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बन बन के

طرحداری سے ، ناز و ادا کے ساتھ ، اکڑ اکڑ کے

बन बना के

ہونے کے باوجود یا بعد ، ہو کر ؛ تیار ہو کے ، بن سن٘ور کے ، بن ٹھن کے

धुवाँ बन के उड़ना

मिट जाना, मादूम हो जाना, बेअसर हो जाना

लहू बन के दौड़ना

۱. क़तल का छिप ना सकना, ज़ाहिर हो जाना, साबित हो जाना

काँटा बन के खटकना

अच्छा न लगना, बुरा लगना

दुल्हन बन के चलना

नाज़ अंदाज़ से चलना, सुर्ख़ लिबास पहन के चलना, सज सजा कर चलना

बन के जाए सदा बन में नहीं रहते

यह व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो विकास करके समृद्ध और धनवान बन जाए

धुवाँ बन के उड़ा जाना

मिट जाना, मादूम हो जाना, बेअसर हो जाना

जूता बन के उठना

मार धाड़ करना, युद्ध के लिए तैयार होना

आए बड़े वो बन के

बिना किसी अधिकार के हस्तक्षेप करना, अभिमान, डींग मारने या बड़कपन जताने के व्यंग्यात्मक उत्तर रूप में प्रयुक्त

पुतली बन के रह जाना

۔ ساکت رہ جانا۔ ؎

बन ठन के

بان٘کا چھیلا بن کر ، بن سنور کر ، سج سجا کر۔

आँखों में काजल बन के फिरना

आँखों में समा जाना

धन्ना सेठ बन के बैठना

अत्यंत धनवान और प्रभावशाली होना

बेटा बन के सब ने खाया है, बाप बन के कोई नहीं खाता

छोटा बन कर मतलब निकाला जाता है बड़ा बन कर नहीं

साया बन के साथ रहना

साए की तरह साथ लगे रहना, हर समय साथ रहना, किसी समय पर अलग न होना

बेटा बन के सब खाते हैं, बाप बन के किसी ने नहीं खाया

छोटा बन कर मतलब निकाला जाता है बड़ा बन कर नहीं

बेटा बन के सब ने खाया है, बाप बन के किसी ने नहीं खाया

छोटा बन कर मतलब निकाला जाता है बड़ा बन कर नहीं

बन बन कर

نمایشی طور پر ، بناوٹ سے ، دکھاوے کے لیے۔

बंदर के हाथ नारियल लगा, पंसारी बन बैठा

ज़रा सी बात पर घमंड करने लगा

घर के जले बन में गए बन में लागी आग, बन बिचारा क्या करे जो हैं हमारे भाग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

घर के जले बन गए बन में लागी आग, बन बिचारा क्या करे जो कर्मों लागी आग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

हल्दी की गिरह ले के पंसारी बन बैठना

थोड़ी सी पूँजी पर नाज़ाँ होना, उमूमन इस महल पर बोलते हैं जब कोई नाक़िस अपने आपको कामिल जाने

हल्दी की गिरह पा के पंसारी बन जाना

थोड़ा सामान हासिल कर के बहुत ज़्यादा इमारत का इज़हार करना

हल्दी की गाँठ ले के पंसारी बन बैठना

रुक : हल्दी की गिरह लेकर पंसारी बिन बैठना

घर के जले बन गए बन में लागी आग और बन बिचारा क्या करे जो कर्मों लागी आग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

जिस के सर पर जूता रख दिया वही बादशाह बन गया

जिस पर कृपा दृष्टि होती है वही तरक़्क़ी पाता है, अपने या किसी और की प्रशंसा में कहते हैं

