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"ग़ैर की दहलीज़ और रोटी कड़वी" शब्द से संबंधित परिणाम

आर का भार का

यहाँ का और बाहर का, अपना पराया, दूर एवं निकट का

आर का पार होना

आर पार होना, इस ओर से उस ओर तक होना

होड़ का कार जी का भार

प्रतियोगिता या मुक़ाबले का काम बहुत कठिन होता है

और का

belonging to another

टाँग टाँग भर की लड़की और गज़ भर की ज़बान

ऐसी लड़की के बारे में कहते हैं जो ज़बान दराज़ हो

बाहर वाले खा गए और घर के गाएँ गीत

दूसरे लाभ उठाएँ और अपने लोग को भूखा मरें

अमीर ने गू खाया तो दवा के लए और ग़रीब ने खाया तो पेट भर ने के लिए

कोई बुरा काम अगर किसी धनवान से हो तो उसको अच्छा समझा जाता है और वही काम कोई निर्धन व्यक्ति करे तो उस पर लान-तान की जाती है

घर का और दिल का भेद हर एक के सामने न कहें

अपने दिल और घर की बात हर एक से नहीं कहनी चाहिए, गोपनीयता से काम लेना चाहिए

अंदर की साँस अंदर और बाहर की साँस बाहर

ख़ौफ़ तहीर या सुकूत की हालत में सांस लेना दुशवार होने की सूरत-ए-हाल, दमबख़ुद नीज़ हैरतज़दा या सहमा हुआ होने की कैफ़ीयत

तीन बुलाए तेरह आए देखो यहाँ की रीत, बाहर वाले खा गए और घर के गावें गीत

जब तीन अतिथियों के बदले तेरह आ जाते हैं तो निर्धन आदमी पकी हुई दाल या सालन में पानी झोंक देते हैं ताकि बढ़ोतरी हो जाए

भर के

बच के, कहारों की आवाज़

मुफ़्त के चड़वा भर भर फेंके

जो चीज़ मुफ़्त मिले उसे इंसान बेदर्दी से ख़र्च करता है

कलवार की अगाड़ी और क़साई की पिछाड़ी

शराब शुरू में खरीदनी चाहिए और गोश्त आख़िर में

मियाँ का दम और किवाड़ की जोड़ी

अत्यधिक निर्धनता प्रकट करने को कहते हैं, घर में कुछ नहीं है, बहुत ग़रीब है

ख़ाला का दम और किवाड़ों की जोड़ी

ऐसे अवसर पर प्रयुक्त जब एकांत में कोई भी न हो जिस से बात-चीत करके दिल बहलाया जा सके

ख़ाला का दम और किवाड़ की जोड़ी

ऐसे अवसर पर प्रयुक्त जब एकांत में कोई भी न हो जिस से बात-चीत करके दिल बहलाया जा सके

कल्वारी की अगाड़ी और क़साई की पिछाड़ी

मदिरा पहले और मांस अंत में ख़रीदना चाहिए

घटा की 'अक़्ल और दाढ़ी बढ़ा की

जूं जूं दाढ़ी बढ़ती गई अक़ल कम होती गई यानी उम्र बढ़ने के साथ अक़ल और समझ में इज़ाफ़ा नहीं हुआ

खेल खिलाड़ियों के और घोड़े सौदा गरों के

पराए माल से नफ़ा उठाना

धड़ी भर का सर तो हिला दिया , पैसा भर की ज़बान न हिलाई गई

सर हिला दिया, मुँह से जवाब ना दिया

भली के भाई और निबड़ी के जँवाई

प्रसन्नता की अवस्था में सब मित्र होते हैं या दुनियादार परिस्थिति के अनुसार अपने सिद्धांतों को बदलने वाला के संबंध में बोलते हैं

