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"बनिये का बहकाया और जोगी का फटकारा ख़राब होता है" शब्द से संबंधित परिणाम

जोगी

योग्य

जोगी था सो उठ गया, आसन रही भभूत

समय निकल गया अब उपाय करने का कोई लाभ नहीं है, रहने वाले का यादगार मकान रह जाता है

जोगी हो जाना

۔فقیر ہوجانا۔ ؎

जोग्य

رک : جوگا .

जोगी मारे छार हाथ

निर्धन को मारने का कोई लाभ नहीं, यदि जोगी को मारें तो राख ही हाथ को लगती है

जोगी-पन

संयाससियों का सा रूप भरने या जोग लेने की स्थिति

जोगियाना

योगियों जैसा, योगियों का

जोगी का मीत

बे सिर पैर का आदमी किसी का दोस्त नहीं होता

जोगेशर

رک : جوگ کا تحتی (جوگ + ایشر).

जोगेश्वर

शिव; सिद्ध साधु; योगियों में श्रेष्ठ योगी; योगींद्र

जोगी जोगी लड़ेंगे खपरों का मुफ़्त में नुक़्सान होगा

बड़ों के झगड़े फ़साद में छोटों का नुक़्सान होता है, जब मुतख़ासिमीन के तनाज़ा से औरों को ज़रर पहुंचे तो ये मिसल बोलते हैं

जोगी किस के मीत

जोगी की मित्रता का कोई भरोसा नहीं, वह सदा यहाँ वहाँ घूमता-फिरता रहता है

जोगी जोगी लड़ें खपरों का नुक़्सान

۔مثل۔ بڑوں کی تکرار میں چھوٹوں کا ضرر ہوتاہے۔

जोगी की पीत क्या

जोगी की दोस्ती का कोई विश्वास नहीं, वो सदैव फिरता रहता है

जोगी को बेल बला

ज़िम्मेदारी का थोड़ा सा काम भी मुसीबत होता है

जोगी जुगत जाने नहीं गेरू में कपड़े रंगे तो क्या हुआ

सन्यासी या जोगी बनने के उसूल से अनभिज्ञ अथवा अपरिचित हैं और दिखावे के लिए गेरू में कपड़े रंग लिए हैं

जोगी का लड़का खेलेगा तो साँप से

हर कोई अपनी प्रशिक्षण के अनुसार काम करता है

जोगी किस के मित्र और पातुर किस की नार

यानी ये (दोनों) किसी के वफ़ादार नहीं होते, आज़ाद की दोस्ती का क्या भरोसा, जोगी दोस्त नहीं बिन सकते और फ़ाहिशा औरत बीवी नहीं बिन सकती

जोगी की क्या मीत और क़लंदर का क्या साथ

इन दोनों की दोस्ती का कोई विश्वास नहीं

जोगेस

رک : جوگیشور .

जोगिया

जोगी संबंधी, जोगी का, जोगियों का सा, जोगियों के वेष-भूशा का जैसे: जोगिया भेस

जोगी का सा फेरा

चलताऊ भेंटवार्ता, कम समय के लिए मिलना, जोगी वाला फेरा

जौगीरा

घोड़े की एक बीमारी जिससे चलने फिरने में तकलीफ़ होती है

जोगी किस के मीत और पातुर किस की नार

जोगी मित्र नहीं बन सकते एवं चरित्रहीन स्त्री पत्नी नहीं हो सकती

जोगिया-अरंड

اَرَنْڈ کی ایک قسم جس کا رن٘گ سرخ ہوتا ہے اور نسبتاً مضبوط بھی .

