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चमार

एक जाति या समाज जिसके सदस्य प्राचीन समय में चमड़े की चीज़ों को बनाने तथा बेचने का व्यवसाय करते थे; चर्मकार

चमारी

चमार की स्त्री

चमारनी

चमारी

चमार-चौदस

चार दिन का जलसा

चमार-चौधर

चमारों का सभा

चमार-चर्म का यार

हर कोई अपना पेशा पसंद करता है

चमार की जोरू और टूटी जूनी

गंदी बात, अनुचित बात

चमार की छोकरी चंदन नाम

विपरीत नाम, अनुचित बात या कार्य

चमार को दीवाली में भी बेगार

बदक़िस्मत आदमी के के लिए कहते हैं जिसे कहीं भी फ़ायदा ना हो

चमार के देवता को चप्पल की पूचा चाहिये

जो जैसा है वैसा ही उसके साथ व्यवहार किया जाना चाहिए

चमार के कोसे ढोर नहीं मरते

बद्दुआ देने से किसी को नुक़सान नहीं होता

चमार को 'अर्श बेगार उतरती है

विवश या निर्धन की हर स्थान पर दुर्भाग्य है

चमार को चमड़े का सिक्का

जैसा आदमी होता है उसी के अनुसार इनाम पाता है

चमारों के कोसे ढोर नहीं मरते

श्राप देने से किसी की हानि नहीं होती

चमारन

رک : چماری .

चमार चौदस करना

चमारों की तरह चौदस का त्योहार जो कभी कभी आता है धूम धाम से मनाना

चमार चौदस मचाना

चमारों की तरह चौदस का त्योहार जो कभी कभी आता है धूम धाम से मनाना

चमार का नाम जग जतन

तुच्छ होकर उत्कृष्टता का दावा

चूहड़ा-चमार

नीच जाति का आदमी, घटिया, तुच्छ

कस्या-चमार

मृत पशुओं की खालों का व्यापार करने वाला चमार

मक्खी मार बड़ा चमार

निर्धन को सताने वाला बड़ा कमीना समझा जाता है

बाँस गुन बसोर चमार गुन आधोर

बाँस की अच्छाई जंगल में और चमार की अच्छाई चमड़े के गोदाम में प्रकट होती है, हर चीज़ अपनी-अपनी जगह पर बहुत अच्छी लगती है

चार दिन की चमार चौदस है

कमीना या नीच की कुछ दिनों प्रसन्नता पर बोलते हैं, थोड़े दिन के लिए यह बात विख्यात है

लजाऊ मरे ढिटाऊ जिये गंगा जल चमार पिये

ग़ैरत मंद मरते हैं और बेग़ैरत अपना काम बनाते हैं कमीनों के हिस्से में आजकल मुरातिब हैं, उलटा ज़माना है

चूना और चमार कूटे ही ठीक रहता है

चूने को जितना ज़्यादा कूटें उतना ही मज़बूत होता है, चमार को जूते लगते रहें तो दुरुस्त रहता है

कंधे डाली झोली, चमार छोड़ा न कोई

जब मांगने पर आए तो ग़ैरत कैसी, ज़लील काम करने से ग़ैरत मिट जाती है, भीक मांगने वाले बेग़ैरत होते हैं

चंदन पड़ा चमार के नित उठ कूटे चाम, रो रो चंदन मही फिरे पड़ा नीच से काम

अच्छी चीज़ नाक़द्र शनास के हाथ लग जाये-ओ-वो क़दर नहीं करता और फ़ुज़ूल कामों में इस्तिमाल करता है

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में चमार को 'अर्श बेगार उतरती है के अर्थदेखिए

चमार को 'अर्श बेगार उतरती है

chamaar ko 'arsh begaar utartii haiچَمار کو عَرش بیگار اُتَرتی ہے

कहावत

चमार को 'अर्श बेगार उतरती है के हिंदी अर्थ

  • विवश या निर्धन की हर स्थान पर दुर्भाग्य है
  • आदमी जिस काम का होता है उस से वही काम लिया जाता है

