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खाइए

भोजन करना, अपने से बड़े के लिए सम्मानसूचक शब्द

खाइए मन भाता, पहनिए जग भाता

कपड़ा फ़ैशन के अनुसार होना चाहिए और खाना अपनी इच्छानुसार

खाइए मन भाता और पहनिए जग भाता

खाना अपनी पसंद का अच्छा होता है और कपड़ा दूसरे की पसंद का, लिबास ज़माने की रविष के मुताबिक़ होना चाहिए

खाइए बड़ियाँ टाँगें रहें खड़ियाँ

मुक़व्वी ग़िज़ा खानी चाहिए

चुटके का खाइए, उकटे का न खाइए

माँग कर खाना बेहतर है उस का एहसान लेने से जो एहसान जताने वाला हो

मर्द का दिखाया न खाइए, मर्द का लाया खाइए

मुम्किन है कि मर्द अपनी शान दिखलाने को कुछ बढ़ कर बताए इस का एतबार ना करें , औरतों के लिए नसीहत है कि मर्द के सामने खाना ना चाहिए जो कुछ वो ले आए वो खाना चाहिए

पराया खाइये गा बजा और अपना खाइये टट्टी लगा

दूसरों का माल हँसी-ख़ुशी खाना चाहिए मगर अपना छुपा कर ताकि कोई और न सम्मलित हो जाए

हवा खाइए

जाईए, रुख़स्त हो जाईए, चलते बनीए

ख़ुश्का खाइए

रुख़सत हो, चलो, हटो, धमीक्यां ना दो

फूहड़ का माल सराह सराह खाइये

मूर्ख का माल चापलूस हँस-हँस कर खाते हैं

न ईंट डालिये न छींट खाइये

ना किसी को बुरा कहो ना किसी से बुरा सुनो , ना बुरे काम में पड़ते ना बदनामी होती

कपड़ा पहने जग भाता खाना खाइए मन भाता

कपड़ा फ़ैशन के अनुसार होना चाहिए और खाना अपनी इच्छानुसार

न ईंट डालिए न छींट खाईए

۔ مثل۔نہ موری میں اینٹ ڈالو گے نہ چھینٹ پڑے گی۔ نہ بُرا کہو نہ بُرا سنو۔

बड़ा बोल न बोलिये, बड़ा निवाला खाइये

घमंड करना और बड़ा निवाला तकलीफ़ पहुँचाने में दोनों समान हैं

मेरा हलवा खाईए

۔ (عو) یعنی اگر میرای کہا نہ مانے تو مجھے مُردہ دیکھے۔ مسلمان عورتیں قسم دلانے کی جگہ اس طرح کہا کرتی ہیں۔ ؎

दुनिया लीजिये मकर से , रोटी खाइये शकर से

दुनिया जाअल-ओ-फ़रेब से हासिल होती है, मकर-ओ-फ़रेब कीजीए ऐश से ज़िंदगी गुज़रेगी

मन भाता खाइए, जग भाता पहनये

खाना वो खाईए जो दिल को मर्ग़ूब हो और लिबास वो पहनना चाहिए जो दूसरों को पसंद हो , रुक : खाए मन भाता, पहने जग भाता

सौदा लीजिये देख कर और रोटी खाइए सेक कर

माल देख कर ख़रीदना चाहीए और रोटी गर्म कर के खानी चाहिए

हँस हँस खाइए फूहड़ का माल

मूर्ख का माल चापलूस हँस-हँस कर खाते हैं

जिस का खाइए अन पानी उस की कीजिए आबादानी

अपने आक़ा और मुहसिन की शुक्रगुज़ारी लाज़िम है

जिस का खाइए अन पानी उस की कीजिए आवादानी

अपने आक़ा और मुहसिन की शुक्रगुज़ारी लाज़िम है

बात कहिये जग भाती और रोटी खाइये मन भाती

खाने को तो मनुष्य जो चाहे खाए परंतु बात ऐसी करनी चाहिए जिससे लोग प्रसन्न हों अथवा जो लोगों को पसंद हो