लश्कर की अगाड़ी और आँधी की पिछाड़ी

लश्कर का अगला हिस्सा और आँधी का आख़िरी ज़बरदस्त एवं ख़तरनाक होते हैं

खाने के दाँत और हैं दिखाने के और (हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और)

दिखावटी चीज़ें काम नहीं देतीं

दाहिना धोवे बाएँ को और बायाँ धोवे दाएँ को

एक दूसरे की सहायता करनी चाहिए

वक़्त का ग़ुलाम और वक़्त ही का बादशाह

जैसा अवसर हो वैसा काम करे, अवसर के अनुसार दास और राजा बन जाए

ऊपर का धड़ भाई और नीचे का अलख़ुदाई

ऊपर से बड़ा दोस्त और अंदर से शत्रु

हाकिम की अगाड़ी और घोड़े की पिछाड़ी न खड़ा हो

दोनों तरह काफ़ी नुक़्सान होता है

द्वार धनी के पड़ रहे और धके धनी के खाए

अमीर के दर को ना छोड़े चाहे धक्के मिलें आख़िर कभी ना कभी फ़ायदा होगा

गाँव और का , नाँव और का

चीज़ किसी की और नाक किसी का, बेगानी चीज़ से अपनी शौहरत

लड़ाई और आग का बढ़ाना क्या

लड़ाई और आग तेज़ करना मुश्किल नहीं है

झोंपड़े का रहना और महलों के ख़्वाब देखना

रुक : झून में रहना और महलों के ख़ाब देखना . भला बेटी

घर के रोवें बाहर के खाएँ, दु'आ देते क़लंदर जाएँ

घर वालों से बुरा व्यवहार और बाहर वालों से अच्छा व्यवहार

घर के रोवें बाहर के खाएँ, दु'आ देत क़लंदर जाएँ

घर वालों से बुरा व्यवहार और बाहर वालों से अच्छा व्यवहार

पगड़ी का चोर बाँधा जावे और ककड़ी का चोर मारा जावे

ना इंसाफ़ी के फ़ैसले पर कहते हैं जब बड़ी ख़ता की मामूली सज़ा और छोटी ख़ता की सख़्त सज़ा किसी को दी जाये

ग़ैर की दहलीज़ और रोटी कड़वी

दूसरों के यहां रहना और उन के टुकड़ों पर बसर करना दोनों ही तकलीफ़देह हैं, ग़ैर जगह आराम नहीं मिलता, दूसरे का एहसास उठाना मुश्किल है

आँवले का खाया और बड़े का समझाया पीछे मज़ा देता है

आरंभ में तो यह दोनों वस्तुएँ ही स्वादहीन दिखाई पड़ती हैं परिणाम-स्वरूप अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होती हैं

और के दाँव अंडे बच्चे हमारे दाँव कुड़ुक

दूसरों के लिये सब कुछ है और हमारे लिए कुछ भी नहीं

बाड़ रखे खेत को और खेत रखे बाड़ को

जिस प्रकार बड़े छोटों के काम आते हैं उस प्रकार छोटे भी बड़ों के काम आते हैं

'औरत और ककड़ी की बेल जल्दी बढ़े

खीरे की बेल की तरह औरत भी जल्द जवान हो जाती है

कौड़ियों का रहना और महलों के ख़्वाब देखना

अपनी हैसियत से अधिक की इच्छा प्रकट करना, अपनी हैसियत से ज़्यादा की ख़्वाहिश या इज़हार करना, रहें झोंपड़ी में ख़्वाब देखें महलों के

सोने का गड़वा और पीतल की पेंदी

नामौज़ूं काम की निसबत बोलते हैं , उन लोगों के मुताल्लिक़ कहते हैं जिन में ख़ूबीयों के साथ साथ बुराईयां भी हूँ

झोंपड़ों का रहना और महलों का ख़्वाब

रुक : झून में रह मह के ख़ाब देखना

घोड़ी की हँसी और बालक का दुख जाना नहीं पड़ना

घोड़े की हंसी और बच्चे की तकलीफ़ मालूम नहीं होती क्योंकि ये बता नहीं सकते, बेज़बान की बात कोई नहीं समझ सकता

