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कौर-भाई

गुरु भाई, गुरु के चेले, पीर भाई

डाइन भी दस घर छोड़ कर खाती है

पड़ोसियों का ख़्याल बुरे लोग भी करते हैं, दुष्ट से दुष्ट आदमी भी अपने पड़ोसियों का ख़्याल करता है

दिल्ली में रह कर भी भाड़ झोंका

जब कोई अच्छे स्थान या वातावरण में काफ़ी दिनों तक रह कर भी कुछ न सीख सके तो उसके प्रती व्यंग में ऐसा कहते हैं. अनाड़ी ही रहा, अच्छी जगह रह कर भी कुशलता नहीं प्राप्त कर सका, अनभिज्ञ व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता

डायन भी सात घर छोड़ कर खाती है

पड़ोसियों का ख़्याल बुरे लोग भी करते हैं, दुष्ट से दुष्ट आदमी भी अपने पड़ोसियों का ख़्याल करता है

मिट्टी का घड़ा भी ठोंक बजा कर लेते हैं

साधारण वस्तु की भी देख-भाल कर लेनी चाहिए

पैसे पर धर कर बोटियाँ उड़ाऊँ तब भी आह न आए

۔(عو) یعنی سخت سے سخت سزا دینے میں بھی ترس نہ آئے۔

मय्या बाहा मर गए, यही दहरिया कर गए

बिना सोचे-समझे लड़की को बुरे स्वभाव के साथ रहना

बनिया भी अपना गुड़ छुपा कर खाता है

उसको कहा जाता है जो खुल्लम-खुल्ला बुरे काम करे

घोड़ी को ना'ल ठुकवाते देख कर बी मेंडकी भी ना'ल लगवाना चाहें

रुक : घोड़े के लगे थे नाल मेंढ़की बोली मेरे भी जुड़ दो

कुत्ता भी दुम हिला कर जगह साफ़ कर लेता है

रुक : कुत्ता भी दम हिला कर बैठता है

ऊँट सा क़द तो बढ़ा लिया, पर शु'ऊर ज़रा भी नहीं

शरीर इतना लंबा परंतु बुद्धि तनिक भी नहीं

पढ़े भी मरें , बिन पढ़े भी मरें , दाँता किलकिल क्यों करें

आख़िर सब को मौत है फिर मशक़्क़त क्यों करें या इस काम से रस्तगारी नहीं तो तदबीर ही किया

मत कर सास बुराई, तेरे आगे भी जाई

बहू सास से कहती है कि तू मेरे साथ बुराई करती है हालाँकि तेरी भी बेटी है और जैसा तू मेरे साथ करती है वैसा कोई तेरी बेटी के साथ करेगा

मत कर सास बुराई तेरे भी आगे जाई

बहू सास से कहती है कि तू मेरे साथ बुराई करती है हालाँकि तेरी भी बेटी है और जैसा तू मेरे साथ करती है वैसा कोई तेरी बेटी के साथ करेगा

बड़ी बहू ने निकाले कार, वो ही उतरी पारम पार

बड़े बूढ़ों ने जो तरीक़ा एवं विधान जारी कर दिया वही छोटों की कार्य-प्रणाली हो गई

कद के कद आए मेरे मन नहीं भाए

इतनी देर के बाद आप का आना हमें पसंद नहीं

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ा तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

दमड़ी की हाँडी लेते हैं तो उसे भी ठोंक बजा कर लेते हैं

कोई साधारण वस्तु भी लो तो अच्छी तरह जाँच कर लो, हर काम सोच समझ कर करना चाहिए

अपना घर ख़ुशी भाए सो कर

अपनी वस्तु को चाहे जिस तरह से व्यवहार करें, दूसरे की वस्तु के लिए सावधानी करनी पड़ती है

बिल्ली भी दब कर हरबा करती है

जब किसी को बहुत तंग किया जाए तो वह अंतत: सामना करने को तैयार हो ही जाता है

मिट्टी का बासन भी ठोक बजा कर लेते हैं

साधारण वस्तु की भी देख-भाल कर लेनी चाहिए

बिल्ली भी दब कर हमला करती है

जब किसी को बहुत तंग किया जाए तो वह अंतत: सामना करने को तैयार हो ही जाता है

हाथी मर कर भी सवा लाख का

रईस बिगड़ने पर भी छोटों से बड़े होते हैं, अमीर आदमी कैसा भी ग़रीब हो जाने पर भी उसका महत्त्व बाक़ी रहता है

