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सौ मन का

बहुत भारी, अधिक वज़नी; (संकेतात्मक) जो बर्दाश्त के योग्य

लंका में जिसे देखा सो बावन गज़ का

लंका में जो राक्षस सबसे छोटे हैं उनकी भी ऊँचाई बावन गज़ से कम नहीं है बड़ों का कुछ कहना ही नहीं है, ऐसे स्थान पर प्रयुक्त जहाँ क्या छोटे क्या बड़े सब दुष्ट

लंका में जो छोटा सो बावन गज़ का

लंका में जो राक्षस सबसे छोटे हैं उनकी भी ऊँचाई बावन गज़ से कम नहीं है बड़ों का कुछ कहना ही नहीं है, ऐसे स्थान पर प्रयुक्त जहाँ क्या छोटे क्या बड़े सब दुष्ट

बारह बरस की कन्या और छटी रात का बर वो तो पीवे दूध है तेरा मन माने सो कर

जब वास्तविकता में पति बुरा है तो स्त्री को अधिकार है जो चाहे सो करे

सौ रूपए में एक बोतल का नशा होता है

दौलत इंसान को ग़ाफ़िल और मुतकब्बिर करदेती है

टहल करो माँ बाप की जो होएँ संपूरन आस, या टहल सो जो फिरें नरक उन्हों का बास

माँ बाप की सेवा करने वालों की सब उम्मीदें पूरी होती हैं जो उन की सेवा न करें वो नरक में जाते हैं

टुकड़ा सा तोड़ के हाथ में दे देना

लगी लिपटी ना रखना, साफ़ जवाब देना, दो टोक जवाब देना, इनकार करदेना

दिल में आई को रक्खे सो भड़वा

जो बात दिल में आए वह कह देनी चाहिए, जो व्यक्ति अप्रिय बात कहना चाहे तो वह भूमिका के रूप में कहता है

माँ रोवे तलवार के घाव से, बाप रोवे तीर के घाव से

अयोग्य एवं बदचलन संतान अपने माँ-बाप को सताती है

सच्ची बात सा'दुल्लाह कह सब के मन से उतरा रहे

बंदा तो सच्च ही बोलेगा ख़ाह लोगों को गिरां गुज़रे, सच्ची बात कहने वाले को लोग पसंद नहीं करते

तन्नूर से बचने के लिये भाड़ में गिर पड़े

थोड़ी मुसीबत से बचने के लिए बड़ी मुसीबत में पड़ना

जो गिरा खाई के अंदर सो पड़ा फेर में

जिस ने बईए की उच्चा पत् उठाई इस से पीछा छुड़ाना मुश्किल है

साजन हम तुम ऐक हैं देखत के हैं दो, मन से मन को तौल दो मन कदी न हो

हम तुम असल में एक हैं भले ही दो दिखाई देते हैं

बुढ़िया की शादी में सौ ख़तरे

जिसमें कोई दोष हो उसकी उद्देश्य प्राप्ति में बहुत सी रुकावटें पैदा होती रहती हैं

सत मान के बकरा लाए , कान पकड़ सर काटा , पूजा थी सो मालन ले गई , मूरत को धर चाटा

जो भेंट की बुत पर चढ़ाते हैं वो कमीने लोग खा जाते हैं

तड़के उठ कर खाट से छोड़ छाड़ सब काम, माला कर हाथ में जप साईं का नाम

अली उल-सुबह उठ कर पहले इबादत या पूजा करनी चाहिए

सच्ची बात सा'दुल्लाह कहे सब के मन से उतरा रहे

बंदा तो सच्च ही बोलेगा ख़ाह लोगों को गिरां गुज़रे, सच्ची बात कहने वाले को लोग पसंद नहीं करते

साँची बात सा'दुल्लाह कहे, सब के मन से उतरा रहे

सच्ची बात कहने वाले से सब नाख़ुश होते हैं, जो शख़्स सच्च बोले इस से सब घबराते हैं

