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"चंचल नार की चाल छुपे नाहीं नीच छुपे न बढ़पन पाए, जोगी का भेक नीक धरो कोई क्रम छुपे ना भभूत रमाए" शब्द से संबंधित परिणाम
हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में चंचल नार की चाल छुपे नाहीं नीच छुपे न बढ़पन पाए, जोगी का भेक नीक धरो कोई क्रम छुपे ना भभूत रमाए के अर्थदेखिए
चंचल नार की चाल छुपे नाहीं नीच छुपे न बढ़पन पाए, जोगी का भेक नीक धरो कोई क्रम छुपे ना भभूत रमाए
chanchal naar kii chaal chhupe naahii.n niich chupe na ba.Dhpan paa.e, jogii kaa bhek niik dharo ko.ii karm chhupe na bhabhuut ramaa.e•چنچل نار کی چال چھپے ناہیں نیچ چھپے نہ بڑھپن پائے، جوگی کا بھیک نیک دھرو کوئی کرم چھپے نا بھبوت رمائے
अथवा : चंचल नार की चाल छिपे नहीं नीच छिपे न बड़प्पन पाय, जोगी का भेक नीक धरो कोई करम छिपे ना भभूत रमाय
कहावत
चंचल नार की चाल छुपे नाहीं नीच छुपे न बढ़पन पाए, जोगी का भेक नीक धरो कोई क्रम छुपे ना भभूत रमाए के हिंदी अर्थ
- कमीनी स्त्री चाल से ही प्रतीत हो जाती है, कमीना चाहे कितना बड़ा हो छुप नहीं सकता
-
जोगी के कपड़े पहनने और भभूत मलने से बुरे काम छुप नहीं सकते आश्य ये है कि वास्तविक्ता प्रकट हो जाती है
विशेष • भेक= भेष।
چنچل نار کی چال چھپے ناہیں نیچ چھپے نہ بڑھپن پائے، جوگی کا بھیک نیک دھرو کوئی کرم چھپے نا بھبوت رمائے کے اردو معانی
- Roman
- Urdu
- بدمعاش عورت چال سے ظاہر ہو جاتی ہے، کمینہ چاہے کتنا بڑا ہو چھپ نہیں سکتا
- جوگی کے کپڑے پہننے اور بھبھوت ملنے سے برے کام نہیں چھپ سکتے مطلب یہ ہے کہ اصلیت ظاہر ہو جاتی ہے
Urdu meaning of chanchal naar kii chaal chhupe naahii.n niich chupe na ba.Dhpan paa.e, jogii kaa bhek niik dharo ko.ii karm chhupe na bhabhuut ramaa.e
- Roman
- Urdu
- badmaash aurat chaal se zaahir ho jaatii hai, kamiina chaahe kitnaa ba.Daa ho chhup nahii.n saktaa
- jogii ke kap.De pahanne aur bhabhuut milne se bure kaam nahii.n chhap sakte matlab ye hai ki asliiyat zaahir ho jaatii hai
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जोगी जोगी लड़ेंगे खपरों का मुफ़्त में नुक़्सान होगा
बड़ों के झगड़े फ़साद में छोटों का नुक़्सान होता है, जब मुतख़ासिमीन के तनाज़ा से औरों को ज़रर पहुंचे तो ये मिसल बोलते हैं
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राजा जोगी, अग्नि जल उनकी उल्टी रीत
राजा, जोगी, आग और पानी का कोई एतबार नहीं करना चाहीए इन की मुहब्बत थोड़ी होती है ये किसी वक़्त भी नुकसान पहुंचा सकते हैं
राजा जोगी, अगन जल उनकी उल्टी रीत
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मुंडा जोगी और पिसी दवा पहचाने नहीं जाते
सर मुंडे हुए जोगी के रंग-रूप से प्रतीत नहीं होता कि उस का बातिन अर्थात भीतर कैसा है जैसे कि पिसी हुई दवा को देख कर पता नहीं चलता कि क्या चीज़ है
गाँव का जोगी जोगना अन गाँव का सिध
वतन में इंसान की क़दर नहीं होती, वतन से बाहर होती है, अपनी चीज़ की क़दर नहीं होती, अपनों की निसबत ग़ैरों की क़दर-ओ-मंजिलत ज़्यादा होती है
एक बार जोगी, दो बार भोगी, तीन बार रोगी
जोगी दिन में एक बार और भोगी दो बार शौच जाता है, इससे अधिक बार जाए तो उसे रोगी समझना चाहिए
घर रहे न तीरथ गए मूँड मूँडा के जोगी भए
किसी काम के न रहे सारी मेहनत बेकार गई, मुफ़्त का अपमान हुआ लाभ कोई न हुआ
पहले पीवे जोगी, बीच में पीवे भोगी, पीछे पीवे रोगी
खाने खाने में जोगी पहले पानी पीता है तंदरुस्त और ख़ुश ख़ौर दरमयान में, और बीमार बाद में
राज हट , बालक हट , तिर्या हट , जोगी हट
राजा, बच्चा औरत और फ़क़ीर जो दिल में आए करते हैं किसी की नहीं मानते
क्या सोवे राजा का पूत, क्या सोवे जोगी का अवभूत
आराम से या तो राजा का बेटा सविता है या फ़क़ीर का क्योंकि उन को कोई फ़िक्र नहीं होती
क्या सोवे राजा का पूत, क्या सोवे जोगी का अबधूत
आराम से या तो राजा का बेटा सविता है या फ़क़ीर का क्योंकि उन को कोई फ़िक्र नहीं होती
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राँड साँड, जोगी, सेढ़ी, सन्यासी, उनसे बचे तो लेवे काशी
रांड, सांड, बुलंद सीढ़ी और सन्यासियों का ख़ौफ़ ज़्यादा होता है दुनिया में ये चीज़ें इंसान को नुक़्सान पहुंचाती हैं अगर उन से बच्चे तो ख़ुदा की इबादत करने चाहिए
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चंचल नार की चाल छुपे नाहीं नीच छुपे न बढ़पन पाए, जोगी का भेक नीक धरो कोई क्रम छुपे ना भभूत रमाए
कमीनी स्त्री चाल से ही प्रतीत हो जाती है, कमीना चाहे कितना बड़ा हो छुप नहीं सकता
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saadiq
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.صادِق
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ख़ाल-ख़ाल
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insaanii
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.باب
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[ Laila ki mohabbat mein Qias viran ilaqe mein akele ghuma karta tha ]
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.حَقِیقَتاً
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.پَرْچَم
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kaazib
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.کاذِب
liar, mendacious, pseudo
[ Urdu mein jhuta, darogh-go kaazib hota hai ]
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