घोड़े की हँसी और बालक का दुख जान नहीं पड़ता

घोड़े की हँसी और बच्चे की तकलीफ़ मा'लूम नहीं होती क्यूँकि ये बता नहीं सकते

बादशाह और 'आशिक़ दूसरे को नहीं देख सकता

प्रेमी ईर्ष्या के कारण और बादशाह देश में उपद्रव होने की वजह से अपने अलावा दूसरे को गवारा नहीं कर सकता

हाथी की अगाड़ी और घोड़े की पिछाड़ी से डरना चाहिए

हाथी और घोड़े की चपेट में आने से बचना चाहिए

देख पराई चोपड़ी गिर पड़ बे-ईमान, एक घड़ी की बे-हयाई दिन भर का आराम

लालची व्यक्ति के प्रति कहते हैं कि दूसरे का माल हथियाने का प्रयास करता है, अपमान की परवाह नहीं करता

गाँठ का देना और लड़ाई मोल लेना

अपना नुक़सान बर्दाश्त करके झगड़ा मोल लेना

रूपया गज़ का कपड़ा पहनना और अशरफ़ी तोला का खाना खाना

बहुत महँगे कपड़े पहनना और बहुत महँगा खाना खाना, कपड़ों और खाने पर बहुत सारा पैसा ख़र्च करना

मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुत्थन नाड़ और बस

बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस

मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुत्थन नाड़ा और बस

बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस

बारह बरस को बैद क्या और अट्ठारह बरस को क़ैद क्या

लड़का बारह बरस का हो जाए तो उसे शिक्षा देनी कठिन है और अठ्ठारह बरस के बाद वह नियंत्रण में नहीं रहता

बारह बरस के बैद क्या और अट्ठारह बरस के क़ैद क्या

लड़का बारह बरस का हो जाए तो उसे शिक्षा देनी कठिन है और अठ्ठारह बरस के बाद वह नियंत्रण में नहीं रहता

सौदा अच्छा लाभ का और राजा अच्छा दाब का

वह सौदा अच्छा है जिसमें फ़ायदा हो, वह राजा अच्छा है जिसका दबदबा हो

शाम को शाम और सहर को सहर ना गिनना

रात-दिन किसी काम में व्यस्त रहना, बहुत अधिक व्यस्तता के कारण समय का ध्यान न रहना, व्यस्तता के कारण समय की तरफ़ ध्यान न देना, मेहनत करना

हाथी का दाँत और घोड़े की लात

(कोसना) दुश्मनों को नसीब हो

घड़ी भर की बे-शर्मी, सारे दिन का आधार

बेशरम कुछ ना कुछ हासिल कर ही लेता है

दिल के भेद पढ़्ना

दिल की हालत जान लेना, मन की बात समझना

घी सँवारे सालन को और बड़ी बहू का नाव

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

भीड़ की भीड़

विशाल जनसमूह, बहुत बड़ा मजमा, बहुत बड़ी भीड़

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में ग़ैर की दहलीज़ और रोटी कड़वी के अर्थदेखिए

ग़ैर की दहलीज़ और रोटी कड़वी

Gair kii dahliiz aur roTii ka.Dviiغَیر کی دَہْلِیز اَور روٹی کَڑْوی

कहावत

ग़ैर की दहलीज़ और रोटी कड़वी के हिंदी अर्थ

  • दूसरों के यहां रहना और उन के टुकड़ों पर बसर करना दोनों ही तकलीफ़देह हैं, ग़ैर जगह आराम नहीं मिलता, दूसरे का एहसास उठाना मुश्किल है

غَیر کی دَہْلِیز اَور روٹی کَڑْوی کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • دوسروں کے یہاں رہنا اور ان کے ٹکڑوں پر بسر کرنا دونوں ہی تکلیف دہ ہیں ، غیر جگہ آرام نہیں ملتا، دوسرے کا احساس اٹھانا مشکل ہے.

