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दिन-भर

तमाम दिन, सारा वक़्त, पूरे दिन

दिन भर में

पूरे दिन में, सभी रोज़

दिन भर पीसा और चपनी भर उठाया

ज़्यादा मेहनत की और सिला कम पाया यानी वक़्त ज़ाईअ किया

दिन भर माँगे दिया भर पाए

बदक़िस्मत आदमी कुत्ते मुताल्लिक़ कहते हैं

दिन भर ऊनी ऊनी , रात को चर्ख़ा पूनी

बेवक़त काम करना, दिन रायगां खोना और रात को काम करने बैठना

दिन भर चले अढ़ाई कोस

बहुत मंदगामी, सुस्ती पर व्यंग के तौर पर वाक्य है

दिन भर होना

सारा दिन तमाम हो जाना

दिन भरना

जीवन व्यतीत करना (प्रायः तंगी में) समय काटना, निश्चित समय पूरा करना

दिन-दिन भर

तमाम दिन सारा दिन, सुबह से शाम तक का वक़्त

दिन घड़ी भर आना

थोड़ा सा दिन चढ़ना, घड़ी भर दिन चढ़ना

घड़ी भर दिन आना

۔دیکھو دن گھڑی بھر آنا۔

सारा दिन पीसा चपनी भर उठया

मेहनत-ओ-मशक़्क़त बहुत हो मगर हासिल बहुत ही कम हो तो कहते हैं

सवेरे का टहलना दिन भर की ख़ुशी

सुबह की सैर सारा दिन इंसान को ख़ुश रखती है

सारे दिन पीसा , चपनी भर भी उठाया

बहुत मेहनत की और काम थोड़ा हुआ

घड़ी भर की बे-शर्मी, सारे दिन का आराम

बेशरम कुछ ना कुछ हासिल कर ही लेता है

घड़ी भर की बे-शर्मी, सारे दिन का आधार

बेशरम कुछ ना कुछ हासिल कर ही लेता है

उस पुरखा की बात पर न भरोसा रख, बर-बर झूट बोले जो दिन भर माँ सो लख

झूठे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए अर्थात जो हमेशा ही झूठ बोलता रहा हो उसका विश्वास न करें

उस पुरखा की बात पर नाह भरोसा राख, बार-बार जो बोले झूठ दिन भर माँ सौ लाख

झूठे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए अर्थात जो हमेशा ही झूठ बोलता रहा हो उसका विश्वास न करें

राम के भक्त काठ की गुड़िया, दिन भर ठक-ठक रात आए घुसकुरिया

पुजारियों पर व्यंग है कि ये लकड़ी की पुतली की तरह हैं दिन भर ठक-ठक होती रहती है रात को सो जाते हैं

राम के भगत काठ की गुड़िया, दिन भर ठक-ठक रात आए घुसकुरिया

पुजारियों पर व्यंग है कि ये लकड़ी की पुतली की तरह हैं दिन भर ठक-ठक होती रहती है रात को सो जाते हैं

देख पराई चोपड़ी गिर पड़ बे-ईमान, एक घड़ी की बे-हयाई दिन भर का आराम

लालची व्यक्ति के प्रति कहते हैं कि दूसरे का माल हथियाने का प्रयास करता है, अपमान की परवाह नहीं करता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में दिन भर पीसा और चपनी भर उठाया के अर्थदेखिए

दिन भर पीसा और चपनी भर उठाया

din bhar piisaa aur chapnii bhar uThaayaaدِن بَھر پِیسا اَور چَپْنی بَھر اُٹھایا

कहावत

दिन भर पीसा और चपनी भर उठाया के हिंदी अर्थ

  • ज़्यादा मेहनत की और सिला कम पाया यानी वक़्त ज़ाईअ किया

دِن بَھر پِیسا اَور چَپْنی بَھر اُٹھایا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • زیادہ محنت کی اور صلہ کم پایا یعنی وقت ضایع کیا .

Urdu meaning of din bhar piisaa aur chapnii bhar uThaayaa

  • Roman
  • Urdu

  • zyaadaa mehnat kii aur silaa kam paaya yaanii vaqt zaa.ea kiya

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दिन-भर

तमाम दिन, सारा वक़्त, पूरे दिन

दिन भर में

पूरे दिन में, सभी रोज़

दिन भर पीसा और चपनी भर उठाया

ज़्यादा मेहनत की और सिला कम पाया यानी वक़्त ज़ाईअ किया

दिन भर माँगे दिया भर पाए

बदक़िस्मत आदमी कुत्ते मुताल्लिक़ कहते हैं

दिन भर ऊनी ऊनी , रात को चर्ख़ा पूनी

बेवक़त काम करना, दिन रायगां खोना और रात को काम करने बैठना

दिन भर चले अढ़ाई कोस

बहुत मंदगामी, सुस्ती पर व्यंग के तौर पर वाक्य है

दिन भर होना

सारा दिन तमाम हो जाना

दिन भरना

जीवन व्यतीत करना (प्रायः तंगी में) समय काटना, निश्चित समय पूरा करना

दिन-दिन भर

तमाम दिन सारा दिन, सुबह से शाम तक का वक़्त

दिन घड़ी भर आना

थोड़ा सा दिन चढ़ना, घड़ी भर दिन चढ़ना

घड़ी भर दिन आना

۔دیکھو دن گھڑی بھر آنا۔

सारा दिन पीसा चपनी भर उठया

मेहनत-ओ-मशक़्क़त बहुत हो मगर हासिल बहुत ही कम हो तो कहते हैं

सवेरे का टहलना दिन भर की ख़ुशी

सुबह की सैर सारा दिन इंसान को ख़ुश रखती है

सारे दिन पीसा , चपनी भर भी उठाया

बहुत मेहनत की और काम थोड़ा हुआ

घड़ी भर की बे-शर्मी, सारे दिन का आराम

बेशरम कुछ ना कुछ हासिल कर ही लेता है

घड़ी भर की बे-शर्मी, सारे दिन का आधार

बेशरम कुछ ना कुछ हासिल कर ही लेता है

उस पुरखा की बात पर न भरोसा रख, बर-बर झूट बोले जो दिन भर माँ सो लख

झूठे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए अर्थात जो हमेशा ही झूठ बोलता रहा हो उसका विश्वास न करें

उस पुरखा की बात पर नाह भरोसा राख, बार-बार जो बोले झूठ दिन भर माँ सौ लाख

झूठे व्यक्ति पर कभी भरोसा नहीं करना चाहिए अर्थात जो हमेशा ही झूठ बोलता रहा हो उसका विश्वास न करें

राम के भक्त काठ की गुड़िया, दिन भर ठक-ठक रात आए घुसकुरिया

पुजारियों पर व्यंग है कि ये लकड़ी की पुतली की तरह हैं दिन भर ठक-ठक होती रहती है रात को सो जाते हैं

राम के भगत काठ की गुड़िया, दिन भर ठक-ठक रात आए घुसकुरिया

पुजारियों पर व्यंग है कि ये लकड़ी की पुतली की तरह हैं दिन भर ठक-ठक होती रहती है रात को सो जाते हैं

देख पराई चोपड़ी गिर पड़ बे-ईमान, एक घड़ी की बे-हयाई दिन भर का आराम

लालची व्यक्ति के प्रति कहते हैं कि दूसरे का माल हथियाने का प्रयास करता है, अपमान की परवाह नहीं करता

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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