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दुज़्द

चोर, लूटेरा, जेबकतरा, तस्कर, हर्ता

दुज़्द-वार

चोरों के जैसा, चोर की तरह

दुज़्द-गीर

چور پکڑنے والا ، کوتوالِ شہر ، شحنہ.

दुज़्द-हिनाई

मेंहदी लगाने के बाद शेष रह जाने वाली सफेदी, मेंहदी का चूर

दुज़्दी

चोरी, चौर्य, चोरी का पेशा, चौर्य-कर्म

दुज़्द-ए-हिना

मेहदी लगाते समय हाथ में एक छल्ला रख लेते हैं, जिससे हथेली पर एक गोल निशान बन जाता है, उसी को ‘दुज्दे हिना’ कहते हैं, वो स्थान या सफेदी जो हाथों या पाँव में मेंहदी लगाने के बाद बाकी रह जाए

दुज़्दीदा

चुराया हुआ, चुराई हुई चीज़

दुज़्द-ए-शाहीं

नज़र के सामने से चीज उड़ा ले जानेवाला, शातिर चोर, पश्यतोहर ।।

दुज़्दाना

चोरों की तरह, चोर के जैसा

दुज़्द-ए-कफ़न

a stealer of shrouds

दुज़्द-ए-सुख़न

کسی دوسرے شاعر یا مصنف کے فکر و خیال کو بغیر اعلان و حوالہ اپنے کلام و تحریر میں استعمال کرنے والا شاعر یا مصنف.

दुज़्दीदा-निगह

رک : دُزدیدہ نظر.

दुज़्दीदा-चश्म

ऐसी निगाह जो चोरी-छिपे डाली जाए, कंखियों से देखना

दुज़्दीदा-निगाह

covert or sly look, side glance

दुज़्दीदा-नज़र

ऐसी निगाह जो चोरी-छिपे डाली जाये, कनखीयों से देखना

दुज़्दिंदा

चोरी करनेवाला, चुरानेवाला।

दुज़्दीदा-नज़री

कनखियों से देखना

दुज़्दीदा-निगाही

छुप कर या कनखीयों से देखने की क्रिया, कनखियों से देखना

dozed

ऊँघ

शाहीं-दुज़्द

डंडी मारनेवाला, तोल में अधिक या कम तोलनेवाला।

आब-दुज़्द

छोटे मुंह का बर्तन जिसकी तह में बहुत से छेद हों और ढक्कन बंद करने से पानी न निकले, एक तंग मुँह का बर्तन जिसकी तली में छेद होते हैं.

क़तरा-दुज़्द

बादल, अभ्र, सूर्य, सूरज ।

शह-दुज़्द

शातिर चोर, पश्यतोहर।

कफ़न-दुज़्द

ऐसा धूर्त चोर जो मुर्दे का कफ़न भी न छोड़े, क़ब्र से कफ़न निकालकर उससे अपना खर्च चलाने वाला

दिल-दुज़्द

दिल का चोर, हृदय-चोर, प्रेमपात्र, माशूक़।।

शब-ए-दुज़्द

वह चोर जो रात को चोरी करे

न ग़म दुज़्द, न अंदेशा काला

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) कोई ग़म नहीं , बेज़री, इतमीनान, फ़राग़त हो तो कहते हैं

कि ख़रबस्ता बा, गरचे दुज़्द आशनास्त

गधे का बाँधना बेहतर है, अगरचे चोर दोस्त है, अगरचे इतमीनान हो सावधानी बेहतर है

न ग़म दुज़्द, न अंदेशा ग़म

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) कोई ग़म नहीं , बेज़री, इतमीनान, फ़राग़त हो तो कहते हैं

नै ग़म-ए-दुज़्द नै ग़म-ए-काला

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) ग़रीब को चोरी का डर नहीं होता

dazedly

मख़बूत अलहवासी से

दज़्दार

شوخ سبز رن٘گ والے درخت ، ایک درخت جسکی پتّیاں کُھردری اور دونوں طرف دندانے دار ہوتی ہیں .

