम्भोग करना

घोड़ी उठाना

घोड़ों को तैयार करना, हमले के लिए तैयार हो जाना, घोड़े की बाक उठाना

घोड़ी चढ़ना

ٰघोड़ी चढ़ाना को अकर्मक

घोड़ी खेलना

घोड़ों की दौड़ में भाग लेना

घोड़ी दौड़ना

घोड़े दौड़ाना (रुक) का लाज़िम, पैग़ाम-सलाम होना

घोड़ी भराना

(पशुचिकित्सा) घोड़ी को गर्भवती करना

घोड़ी-चढ़ाई

ختنہ کے بعد گھوڑے پر بٹھانا ، گھوڑی چڑھنا .

घोड़ी चढ़ाना

बरात चढ़ाना

घोड़ी दौड़ाना

۰۱ सख़्त मेहनत करना, सुई-ए-बलीग़ करना

घोड़ी दौड़ लिए

ताक़त या ख़ाहिश ख़त्म होगई

घोड़ी के पेट की आवाज़

वह आवाज़ जो दौड़ते वक़्त कुछ घोड़ों के पेट से निकलती है

घोड़ी का बनाना

घोड़े को सवारी के लिए तैयार करना, घोड़े को सिखाना

घोड़ी को चमकाना

रुक : घोड़ा चमकाना, घोड़े को दौड़ाना

घोड़ी की गर्दनी

وہ کپڑا یا کمبل جوگھوڑے کی گردن پر ڈالتے ہیں .

घोड़ी पर चढ़ना

खतना होने के बाद की रस्म अदा करना, घोड़ी चढ़ना

घोड़ी दौड़ चुके

ताक़त या ख़ाहिश ख़त्म होगई

घोड़ी को लात आदमी को बात

बेवक़ूफ़ को मार-पीट की ज़रूरत होती है पर बुद्धिमान के लिए इशारा ही काफ़ी है, घोड़े को तंग और आदमी को शर्म

घोड़ी जोड़े की ख़ैर

(दुआइया कलिमा) मियां बीवी और सवारी का घोड़ा सलामत रहे

घोड़ी पर सवार आना

उजलत में आना, जल्दी में आना, थोड़ी सी देर को आना, मुख़्तसर वक़्त के लिए आना, कम वक़्त के लिए आना

घोड़ी बेच कर सोना

निहायत इतमीनान से सोना, बानो पसार के सोना, बेफ़िकरी से सौ जाना (तंज़न या मज़ा हिन् ग़ाफ़िल होने वाले के लिए मुस्तामल)

घोड़ी चढ़ने की शादी

ख़तने के बाद की रस्म या ख़ुशी, बच्चे को घोड़े पर बिठाने की रस्म

घोड़ी पर कोड़ा करना

घोड़े को तेज़ दौड़ाने के लिए कोड़ा मारना

घोड़ी की शादी करना

घोड़े को बेचना, क्योंकि घोड़े बेचना अपशकुन माना जाता है इसलिए उसके बेचने को शादी करना कहते हैं

घोड़ी की बाग उठाना

घोड़े को लगाम के इशारे से दौड़ने के लिए आमादा कोना, उकसाना

घोड़ी को जौलानी देना

घोड़े को चारों तरफ़ घुमाना, उछालना, कुदाना

घोड़ी फैंसे की लाग

घोड़ा और भैंसा जब भी मिलेंगे लड़ाई ज़रूर होगी, सख़्त दुश्मनी के लिए कहते हैं

घोड़ी को सीधा करना

घोड़े को दौड़ने का संकेत देना, घोड़े की दिशा ठीक करना, लड़ाई के लिए तैयार करना, धावा बोलने के लिए सामने लाना

घोड़ी की सवारी चलना जनाज़ा

घोड़े की सवारी ख़तरनाक होती है

घोड़ी को रौ में डाल्ना

घोड़े को तेज़ी से मंज़िल की ओर दौड़ाना

घोड़ी बेच कर नींद आना

रुक : घोड़े-ए-बेच कर सोना, ग़फ़लत की नींद सोना, इंतिहाई बे-ख़बरी के आलम में सोना

घोड़ी के दाँत की सियाही

वह कालापन जो घोड़े की दाँतों पर ज़्यादा उम्र होने की वजह से आ जाती है इससे घोड़े की उम्र का अंदाज़ा हो सकता है