लंका में छोटे से छोटा वो भी बावन गज़ का

लंका में जो राक्षस सबसे छोटे हैं उनकी भी ऊँचाई बावन गज़ से कम नहीं है बड़ों का कुछ कहना ही नहीं है, ऐसे स्थान पर प्रयुक्त जहाँ क्या छोटे क्या बड़े सब दुष्ट

तालिब ज़र का बे ज़रूर जग में ख़्वार हक़ से दूर

लालची दुनिया में ज़लील होता है और हक़ से दूर होता है

मैं तो उन के रग-ओ-रेशे से वाक़िफ़ हूँ

मैं उनके हालात अच्छी तरह जानता हूँ

मुझ को बूढ़िया न कहना कोई , मैं तो लाल पलंग पर सोई

रुक : मुझे बढ़िया ना कहो कोई अलख

दिल्ली से मैं आऊँ ख़बर कहे मेरा भाई, घर से आए कोई संदेसा दे कोई

ये कहावत उन लोगों के प्रति बोलते हैं जिन को किसी बात का ज्ञान होना आवश्यक समझा जाता है मगर वो लापरवाही या मूर्खता के कारण इस बात से अनभिज्ञ या अज्ञानी हों

सौ सौ मन के पाँव हो जाना

घबराहट या डर से चल न सकना

पाँव सौ सौ मन के हो जाना

be extremely tired, walk with great difficulty (because of fear or grief)

मोहब्बत के साए में

پیار و محبت کے ساتھ ، نیک اور اچھے سلوک سے ۔

गढ़े में से निकले और कुए में गिरे

कोई शख़्स किसी मुसीबत या किसी तकीफ़ से छुटकारा पा कर किसी दूसरी मुसबीयत में जो पहली जैसी या इस से बदतर हो गिरफ़्तार हो जाये तो बोलते हैं

दर्ज़ी की सूई कमख़्वाब में

इंसान की हालत बकसां नहीं रहती लिहाज़ा अदना दर्जे का काम करने में श्रम नहीं करनी जाहीए

जब तू न्याय की गद्दी पर बैठे तो अपने मन से तरफ़-दारी लालच और क्रोध को दूर कर

शासक को पक्षपात लालच और क्रोध नहीं करना चाहिए

घास के गट्ठे में सूई का ढूँडना

व्यर्थ परिश्रम करना, बेकार प्रयत्न करना असंभव कार्य है, कठिन है

पाँव सौ मन के हो जाना

चलने की क्षमता और शक्ति न रहना, चलना मुश्किल हो जाना

माँ के हेट में से

پیدائشی طور پر، ذاتی محنت کے بغیر.

साए में तलवार के ले लेना

तलवार की चपेट में लाना

सूई के नाके में ऊँट दाख़िल होना

किसी मुशकल और नामुमकिन बात का वक़ूअ पज़ीर होना

जिस दरख़्त के साए में बैठे उसी की जड़ काटे

जिससे लाभ उठाए उसीको नुक़्सान पहुँचाए, बहुत नमक हराम है

माँ के पेट से ले कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

कहने से बात पराई होती है, कहने को मुँह में ज़बान रखते हैं

सवाल का जवाब दे सकते हैं

कहे से कोई कुँएँ में नही गिरता

दूसरे के कहने से कोई नुक़्सान वाला काम नहीं करता, हर एक अपना अच्छा-बुरा ख़ूब समझता है

घाँस के ढेर में सूई होना

इस तरह खो जाना कि ढूंढना कठिन हो जाए, ऐसा लापता होना कि मिलना लगभग असंभव हो जाए

मेरी तरफ़ से उस के दिल में चोर है

उसे मुझ से ख़ौफ़ है, उसे मुझ से डर है

तलवों से लगना सर में जा के बुझना

۔(عو) سر سے پا تک غصے میں جلنا۔ سر تا پا جلنا۔ نہایت برافروخت ہونا۔

ज़हर के हाथ में लेने से बे खाए नहीं मरता

अपराध किए बिना दंड नही मिलता, जुर्म किए बिना सज़ा नहीं होती

तनूर से बचने के लिए भाड़ में गिरे

۔مثل۔ تھوڑی سی مصیبت سے بچنے کے لیے بڑی مصیبرت میں مُبتلا ہونا۔ (محصنات) ایک مگدر کو تو تم اٹھا نہ سکے جوڑی تم سے کیونکر ہلائی جائے گی۔ تمہاری وہی مثل ہے تنور سے بچنے کے لیے بھاڑ میں گِرے۔ دو بیبیوں کا رکھنا۔ کچھ آسان کام نہیں۔