डज़-डज़

بندوق ، رائفل یا کسی اور چھوٹے آتشین اسلحہ کے چھوٹنے سے نکلنے والی آواز.

लुंग के ज़ेर लुंग के बाला, नै ग़म-ए-दुज़्द नै ग़म-ए-काला

जो आदमी लंगोट से भी महरूम हो उस को चोर का क्या ख़ौफ़, नंगे भूके बेनवा आदमी को चोर चक्कार का क्या डर

लुंग के ज़ेर लुंग के बाला, न ग़म-ए-दुज़्द न ग़म-ए-काला

जो आदमी लंगोट से भी महरूम हो उस को चोर का क्या ख़ौफ़, नंगे भूके बेनवा आदमी को चोर चक्कार का क्या डर

हिन्दी, इंग्लिश और उर्दू में अभी एक बूंट की दो दाल नहीं हुए हैं के अर्थदेखिए

अभी एक बूंट की दो दाल नहीं हुए हैं

abhii ek buu.nT kii do daal nahii.n hu.e hai.nابھی ایک بُونْٹ کی دو دال نہیں ہوئے ہیں

अथवा : अभी एक बूंट की दो दाल नहीं हुई हैं

कहावत

अभी एक बूंट की दो दाल नहीं हुए हैं के हिंदी अर्थ

  • अभी काम का आरंभ है, अभी थोड़ा काम हुआ है
  • अभी काम पूरा नहीं हुआ है, अभी मामला तय नहीं हुआ
  • इसका यह अर्थ भी निकाला जा सकता है कि अभी सब मिल कर ही रहते हैं, अलग नहीं हुए

    विशेष पाठा- अभी तक चने की...। बूंट= चना।

ابھی ایک بُونْٹ کی دو دال نہیں ہوئے ہیں کے اردو معانی

  • Roman
  • Urdu
  • ابھی کام کا آغاز ہے، ابھی تھوڑا کام ہوا ہے
  • ابھی کام مکمل نہیں ہوا ہے، ابھی معاملہ طے نہیں ہوا
  • اس کا یہ معنی بھی نکالا جا سکتا ہے کہ ابھی سب مل کر ہی رہتے ہیں، الگ نہیں ہوئے

Urdu meaning of abhii ek buu.nT kii do daal nahii.n hu.e hai.n

  • Roman
  • Urdu

  • abhii kaam ka aaGaaz hai, abhii tho.Daa kaam hu.a hai
  • abhii kaam mukammal nahii.n hu.a hai, abhii mu.aamlaa tai nahii.n hu.a
  • is ka ye maanii bhii nikaalaa ja saktaa hai ki abhii sab mil kar hii rahte hain, alag nahii.n hu.e

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दुज़्द

चोर, लूटेरा, जेबकतरा, तस्कर, हर्ता

दुज़्द-वार

चोरों के जैसा, चोर की तरह

दुज़्द-गीर

چور پکڑنے والا ، کوتوالِ شہر ، شحنہ.

दुज़्द-हिनाई

मेंहदी लगाने के बाद शेष रह जाने वाली सफेदी, मेंहदी का चूर

दुज़्दी

चोरी, चौर्य, चोरी का पेशा, चौर्य-कर्म

दुज़्द-ए-हिना

मेहदी लगाते समय हाथ में एक छल्ला रख लेते हैं, जिससे हथेली पर एक गोल निशान बन जाता है, उसी को ‘दुज्दे हिना’ कहते हैं, वो स्थान या सफेदी जो हाथों या पाँव में मेंहदी लगाने के बाद बाकी रह जाए

दुज़्दीदा

चुराया हुआ, चुराई हुई चीज़

दुज़्द-ए-शाहीं

नज़र के सामने से चीज उड़ा ले जानेवाला, शातिर चोर, पश्यतोहर ।।

दुज़्दाना

चोरों की तरह, चोर के जैसा

दुज़्द-ए-कफ़न

a stealer of shrouds

दुज़्द-ए-सुख़न

کسی دوسرے شاعر یا مصنف کے فکر و خیال کو بغیر اعلان و حوالہ اپنے کلام و تحریر میں استعمال کرنے والا شاعر یا مصنف.