जोगियों का डंड बैरागियों के सर

ख़ता कोई करे और सर किसी के पड़े

नेगी-जोगी

= नेगी

घर का जोगी जोगना, बाहर का जोगी सिद्ध

मनुष्य को अपने मातृभूमि में महत्व नहीं दिया जाता है, इंसान की वतन में क़दर नहीं होती, अपने गाँव में फ़क़ीर होता है दूसरे गाँव में औलिया समझा जाता है

मरने-जोगी

मिट जाने के योग्य, मरने के योग्य, मरण हार (तिरस्कार के लिए प्रयुक्त)

मर्नी-जोगी

مرنے جوگا (رک) کی تانیث ، مرنے والی ۔

रमता-जोगी

हिंदू: फ़क़ीर जो मारा-मारा फिरता है और कहीं नहीं ठहरता

राज हट , बालक हट , तिर्या हट , जोगी हट

राजा, बच्चा औरत और फ़क़ीर जो दिल में आए करते हैं किसी की नहीं मानते

मुँह पर जोगी होना

मुख से अशुभ के लक्षण दिखाई देना

राजा किस के पाहूने, जोगी किस के मीत

(राजा और जोगी) दोनों की मुहब्बत और राह-ओ-रस्म का कोई एतबार नहीं

राजा किस के पाहुने, जोगी किस के मीत

राजा और जोगी दोनों के प्रेम और मेल-जोल का कोई भरोसा नहीं

बनिये का बहकाया और जोगी का फटकारा ख़राब होता है

जिस मूर्ख एवं सीधे-सादे व्यक्ति को कोई बनिया बहका दे या जोगी एवं फ़क़ीर लोग किसी व्यक्ति को श्राप दे दें तो इन दोनों प्रकार के आदमीयों की मिट्टी ख़राब हो जाती है

या सोवे राजा का पूत या सोवे जोगी का अदहोत

बेफ़िकरी के साथ या तो राजा का लड़का सविता है या फ़क़ीर का, जोगी और राजा का बेटा दोनों के दोनों बे फ़िक्रे

घर का जोगी जोगड़ा

रुक: घर का जोगी जोगना, अलख

भूला जोगी, दूनी लाभ

उस अवसर पर बोलते हैं जहाँ कोई लाभ उठाने के लिए भूल कर ग़लती करे

नेग-जोगी

شادی بیاہ وغیرہ کی تقریبوں میں انعام کے حق دار اور مستحق لوگ

नया जोगी काठ का मंदरा

ख़िलाफ़ इरसम बात, ओछापन ज़ाहिर करना

राजा जोगी किस के मीत

राजा और जोगी किसी के मित्र नहीं होते

मुंडा जोगी और पिसी दवा पहचाने नहीं जाते

सर मुंडे हुए जोगी के रंग-रूप से प्रतीत नहीं होता कि उस का बातिन अर्थात भीतर कैसा है जैसे कि पिसी हुई दवा को देख कर पता नहीं चलता कि क्या चीज़ है

पहले पहरे सब कोई जागे दूसरे पहरे भोगी, तीसरे पहरे चोर जागे चौथे पहरे जोगी

रात को पहले पहर में हर कोई जागता है दूसरे पहर में स्त्री वाला अर्थात विवाहित तीसरे में चूर और चौथे में ईश्वर को याद करने वाला

नया जोगी और गाजर का संख

अनाड़ी का काम भी निराला होता है, कमीना व्यक्ति अशिष्टता पर उतर आता है

कल के जोगी कंधे पर जटा

जब तक पूर्णता प्राप्त न हो रूप धारण करने से क्या होता है

जोग का जोगी

किसी जोग का पैरू, एक ही जोग का चेला

राँड साँड, जोगी, सेढ़ी, सन्यासी, उनसे बचे तो लेवे काशी

रांड, सांड, बुलंद सीढ़ी और सन्यासियों का ख़ौफ़ ज़्यादा होता है दुनिया में ये चीज़ें इंसान को नुक़्सान पहुंचाती हैं अगर उन से बच्चे तो ख़ुदा की इबादत करने चाहिए

राँड साँड, जोगी, सेढ़ी, सन्यासी, उनसे बचे तो सेवे काशी

रांड, सांड, बुलंद सीढ़ी और सन्यासियों का ख़ौफ़ ज़्यादा होता है दुनिया में ये चीज़ें इंसान को नुक़्सान पहुंचाती हैं अगर उन से बच्चे तो ख़ुदा की इबादत करने चाहिए

राजा जोगी, अग्नि जल उनकी उल्टी रीत

राजा, जोगी, आग और पानी का कोई एतबार नहीं करना चाहीए इन की मुहब्बत थोड़ी होती है ये किसी वक़्त भी नुकसान पहुंचा सकते हैं