बाँ बाँ करना

बकवास करना, व्यर्थ बातें करना

चूहे के हाथ हल्दी लगी वो भी पंसारी बन बैठा

थोड़ी सी पूंजी हाथ लगने पर इतराना

चूहे के हाथ हल्दी की गिरह लगी वो पंसारी बन बैठा

थोड़ी सी पूंजी हाथ लगने पर इतराना

पलंग के बान तोड़ना

۔ (ओ) बेकार बैठे रहना। (फ़िक़रा) अमीर ख़ानम ने कहा कि बीवी में बेख़बर लिए तो जाने की नहीं ना मेरे जाने से कोई काम अटका रहेगा। ख़ाली पलंग पर बैठी चारपाई के बाण तोड़ा करती हूँ

चूहे के हाथ लगी हल्दी की गिरह पंसारी बन बैठा

थोड़ी सी पूंजी हाथ लगने पर इतराना

चारपाई के बान तोड़ना

रुक : चारपाई तोड़ना

चूहे के हाथ लगी हल्दी की गिरह पंसारी ही बन बैठा

थोड़ी सी पूंजी हाथ लगने पर इतराना

जिस के पेशे में बान वो बड़ा शैतान

जिस पेशावर के नाम के साथ बाण का लफ़्ज़ हो (जैसे : फ़ीलबान, गाड़ी बाण वग़ैरा) वो अक्सर बड़ा शरीर होता है

नानी तो कवारी ही मर गई नवासी के सौ सौ बान

بان شادی سے پہلے نہانے کو کہتے ہیں، نو دولت کے متعلق کہتے ہیں

नानी तो कुवारी ही मर गई, नवासी के साढ़े सतरा बान

(बाण शादी से पहले नहाने को कहते हैं) नव दौलत आदमी के मुताल्लिक़ कहा जाता है जो एक दम शेखी आ जाए

जैसे ऊधो वैसे बान, न उन के चोटी न उन के कान

दोनों एक से हैं

नानी तो कुवारी ही मर गई, नवासी के सौ सौ बान

(बाण शादी से पहले नहाने को कहते हैं) नव दौलत आदमी के मुताल्लिक़ कहा जाता है जो एक दम शेखी आ जाए

बिन गांड़ का बधना

ऐसे व्यक्ति के प्रति कहते हैं जिस में हिम्मत या साहस न हो या जो मंदबुद्धि या दुर्बल हो

बिन कौड़ी बिन पैसे का तमाशा

बिना ख़र्च किए मज़ा लेने का मौक़ा

बिन कौड़ी बिन पैसे का तमाशा

बिना व्यय कैसे आनंदित होने का अवसर

बिन दामों का ग़ुलाम

आज्ञाकारी, फ़रमाँबर्दार, बगै़र कुछ लिए काम करने वाला

कौड़ी ना रख कफ़न को बिज्जू की शक़्ल बन रह

अपव्ययी के पास कुछ नहीं होता

बन पड़े की

اپنے بس کی ، قابو کی

'ऊज बिन 'उनुक़ की टाँग

(استعارۃً) وہ لمبی اور طولانی بات جو ختم ہونے میں نہ آئے ، (عوج بن عنق کی جانب تلمیح) ۔

कौड़ी ना रख कफ़न को (बिज्जू की शक़्ल बन रह)

अपव्ययी के पास कुछ नहीं होता

बिन रुके बैद की घोड़ी न चले

मनुष्य अपनी 'आदत एवं स्वभाव के अनुसार ही काम करता है, हकीम की घोड़ी जगह जगह रुकती है

भैंस के आगे बीन बजाए भैंस पड़ी पखराए

ना अहल या नादान के सामने हुनर दिखाना बेसूद है , बेवक़ूफ़ के आगे हुनर दिखाने की कुछ क़दर नहीं होती

नया बान का ताड़ की तलवार

۔मिसल। नए हौसला वाले की सब बातें निराली होती हैं। कमज़र्फ़ अपना ज़र्फ़ दिखाए बगै़र नहीं रहता