अपने हाथ के बल बल जाइए जैसा मन हो तैसा खाइए

अपने हाथ का काम ठीक मन-मर्ज़ी के अनुसार होता है (कारीगर इच्छानुसार काम करने के बाद गर्व से कहता है

जिस का खाइए उसी का गाइए

۔مثل۔ جس سے فائدہ ہو اس کی تعریف وخوشامد کرنے کے محل پر بولتے ہیں۔

देखिए साँप की नज़र खाइए सोने का निवाला

अमीर आदमी की ख़ुशामद कर के आदमी मज़े करता है

मामा बन कमाइए और बीवी बन खाइए

ख़ुद काम करो और इस का फल पाओ, नौकर भी ख़ुद आक़ा भी ख़ुद

जिस मुँह से पान खाइए, उस मुँह से कोयले न चबाइए

जिस को एक बार अच्छा कहा जाए उसे बुरा नहीं कहना चाहिए

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में चुटके का खाइए, उकटे का न खाइए के अर्थदेखिए

चुटके का खाइए, उकटे का न खाइए

chuTke kaa khaa.iye ukTe kaa na khaa.iyeچُٹْکے کا کھائیے، اُکٹے کا نَہ کھائیے

अथवा : चुटके का खैये, उकटे का न खैये, चुटके का खाय, उकटे का न खाय

चुटके का खाइए, उकटे का न खाइए के हिंदी अर्थ

कथन

  • माँग कर खाना बेहतर है उस का एहसान लेने से जो एहसान जताने वाला हो
  • ग़रीब आदमी के यहाँ भले ही खा लें, पर ऐसे व्यक्ति के यहाँ न खाएँ जो खिलाकर एहसान जताए

    विशेष उकटा=एहसान जताने वाला। चुटका= चुटकी माँग पर पेट भरने वाला, ग़रीब।

چُٹْکے کا کھائیے، اُکٹے کا نَہ کھائیے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

قول

  • مان٘گ کر کھانا بہتر ہے اُس کا احسان لینے سے جو احسان جتانے والا ہو
  • غریب آدمی کے یہاں بھلے ہی کھا لیں لیکن ایسے شخص کے یہاں نہ کھائیں جو کھلا کر احسان جتائے

Urdu meaning of chuTke kaa khaa.iye ukTe kaa na khaa.iye

  • Roman
  • Urdu

  • maang kar khaanaa behtar hai is ka ehsaan lene se jo ehsaan jataane vaala ho
  • Gariib aadamii ke yahaa.n bhale hii kha le.n lekin a.ise shaKhs ke yahaa.n na khaa.ii.n jo khilaa kar ehsaan jataa.e

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भोजन करना, अपने से बड़े के लिए सम्मानसूचक शब्द

खाइए मन भाता, पहनिए जग भाता

कपड़ा फ़ैशन के अनुसार होना चाहिए और खाना अपनी इच्छानुसार

खाइए मन भाता और पहनिए जग भाता

खाना अपनी पसंद का अच्छा होता है और कपड़ा दूसरे की पसंद का, लिबास ज़माने की रविष के मुताबिक़ होना चाहिए

खाइए बड़ियाँ टाँगें रहें खड़ियाँ

मुक़व्वी ग़िज़ा खानी चाहिए

चुटके का खाइए, उकटे का न खाइए

माँग कर खाना बेहतर है उस का एहसान लेने से जो एहसान जताने वाला हो

मर्द का दिखाया न खाइए, मर्द का लाया खाइए

मुम्किन है कि मर्द अपनी शान दिखलाने को कुछ बढ़ कर बताए इस का एतबार ना करें , औरतों के लिए नसीहत है कि मर्द के सामने खाना ना चाहिए जो कुछ वो ले आए वो खाना चाहिए