राजा जोगी, अगन जल उनकी उल्टी रीत

राजा, जोगी, आग और पानी का कोई एतबार नहीं करना चाहीए इन की मुहब्बत थोड़ी होती है ये किसी वक़्त भी नुकसान पहुंचा सकते हैं

घर रहे न तीरथ गए मूँड मूँडा के जोगी भए

किसी काम के न रहे सारी मेहनत बेकार गई, मुफ़्त का अपमान हुआ लाभ कोई न हुआ

गाँव का जोगी जोगना अन गाँव का सिध

वतन में इंसान की क़दर नहीं होती, वतन से बाहर होती है, अपनी चीज़ की क़दर नहीं होती, अपनों की निसबत ग़ैरों की क़दर-ओ-मंजिलत ज़्यादा होती है

पहले पीवे जोगी, बीच में पीवे भोगी, पीछे पीवे रोगी

खाने खाने में जोगी पहले पानी पीता है तंदरुस्त और ख़ुश ख़ौर दरमयान में, और बीमार बाद में

एक बार जोगी, दो बार भोगी, तीन बार रोगी

जोगी दिन में एक बार और भोगी दो बार शौच जाता है, इससे अधिक बार जाए तो उसे रोगी समझना चाहिए

घर में रहे न तीरथ गए , मूँड मुंडा कर जोगी भए

फोकट में बदनामी उठाई

क्या सोवे राजा का पूत, क्या सोवे जोगी का अबधूत

आराम से या तो राजा का बेटा सविता है या फ़क़ीर का क्योंकि उन को कोई फ़िक्र नहीं होती

क्या सोवे राजा का पूत, क्या सोवे जोगी का अवभूत

आराम से या तो राजा का बेटा सविता है या फ़क़ीर का क्योंकि उन को कोई फ़िक्र नहीं होती

टोटे मारा बानिया भर जोगी का भेस, हाँडे बिच्छा माँगता फिरे देस बिदेस

बनिए को घाटा हो तो फ़ौरन जोगी बन के देस बिदेस माँगता फिरता है

चंचल नार की चाल छुपे नाहीं नीच छुपे न बढ़पन पाए, जोगी का भेक नीक धरो कोई क्रम छुपे ना भभूत रमाए

कमीनी स्त्री चाल से ही प्रतीत हो जाती है, कमीना चाहे कितना बड़ा हो छुप नहीं सकता

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में बनिये का बहकाया और जोगी का फटकारा ख़राब होता है के अर्थदेखिए

बनिये का बहकाया और जोगी का फटकारा ख़राब होता है

baniye kaa bahkaayaa aur jogii kaa phaTkaaraa KHaraab hotaa haiبَنیْے کا بَہْکایا اَور جوگی کا پَھٹْکارا خَراب ہوتا ہے

अथवा : बनिये का बहकाया और जोगी का फटकारा

कहावत

बनिये का बहकाया और जोगी का फटकारा ख़राब होता है के हिंदी अर्थ

  • जिस मूर्ख एवं सीधे-सादे व्यक्ति को कोई बनिया बहका दे या जोगी एवं फ़क़ीर लोग किसी व्यक्ति को श्राप दे दें तो इन दोनों प्रकार के आदमीयों की मिट्टी ख़राब हो जाती है
  • दोनों हानि उठाते हैं
  • बनिए के बहकावे एवं जोगी के श्राप से बचना मुश्किल है

    विशेष बनिया किस तरह बहकाता है, इस पर एक कहानी है- किसी मनुष्य के पास एक अशर्फ़ी थी, जिसे वह बेचना चाहता था। एक बनिए ने उसे सस्ते दामों में ख़रीदना चाहा। उसने अशर्फ़ी का दाम पाँच रुपया लगा दिया। जब वह इतने दाम पर देने को राज़ी न हुआ, तब बनिए ने बढ़ते-बढ़ते उसके दाम चौदह रुपये तक लगा दिए, उस मनुष्य को तब संदेह हुआ कि यह अवश्य अधिक दामों की चीज़ है, तभी तो इसने चौदह रुपये तक इसके दाम लगा दिए, यह सोच कर उसने बनिए से कहा कि मैं इसे सर्राफ़ को दिखाए बिना नहीं बेचूँगा, बनिये ने उसका यह रुख़ देख कर उसके प्रति आत्मीयता दिखाते हुए कहा-यह तीस रुपये का माल है इससे कम दाम में इसे मत बेचना, वह सारे बाज़ार में उसे लिए फिरा और सबसे तीस रुपये दाम कहता परंतु इतने में किसी ने उसे नहीं ख़रीदा, तब अंत में निराश हो कर उसने उसी बनिये को चौदह रुपये में वह अशर्फ़ी बेच दी।