जल में बसे कोधनी और चंदा बसे आकास, जो जन जा के मन बसे सो जन ता के पास

कमल का फूल पानी में रहता है और चाँद आसमान पर, जो किसी के दिल में रहता है वो मानो उन के पास है

लौंडी की ख़ोशामद से सुसराल में पास

कारिंदों के ख़ुश रखने से आक़ा भी राज़ी होता है

के साए में

under the shade (of)

सितारों के साए में

سِتاروں کی روشنی میں ، علی الصبح جبکہ ابھی شفق نمودار نہ ہوئی ہو۔

जल में बसे कमोदनी और चंदा बसे अकास, जो जन जा के मन बसे सो जन ता के पास

कमल का फूल पानी में रहता है और चाँद आसमान पर, जो किसी के दिल में रहता है वो मानो उन के पास है

माँ के पेट से सीख कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

सूई के नाके में से निकालना

इतनी तकलीफ़ पहुंचाना कि जिस्म गुल कर धागे की तरह कमज़ोर और नहीफ़ हो जाएगी

मौत के मुँह में से निकालना

किसी को कठिनाई या परेशानी से बचाना

साझे की सूई साँग में चले

हिस्सा दारों में सहमति नहीं होती, साझेदारों की चीज़ बुरी तरह इस्तेमाल होती है

मुर्दा दोज़ख़ में जाए कि बिहिश्त में , अपने हल्वे माँडे से मतलब

ख़ुदग़रज़ को अपने काम से काम है ख़ाह कोई मरे या जीए

माँ के पेट से सीख ले कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

डोम के घर ब्याह, मन आवे सो गा

दूसरी जगह जो भी अनुरोध हो गाना पड़ता है परंतु अपने घर में जो चाहो करो, अपने घर में सभी व्यक्ति अपनी इच्छा के मालिक होते हैं और जो चाहे कर सकते हैं

कायथों में सब से छोटे और भाँडों में सब से बड़े की कमबख़्ती है

कायथ छोटों से बहुत काम कराते हैं भांडों में बड़े को करना पड़ता है

ख़ुदा के घर में कौनसी शय नहीं

अल्लाह हर चीज़ पर क़ादिर है

प्रीत डगर जब पग रखा होनी होय सो होय, नेह नगर की रीत है तन मन दोनों खोय

प्रेम में भू-लोक एवं परलोक कहीं का होश नहीं रहता, मनुष्य बे-परवाह हो जाता है

साँचा सब के मन से उतरता है

सच्चा आदमी सब को बुरा लगता है

दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक देना

दूध की मक्खी जैसे हस्तक्षेप करने वाले व्यक्ति का बहिष्कार कर देना

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में डोम के घर ब्याह, मन आवे सो गा के अर्थदेखिए

डोम के घर ब्याह, मन आवे सो गा

Dom ke ghar byaah, man aave so gaaڈوم کے گَھر بیاہ، من آوے سو گا

कहावत

डोम के घर ब्याह, मन आवे सो गा के हिंदी अर्थ

  • दूसरी जगह जो भी अनुरोध हो गाना पड़ता है परंतु अपने घर में जो चाहो करो, अपने घर में सभी व्यक्ति अपनी इच्छा के मालिक होते हैं और जो चाहे कर सकते हैं
  • डोम एक गाने-बजाने वाली याचक ज़ाति है अकसर ये लोग बड़े अश्लील गीत गाते हैं इसी लिए कहा गया है