हाथी मर कर भी सवा लाख का

रईस बिगड़ने पर भी छोटों से बड़े होते हैं, अमीर आदमी कैसा भी ग़रीब हो जाने पर भी उसका महत्त्व बाक़ी रहता है

तुरत-फुरत हो वो भी कार मदद करे जिस की सरकार

जिस काम में ईश्वर की सहायता हो वह जल्द हो जाता है

अद्धी की हाँडी भी ठोंक बजा कर लेते हैं

किसी बड़े मुआमले में बे सोचे समझे फ़ैसला नहीं किया जाता

कुत्ता भी दुम हिला कर बैठता है

कुत्ते तक में सफ़ाई की इतनी समझ है कि बैठने से पहले अपनी पूँछ से ज़मीन झाड़ लेता है, कोई आदमी सफ़ाई का ख़्याल न रखे तो कहते हैं

दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक कर पीता है

अगर किसी वस्तु से तकलीफ़ पहुँचे तो मनुष्य उस जैसी चीज़ों से डरने लगता है

कोई भी माँ के पेट से तो ले कर नहीं निकलता है

हर व्यक्ति को सीखना पड़ता है, जन्मजात विद्वान कोई नहीं होता, काम करने से ही आता है, कोई माँ के पेट से सीख कर नहीं आता

मर कर भी

unthinkable

कुत्ता भी बैठता है तो दुम हिला कर बैठता है

मनुष्य जहाँ वो जगह साफ़ रखनी चाहिए

अब चुप भी कर जाओ

कृपया शांत हो जाएँ

कोई भी माँ के पेट से 'इल्म ले कर नहीं निकलता

हर व्यक्ति को सीखना पड़ता है, जन्मजात विद्वान कोई नहीं होता, काम करने से ही आता है, कोई माँ के पेट से सीख कर नहीं आता

कोई भी तो माँ के पेट से 'इल्म ले कर नहीं निकलता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

मत कर नंद बुराई, तू भी किसी की भरजाई

तो मेरे साथ बुरी तरह पेश आती है तेरी नंद तुझ से बुरी तरह पेश आएगी

ना कर नंद बुराई तू भी किसी की भोजाई

बदी का नतीजा बदी है

मत कर नंद बुराई, तू भी किसी की भौजाई

तो मेरे साथ बुरी तरह पेश आती है तेरी नंद तुझ से बुरी तरह पेश आएगी

घर में रहे न तीरथ गए , मूँड मुंडा कर जोगी भए

फोकट में बदनामी उठाई

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में घर में रहे न तीरथ गए , मूँड मुंडा कर जोगी भए के अर्थदेखिए

घर में रहे न तीरथ गए , मूँड मुंडा कर जोगी भए

ghar me.n rahe na tiirath ga.e , muu.nD mu.nDaa kar jogii bha.eگَھر میں رَہے نَہ تِیرَتھ گَئے، مُونڈ مُنڈا کَر جوگی بَھئے

अथवा : घर में रहे न तीरथ गए मूँड मुँडा फ़ज़ीहत भए, घर में रहे न तीरथ गए मूँड मुँड फ़ज़ीहत भए

कहावत

घर में रहे न तीरथ गए , मूँड मुंडा कर जोगी भए के हिंदी अर्थ

  • फोकट में बदनामी उठाई
  • धोकेबाज़ साधुओं के लिए प्रयुक्त
  • मक्कार एवं झूठे फ़क़ीर के प्रति कहते हैं कि फ़क़ीर का भेस बना कर छल करता है
  • जीवन का कोई ध्येय पूरा न कर पाना, एक काम छोड़कर दूसरा करना परंतु उसमें भी असफल रहना

گَھر میں رَہے نَہ تِیرَتھ گَئے، مُونڈ مُنڈا کَر جوگی بَھئے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • مفت کی بدنامی اٹھائی
  • دھوکے باز سادھوؤں کے متعلق کہتے ہیں
  • مکار اور جھوٹے فقیر کے متعلق کہتے ہیں کہ فقیر کا بھیس بنا کر دھوکا دیتا ہے
  • زندگی کا کوئی مقصد پورا نہ کر پانا، ایک کام چھوڑ کر دوسرا کرنا لیکن اس میں بھی ناکام رہنا