Urdu meaning of Gair kii dahliiz aur roTii ka.Dvii

  • Roman
  • Urdu

  • duusro.n ke yahaa.n rahnaa aur un ke Tuk.Do.n par basar karnaa dono.n hii takliifdeh hai.n, Gair jagah aaraam nahii.n miltaa, duusre ka ehsaas uThaanaa mushkil hai

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आर का भार का

यहाँ का और बाहर का, अपना पराया, दूर एवं निकट का

आर का पार होना

आर पार होना, इस ओर से उस ओर तक होना

होड़ का कार जी का भार

प्रतियोगिता या मुक़ाबले का काम बहुत कठिन होता है

और का

belonging to another

टाँग टाँग भर की लड़की और गज़ भर की ज़बान

ऐसी लड़की के बारे में कहते हैं जो ज़बान दराज़ हो

बाहर वाले खा गए और घर के गाएँ गीत

दूसरे लाभ उठाएँ और अपने लोग को भूखा मरें

अमीर ने गू खाया तो दवा के लए और ग़रीब ने खाया तो पेट भर ने के लिए

कोई बुरा काम अगर किसी धनवान से हो तो उसको अच्छा समझा जाता है और वही काम कोई निर्धन व्यक्ति करे तो उस पर लान-तान की जाती है

घर का और दिल का भेद हर एक के सामने न कहें

अपने दिल और घर की बात हर एक से नहीं कहनी चाहिए, गोपनीयता से काम लेना चाहिए

अंदर की साँस अंदर और बाहर की साँस बाहर

ख़ौफ़ तहीर या सुकूत की हालत में सांस लेना दुशवार होने की सूरत-ए-हाल, दमबख़ुद नीज़ हैरतज़दा या सहमा हुआ होने की कैफ़ीयत

तीन बुलाए तेरह आए देखो यहाँ की रीत, बाहर वाले खा गए और घर के गावें गीत

जब तीन अतिथियों के बदले तेरह आ जाते हैं तो निर्धन आदमी पकी हुई दाल या सालन में पानी झोंक देते हैं ताकि बढ़ोतरी हो जाए

भर के

बच के, कहारों की आवाज़

मुफ़्त के चड़वा भर भर फेंके

जो चीज़ मुफ़्त मिले उसे इंसान बेदर्दी से ख़र्च करता है

कलवार की अगाड़ी और क़साई की पिछाड़ी

शराब शुरू में खरीदनी चाहिए और गोश्त आख़िर में

मियाँ का दम और किवाड़ की जोड़ी

अत्यधिक निर्धनता प्रकट करने को कहते हैं, घर में कुछ नहीं है, बहुत ग़रीब है

ख़ाला का दम और किवाड़ों की जोड़ी

ऐसे अवसर पर प्रयुक्त जब एकांत में कोई भी न हो जिस से बात-चीत करके दिल बहलाया जा सके

ख़ाला का दम और किवाड़ की जोड़ी

ऐसे अवसर पर प्रयुक्त जब एकांत में कोई भी न हो जिस से बात-चीत करके दिल बहलाया जा सके

कल्वारी की अगाड़ी और क़साई की पिछाड़ी

मदिरा पहले और मांस अंत में ख़रीदना चाहिए

घटा की 'अक़्ल और दाढ़ी बढ़ा की

जूं जूं दाढ़ी बढ़ती गई अक़ल कम होती गई यानी उम्र बढ़ने के साथ अक़ल और समझ में इज़ाफ़ा नहीं हुआ