ڈوم کے گَھر بیاہ، من آوے سو گا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • دوسری جگہ تو جو فرمائش ہو گانا پڑتا ہے مگر اپنے گھر میں جو چاہو کرو، اپنے گھر میں ہر شخص اپنی مرضی کا مالک ہوتا ہے اور جو چاہے کرسکتا ہے
  • ڈوم ایک گا بجا کر مانگنے والی ذات ہے اور اکثر یہ لوگ بڑے فحش گیت گاتے ہیں اسی لیے کہا گیا ہے

Urdu meaning of Dom ke ghar byaah, man aave so gaa

  • Roman
  • Urdu

  • duusrii jagah to jo farmaa.ish ho gaanaa pa.Dtaa hai magar apne ghar me.n jo chaaho karo, apne ghar me.n har shaKhs apnii marzii ka maalik hotaa hai aur jo chaahe karasaktaa hai
  • Dom ekgaa bajaa kar maangne vaalii zaat hai aur aksar ye log ba.De fahash giit gaate hai.n isii li.e kahaa gayaa hai

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सौ मन का

बहुत भारी, अधिक वज़नी; (संकेतात्मक) जो बर्दाश्त के योग्य

लंका में जिसे देखा सो बावन गज़ का

लंका में जो राक्षस सबसे छोटे हैं उनकी भी ऊँचाई बावन गज़ से कम नहीं है बड़ों का कुछ कहना ही नहीं है, ऐसे स्थान पर प्रयुक्त जहाँ क्या छोटे क्या बड़े सब दुष्ट

लंका में जो छोटा सो बावन गज़ का

लंका में जो राक्षस सबसे छोटे हैं उनकी भी ऊँचाई बावन गज़ से कम नहीं है बड़ों का कुछ कहना ही नहीं है, ऐसे स्थान पर प्रयुक्त जहाँ क्या छोटे क्या बड़े सब दुष्ट

बारह बरस की कन्या और छटी रात का बर वो तो पीवे दूध है तेरा मन माने सो कर

जब वास्तविकता में पति बुरा है तो स्त्री को अधिकार है जो चाहे सो करे

सौ रूपए में एक बोतल का नशा होता है

दौलत इंसान को ग़ाफ़िल और मुतकब्बिर करदेती है

टहल करो माँ बाप की जो होएँ संपूरन आस, या टहल सो जो फिरें नरक उन्हों का बास

माँ बाप की सेवा करने वालों की सब उम्मीदें पूरी होती हैं जो उन की सेवा न करें वो नरक में जाते हैं

टुकड़ा सा तोड़ के हाथ में दे देना

लगी लिपटी ना रखना, साफ़ जवाब देना, दो टोक जवाब देना, इनकार करदेना

दिल में आई को रक्खे सो भड़वा

जो बात दिल में आए वह कह देनी चाहिए, जो व्यक्ति अप्रिय बात कहना चाहे तो वह भूमिका के रूप में कहता है

माँ रोवे तलवार के घाव से, बाप रोवे तीर के घाव से

अयोग्य एवं बदचलन संतान अपने माँ-बाप को सताती है

सच्ची बात सा'दुल्लाह कह सब के मन से उतरा रहे

बंदा तो सच्च ही बोलेगा ख़ाह लोगों को गिरां गुज़रे, सच्ची बात कहने वाले को लोग पसंद नहीं करते

तन्नूर से बचने के लिये भाड़ में गिर पड़े

थोड़ी मुसीबत से बचने के लिए बड़ी मुसीबत में पड़ना

जो गिरा खाई के अंदर सो पड़ा फेर में

जिस ने बईए की उच्चा पत् उठाई इस से पीछा छुड़ाना मुश्किल है

साजन हम तुम ऐक हैं देखत के हैं दो, मन से मन को तौल दो मन कदी न हो

हम तुम असल में एक हैं भले ही दो दिखाई देते हैं

बुढ़िया की शादी में सौ ख़तरे

जिसमें कोई दोष हो उसकी उद्देश्य प्राप्ति में बहुत सी रुकावटें पैदा होती रहती हैं

सत मान के बकरा लाए , कान पकड़ सर काटा , पूजा थी सो मालन ले गई , मूरत को धर चाटा

जो भेंट की बुत पर चढ़ाते हैं वो कमीने लोग खा जाते हैं

तड़के उठ कर खाट से छोड़ छाड़ सब काम, माला कर हाथ में जप साईं का नाम

अली उल-सुबह उठ कर पहले इबादत या पूजा करनी चाहिए

सच्ची बात सा'दुल्लाह कहे सब के मन से उतरा रहे

बंदा तो सच्च ही बोलेगा ख़ाह लोगों को गिरां गुज़रे, सच्ची बात कहने वाले को लोग पसंद नहीं करते

