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मन-मारा

having the desire repressed or mortified, grieved, sad, dejected, one whose desires are repressed

मन मारा होना

दिल की इच्छा दबाना, सब्र करना, धैर्य रखना

मन मारा , जी हारा

جس نے مجبوراً صبر کر کے ہمت ہار دی ہو ، ناکامیوں سے جس کا ولولہ سرد ہو گیا ہو ، افسردہ و پژمردہ خاطر

माँ मरे

सौगंध के रूप में प्रयोग किया जाता है, अर्थात मेरी सलामती नहीं, मेरी बख़्शिश नहीं

man-made

मसनू'ई चीज़

मन का मारा

۔صفت۔ مذکر۔(عو۔ ہندو) مردہ دل۔

माँ मरे बग़ैर कफ़न, बेटे का नाम बुक़्ची

गपी्य की निसबत कहते हैं कि पल्ले कुछ नहीं मगर शेखी बहुत

ग़रीब को मारा तो नौ मन चर्बी निकली

(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो

माँ मरे मौसी जीवे

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

एक ग़रीब को मारा था तो सौ मन चर्बी निकली

कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं

एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली

कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं

माँ मारे और माँ ही माँ पुकारे

अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा

माँ मारे और माँ ही पुकारे

अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा

एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली थी

(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो

माँ मरे मौसी जिये

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

मैं तुम्हारा मारा कभी न बोला

मैं ने तुम्हारे हिसाब से कभी कुछ नहीं किया

मारा-मार में

जल्द बाज़ी में, तेज़ी में, घबराहट में

अपना मारे छाँव में डाले ग़ैर मारे धूप में डाले

अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों

मोरी में ईंट अड़ गई

चलता हुआ काम बंद हो गया, बना बनाया काम बिगड़ गया

अपना मारे छाँव में बिठाए ग़ैर मारे धूप में बिठाए

अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों

डोली आई डोली आई मेरे मन में चाव, डोली में से निकल पड़ा भोंकड़ा बिलाव

पत्नी का रूप देख कर सभी कामनाएँ टूट गईं

चराग़ में बत्ती पड़ी लाडो मेरी तख़्त चढ़ी

उस व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो काहिली की वजह से शाम में जल्दी सोने की तैय्यारी करे

अँधेरे में चाँद मारी करना

अटकल-पच्चू काम करना, बिना सोचे-समझे काम करना, निरर्थक प्रयास करना

मेरे चारों पल्ले कीचड़ में हैं

दुनिया की चिंताओं में फँसा हुआ हूँ

मरोड़ में मरा जाना

अधिक ग़ुस्से में, क्रोध होना

गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी

मुसीबत के वक़्त कोई किसी की मदद नहीं करता, सब को अपनी अपनी पड़ी होती है

तू मेरा लड़का खिला, मैं तेरी खिचड़ी पकाऊँ

तू मेरा काम कर मैं तेरा काम करूँ

हँसी के मारे पेट में बल पड़ना

निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना

माँ कहे मेरा हुआ बडेरा , 'उम्र कहे में आई नबेड़ा

जब बच्चा जवान होता है माँ ख़ुश होती है हालाँकि उस की उम्र कम होजाती है जो ख़ुशी की बात नहीं है

जल में खड़ी पियासों मरे

हर वस्तु उपलब्ध है परंतु दुर्भाग्यवश लाभ नहीं उठाया जा सकता

हँसी के मारे पेट में बल पड़ जाना

निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना

मैं दूसरा मेरा भाई तीसरा हज्जाम नाई

उस समय प्रयुक्त है जब कोई व्यक्ति (प्रायः दावत में) बहुत से आदमी अपने साथ लेकर आए और यह प्रकट करे कि मेरे साथ तो बहुत कम आदमी हैं

दो गाँव में पाही कुत्ते मरे आहा जाई

मशक़्क़त ज़्यादा और हासिल कुछ नहीं

घर में दवा, हाए हम मरे

किसी के पास कोई वस्तु हो और वह उस का प्रयोग करना न जानता हो

ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं

मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ

मेरी ही गोद में मेरी डाढ़ी खसोटे

मुझ से लाभ और मुझे कोसती है, मुझ पर दोषारोपण करती है

मारे हँसी की पेट में बल पड़ जाना

बहुत हँसी आना, हँसते-हँसते लोट जाना

ऐसे ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं

मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ

मैं राज़ी , मेरा ख़ुदा राज़ी

۔ میں خوش میرا خدا خوش۔ ؎

मैं ख़ुश मेरा ख़ुदा ख़ुश

किसी बात की मंज़ूरी या हालात से संतुष्ट होने पर ये वाक्य बोला जाता है, में ख़ुशी के साथ आज्ञा देता हूँ, मेरी यही ख़ुशी है, में हर तरह राज़ी हूँ