بَنیْے کا بَہْکایا اَور جوگی کا پَھٹْکارا خَراب ہوتا ہے کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • جس بیوقوف اور سادہ لوح آدمی کو کوئی بنیا بہکا دے یا جوگی اور فقیر لوگ کسی شخص کو بد دعا دے دیں تو ان دونوں طرح کے آدمیوں کی مٹی پلید ہو جاتی ہے
  • دونوں نقصان اٹھاتے ہیں
  • بنیے کے بہکاوے اور جوگی یا فقیر کی بد دعا سے بچنا مشکل ہے

Urdu meaning of baniye kaa bahkaayaa aur jogii kaa phaTkaaraa KHaraab hotaa hai

  • Roman
  • Urdu

  • jis bevaquuf aur saadaa lauh aadamii ko ko.ii baniyaa bahkaa de ya jogii aur faqiir log kisii shaKhs ko baddu.a de de.n to in dono.n tarah ke aadmiiyo.n kii miTTii paliid jaatii hay
  • dono.n nuqsaan uThaate hai.n
  • banii.e ke bahkaave aur jogii ya faqiir kii baddu.a se bachnaa mushkil hai

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जोगी

योग्य

जोगी था सो उठ गया, आसन रही भभूत

समय निकल गया अब उपाय करने का कोई लाभ नहीं है, रहने वाले का यादगार मकान रह जाता है

जोगी हो जाना

۔فقیر ہوجانا۔ ؎

जोग्य

رک : جوگا .

जोगी मारे छार हाथ

निर्धन को मारने का कोई लाभ नहीं, यदि जोगी को मारें तो राख ही हाथ को लगती है

जोगी-पन

संयाससियों का सा रूप भरने या जोग लेने की स्थिति

जोगियाना

योगियों जैसा, योगियों का

जोगी का मीत

बे सिर पैर का आदमी किसी का दोस्त नहीं होता

जोगेशर

رک : جوگ کا تحتی (جوگ + ایشر).

जोगेश्वर

शिव; सिद्ध साधु; योगियों में श्रेष्ठ योगी; योगींद्र

जोगी जोगी लड़ेंगे खपरों का मुफ़्त में नुक़्सान होगा

बड़ों के झगड़े फ़साद में छोटों का नुक़्सान होता है, जब मुतख़ासिमीन के तनाज़ा से औरों को ज़रर पहुंचे तो ये मिसल बोलते हैं

जोगी किस के मीत

जोगी की मित्रता का कोई भरोसा नहीं, वह सदा यहाँ वहाँ घूमता-फिरता रहता है

जोगी जोगी लड़ें खपरों का नुक़्सान

۔مثل۔ بڑوں کی تکرار میں چھوٹوں کا ضرر ہوتاہے۔

जोगी की पीत क्या

जोगी की दोस्ती का कोई विश्वास नहीं, वो सदैव फिरता रहता है

जोगी को बेल बला

ज़िम्मेदारी का थोड़ा सा काम भी मुसीबत होता है

जोगी जुगत जाने नहीं गेरू में कपड़े रंगे तो क्या हुआ

सन्यासी या जोगी बनने के उसूल से अनभिज्ञ अथवा अपरिचित हैं और दिखावे के लिए गेरू में कपड़े रंग लिए हैं

जोगी का लड़का खेलेगा तो साँप से

हर कोई अपनी प्रशिक्षण के अनुसार काम करता है

जोगी किस के मित्र और पातुर किस की नार

यानी ये (दोनों) किसी के वफ़ादार नहीं होते, आज़ाद की दोस्ती का क्या भरोसा, जोगी दोस्त नहीं बिन सकते और फ़ाहिशा औरत बीवी नहीं बिन सकती

जोगी की क्या मीत और क़लंदर का क्या साथ

इन दोनों की दोस्ती का कोई विश्वास नहीं

जोगेस

رک : جوگیشور .