साँची बात सा'दुल्लाह कहे, सब के मन से उतरा रहे

सच्ची बात कहने वाले से सब नाख़ुश होते हैं, जो शख़्स सच्च बोले इस से सब घबराते हैं

लंका में छोटे से छोटा वो भी बावन गज़ का

लंका में जो राक्षस सबसे छोटे हैं उनकी भी ऊँचाई बावन गज़ से कम नहीं है बड़ों का कुछ कहना ही नहीं है, ऐसे स्थान पर प्रयुक्त जहाँ क्या छोटे क्या बड़े सब दुष्ट

तालिब ज़र का बे ज़रूर जग में ख़्वार हक़ से दूर

लालची दुनिया में ज़लील होता है और हक़ से दूर होता है

मैं तो उन के रग-ओ-रेशे से वाक़िफ़ हूँ

मैं उनके हालात अच्छी तरह जानता हूँ

मुझ को बूढ़िया न कहना कोई , मैं तो लाल पलंग पर सोई

रुक : मुझे बढ़िया ना कहो कोई अलख

दिल्ली से मैं आऊँ ख़बर कहे मेरा भाई, घर से आए कोई संदेसा दे कोई

ये कहावत उन लोगों के प्रति बोलते हैं जिन को किसी बात का ज्ञान होना आवश्यक समझा जाता है मगर वो लापरवाही या मूर्खता के कारण इस बात से अनभिज्ञ या अज्ञानी हों

सौ सौ मन के पाँव हो जाना

घबराहट या डर से चल न सकना

पाँव सौ सौ मन के हो जाना

be extremely tired, walk with great difficulty (because of fear or grief)

मोहब्बत के साए में

پیار و محبت کے ساتھ ، نیک اور اچھے سلوک سے ۔

गढ़े में से निकले और कुए में गिरे

कोई शख़्स किसी मुसीबत या किसी तकीफ़ से छुटकारा पा कर किसी दूसरी मुसबीयत में जो पहली जैसी या इस से बदतर हो गिरफ़्तार हो जाये तो बोलते हैं

दर्ज़ी की सूई कमख़्वाब में

इंसान की हालत बकसां नहीं रहती लिहाज़ा अदना दर्जे का काम करने में श्रम नहीं करनी जाहीए

जब तू न्याय की गद्दी पर बैठे तो अपने मन से तरफ़-दारी लालच और क्रोध को दूर कर

शासक को पक्षपात लालच और क्रोध नहीं करना चाहिए

घास के गट्ठे में सूई का ढूँडना

व्यर्थ परिश्रम करना, बेकार प्रयत्न करना असंभव कार्य है, कठिन है

पाँव सौ मन के हो जाना

चलने की क्षमता और शक्ति न रहना, चलना मुश्किल हो जाना

माँ के हेट में से

پیدائشی طور پر، ذاتی محنت کے بغیر.

साए में तलवार के ले लेना

तलवार की चपेट में लाना

सूई के नाके में ऊँट दाख़िल होना

किसी मुशकल और नामुमकिन बात का वक़ूअ पज़ीर होना

जिस दरख़्त के साए में बैठे उसी की जड़ काटे

जिससे लाभ उठाए उसीको नुक़्सान पहुँचाए, बहुत नमक हराम है

माँ के पेट से ले कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

कहने से बात पराई होती है, कहने को मुँह में ज़बान रखते हैं

सवाल का जवाब दे सकते हैं

कहे से कोई कुँएँ में नही गिरता

दूसरे के कहने से कोई नुक़्सान वाला काम नहीं करता, हर एक अपना अच्छा-बुरा ख़ूब समझता है