मोरी का कीड़ा मोरी में ख़ुश रहता है

۔(دہلی) (عو) مثل جو گندگی میں پلا ہو وہ گندگی میں خوش رہتا ہے۔

यह मेरी सिक्षा मान रे चेले, वह सो मत मिल जुवा जो खेले

जवारीयों से मेल-जोल नहीं रखना चाहिए

कद के कद आए मेरे मन नहीं भाए

इतनी देर के बाद आप का आना हमें पसंद नहीं

मुद्द'ई मुद्द'आ 'अलैह नाव में, शाहिद तैरते जाएँ

अपने पक्षधर की क़दर न करने के अवसर पर बोलते हैं

मैं राज़ी और मेरा ख़ुदा राज़ी

रुक : में ख़ुश मेरा ख़ुदा ख़ुश, किसी बात पर मुकम्मल रज़ा ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

एक मैं, दूसरा मेरा भाई, तीसरा हज्जाम नाई

उस समय प्रयुक्त है जब कोई व्यक्ति (प्रायः दावत में) बहुत से आदमी अपने साथ लेकर आए और यह प्रकट करे कि मेरे साथ तो बहुत कम आदमी हैं

मुद्द'ई मुद्द'आ 'अलैह नाव में, शाहिद फिरते जाएँ

अपने पक्षधर की क़दर न करने के अवसर पर बोलते हैं

जो तेरे दिल में है वही मेरे दिल में

जो बात मेरे दिल में थी वही तुम ने कही

मेरे मुँह में साँप काटे

औरतें क़िस्म खाते वक़्त कहती हैं, मेरा बुरा हो, मुझे सज़ा मिले

मैं भरूँ सरकार के, मेरे भरे सक़्क़ा

जो शख़्स ख़ुद तो किसी की ख़िदमत करे मगर अपना काम दूसरों से किराए इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

राम राम तो कहो मन मेरे , पाप कटेंगे छन में तेरे

ए मेरे दिल ख़ुदा का नाम तो ले तेरे सारे गुनाह पल भर में बख़्शे जाऐंगे

मुँह लगी और फ़े'ल मेरे पेट में

रुक : मुँह लगनी दो गुण पेट में

ज़ख़्मी दुश्मनों में दम ले तो मरे न ले तो मरे

हर हालत में बर्बादी है, बचने का रासता नहीं

ये मेरी सिक्षा मान प्यारा, साैदा कधे न बेच उधारा

मेरा यह सदुपदेश याद रखो प्यारे उधार कभी नहीं बेचना चाहिये

दिल्ली से मैं आऊँ ख़बर कहे मेरा भाई, घर से आए कोई संदेसा दे कोई

ये कहावत उन लोगों के प्रति बोलते हैं जिन को किसी बात का ज्ञान होना आवश्यक समझा जाता है मगर वो लापरवाही या मूर्खता के कारण इस बात से अनभिज्ञ या अज्ञानी हों

'उम्दा पैराए में बयान करना

अच्छे तरीक़े से बताना

मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहे

جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔

जो खाने में ग़ैरत करे वो भूका मरे

तकलीफ़ में तकफ़ होती है

मेरे मुँह में ख़ाक

apology when saying something obvious, may it never come to pass! may my words have no effect!

मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहता है

جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में अँधेरे में चाँद मारी करना के अर्थदेखिए

अँधेरे में चाँद मारी करना

a.ndhere me.n chaa.nd maarii karnaaاَندھیرے میں چاند ماری کَرنا

स्रोत: संस्कृत

अँधेरे में चाँद मारी करना के हिंदी अर्थ

 

  • अटकल-पच्चू काम करना, बिना सोचे-समझे काम करना, निरर्थक प्रयास करना

اَندھیرے میں چاند ماری کَرنا کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu

 

  • اٹکل پچو کام کرنا، بے سوچے سمجھے کام کرنا، سعی لاحاصل کرنا

Urdu meaning of a.ndhere me.n chaa.nd maarii karnaa

  • Roman
  • Urdu

  • aTkal pacho kaam karnaa, be soche samjhe kaam karnaa, su.ii laahaasil karnaa

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मन-मारा

having the desire repressed or mortified, grieved, sad, dejected, one whose desires are repressed

मन मारा होना

दिल की इच्छा दबाना, सब्र करना, धैर्य रखना

मन मारा , जी हारा

جس نے مجبوراً صبر کر کے ہمت ہار دی ہو ، ناکامیوں سے جس کا ولولہ سرد ہو گیا ہو ، افسردہ و پژمردہ خاطر