बान वाले की बान न जाए, कुत्ता मूते टाँग उठाए

बुरी लत कभी नहीं छूटती

छींकते छींकते नाक नक-छकनी की झाड़ी बन गई

बहुत छींकें ता बड़ तोड़ आएं

कोरे घड़े का चूहा बन जाना

मुसीबत में फँस जाना, आपदा में फँस जाना, असहाय और लाचार हो जाना

बिन बिद्या के नर और नार, जैसे गधा कुम्हार

अज्ञानी मूर्ख होता है

बिन दामों की लाैंडी

आज्ञाकारी, बगै़र कुछ लिए काम करने वाली

बिन माँ का बच्चा

वह बच्चा जिसकी माँ मर चुकी हो माँ के छाए से वंचित, वह बालक जिसकी माँ न हो

बिन टोंटी का बधना

कुरूप, अटपटा, बेतुका

बिन माँ का बच्ची

وہ بچہ جس کی ماں مرچکی ہو ماں کے سایے سے محروم ، یسیر ۔

दिल की गिरह बन जाना

उम्र भर की चुभन हो जाना, हमेशा के लिए तकलीफ़ का कारण होना

जिस के पेशा में बाण वो बड़ा शैतान

۔مقولہ۔ جس پیشہ ور کے نام کے ساتھ بان کا لفظ ہوتا ہے وہ بڑا شریر ہوتا ہے۔

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बिन गांड़ का बधना के अर्थदेखिए

बिन गांड़ का बधना

bin gaa.n.D kaa badhnaaبن گانڑ کا بدھنا

कहावत

बिन गांड़ का बधना के हिंदी अर्थ

  • ऐसे व्यक्ति के प्रति कहते हैं जिस में हिम्मत या साहस न हो या जो मंदबुद्धि या दुर्बल हो
  • जिसका कोई सिद्धांत अथवा नियम न हो
  • बिना तली का लोटा, दुर्बल चरित्र का आदमी

بن گانڑ کا بدھنا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ایسے شخص کے متعلق کہتے ہیں جس میں ہمت یا حوصلہ نہ ہو یا جو کم عقل یا کمزور ہو
  • جس کا کوئی اصول نہ ہو
  • بغیر تلی کا لوٹا، کمزور کردار کا آدمی

Urdu meaning of bin gaa.n.D kaa badhnaa

  • Roman
  • Urdu

  • a.ise shaKhs ke mutaalliq kahte hai.n jis me.n himmat ya hauslaa na ho ya jo kamaql ya kamzor ho
  • jis ka ko.ii usuul na ho
  • bagair talii ka lauTaa, kamzor kirdaar ka aadamii

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बन बन के

طرحداری سے ، ناز و ادا کے ساتھ ، اکڑ اکڑ کے

बन बना के

ہونے کے باوجود یا بعد ، ہو کر ؛ تیار ہو کے ، بن سن٘ور کے ، بن ٹھن کے

धुवाँ बन के उड़ना

मिट जाना, मादूम हो जाना, बेअसर हो जाना

लहू बन के दौड़ना

۱. क़तल का छिप ना सकना, ज़ाहिर हो जाना, साबित हो जाना

काँटा बन के खटकना

अच्छा न लगना, बुरा लगना

दुल्हन बन के चलना

नाज़ अंदाज़ से चलना, सुर्ख़ लिबास पहन के चलना, सज सजा कर चलना

बन के जाए सदा बन में नहीं रहते

यह व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो विकास करके समृद्ध और धनवान बन जाए

धुवाँ बन के उड़ा जाना

मिट जाना, मादूम हो जाना, बेअसर हो जाना

जूता बन के उठना

मार धाड़ करना, युद्ध के लिए तैयार होना

आए बड़े वो बन के

बिना किसी अधिकार के हस्तक्षेप करना, अभिमान, डींग मारने या बड़कपन जताने के व्यंग्यात्मक उत्तर रूप में प्रयुक्त