जोगिया

जोगी संबंधी, जोगी का, जोगियों का सा, जोगियों के वेष-भूशा का जैसे: जोगिया भेस

जोगी का सा फेरा

चलताऊ भेंटवार्ता, कम समय के लिए मिलना, जोगी वाला फेरा

जौगीरा

घोड़े की एक बीमारी जिससे चलने फिरने में तकलीफ़ होती है

जोगी किस के मीत और पातुर किस की नार

जोगी मित्र नहीं बन सकते एवं चरित्रहीन स्त्री पत्नी नहीं हो सकती

जोगिया-अरंड

اَرَنْڈ کی ایک قسم جس کا رن٘گ سرخ ہوتا ہے اور نسبتاً مضبوط بھی .

जोगियों का डंड बैरागियों के सर

ख़ता कोई करे और सर किसी के पड़े

नेगी-जोगी

= नेगी

घर का जोगी जोगना, बाहर का जोगी सिद्ध

मनुष्य को अपने मातृभूमि में महत्व नहीं दिया जाता है, इंसान की वतन में क़दर नहीं होती, अपने गाँव में फ़क़ीर होता है दूसरे गाँव में औलिया समझा जाता है

मरने-जोगी

मिट जाने के योग्य, मरने के योग्य, मरण हार (तिरस्कार के लिए प्रयुक्त)

मर्नी-जोगी

مرنے جوگا (رک) کی تانیث ، مرنے والی ۔

रमता-जोगी

हिंदू: फ़क़ीर जो मारा-मारा फिरता है और कहीं नहीं ठहरता

राज हट , बालक हट , तिर्या हट , जोगी हट

राजा, बच्चा औरत और फ़क़ीर जो दिल में आए करते हैं किसी की नहीं मानते

मुँह पर जोगी होना

मुख से अशुभ के लक्षण दिखाई देना

राजा किस के पाहूने, जोगी किस के मीत

(राजा और जोगी) दोनों की मुहब्बत और राह-ओ-रस्म का कोई एतबार नहीं

राजा किस के पाहुने, जोगी किस के मीत

राजा और जोगी दोनों के प्रेम और मेल-जोल का कोई भरोसा नहीं

बनिये का बहकाया और जोगी का फटकारा ख़राब होता है

जिस मूर्ख एवं सीधे-सादे व्यक्ति को कोई बनिया बहका दे या जोगी एवं फ़क़ीर लोग किसी व्यक्ति को श्राप दे दें तो इन दोनों प्रकार के आदमीयों की मिट्टी ख़राब हो जाती है

या सोवे राजा का पूत या सोवे जोगी का अदहोत

बेफ़िकरी के साथ या तो राजा का लड़का सविता है या फ़क़ीर का, जोगी और राजा का बेटा दोनों के दोनों बे फ़िक्रे

घर का जोगी जोगड़ा

रुक: घर का जोगी जोगना, अलख

भूला जोगी, दूनी लाभ

उस अवसर पर बोलते हैं जहाँ कोई लाभ उठाने के लिए भूल कर ग़लती करे

नेग-जोगी

شادی بیاہ وغیرہ کی تقریبوں میں انعام کے حق دار اور مستحق لوگ

नया जोगी काठ का मंदरा

ख़िलाफ़ इरसम बात, ओछापन ज़ाहिर करना

राजा जोगी किस के मीत

राजा और जोगी किसी के मित्र नहीं होते

मुंडा जोगी और पिसी दवा पहचाने नहीं जाते

सर मुंडे हुए जोगी के रंग-रूप से प्रतीत नहीं होता कि उस का बातिन अर्थात भीतर कैसा है जैसे कि पिसी हुई दवा को देख कर पता नहीं चलता कि क्या चीज़ है