माँ मरे

सौगंध के रूप में प्रयोग किया जाता है, अर्थात मेरी सलामती नहीं, मेरी बख़्शिश नहीं

man-made

मसनू'ई चीज़

मन का मारा

۔صفت۔ مذکر۔(عو۔ ہندو) مردہ دل۔

माँ मरे बग़ैर कफ़न, बेटे का नाम बुक़्ची

गपी्य की निसबत कहते हैं कि पल्ले कुछ नहीं मगर शेखी बहुत

ग़रीब को मारा तो नौ मन चर्बी निकली

(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो

माँ मरे मौसी जीवे

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

एक ग़रीब को मारा था तो सौ मन चर्बी निकली

कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं

एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली

कोई धनवान होने के बावजूद अपने आप को निर्धन दर्शाए तो कहते हैं

माँ मारे और माँ ही माँ पुकारे

अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा

माँ मारे और माँ ही पुकारे

अपनों की सख़्ती भी बुरी नहीं प्रतीत होती, अपना कितनी ही सख़्ती करे अपना ही कहलाएगा

एक ग़रीब को मारा था तो नौ मन चर्बी निकली थी

(व्यंगनात्मक) ऐसे व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो ग़रीब होने का दिखावा करता हो और वास्तव में ग़रीब न हो

माँ मरे मौसी जिये

माँ और मौसी की मोहब्बत में कोई अंतर नहीं, माँ मर जाए तो मौसी बच्चों की देखभाल करती है

मैं तुम्हारा मारा कभी न बोला

मैं ने तुम्हारे हिसाब से कभी कुछ नहीं किया

मारा-मार में

जल्द बाज़ी में, तेज़ी में, घबराहट में

अपना मारे छाँव में डाले ग़ैर मारे धूप में डाले

अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों

मोरी में ईंट अड़ गई

चलता हुआ काम बंद हो गया, बना बनाया काम बिगड़ गया

अपना मारे छाँव में बिठाए ग़ैर मारे धूप में बिठाए

अपने फिर अपने होते हैं, दूसरों की अपेक्षा अपनों का आसरा लेना बेहतर है चाहे निर्दयी हों

डोली आई डोली आई मेरे मन में चाव, डोली में से निकल पड़ा भोंकड़ा बिलाव

पत्नी का रूप देख कर सभी कामनाएँ टूट गईं

चराग़ में बत्ती पड़ी लाडो मेरी तख़्त चढ़ी

उस व्यक्ति के संबंध में कहते हैं जो काहिली की वजह से शाम में जल्दी सोने की तैय्यारी करे

अँधेरे में चाँद मारी करना

अटकल-पच्चू काम करना, बिना सोचे-समझे काम करना, निरर्थक प्रयास करना

मेरे चारों पल्ले कीचड़ में हैं

दुनिया की चिंताओं में फँसा हुआ हूँ

मरोड़ में मरा जाना

अधिक ग़ुस्से में, क्रोध होना

गाँव में पड़ी मरी , अपनी अपनी सब को पड़ी

मुसीबत के वक़्त कोई किसी की मदद नहीं करता, सब को अपनी अपनी पड़ी होती है

तू मेरा लड़का खिला, मैं तेरी खिचड़ी पकाऊँ

तू मेरा काम कर मैं तेरा काम करूँ

हँसी के मारे पेट में बल पड़ना

निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना

माँ कहे मेरा हुआ बडेरा , 'उम्र कहे में आई नबेड़ा

जब बच्चा जवान होता है माँ ख़ुश होती है हालाँकि उस की उम्र कम होजाती है जो ख़ुशी की बात नहीं है

जल में खड़ी पियासों मरे

हर वस्तु उपलब्ध है परंतु दुर्भाग्यवश लाभ नहीं उठाया जा सकता

हँसी के मारे पेट में बल पड़ जाना

निहायत हँसना, बहुत हँसना, हंसी के मारे पेट दुखने लगना, हंसते हंसते बे-ताब हो जाना

मैं दूसरा मेरा भाई तीसरा हज्जाम नाई

उस समय प्रयुक्त है जब कोई व्यक्ति (प्रायः दावत में) बहुत से आदमी अपने साथ लेकर आए और यह प्रकट करे कि मेरे साथ तो बहुत कम आदमी हैं