    مثال ان نے عورت ہو کر مجھ مرد پیر کو خراب کیا، میں رنڈی کے چرتر میں پڑا، اب میری وہ کہاوت ہوئی گھر میں رہے نہ تیرتھ گئے، مونڈ منڈا فضیحت بھئے.(۱۸۰۲، باغ و بہار، ۱۹۲). جس وقت وہ وزیر زادہ نکلتا ہے تو وہ شکست آرزو میں یہ کہاوت پڑھتا ہے ” گھر میں رہے نہ تیرتھ گئے، منڈ منڈا فضیحت بھئے“.(۱۹۵۷، نقدِ حرف، ۲۹۰).

Urdu meaning of ghar me.n rahe na tiirath ga.e , muu.nD mu.nDaa kar jogii bha.e

  • Roman
  • Urdu

  • muft kii badnaamii uThaa.ii
  • dhoke baaz saadhu.o.n ke mutaalliq kahte hai.n
  • makkaar aur jhuuTe faqiir ke mutaalliq kahte hai.n ki faqiir ka bhes banaa kar dhoka detaa hai
  • zindgii ka ko.ii maqsad puura na kar paana, ek kaam chho.Dkar duusraa karnaa lekin is me.n bhii naakaam rahnaa

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कौर-भाई

गुरु भाई, गुरु के चेले, पीर भाई

डाइन भी दस घर छोड़ कर खाती है

पड़ोसियों का ख़्याल बुरे लोग भी करते हैं, दुष्ट से दुष्ट आदमी भी अपने पड़ोसियों का ख़्याल करता है

दिल्ली में रह कर भी भाड़ झोंका

जब कोई अच्छे स्थान या वातावरण में काफ़ी दिनों तक रह कर भी कुछ न सीख सके तो उसके प्रती व्यंग में ऐसा कहते हैं. अनाड़ी ही रहा, अच्छी जगह रह कर भी कुशलता नहीं प्राप्त कर सका, अनभिज्ञ व्यक्ति कभी उन्नति नहीं कर सकता

डायन भी सात घर छोड़ कर खाती है

पड़ोसियों का ख़्याल बुरे लोग भी करते हैं, दुष्ट से दुष्ट आदमी भी अपने पड़ोसियों का ख़्याल करता है

मिट्टी का घड़ा भी ठोंक बजा कर लेते हैं

साधारण वस्तु की भी देख-भाल कर लेनी चाहिए

पैसे पर धर कर बोटियाँ उड़ाऊँ तब भी आह न आए

۔(عو) یعنی سخت سے سخت سزا دینے میں بھی ترس نہ آئے۔

मय्या बाहा मर गए, यही दहरिया कर गए

बिना सोचे-समझे लड़की को बुरे स्वभाव के साथ रहना

बनिया भी अपना गुड़ छुपा कर खाता है

उसको कहा जाता है जो खुल्लम-खुल्ला बुरे काम करे

घोड़ी को ना'ल ठुकवाते देख कर बी मेंडकी भी ना'ल लगवाना चाहें

रुक : घोड़े के लगे थे नाल मेंढ़की बोली मेरे भी जुड़ दो

कुत्ता भी दुम हिला कर जगह साफ़ कर लेता है

रुक : कुत्ता भी दम हिला कर बैठता है

ऊँट सा क़द तो बढ़ा लिया, पर शु'ऊर ज़रा भी नहीं

शरीर इतना लंबा परंतु बुद्धि तनिक भी नहीं

पढ़े भी मरें , बिन पढ़े भी मरें , दाँता किलकिल क्यों करें

आख़िर सब को मौत है फिर मशक़्क़त क्यों करें या इस काम से रस्तगारी नहीं तो तदबीर ही किया

मत कर सास बुराई, तेरे आगे भी जाई

बहू सास से कहती है कि तू मेरे साथ बुराई करती है हालाँकि तेरी भी बेटी है और जैसा तू मेरे साथ करती है वैसा कोई तेरी बेटी के साथ करेगा

मत कर सास बुराई तेरे भी आगे जाई

बहू सास से कहती है कि तू मेरे साथ बुराई करती है हालाँकि तेरी भी बेटी है और जैसा तू मेरे साथ करती है वैसा कोई तेरी बेटी के साथ करेगा