چَمار کو عَرش بیگار اُتَرتی ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • مجبور یا غریب کی ہر جگہ کمبختی ہے
  • آدمی جس کام کا ہوتا ہے اس سے وہی کام لیا جاتا ہے

Urdu meaning of chamaar ko 'arsh begaar utartii hai

  • Roman
  • Urdu

  • majbuur ya Gariib kii har jagah kambaKhtii hai
  • aadamii jis kaam ka hotaa hai is se vahii kaam liyaa jaataa hai

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चमार

एक जाति या समाज जिसके सदस्य प्राचीन समय में चमड़े की चीज़ों को बनाने तथा बेचने का व्यवसाय करते थे; चर्मकार

चमारी

चमार की स्त्री

चमारनी

चमारी

चमार-चौदस

चार दिन का जलसा

चमार-चौधर

चमारों का सभा

चमार-चर्म का यार

हर कोई अपना पेशा पसंद करता है

चमार की जोरू और टूटी जूनी

गंदी बात, अनुचित बात

चमार की छोकरी चंदन नाम

विपरीत नाम, अनुचित बात या कार्य

चमार को दीवाली में भी बेगार

बदक़िस्मत आदमी के के लिए कहते हैं जिसे कहीं भी फ़ायदा ना हो

चमार के देवता को चप्पल की पूचा चाहिये

जो जैसा है वैसा ही उसके साथ व्यवहार किया जाना चाहिए

चमार के कोसे ढोर नहीं मरते

बद्दुआ देने से किसी को नुक़सान नहीं होता

चमार को 'अर्श बेगार उतरती है

विवश या निर्धन की हर स्थान पर दुर्भाग्य है

चमार को चमड़े का सिक्का

जैसा आदमी होता है उसी के अनुसार इनाम पाता है

चमारों के कोसे ढोर नहीं मरते

श्राप देने से किसी की हानि नहीं होती

चमारन

رک : چماری .

चमार चौदस करना

चमारों की तरह चौदस का त्योहार जो कभी कभी आता है धूम धाम से मनाना

चमार चौदस मचाना

चमारों की तरह चौदस का त्योहार जो कभी कभी आता है धूम धाम से मनाना

चमार का नाम जग जतन

तुच्छ होकर उत्कृष्टता का दावा

चूहड़ा-चमार

नीच जाति का आदमी, घटिया, तुच्छ

कस्या-चमार

मृत पशुओं की खालों का व्यापार करने वाला चमार

मक्खी मार बड़ा चमार

निर्धन को सताने वाला बड़ा कमीना समझा जाता है

बाँस गुन बसोर चमार गुन आधोर

बाँस की अच्छाई जंगल में और चमार की अच्छाई चमड़े के गोदाम में प्रकट होती है, हर चीज़ अपनी-अपनी जगह पर बहुत अच्छी लगती है

चार दिन की चमार चौदस है

कमीना या नीच की कुछ दिनों प्रसन्नता पर बोलते हैं, थोड़े दिन के लिए यह बात विख्यात है

लजाऊ मरे ढिटाऊ जिये गंगा जल चमार पिये

ग़ैरत मंद मरते हैं और बेग़ैरत अपना काम बनाते हैं कमीनों के हिस्से में आजकल मुरातिब हैं, उलटा ज़माना है

चूना और चमार कूटे ही ठीक रहता है

चूने को जितना ज़्यादा कूटें उतना ही मज़बूत होता है, चमार को जूते लगते रहें तो दुरुस्त रहता है

कंधे डाली झोली, चमार छोड़ा न कोई

जब मांगने पर आए तो ग़ैरत कैसी, ज़लील काम करने से ग़ैरत मिट जाती है, भीक मांगने वाले बेग़ैरत होते हैं

चंदन पड़ा चमार के नित उठ कूटे चाम, रो रो चंदन मही फिरे पड़ा नीच से काम

अच्छी चीज़ नाक़द्र शनास के हाथ लग जाये-ओ-वो क़दर नहीं करता और फ़ुज़ूल कामों में इस्तिमाल करता है

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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