दो गाँव में पाही कुत्ते मरे आहा जाई

मशक़्क़त ज़्यादा और हासिल कुछ नहीं

घर में दवा, हाए हम मरे

किसी के पास कोई वस्तु हो और वह उस का प्रयोग करना न जानता हो

ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं

मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ

मेरी ही गोद में मेरी डाढ़ी खसोटे

मुझ से लाभ और मुझे कोसती है, मुझ पर दोषारोपण करती है

मारे हँसी की पेट में बल पड़ जाना

बहुत हँसी आना, हँसते-हँसते लोट जाना

ऐसे ऐसे तो मेरी जेब में पड़े रहते हैं

मेरे सामने उनकी कोई वास्तविकता नहीं, मैं उनकी तुलना में अत्यधिक चालाक हूँ

मैं राज़ी , मेरा ख़ुदा राज़ी

۔ میں خوش میرا خدا خوش۔ ؎

मैं ख़ुश मेरा ख़ुदा ख़ुश

किसी बात की मंज़ूरी या हालात से संतुष्ट होने पर ये वाक्य बोला जाता है, में ख़ुशी के साथ आज्ञा देता हूँ, मेरी यही ख़ुशी है, में हर तरह राज़ी हूँ

मोरी का कीड़ा मोरी में ख़ुश रहता है

۔(دہلی) (عو) مثل جو گندگی میں پلا ہو وہ گندگی میں خوش رہتا ہے۔

यह मेरी सिक्षा मान रे चेले, वह सो मत मिल जुवा जो खेले

जवारीयों से मेल-जोल नहीं रखना चाहिए

कद के कद आए मेरे मन नहीं भाए

इतनी देर के बाद आप का आना हमें पसंद नहीं

मुद्द'ई मुद्द'आ 'अलैह नाव में, शाहिद तैरते जाएँ

अपने पक्षधर की क़दर न करने के अवसर पर बोलते हैं

मैं राज़ी और मेरा ख़ुदा राज़ी

रुक : में ख़ुश मेरा ख़ुदा ख़ुश, किसी बात पर मुकम्मल रज़ा ज़ाहिर करने के लिए कहते हैं

एक मैं, दूसरा मेरा भाई, तीसरा हज्जाम नाई

उस समय प्रयुक्त है जब कोई व्यक्ति (प्रायः दावत में) बहुत से आदमी अपने साथ लेकर आए और यह प्रकट करे कि मेरे साथ तो बहुत कम आदमी हैं

मुद्द'ई मुद्द'आ 'अलैह नाव में, शाहिद फिरते जाएँ

अपने पक्षधर की क़दर न करने के अवसर पर बोलते हैं

जो तेरे दिल में है वही मेरे दिल में

जो बात मेरे दिल में थी वही तुम ने कही

मेरे मुँह में साँप काटे

औरतें क़िस्म खाते वक़्त कहती हैं, मेरा बुरा हो, मुझे सज़ा मिले

मैं भरूँ सरकार के, मेरे भरे सक़्क़ा

जो शख़्स ख़ुद तो किसी की ख़िदमत करे मगर अपना काम दूसरों से किराए इस के मुताल्लिक़ कहते हैं

राम राम तो कहो मन मेरे , पाप कटेंगे छन में तेरे

ए मेरे दिल ख़ुदा का नाम तो ले तेरे सारे गुनाह पल भर में बख़्शे जाऐंगे

मुँह लगी और फ़े'ल मेरे पेट में

रुक : मुँह लगनी दो गुण पेट में

ज़ख़्मी दुश्मनों में दम ले तो मरे न ले तो मरे

हर हालत में बर्बादी है, बचने का रासता नहीं

ये मेरी सिक्षा मान प्यारा, साैदा कधे न बेच उधारा

मेरा यह सदुपदेश याद रखो प्यारे उधार कभी नहीं बेचना चाहिये

दिल्ली से मैं आऊँ ख़बर कहे मेरा भाई, घर से आए कोई संदेसा दे कोई

ये कहावत उन लोगों के प्रति बोलते हैं जिन को किसी बात का ज्ञान होना आवश्यक समझा जाता है मगर वो लापरवाही या मूर्खता के कारण इस बात से अनभिज्ञ या अज्ञानी हों

'उम्दा पैराए में बयान करना

अच्छे तरीक़े से बताना

मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहे

جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔

जो खाने में ग़ैरत करे वो भूका मरे

तकलीफ़ में तकफ़ होती है

मेरे मुँह में ख़ाक

apology when saying something obvious, may it never come to pass! may my words have no effect!

मोरी का कीड़ा मोरी ही में ख़ुश रहता है

جو بُری جگہ یا صحبت میں رہنے کا عادی ہوجائے اس کا جی دوسری جگہ نہیں لگتا (رک : گو کا کیڑا گو میں خوش رہتا ہے) ۔

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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