पुतली बन के रह जाना

۔ ساکت رہ جانا۔ ؎

बन ठन के

بان٘کا چھیلا بن کر ، بن سنور کر ، سج سجا کر۔

आँखों में काजल बन के फिरना

आँखों में समा जाना

धन्ना सेठ बन के बैठना

अत्यंत धनवान और प्रभावशाली होना

बेटा बन के सब ने खाया है, बाप बन के कोई नहीं खाता

छोटा बन कर मतलब निकाला जाता है बड़ा बन कर नहीं

साया बन के साथ रहना

साए की तरह साथ लगे रहना, हर समय साथ रहना, किसी समय पर अलग न होना

बेटा बन के सब खाते हैं, बाप बन के किसी ने नहीं खाया

छोटा बन कर मतलब निकाला जाता है बड़ा बन कर नहीं

बेटा बन के सब ने खाया है, बाप बन के किसी ने नहीं खाया

छोटा बन कर मतलब निकाला जाता है बड़ा बन कर नहीं

बन बन कर

نمایشی طور پر ، بناوٹ سے ، دکھاوے کے لیے۔

बंदर के हाथ नारियल लगा, पंसारी बन बैठा

ज़रा सी बात पर घमंड करने लगा

घर के जले बन में गए बन में लागी आग, बन बिचारा क्या करे जो हैं हमारे भाग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

घर के जले बन गए बन में लागी आग, बन बिचारा क्या करे जो कर्मों लागी आग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

हल्दी की गिरह ले के पंसारी बन बैठना

थोड़ी सी पूँजी पर नाज़ाँ होना, उमूमन इस महल पर बोलते हैं जब कोई नाक़िस अपने आपको कामिल जाने

हल्दी की गिरह पा के पंसारी बन जाना

थोड़ा सामान हासिल कर के बहुत ज़्यादा इमारत का इज़हार करना

हल्दी की गाँठ ले के पंसारी बन बैठना

रुक : हल्दी की गिरह लेकर पंसारी बिन बैठना

घर के जले बन गए बन में लागी आग और बन बिचारा क्या करे जो कर्मों लागी आग

अभागे व्यक्ति का कहीं भी ठिकाना नहीं जहाँ जाएगा वहीं दुख उठाएगा

जिस के सर पर जूता रख दिया वही बादशाह बन गया

जिस पर कृपा दृष्टि होती है वही तरक़्क़ी पाता है, अपने या किसी और की प्रशंसा में कहते हैं

बाँ बाँ करना

बकवास करना, व्यर्थ बातें करना

चूहे के हाथ हल्दी लगी वो भी पंसारी बन बैठा

थोड़ी सी पूंजी हाथ लगने पर इतराना

चूहे के हाथ हल्दी की गिरह लगी वो पंसारी बन बैठा

थोड़ी सी पूंजी हाथ लगने पर इतराना

पलंग के बान तोड़ना

۔ (ओ) बेकार बैठे रहना। (फ़िक़रा) अमीर ख़ानम ने कहा कि बीवी में बेख़बर लिए तो जाने की नहीं ना मेरे जाने से कोई काम अटका रहेगा। ख़ाली पलंग पर बैठी चारपाई के बाण तोड़ा करती हूँ

चूहे के हाथ लगी हल्दी की गिरह पंसारी बन बैठा

थोड़ी सी पूंजी हाथ लगने पर इतराना

चारपाई के बान तोड़ना

रुक : चारपाई तोड़ना

चूहे के हाथ लगी हल्दी की गिरह पंसारी ही बन बैठा

थोड़ी सी पूंजी हाथ लगने पर इतराना

जिस के पेशे में बान वो बड़ा शैतान

जिस पेशावर के नाम के साथ बाण का लफ़्ज़ हो (जैसे : फ़ीलबान, गाड़ी बाण वग़ैरा) वो अक्सर बड़ा शरीर होता है