खेल खिलाड़ियों के और घोड़े सौदा गरों के

पराए माल से नफ़ा उठाना

धड़ी भर का सर तो हिला दिया , पैसा भर की ज़बान न हिलाई गई

सर हिला दिया, मुँह से जवाब ना दिया

भली के भाई और निबड़ी के जँवाई

प्रसन्नता की अवस्था में सब मित्र होते हैं या दुनियादार परिस्थिति के अनुसार अपने सिद्धांतों को बदलने वाला के संबंध में बोलते हैं

लश्कर की अगाड़ी और आँधी की पिछाड़ी

लश्कर का अगला हिस्सा और आँधी का आख़िरी ज़बरदस्त एवं ख़तरनाक होते हैं

खाने के दाँत और हैं दिखाने के और (हाथी के दाँत खाने के और दिखाने के और)

दिखावटी चीज़ें काम नहीं देतीं

दाहिना धोवे बाएँ को और बायाँ धोवे दाएँ को

एक दूसरे की सहायता करनी चाहिए

वक़्त का ग़ुलाम और वक़्त ही का बादशाह

जैसा अवसर हो वैसा काम करे, अवसर के अनुसार दास और राजा बन जाए

ऊपर का धड़ भाई और नीचे का अलख़ुदाई

ऊपर से बड़ा दोस्त और अंदर से शत्रु

हाकिम की अगाड़ी और घोड़े की पिछाड़ी न खड़ा हो

दोनों तरह काफ़ी नुक़्सान होता है

द्वार धनी के पड़ रहे और धके धनी के खाए

अमीर के दर को ना छोड़े चाहे धक्के मिलें आख़िर कभी ना कभी फ़ायदा होगा

गाँव और का , नाँव और का

चीज़ किसी की और नाक किसी का, बेगानी चीज़ से अपनी शौहरत

लड़ाई और आग का बढ़ाना क्या

लड़ाई और आग तेज़ करना मुश्किल नहीं है

झोंपड़े का रहना और महलों के ख़्वाब देखना

रुक : झून में रहना और महलों के ख़ाब देखना . भला बेटी

घर के रोवें बाहर के खाएँ, दु'आ देते क़लंदर जाएँ

घर वालों से बुरा व्यवहार और बाहर वालों से अच्छा व्यवहार

घर के रोवें बाहर के खाएँ, दु'आ देत क़लंदर जाएँ

घर वालों से बुरा व्यवहार और बाहर वालों से अच्छा व्यवहार

पगड़ी का चोर बाँधा जावे और ककड़ी का चोर मारा जावे

ना इंसाफ़ी के फ़ैसले पर कहते हैं जब बड़ी ख़ता की मामूली सज़ा और छोटी ख़ता की सख़्त सज़ा किसी को दी जाये

ग़ैर की दहलीज़ और रोटी कड़वी

दूसरों के यहां रहना और उन के टुकड़ों पर बसर करना दोनों ही तकलीफ़देह हैं, ग़ैर जगह आराम नहीं मिलता, दूसरे का एहसास उठाना मुश्किल है

आँवले का खाया और बड़े का समझाया पीछे मज़ा देता है

आरंभ में तो यह दोनों वस्तुएँ ही स्वादहीन दिखाई पड़ती हैं परिणाम-स्वरूप अत्यधिक लाभकारी सिद्ध होती हैं

और के दाँव अंडे बच्चे हमारे दाँव कुड़ुक

दूसरों के लिये सब कुछ है और हमारे लिए कुछ भी नहीं

बाड़ रखे खेत को और खेत रखे बाड़ को

जिस प्रकार बड़े छोटों के काम आते हैं उस प्रकार छोटे भी बड़ों के काम आते हैं

'औरत और ककड़ी की बेल जल्दी बढ़े

खीरे की बेल की तरह औरत भी जल्द जवान हो जाती है

कौड़ियों का रहना और महलों के ख़्वाब देखना

अपनी हैसियत से अधिक की इच्छा प्रकट करना, अपनी हैसियत से ज़्यादा की ख़्वाहिश या इज़हार करना, रहें झोंपड़ी में ख़्वाब देखें महलों के