पहले पहरे सब कोई जागे दूसरे पहरे भोगी, तीसरे पहरे चोर जागे चौथे पहरे जोगी

रात को पहले पहर में हर कोई जागता है दूसरे पहर में स्त्री वाला अर्थात विवाहित तीसरे में चूर और चौथे में ईश्वर को याद करने वाला

नया जोगी और गाजर का संख

अनाड़ी का काम भी निराला होता है, कमीना व्यक्ति अशिष्टता पर उतर आता है

कल के जोगी कंधे पर जटा

जब तक पूर्णता प्राप्त न हो रूप धारण करने से क्या होता है

जोग का जोगी

किसी जोग का पैरू, एक ही जोग का चेला

राँड साँड, जोगी, सेढ़ी, सन्यासी, उनसे बचे तो लेवे काशी

रांड, सांड, बुलंद सीढ़ी और सन्यासियों का ख़ौफ़ ज़्यादा होता है दुनिया में ये चीज़ें इंसान को नुक़्सान पहुंचाती हैं अगर उन से बच्चे तो ख़ुदा की इबादत करने चाहिए

राँड साँड, जोगी, सेढ़ी, सन्यासी, उनसे बचे तो सेवे काशी

रांड, सांड, बुलंद सीढ़ी और सन्यासियों का ख़ौफ़ ज़्यादा होता है दुनिया में ये चीज़ें इंसान को नुक़्सान पहुंचाती हैं अगर उन से बच्चे तो ख़ुदा की इबादत करने चाहिए

राजा जोगी, अग्नि जल उनकी उल्टी रीत

राजा, जोगी, आग और पानी का कोई एतबार नहीं करना चाहीए इन की मुहब्बत थोड़ी होती है ये किसी वक़्त भी नुकसान पहुंचा सकते हैं

राजा जोगी, अगन जल उनकी उल्टी रीत

राजा, जोगी, आग और पानी का कोई एतबार नहीं करना चाहीए इन की मुहब्बत थोड़ी होती है ये किसी वक़्त भी नुकसान पहुंचा सकते हैं

घर रहे न तीरथ गए मूँड मूँडा के जोगी भए

किसी काम के न रहे सारी मेहनत बेकार गई, मुफ़्त का अपमान हुआ लाभ कोई न हुआ

गाँव का जोगी जोगना अन गाँव का सिध

वतन में इंसान की क़दर नहीं होती, वतन से बाहर होती है, अपनी चीज़ की क़दर नहीं होती, अपनों की निसबत ग़ैरों की क़दर-ओ-मंजिलत ज़्यादा होती है

पहले पीवे जोगी, बीच में पीवे भोगी, पीछे पीवे रोगी

खाने खाने में जोगी पहले पानी पीता है तंदरुस्त और ख़ुश ख़ौर दरमयान में, और बीमार बाद में

एक बार जोगी, दो बार भोगी, तीन बार रोगी

जोगी दिन में एक बार और भोगी दो बार शौच जाता है, इससे अधिक बार जाए तो उसे रोगी समझना चाहिए

घर में रहे न तीरथ गए , मूँड मुंडा कर जोगी भए

फोकट में बदनामी उठाई

क्या सोवे राजा का पूत, क्या सोवे जोगी का अबधूत

आराम से या तो राजा का बेटा सविता है या फ़क़ीर का क्योंकि उन को कोई फ़िक्र नहीं होती

क्या सोवे राजा का पूत, क्या सोवे जोगी का अवभूत

आराम से या तो राजा का बेटा सविता है या फ़क़ीर का क्योंकि उन को कोई फ़िक्र नहीं होती

टोटे मारा बानिया भर जोगी का भेस, हाँडे बिच्छा माँगता फिरे देस बिदेस

बनिए को घाटा हो तो फ़ौरन जोगी बन के देस बिदेस माँगता फिरता है

चंचल नार की चाल छुपे नाहीं नीच छुपे न बढ़पन पाए, जोगी का भेक नीक धरो कोई क्रम छुपे ना भभूत रमाए

कमीनी स्त्री चाल से ही प्रतीत हो जाती है, कमीना चाहे कितना बड़ा हो छुप नहीं सकता

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