दुज़्दीदा-निगह

رک : دُزدیدہ نظر.

दुज़्दीदा-चश्म

ऐसी निगाह जो चोरी-छिपे डाली जाए, कंखियों से देखना

दुज़्दीदा-निगाह

covert or sly look, side glance

दुज़्दीदा-नज़र

ऐसी निगाह जो चोरी-छिपे डाली जाये, कनखीयों से देखना

दुज़्दिंदा

चोरी करनेवाला, चुरानेवाला।

दुज़्दीदा-नज़री

कनखियों से देखना

दुज़्दीदा-निगाही

छुप कर या कनखीयों से देखने की क्रिया, कनखियों से देखना

dozed

ऊँघ

शाहीं-दुज़्द

डंडी मारनेवाला, तोल में अधिक या कम तोलनेवाला।

आब-दुज़्द

छोटे मुंह का बर्तन जिसकी तह में बहुत से छेद हों और ढक्कन बंद करने से पानी न निकले, एक तंग मुँह का बर्तन जिसकी तली में छेद होते हैं.

क़तरा-दुज़्द

बादल, अभ्र, सूर्य, सूरज ।

शह-दुज़्द

शातिर चोर, पश्यतोहर।

कफ़न-दुज़्द

ऐसा धूर्त चोर जो मुर्दे का कफ़न भी न छोड़े, क़ब्र से कफ़न निकालकर उससे अपना खर्च चलाने वाला

दिल-दुज़्द

दिल का चोर, हृदय-चोर, प्रेमपात्र, माशूक़।।

शब-ए-दुज़्द

वह चोर जो रात को चोरी करे

न ग़म दुज़्द, न अंदेशा काला

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) कोई ग़म नहीं , बेज़री, इतमीनान, फ़राग़त हो तो कहते हैं

कि ख़रबस्ता बा, गरचे दुज़्द आशनास्त

गधे का बाँधना बेहतर है, अगरचे चोर दोस्त है, अगरचे इतमीनान हो सावधानी बेहतर है

न ग़म दुज़्द, न अंदेशा ग़म

(फ़ारसी कहावत उर्दू में मुस्तामल) कोई ग़म नहीं , बेज़री, इतमीनान, फ़राग़त हो तो कहते हैं

नै ग़म-ए-दुज़्द नै ग़म-ए-काला

(फ़ारसी कहावत उर्दू में प्रयुक्त) ग़रीब को चोरी का डर नहीं होता

dazedly

मख़बूत अलहवासी से

दज़्दार

شوخ سبز رن٘گ والے درخت ، ایک درخت جسکی پتّیاں کُھردری اور دونوں طرف دندانے دار ہوتی ہیں .

डज़-डज़

بندوق ، رائفل یا کسی اور چھوٹے آتشین اسلحہ کے چھوٹنے سے نکلنے والی آواز.

लुंग के ज़ेर लुंग के बाला, नै ग़म-ए-दुज़्द नै ग़म-ए-काला

जो आदमी लंगोट से भी महरूम हो उस को चोर का क्या ख़ौफ़, नंगे भूके बेनवा आदमी को चोर चक्कार का क्या डर

लुंग के ज़ेर लुंग के बाला, न ग़म-ए-दुज़्द न ग़म-ए-काला

जो आदमी लंगोट से भी महरूम हो उस को चोर का क्या ख़ौफ़, नंगे भूके बेनवा आदमी को चोर चक्कार का क्या डर

संदर्भग्रंथ सूची: रेख़्ता डिक्शनरी में उपयोग किये गये स्रोतों की सूची देखें .

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