सोने का गड़वा और पीतल की पेंदी

नामौज़ूं काम की निसबत बोलते हैं , उन लोगों के मुताल्लिक़ कहते हैं जिन में ख़ूबीयों के साथ साथ बुराईयां भी हूँ

झोंपड़ों का रहना और महलों का ख़्वाब

रुक : झून में रह मह के ख़ाब देखना

घोड़ी की हँसी और बालक का दुख जाना नहीं पड़ना

घोड़े की हंसी और बच्चे की तकलीफ़ मालूम नहीं होती क्योंकि ये बता नहीं सकते, बेज़बान की बात कोई नहीं समझ सकता

घोड़े की हँसी और बालक का दुख जान नहीं पड़ता

घोड़े की हँसी और बच्चे की तकलीफ़ मा'लूम नहीं होती क्यूँकि ये बता नहीं सकते

बादशाह और 'आशिक़ दूसरे को नहीं देख सकता

प्रेमी ईर्ष्या के कारण और बादशाह देश में उपद्रव होने की वजह से अपने अलावा दूसरे को गवारा नहीं कर सकता

हाथी की अगाड़ी और घोड़े की पिछाड़ी से डरना चाहिए

हाथी और घोड़े की चपेट में आने से बचना चाहिए

देख पराई चोपड़ी गिर पड़ बे-ईमान, एक घड़ी की बे-हयाई दिन भर का आराम

लालची व्यक्ति के प्रति कहते हैं कि दूसरे का माल हथियाने का प्रयास करता है, अपमान की परवाह नहीं करता

गाँठ का देना और लड़ाई मोल लेना

अपना नुक़सान बर्दाश्त करके झगड़ा मोल लेना

रूपया गज़ का कपड़ा पहनना और अशरफ़ी तोला का खाना खाना

बहुत महँगे कपड़े पहनना और बहुत महँगा खाना खाना, कपड़ों और खाने पर बहुत सारा पैसा ख़र्च करना

मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुत्थन नाड़ और बस

बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस

मेरे मियाँ के दो कपड़े, सुत्थन नाड़ा और बस

बहुत निर्धन है केवल एक पाजामा और बस

बारह बरस को बैद क्या और अट्ठारह बरस को क़ैद क्या

लड़का बारह बरस का हो जाए तो उसे शिक्षा देनी कठिन है और अठ्ठारह बरस के बाद वह नियंत्रण में नहीं रहता

बारह बरस के बैद क्या और अट्ठारह बरस के क़ैद क्या

लड़का बारह बरस का हो जाए तो उसे शिक्षा देनी कठिन है और अठ्ठारह बरस के बाद वह नियंत्रण में नहीं रहता

सौदा अच्छा लाभ का और राजा अच्छा दाब का

वह सौदा अच्छा है जिसमें फ़ायदा हो, वह राजा अच्छा है जिसका दबदबा हो

शाम को शाम और सहर को सहर ना गिनना

रात-दिन किसी काम में व्यस्त रहना, बहुत अधिक व्यस्तता के कारण समय का ध्यान न रहना, व्यस्तता के कारण समय की तरफ़ ध्यान न देना, मेहनत करना

हाथी का दाँत और घोड़े की लात

(कोसना) दुश्मनों को नसीब हो

घड़ी भर की बे-शर्मी, सारे दिन का आधार

बेशरम कुछ ना कुछ हासिल कर ही लेता है

दिल के भेद पढ़्ना

दिल की हालत जान लेना, मन की बात समझना

घी सँवारे सालन को और बड़ी बहू का नाव

काम किसी का और नाम किसी का, काम कोई करे नाम कोई पाए

भीड़ की भीड़

विशाल जनसमूह, बहुत बड़ा मजमा, बहुत बड़ी भीड़

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