नानी तो कवारी ही मर गई नवासी के सौ सौ बान

بان شادی سے پہلے نہانے کو کہتے ہیں، نو دولت کے متعلق کہتے ہیں

नानी तो कुवारी ही मर गई, नवासी के साढ़े सतरा बान

(बाण शादी से पहले नहाने को कहते हैं) नव दौलत आदमी के मुताल्लिक़ कहा जाता है जो एक दम शेखी आ जाए

जैसे ऊधो वैसे बान, न उन के चोटी न उन के कान

दोनों एक से हैं

नानी तो कुवारी ही मर गई, नवासी के सौ सौ बान

(बाण शादी से पहले नहाने को कहते हैं) नव दौलत आदमी के मुताल्लिक़ कहा जाता है जो एक दम शेखी आ जाए

बिन गांड़ का बधना

ऐसे व्यक्ति के प्रति कहते हैं जिस में हिम्मत या साहस न हो या जो मंदबुद्धि या दुर्बल हो

बिन कौड़ी बिन पैसे का तमाशा

बिना ख़र्च किए मज़ा लेने का मौक़ा

बिन कौड़ी बिन पैसे का तमाशा

बिना व्यय कैसे आनंदित होने का अवसर

बिन दामों का ग़ुलाम

आज्ञाकारी, फ़रमाँबर्दार, बगै़र कुछ लिए काम करने वाला

कौड़ी ना रख कफ़न को बिज्जू की शक़्ल बन रह

अपव्ययी के पास कुछ नहीं होता

बन पड़े की

اپنے بس کی ، قابو کی

'ऊज बिन 'उनुक़ की टाँग

(استعارۃً) وہ لمبی اور طولانی بات جو ختم ہونے میں نہ آئے ، (عوج بن عنق کی جانب تلمیح) ۔

कौड़ी ना रख कफ़न को (बिज्जू की शक़्ल बन रह)

अपव्ययी के पास कुछ नहीं होता

बिन रुके बैद की घोड़ी न चले

मनुष्य अपनी 'आदत एवं स्वभाव के अनुसार ही काम करता है, हकीम की घोड़ी जगह जगह रुकती है

भैंस के आगे बीन बजाए भैंस पड़ी पखराए

ना अहल या नादान के सामने हुनर दिखाना बेसूद है , बेवक़ूफ़ के आगे हुनर दिखाने की कुछ क़दर नहीं होती

नया बान का ताड़ की तलवार

۔मिसल। नए हौसला वाले की सब बातें निराली होती हैं। कमज़र्फ़ अपना ज़र्फ़ दिखाए बगै़र नहीं रहता

बान वाले की बान न जाए, कुत्ता मूते टाँग उठाए

बुरी लत कभी नहीं छूटती

छींकते छींकते नाक नक-छकनी की झाड़ी बन गई

बहुत छींकें ता बड़ तोड़ आएं

कोरे घड़े का चूहा बन जाना

मुसीबत में फँस जाना, आपदा में फँस जाना, असहाय और लाचार हो जाना

बिन बिद्या के नर और नार, जैसे गधा कुम्हार

अज्ञानी मूर्ख होता है

बिन दामों की लाैंडी

आज्ञाकारी, बगै़र कुछ लिए काम करने वाली

बिन माँ का बच्चा

वह बच्चा जिसकी माँ मर चुकी हो माँ के छाए से वंचित, वह बालक जिसकी माँ न हो

बिन टोंटी का बधना

कुरूप, अटपटा, बेतुका

बिन माँ का बच्ची

وہ بچہ جس کی ماں مرچکی ہو ماں کے سایے سے محروم ، یسیر ۔

दिल की गिरह बन जाना

उम्र भर की चुभन हो जाना, हमेशा के लिए तकलीफ़ का कारण होना

जिस के पेशा में बाण वो बड़ा शैतान

۔مقولہ۔ جس پیشہ ور کے نام کے ساتھ بان کا لفظ ہوتا ہے وہ بڑا شریر ہوتا ہے۔

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