पराया खाइये गा बजा और अपना खाइये टट्टी लगा

दूसरों का माल हँसी-ख़ुशी खाना चाहिए मगर अपना छुपा कर ताकि कोई और न सम्मलित हो जाए

हवा खाइए

जाईए, रुख़स्त हो जाईए, चलते बनीए

ख़ुश्का खाइए

रुख़सत हो, चलो, हटो, धमीक्यां ना दो

फूहड़ का माल सराह सराह खाइये

मूर्ख का माल चापलूस हँस-हँस कर खाते हैं

न ईंट डालिये न छींट खाइये

ना किसी को बुरा कहो ना किसी से बुरा सुनो , ना बुरे काम में पड़ते ना बदनामी होती

कपड़ा पहने जग भाता खाना खाइए मन भाता

कपड़ा फ़ैशन के अनुसार होना चाहिए और खाना अपनी इच्छानुसार

न ईंट डालिए न छींट खाईए

۔ مثل۔نہ موری میں اینٹ ڈالو گے نہ چھینٹ پڑے گی۔ نہ بُرا کہو نہ بُرا سنو۔

बड़ा बोल न बोलिये, बड़ा निवाला खाइये

घमंड करना और बड़ा निवाला तकलीफ़ पहुँचाने में दोनों समान हैं

मेरा हलवा खाईए

۔ (عو) یعنی اگر میرای کہا نہ مانے تو مجھے مُردہ دیکھے۔ مسلمان عورتیں قسم دلانے کی جگہ اس طرح کہا کرتی ہیں۔ ؎

दुनिया लीजिये मकर से , रोटी खाइये शकर से

दुनिया जाअल-ओ-फ़रेब से हासिल होती है, मकर-ओ-फ़रेब कीजीए ऐश से ज़िंदगी गुज़रेगी

मन भाता खाइए, जग भाता पहनये

खाना वो खाईए जो दिल को मर्ग़ूब हो और लिबास वो पहनना चाहिए जो दूसरों को पसंद हो , रुक : खाए मन भाता, पहने जग भाता

सौदा लीजिये देख कर और रोटी खाइए सेक कर

माल देख कर ख़रीदना चाहीए और रोटी गर्म कर के खानी चाहिए

हँस हँस खाइए फूहड़ का माल

मूर्ख का माल चापलूस हँस-हँस कर खाते हैं

जिस का खाइए अन पानी उस की कीजिए आबादानी

अपने आक़ा और मुहसिन की शुक्रगुज़ारी लाज़िम है

जिस का खाइए अन पानी उस की कीजिए आवादानी

अपने आक़ा और मुहसिन की शुक्रगुज़ारी लाज़िम है

बात कहिये जग भाती और रोटी खाइये मन भाती

खाने को तो मनुष्य जो चाहे खाए परंतु बात ऐसी करनी चाहिए जिससे लोग प्रसन्न हों अथवा जो लोगों को पसंद हो

अपने हाथ के बल बल जाइए जैसा मन हो तैसा खाइए

अपने हाथ का काम ठीक मन-मर्ज़ी के अनुसार होता है (कारीगर इच्छानुसार काम करने के बाद गर्व से कहता है

जिस का खाइए उसी का गाइए

۔مثل۔ جس سے فائدہ ہو اس کی تعریف وخوشامد کرنے کے محل پر بولتے ہیں۔

देखिए साँप की नज़र खाइए सोने का निवाला

अमीर आदमी की ख़ुशामद कर के आदमी मज़े करता है

मामा बन कमाइए और बीवी बन खाइए

ख़ुद काम करो और इस का फल पाओ, नौकर भी ख़ुद आक़ा भी ख़ुद

जिस मुँह से पान खाइए, उस मुँह से कोयले न चबाइए

जिस को एक बार अच्छा कहा जाए उसे बुरा नहीं कहना चाहिए

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