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सेवा

ख़िदमत

सेवा से मेवा मिलता

सेवा में महानता है

सेवा करे सो मेवा पावे

one who serves shall reap

सेवा करे सो मेवा पाए

one who serves shall reap

सीवाना

سوانا ، حد .

सेवा करना

सेवा करना, ख़िदमत बजा लाना, ख़िदमत करना

सेवालगी

سیوانگ سے منسوب .

सेवालिक

ارضیات، زمین کے طبقات میں سے ایک طبق اور بہاڑوں کے پتھر اور چٹانوں کی ایک تہہ کا نام جس پر کائی کی موٹی تہہ ہوتی ہے .

सीवारी

एक प्रकार की शकर जो सेवार घाँस से साफ़ की जाती है

सीवाना

(پٹواریاں) قیمت کا ایک کوڈ ، پوشیدہ لفظ .

स्यवाल

رک: سیوار .

बिन सेवा मेवा नहीं

ख़िदमत से अज़मत है

जो करे सेवा वो खाए मेवा

۔مثل۔ (ہندو) جو خدمت کرتا ہے وہی فائدہ اٹھاتا ہے۔

जो करे सेवा वही खाए मेवा

जो सेवा करता है वही लाभ उठाता है

गुरू-सेवा

गुरू की सेवा, शिक्षक, अध्यापक या वृद्ध की देख-भाल और टहल

पत-सेवा

पति के साथ स्त्री का प्यार या सेवा

चरण-सेवा

किसी बुज़ुर्ग या पूज्य व्यक्ति की चरण दबाकर सेवा, ख़िदमत, किसी पूज्य व्यक्ति के पैर दबाकर की जाने वाली सेवा

जहाँ बड़ी सेवा तहाँ ओछा फल

बड़ी ख़िदमत का कम सिला, बावजूद बड़ी मेहनत के फ़ायदा क़लील हो तो कहते हैं

कर सेवा तो खा मेवा

परिश्रम का फल सुख या हर्ष है

जो सेवा करे सो मेवा पाए

जो सेवा करता है वो लाभ उठाता है

राज-सेवा

राजा की सेवा, शाही मुलाज़मत, शाही नौकरी

पाद-सेवा

touching a person's feet as a mark of respect

ठाकुर-सेवा

देवता का पूजन और सेवा, देवता की ख़िदमत और पूजा

जैसी सेवा करे तैसा मेवा खाए

ख़िदमत से अज़मत है,ख़िदमत-ओ-मेहनत के मुताबिक़ माज़ा मिलता है

जैसी सेवा करे तैसा आस पड़े

ख़िदमत से अज़मत है,ख़िदमत-ओ-मेहनत के मुताबिक़ माज़ा मिलता है

जैसी सेवा करे, वैसा फल खावे

रुक : जैसी सेवा करे तैसा अलख , जिस तरह की ख़िदमत की जाये वैसा अज्र मिले

जैसी सेवा करे, वैसा फल पावे

रुक : जैसी सेवा करे तैसा अलख , जिस तरह की ख़िदमत की जाये वैसा अज्र मिले

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में फ़स्ल-ए-ख़रीफ़ के अर्थदेखिए

फ़स्ल-ए-ख़रीफ़

fasl-e-KHariifفَصْلِ خَرِیف

स्रोत: अरबी

वज़्न : 22121

फ़स्ल-ए-ख़रीफ़ के हिंदी अर्थ

संज्ञा, स्त्रीलिंग

  • हिन्दुस्तान की वह फ़स्ल जिसमें मक्का, ज्वार, बाजरा और धान आदि उत्पन्न होता है, कतकिहाई

English meaning of fasl-e-KHariif

Noun, Feminine

  • the autumnal harvest of rice, millet etc. (the seed is sown at the commencement of the rainy season, and the crop is reaped about Oct-Nov)
  • the autumn

فَصْلِ خَرِیف کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

اسم، مؤنث

  • ہندی سال کے پہلے چھ مہینے جن میں جوار، باجرا، مونگ، موٹھ، دھان وغیرہ اناج ہوتے ہیں، اساڑہ سے اگہن تک کا زمانے جو اکتوبر سے نومبر تک رہتا ہے
  • ساؤنی

Urdu meaning of fasl-e-KHariif

  • Roman
  • Urdu

  • hindii saal ke pahle chhः mahiine jin me.n jvaar, baajraa, muung, muuTh, dhaan vaGaira anaaj hote hain, asaa.Daa se aghan tak ka zamaane jo aktuubar se navambar tak rahtaa hai
  • saa.uuNii

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सेवा

ख़िदमत

सेवा से मेवा मिलता

सेवा में महानता है

सेवा करे सो मेवा पावे

one who serves shall reap

सेवा करे सो मेवा पाए

one who serves shall reap

सीवाना

سوانا ، حد .

सेवा करना

सेवा करना, ख़िदमत बजा लाना, ख़िदमत करना

सेवालगी

سیوانگ سے منسوب .

सेवालिक

ارضیات، زمین کے طبقات میں سے ایک طبق اور بہاڑوں کے پتھر اور چٹانوں کی ایک تہہ کا نام جس پر کائی کی موٹی تہہ ہوتی ہے .

सीवारी

एक प्रकार की शकर जो सेवार घाँस से साफ़ की जाती है

सीवाना

(پٹواریاں) قیمت کا ایک کوڈ ، پوشیدہ لفظ .

स्यवाल

رک: سیوار .

बिन सेवा मेवा नहीं

ख़िदमत से अज़मत है

जो करे सेवा वो खाए मेवा

۔مثل۔ (ہندو) جو خدمت کرتا ہے وہی فائدہ اٹھاتا ہے۔

जो करे सेवा वही खाए मेवा

जो सेवा करता है वही लाभ उठाता है

गुरू-सेवा

गुरू की सेवा, शिक्षक, अध्यापक या वृद्ध की देख-भाल और टहल

पत-सेवा

पति के साथ स्त्री का प्यार या सेवा

चरण-सेवा

किसी बुज़ुर्ग या पूज्य व्यक्ति की चरण दबाकर सेवा, ख़िदमत, किसी पूज्य व्यक्ति के पैर दबाकर की जाने वाली सेवा

जहाँ बड़ी सेवा तहाँ ओछा फल

बड़ी ख़िदमत का कम सिला, बावजूद बड़ी मेहनत के फ़ायदा क़लील हो तो कहते हैं

कर सेवा तो खा मेवा

परिश्रम का फल सुख या हर्ष है

जो सेवा करे सो मेवा पाए

जो सेवा करता है वो लाभ उठाता है

राज-सेवा

राजा की सेवा, शाही मुलाज़मत, शाही नौकरी

पाद-सेवा

touching a person's feet as a mark of respect

ठाकुर-सेवा

देवता का पूजन और सेवा, देवता की ख़िदमत और पूजा

जैसी सेवा करे तैसा मेवा खाए

ख़िदमत से अज़मत है,ख़िदमत-ओ-मेहनत के मुताबिक़ माज़ा मिलता है

जैसी सेवा करे तैसा आस पड़े

ख़िदमत से अज़मत है,ख़िदमत-ओ-मेहनत के मुताबिक़ माज़ा मिलता है

जैसी सेवा करे, वैसा फल खावे

रुक : जैसी सेवा करे तैसा अलख , जिस तरह की ख़िदमत की जाये वैसा अज्र मिले

जैसी सेवा करे, वैसा फल पावे

रुक : जैसी सेवा करे तैसा अलख , जिस तरह की ख़िदमत की जाये वैसा अज्र मिले

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