बड़ी बहू ने निकाले कार, वो ही उतरी पारम पार

बड़े बूढ़ों ने जो तरीक़ा एवं विधान जारी कर दिया वही छोटों की कार्य-प्रणाली हो गई

कद के कद आए मेरे मन नहीं भाए

इतनी देर के बाद आप का आना हमें पसंद नहीं

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

माया हुई तो क्या हुआ हरदा हुआ कठोर, नौ नेज़े पानी चढ़ा तो भी न भीगी कोर

दौलतमंद का दिल अगर पत्थर है तो किसी काम का नहीं, कंजूस के मुताल्लिक़ कहते हैं कि इस पर कोई असर नहीं होता

दमड़ी की हाँडी लेते हैं तो उसे भी ठोंक बजा कर लेते हैं

कोई साधारण वस्तु भी लो तो अच्छी तरह जाँच कर लो, हर काम सोच समझ कर करना चाहिए

अपना घर ख़ुशी भाए सो कर

अपनी वस्तु को चाहे जिस तरह से व्यवहार करें, दूसरे की वस्तु के लिए सावधानी करनी पड़ती है

बिल्ली भी दब कर हरबा करती है

जब किसी को बहुत तंग किया जाए तो वह अंतत: सामना करने को तैयार हो ही जाता है

मिट्टी का बासन भी ठोक बजा कर लेते हैं

साधारण वस्तु की भी देख-भाल कर लेनी चाहिए

बिल्ली भी दब कर हमला करती है

जब किसी को बहुत तंग किया जाए तो वह अंतत: सामना करने को तैयार हो ही जाता है

हाथी मर कर भी सवा लाख का

रईस बिगड़ने पर भी छोटों से बड़े होते हैं, अमीर आदमी कैसा भी ग़रीब हो जाने पर भी उसका महत्त्व बाक़ी रहता है

हाथी मर कर भी सवा लाख का

रईस बिगड़ने पर भी छोटों से बड़े होते हैं, अमीर आदमी कैसा भी ग़रीब हो जाने पर भी उसका महत्त्व बाक़ी रहता है

तुरत-फुरत हो वो भी कार मदद करे जिस की सरकार

जिस काम में ईश्वर की सहायता हो वह जल्द हो जाता है

अद्धी की हाँडी भी ठोंक बजा कर लेते हैं

किसी बड़े मुआमले में बे सोचे समझे फ़ैसला नहीं किया जाता

कुत्ता भी दुम हिला कर बैठता है

कुत्ते तक में सफ़ाई की इतनी समझ है कि बैठने से पहले अपनी पूँछ से ज़मीन झाड़ लेता है, कोई आदमी सफ़ाई का ख़्याल न रखे तो कहते हैं

दूध का जला छाछ भी फूँक फूँक कर पीता है

अगर किसी वस्तु से तकलीफ़ पहुँचे तो मनुष्य उस जैसी चीज़ों से डरने लगता है

कोई भी माँ के पेट से तो ले कर नहीं निकलता है

हर व्यक्ति को सीखना पड़ता है, जन्मजात विद्वान कोई नहीं होता, काम करने से ही आता है, कोई माँ के पेट से सीख कर नहीं आता

मर कर भी

unthinkable

कुत्ता भी बैठता है तो दुम हिला कर बैठता है

मनुष्य जहाँ वो जगह साफ़ रखनी चाहिए

अब चुप भी कर जाओ

कृपया शांत हो जाएँ

कोई भी माँ के पेट से 'इल्म ले कर नहीं निकलता

हर व्यक्ति को सीखना पड़ता है, जन्मजात विद्वान कोई नहीं होता, काम करने से ही आता है, कोई माँ के पेट से सीख कर नहीं आता

कोई भी तो माँ के पेट से 'इल्म ले कर नहीं निकलता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

मत कर नंद बुराई, तू भी किसी की भरजाई

तो मेरे साथ बुरी तरह पेश आती है तेरी नंद तुझ से बुरी तरह पेश आएगी

ना कर नंद बुराई तू भी किसी की भोजाई

बदी का नतीजा बदी है

मत कर नंद बुराई, तू भी किसी की भौजाई

तो मेरे साथ बुरी तरह पेश आती है तेरी नंद तुझ से बुरी तरह पेश आएगी

घर में रहे न तीरथ गए , मूँड मुंडा कर जोगी भए

फोकट में बदनामी उठाई

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