घोड़ी को टाँग मर्द को बाँग

रुक : घोड़े को तंग आदमी को जंग, नादान सख़्ती करने से मानता है ओराक़ल मंद को इशारा काफ़ी होता है

घोड़ी गए गधों को राज आया

अशराफ़ गए गुज़रे हुए, कमीनों या कम असलों ने इन की जगह ले ली

घोड़ी को तंग आदमी को बंग

चुसत और होशयार करने के लिए आक़िल को एक इशारा काफ़ी है

घोड़ी को तंग मर्द को बंग

चुसत और होशयार करने के लिए आक़िल को एक इशारा काफ़ी है

घोड़ी को घर क्या दूर है

घोड़े के आगे फ़ासिला और दूरी कुछ चीज़ नहीं, काम जानने वाले के लिए कोई काम मुश्किल नहीं, चतुर व्यक्ति अपना मतलब जल्दी निकाल लेता है, चालाक शख़्स अपना मतलब जल्द निकाल लेता है

घोड़ी गए गधों का राज आया

अशराफ़ गए गुज़रे हुए, कमीनों या कम असलों ने इन की जगह ले ली

घोड़ी को इशारा गधे को लठ

रुक : घोड़े को इशारा काफ़ी है अलख, अक़लमंद को इशारा काफ़ी है

घोड़ी को तंग आदमी को जंग

चुसत और होशयार करने के लिए आक़िल को एक इशारा काफ़ी है

घोड़ी घोड़े लड़ें मोची बदनाम हो

लड़े कोई नुक़्सान किसी का, ज़बरदस्त के झगड़े में ग़रीब या नादार लोगों ही को नुक़्सान पहुच जाता है

घोड़ी गधे को एक लाठी हाँकना

अच्छे बुरे सभी लोगों के साथ समान व्यवहार करना

घोड़ी भुसेले ही में दम लेगी

घोड़ी पर फिर कर अपने अड्डे या जाये सुकूनत ही पर आजाएगी , उस शख़्स के बारे में बोलते हैं जो घर से ज़्यादा दिन दूर ना रह सके

घोड़ी घोड़े लड़ें मोची का ज़ेन टूटे

लड़े कोई नुक़्सान किसी का, ज़बरदस्त के झगड़े में ग़रीब या नादार लोगों ही को नुक़्सान पहुच जाता है

घोड़ी पर सर से कफ़न बाँध कर बैठना चाहिये

घोड़े की सवारी ख़तरनाक होती है

घोड़ी का गिरा सँभलता है नज़रों का गिरा नहीं सँभलता

इंसान एक बार नज़रों से गिर जाए तो फिर उसे इज़्ज़त नहीं मिलती

घोड़ी की हँसी और बालक का दुख जाना नहीं जाता

घोड़े की हंसी और बच्चे की तकलीफ़ मालूम नहीं होती क्योंकि ये बता नहीं सकते, बेज़बान की बात कोई नहीं समझ सकता

घोड़ी की हँसी और बालक का दुख जाना नहीं पड़ना

घोड़े की हंसी और बच्चे की तकलीफ़ मालूम नहीं होती क्योंकि ये बता नहीं सकते, बेज़बान की बात कोई नहीं समझ सकता

घोड़ी को इशारा काफ़ी है , गधे को लाठियाँ पीटा करो

शरीफ़ इशारों से मान जाता है, कमीना या ज़लील पट कर भी नहीं समझता

घोड़ी की अगर दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ावेगा

हराएक को अपना मतलब पहले मल्हूज़ होता है, हर शख़्स अपनी तरक़्क़ी से ख़ुद फ़ायदा उठाता है

घोड़ी के लगे थे ना'ल मेंडकी बोली मेरे भी जड़ दो

बड़े आदमी की रेस में छोटे या अदना लोग भी वैसी ही आरज़ू करने लगते हैं

घोड़ी को ना'ल ठुकवाते देख कर बी मेंडकी भी ना'ल लगवाना चाहें

रुक : घोड़े के लगे थे नाल मेंढ़की बोली मेरे भी जुड़ दो

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