घाँस के ढेर में सूई होना

इस तरह खो जाना कि ढूंढना कठिन हो जाए, ऐसा लापता होना कि मिलना लगभग असंभव हो जाए

मेरी तरफ़ से उस के दिल में चोर है

उसे मुझ से ख़ौफ़ है, उसे मुझ से डर है

तलवों से लगना सर में जा के बुझना

۔(عو) سر سے پا تک غصے میں جلنا۔ سر تا پا جلنا۔ نہایت برافروخت ہونا۔

ज़हर के हाथ में लेने से बे खाए नहीं मरता

अपराध किए बिना दंड नही मिलता, जुर्म किए बिना सज़ा नहीं होती

तनूर से बचने के लिए भाड़ में गिरे

۔مثل۔ تھوڑی سی مصیبت سے بچنے کے لیے بڑی مصیبرت میں مُبتلا ہونا۔ (محصنات) ایک مگدر کو تو تم اٹھا نہ سکے جوڑی تم سے کیونکر ہلائی جائے گی۔ تمہاری وہی مثل ہے تنور سے بچنے کے لیے بھاڑ میں گِرے۔ دو بیبیوں کا رکھنا۔ کچھ آسان کام نہیں۔

जल में बसे कोधनी और चंदा बसे आकास, जो जन जा के मन बसे सो जन ता के पास

कमल का फूल पानी में रहता है और चाँद आसमान पर, जो किसी के दिल में रहता है वो मानो उन के पास है

लौंडी की ख़ोशामद से सुसराल में पास

कारिंदों के ख़ुश रखने से आक़ा भी राज़ी होता है

के साए में

under the shade (of)

सितारों के साए में

سِتاروں کی روشنی میں ، علی الصبح جبکہ ابھی شفق نمودار نہ ہوئی ہو۔

जल में बसे कमोदनी और चंदा बसे अकास, जो जन जा के मन बसे सो जन ता के पास

कमल का फूल पानी में रहता है और चाँद आसमान पर, जो किसी के दिल में रहता है वो मानो उन के पास है

माँ के पेट से सीख कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

सूई के नाके में से निकालना

इतनी तकलीफ़ पहुंचाना कि जिस्म गुल कर धागे की तरह कमज़ोर और नहीफ़ हो जाएगी

मौत के मुँह में से निकालना

किसी को कठिनाई या परेशानी से बचाना

साझे की सूई साँग में चले

हिस्सा दारों में सहमति नहीं होती, साझेदारों की चीज़ बुरी तरह इस्तेमाल होती है

मुर्दा दोज़ख़ में जाए कि बिहिश्त में , अपने हल्वे माँडे से मतलब

ख़ुदग़रज़ को अपने काम से काम है ख़ाह कोई मरे या जीए

माँ के पेट से सीख ले कर कोई नहीं आता

सीखा सिखाया कोई नहीं पैदा होता, काम सीखने ही से आता है

डोम के घर ब्याह, मन आवे सो गा

दूसरी जगह जो भी अनुरोध हो गाना पड़ता है परंतु अपने घर में जो चाहो करो, अपने घर में सभी व्यक्ति अपनी इच्छा के मालिक होते हैं और जो चाहे कर सकते हैं

कायथों में सब से छोटे और भाँडों में सब से बड़े की कमबख़्ती है

कायथ छोटों से बहुत काम कराते हैं भांडों में बड़े को करना पड़ता है

ख़ुदा के घर में कौनसी शय नहीं

अल्लाह हर चीज़ पर क़ादिर है

प्रीत डगर जब पग रखा होनी होय सो होय, नेह नगर की रीत है तन मन दोनों खोय

प्रेम में भू-लोक एवं परलोक कहीं का होश नहीं रहता, मनुष्य बे-परवाह हो जाता है

साँचा सब के मन से उतरता है

सच्चा आदमी सब को बुरा लगता है

दूध में से मक्खी की तरह निकाल कर फेंक देना

दूध की मक्खी जैसे हस्तक्षेप करने वाले व्यक्ति का बहिष्कार कर देना

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