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"गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी" शब्द से संबंधित परिणाम
हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी के अर्थदेखिए
गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी के हिंदी अर्थ
- मुसीबत के वक़्त कोई किसी की मदद नहीं करता, सब को अपनी अपनी पड़ी होती है
گاؤں میں پَڑی مَری ، اَپْنی اَپْنی سَب کو پَڑی کے اردو معانی
- Roman
- Urdu
- مصیبت کے وقت کوئی کسی کی مدد نہیں کرتا ، سب کو اپنی اپنی پڑی ہوتی ہے.
Urdu meaning of gaa.nv me.n pa.Dii marii , apnii apnii sab ko pa.Dii
- Roman
- Urdu
- musiibat ke vaqt ko.ii kisii kii madad nahii.n kartaa, sab ko apnii apnii pa.Dii hotii hai
खोजे गए शब्द से संबंधित
मन-मारा
having the desire repressed or mortified, grieved, sad, dejected, one whose desires are repressed
मन मारा , जी हारा
جس نے مجبوراً صبر کر کے ہمت ہار دی ہو ، ناکامیوں سے جس کا ولولہ سرد ہو گیا ہو ، افسردہ و پژمردہ خاطر
ग़रीब को मारा तो नौ मन चर्बी निकली
(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो
माँ मरे मौसी जीवे
माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है
एक ग़रीब को मारा था तो सौ मन चर्बी निकली
कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं
एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली
कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं
माँ मारे और माँ ही माँ पुकारे
अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा
माँ मारे और माँ ही पुकारे
अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा
एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली थी
(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो
माँ मरे मौसी जिये
माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है
अपना मारे छाँव में डाले ग़ैर मारे धूप में डाले
अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों
अपना मारे छाँव में बिठाए ग़ैर मारे धूप में बिठाए
अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों
डोली आई डोली आई मेरे मन में चाव, डोली में से निकल पड़ा भोंकड़ा बिलाव
पत्नी का रूप देख कर सभी कामनाएँ टूट गईं
चराग़ में बत्ती पड़ी लाडो मेरी तख़्त चढ़ी
उस व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो काहिली की वजह से शाम में जल्दी सोने की तैय्यारी करे
गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी
मुसीबत के वक़्त कोई किसी की मदद नहीं करता, सब को अपनी अपनी पड़ी होती है
हँसी के मारे पेट में बल पड़ना
निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना
माँ कहे मेरा हुआ बडेरा , 'उम्र कहे में आई नबेड़ा
जब बच्चा जवान होता है माँ ख़ुश होती है हालाँकि उस की उम्र कम होजाती है जो ख़ुशी की बात नहीं है
हँसी के मारे पेट में बल पड़ जाना
निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना
मैं दूसरा मेरा भाई तीसरा हज्जाम नाई
उस समय प्रयुक्त है जब कोई व्यक्ति (प्रायः दावत में) बहुत से आदमी अपने साथ लेकर आए और यह प्रकट करे कि मेरे साथ तो बहुत कम आदमी हैं
ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं
मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ
ऐसे ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं
मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ
मैं ख़ुश मेरा ख़ुदा ख़ुश
किसी बात की मंज़ूरी या हालात से संतुष्ट होने पर ये वाक्य बोला जाता है, में ख़ुशी के साथ आज्ञा देता हूँ, मेरी यही ख़ुशी है, में हर तरह राज़ी हूँ
मैं राज़ी और मेरा ख़ुदा राज़ी
रुक : में ख़ुश मेरा ख़ुदा ख़ुश, किसी बात पर मुकम्मल रज़ा ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं
एक मैं, दूसरा मेरा भाई, तीसरा हज्जाम नाई
उस समय प्रयुक्त है जब कोई व्यक्ति (प्रायः दावत में) बहुत से आदमी अपने साथ लेकर आए और यह प्रकट करे कि मेरे साथ तो बहुत कम आदमी हैं
मैं भरूँ सरकार के, मेरे भरे सक़्क़ा
जो शख़्स ख़ुद तो किसी की ख़िदमत करे मगर अपना काम दूसरों से किराए इस के मुताल्लिक़ कहते हैं
राम राम तो कहो मन मेरे , पाप कटेंगे छन में तेरे
ए मेरे दिल ख़ुदा का नाम तो ले तेरे सारे गुनाह पल भर में बख़्शे जाऐंगे
ये मेरी सिक्षा मान प्यारा, साैदा कधे न बेच उधारा
मेरा यह सदुपदेश याद रखो प्यारे उधार कभी नहीं बेचना चाहिये
दिल्ली से मैं आऊँ ख़बर कहे मेरा भाई, घर से आए कोई संदेसा दे कोई
ये कहावत उन लोगों के प्रति बोलते हैं जिन को किसी बात का ज्ञान होना आवश्यक समझा जाता है मगर वो लापरवाही या मूर्खता के कारण इस बात से अनभिज्ञ या अज्ञानी हों
मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहे
جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔
संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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mu'aavin
मु'आविन
.مُعاوِن
partner, associate, accompanist
[ Thekedar ne waqt par kaam pura karne ke liye muavin thekedaron ka sahara liya ]

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ta'aavun
त'आवुन
.تَعاوُن
cooperation, mutual aid, assistance
[ Shauhar aur biwi ke bich aapas mein taawun zaruri hai ]

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maatahat
मातहत
.ماتَحَت
subordinate
[ Jo kaam jis maatahat ke supurd hai usi ke zariya us kaam ko un tak pahunchna chahiye ]

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fayyaazii
फ़य्याज़ी
.فَیّاضی
generosity, liberality
[ Sonu-Sud ne Corona mutassirin ka taawun fayyazi se kiya ]

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saKHaavat
सख़ावत
.سَخاوَت
generosity, munificence
[ Hatim Taai apni sakhawat ke liye msh.hur the ]

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sharaafat
शराफ़त
.شَرافَت
dignity, honour
[ Waza-dari (Tradition) aur sharafat ne logon ke mizaj mein khush-gawar rang paida kiya tha ]

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zaabita
ज़ाबिता
.ضابِطَہ
custom, control, discipline
[ Zindagi mein sukoon-o-chain ke liye zaroori hai ki koyi zabita ho ]

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aKHlaaq
अख़्लाक़
.اَخْلاق
ethics, morals, courtesy, virtues
[ Buzurgon ki suhbat se aadmi ke akhlaq aur kirdar mein char chaand lag jata hai ]

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ehsaan
एहसान
.اِحْسان
do (someone) a good turn in return for his favour
[ Ehsan ka bakhan karne wale insan ka ehsan kaun manega ]

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salaamatii
सलामती
.سَلامَتَی
health
[ Jism ki salamati aur uski mazbuti ke waste gosht ka khana zaruriyat se hai ]

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